सात राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति- बेबी रानी मौर्या को उत्तराखंड

केंद्र सरकार ने मंगलवार को सात राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार के राज्यपाल सतपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है, वो एनएन वोहरा का स्थान लेंगे. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है. वहीं, सत्यपाल की जगह लाल जी टंडन को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर को नया राज्यपाल बनाया गया है। सत्यपाल वर्तमान राज्यपाल एनएन वोहरा की जगह लेंगे। जून में जम्‍मू कश्‍मीर सरकार के गिरने के बाद से राज्‍यपाल शासन है। वोहरा को 26 अगस्‍त को अमरनाथ यात्रा के समाप्‍त होने तक पद पर बने रहने को कहा गया था। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और लखनऊ से सांसद रह चुके लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा, बेबी रानी मौर्या को उत्तराखंड, गंगा प्रसाद को सिक्किम को राज्यपाल बनाया गया है। हरियाणा के वर्तमान राज्यापाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा भेजा गया है। मेघालय के वर्तमान राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है।

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में इन राज्यपालों की नियुक्ति की जानकारी दी गई. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा का नया राज्यपाल बनाया गया है, वो कप्तान सिंह सोलंकी का स्थान लेंगे. वहीं, कप्तान सिंह सोलंकी को हरियाणा से हटाकर त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है.

  

लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख कांग्रेस की ओर से बड़े बदलाव किए गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को कांग्रेस कोषाध्यक्ष के पद से हटा कर नई नियुक्ति की गई है तो वहीं विदेश विभाग (फॉरेन सेल) के नए अध्यक्ष मिले हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी हैं। वहीं कांग्रेस ने आनंद शर्मा को विदेश विभाग का सचिव बनाया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को भी कांग्रेस ने स्थायी तौर पर पद दे दिया है। संभावना है कि समय आने पर और भी बदलाव किए जा सकते हैं।

इसी तरह त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय को मेघालय का राज्यपाल बनाकर भेजा गया है, जबकि मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद का स्थानांतरण सिक्किम कर दिया गया है यानी उनको मेघालय से हटाकर सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक बेबी रानी मौर्य अब उत्तराखंड की नई राज्यपाल होंगी.
लाल जी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है, वो सत्यपाल मलिक का स्थान लेंगे.

राजनीति से वास्ता नहीं था

उत्तराखंड के राज्यपाल बनीं बेबी रानी मौर्य इस पद पर पहुंचने वाली आगरा की पहली नेता हैं। 1995 में आगरा की मेयर बनीं बेबी रानी वर्तमान में उत्तर प्रदेश बाल आयोग की सदस्य हैं। आजकल वह अमेरिका गई हैं। उनके राज्यपाल बनने की खबर से ताजनगरी में जश्न का माहौल है। इस कामयाबी के पीछे उनकी जनहित के लिए संघर्षशील छवि रही है। आगरा के बालूगंज क्षेत्र में रहने वाले पीएनबी में अधिकारी रहे प्रदीप कुमार मौर्य की पत्नी बेबीरानी का वर्ष 1995 तक राजनीति से वास्ता नहीं था। वह गृहणी ही थीं। 1995 में आगरा का मेयर पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए सुरक्षित होने पर उनको भाजपा ने टिकट दिया और वह विजयी रहीं। पांच साल तक मेयर रहकर उन्होंने शहर के विकास के लिए प्रयास किए। वर्ष 2002 में इन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया। इस पद पर उनका कार्यकाल चार साल रहा। इसके बाद विधानसभा चुनाव में इन्हें एत्मादपुर सीट से भाजपा ने चुनाव लड़ाया, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली। जनहित के लिए संघर्ष करने की वजह से पार्टी के अनुसूचित मोर्चा में भी पदाधिकारी रहीं। 15 दिन पहले ही बेबीरानी को उत्तर प्रदेश बाल कल्याण आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। अमेरिका में होने की वजह से यह अभी तक पदभार ग्रहण नहीं कर सकी थीं। श्रीमती मौर्य का मायका भी आगरा के पंजा मदरसा मोहल्ले में ही हैं। 

– बिहार के राज्यपाल सतपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है.

– सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, वो कप्तान सिंह सोलंकी की जगह लेंगे.

– हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा का गवर्नर नियुक्त किया गया है.

– बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है.

– मेघालय के गवर्नर गंगा प्रसाद को सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

– त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय को मेघायल का राज्यपाल बनाया गया है.

वहीं, बिहार के राज्यपाल नियुक्त होने पर लाल जी टंडन ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने मुझ पर विश्वास जताया है. मैं बिहार के विकास में योगदान करने की कोशिश करूंगा. मैं राज्य सरकार के एक संरक्षक की भूमिका निभाऊंगा. नीतीश कुमार मेरे पुराने मित्र हैं. मुझे नहीं लगता है कि हम लोगों के बीच में कोई समस्या है.’

आगरा की बेबी रानी मौर्य अब उत्तराखंड और लखनऊ के लालजी टंडन बिहार के महामहिम होंगे। यहां तक के सफर का श्रेय उनके संघर्षशील राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन को जाता है। दोनों ने ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नगर निगम से की है। एक का रास्ता वार्ड से होकर राज्य तो दूसरे का नगर से होकर राज्य के मुखिया तक पहुंचा है।

लालजी टंडन का सार्वजनिक जीवन नगर महापालिका के सभासद के रूप में 1962 से शुरू हुआ था। 1960 में सभासद चुनाव में तत्कालीन कांग्रेसी सभासद महेश चंद्र शर्मा के निधन के बाद उप चुनाव में लालजी टंडन ने जनसंघ उम्मीदवार के रूप में उतरे और जीत हासिल की। वैसे लालजी टंडन के पूर्वज पुराने लखनऊ के सआदतगंज के निवासी थे लेकिन कलांतार में उनके पिता शिव नारायण जी सआदतगंज छोड़कर चौक के सोंधी टोला में आ गए थे। चार भाइयों व पांच बहनों वाले लालजी टंडन की प्रारम्भिक शिक्षा खत्री पाठशाला में हुई थी और फिर कालीचरण इंटर कॉलेज से पढ़ाई की। शिक्षक मोहन लाल सक्सेना का प्रभाव टंडन जी पर काफी पड़ा था। इंटर पास करने के बाद हिंदी, राजनीति शास्त्र और इतिहास विषय में बीए में दाखिला लिया था। लॉ में भी दाखिला लिया था लेकिन परीक्षा नहीं दे सके थे।

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