नरेंद्र गिरि जी का निधन & केजरीवाल की भारी जनसैलाब & आंदोलन जरूरी- टिकैत & संघ की कैप्टन को हरी झण्डी- & ब्यूरोक्रेसी चप्पल उठाने वाली – उमा भारती &भारत में वैक्सीन लगवाए लोगों को छूट नहीं’,ब्रिटेन& फायरब्राण्ड नेता 2 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल & CM परMeToo के आरोप-इस्तीफा दे & Top News 20 Sep 21
High Light # Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # पानी और बिजली के बिल माफ # “किसानों पर कोई आंच आएगी, तो मैं अपना गला काट कर दे दूंगा”# कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर सीएम धामी की चुटकी – वो जन आशीर्वाद रैली के तहत जनता का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी # भाजपा देश को व्यापारियों के हाथ बेच देना चाहती है- किसान नेता राकेश टिकैत # संघ हाईकमान ने बीजेपी को कैप्टन को अपने खेमे में शामिल करने के लिए हरी झंडी दे दी : बीजेपी इस वक़्त पंजाब की सबसे कमज़ोर पार्टी है और अमरिंदर के साथ वो अपनी ताकत बढ़ा सकती है। # ब्यूरोक्रेसी कुछ नही होती, चप्पल उठाने वाली — उमा भारती # भारत में वैक्सीन लगवाए लोगों को छूट नहीं’, ब्रिटेन ने छूट देने से मना कर दिया: फाइजर वैक्सीन 5 से 11 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित # कुंद्रा को आखिरकार जमानत मिल गई # मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ लगाए गए #MeToo आरोपों पर इस्तीफा मांगा : इनकम टैक्स छापे के बाद सोनू सूद बोले- 2 बार राज्यसभा सांसद बनने का ऑफर मिला : राखी सावंत से महात्मा गांधी की तुलना कर फंसे UP विधानसभा अध्यक्ष
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को निधन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को निधन हो गया। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हुई। अब तक उनकी मौत की वजह को लेकर कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। सनातन परंपरा के सभी 13 अखाड़ों की परिषद के वे अध्यक्ष थे। हरिद्वार कुंभ के दौरान उन्हें कोरोना होने की खबर आई थी। हालांकि, वे उससे रिकवर हो गए थे।
प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आचार्य नरेन्द्र गिरि ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
चन्नी ने किसानों के पानी और बिजली के बिल माफ करने का एलान किया
चंडीगढ़: # Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # पंजाब मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में चरणजीत सिंह चन्नी ने कई बड़े एलान किए हैं. चन्नी ने किसानों के पानी और बिजली के बिल माफ करने का एलान किया. रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निवेदन किया है. सीएम चन्नी ने कांग्रेस आलाकमान का शुक्रिया अदा किया और कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ भी की है.
शपथ ग्रहण करने के बाद चन्नी ने सबसे पहले कांग्रेस आलाकमान का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने एक आम आदमी को पंजाब का सीएम बनाया. जहां हम पैदा हुए थे, वहां छत नहीं थी. कांग्रेस पार्टी ने एक गरीब को मौका दिया. मेरी इतनी हैसियत नहीं थी.’
“किसानों पर कोई आंच आएगी, तो मैं अपना गला काट कर दे दूंगा”
चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों को लेकर बड़े एलान किए. उन्होंने कहा, ‘ये किसानों की सरकार है. किसानों पर कोई आंच आएगी, तो मैं अपना गला काट कर दे दूंगा. अगर किसान डूबा, तो देश डूब जाएगा. अर्थव्यवस्था डूब जाएगी. अगर किसानी खुशहाल होगी तो ही पंजाब खुशहाल होगा. किसानों के लिए बिजली और पानी मुफ्त होना चाहिए. हमारी सरकार किसानों के बड़े बिजली के बिल माफ किए जाएंगे. अगर किसी की बिजली कटी है तो हम उसके घर बिजली बहाल करेंगे. ये पंजाब के आम लोगों की सरकार है. हम भरोसा दिलाते हैं कि किसी के साथ कुछ गलत नहीं होगा. सभी के लिए कानून एक जैसा होगा.’
किसान आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए. सीएम चन्नी ने कहा, ‘पंजाब सरकार किसानों के साथ है. मैं सभी किसानों और कर्मचारियों से अनुरोध करता हूं कि आप अपना आंदोलन खत्म कर दें. मुझे थोड़ा समय चाहिए, आप सभी की मांगे पूरी होगी. मुझपर भरोसा रखिए. हर एक शिकायत का हल होगा. यह आम आदमी की सरकार है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में बहुत अच्छा काम किया.’
चन्नी ने कहा कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी मुद्दों का समाधान होगा. रेत माफिया और अवैध खनन पर अंकुश लगाने को लेकर आज ही बड़ा कदम उठाएंगे. आने वाले दिनों में सभी मसलों का हल होगा. उन्होंने कहा, ‘पंजाब की एकता, अखंडता और भाईचारा को कायम रखना है. हम सबको मिलकर रहना है. पंजाब को आगे बढ़ाना है.’
2 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल होंगे
पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार और गुजरात (Gujarat) के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mewani) 2 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस (Congress) में शामिल होंगे गुजरात के वडगाम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को पार्टी की राज्य इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. मेवाणी का पार्टी में शामिल होना इस बात का सबूत है कि गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित अगले साल सात राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस का वोट बैंक गणित पर ध्यान केंद्रित है. इनमें से प्रत्येक राज्य में दलित समुदाय जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण प्रतिशत है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके सीपीएम नेता कन्हैया कुमार जब कांग्रेस में शामिल होंगे तो उम्मीद है कि वे अपने साथ कुछ अन्य वामपंथी नेताओं को भी लाएंगे.
जिग्नेश मेवाणी और कन्हैया कुमार के अपेक्षित शामिल होने की खबर 2022 में राज्य के चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले युवा और गतिशील चेहरों की भर्ती के लिए कांग्रेस के जोर को दर्शाती है. कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि कन्हैया कुमार पहले ही राहुल गांधी से दो सप्ताह में दो बार और प्रियंका गांधी वाड्रा से पार्टी में अपनी भविष्य की भूमिका पर चर्चा करने के लिए मिल चुके हैं. कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव अपने गृहनगर बिहार के बेगूसराय से लड़ा, लेकिन भाजपा के गिरिराज सिंह से हार गए. इससे पहले आज जिग्नेश मेवाणी ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री व राज्य के पहले दलित सिख नेता हैं को लेकर ट्वीट किया. मेवाणी ने निर्णय के लिए राहुल गांधी और पार्टी की सराहना करते हुए कहा कि इसका “सभी सबाल्टर्न जनता पर जबरदस्त प्रभाव होगा”.
बीएसपी सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने इसे चुनावी हथकंडा करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अनुसूचित जाति (एससी) पर भरोसा नहीं हैं. ये कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है. बसपा प्रमुख ने अनुसूचित जाति के लोगों कांग्रेस के.बहकावे में न आने का आग्रह किया है. मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यूपी में भी विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ओबीसी समाज के प्रति उभरा भाजपा का नया प्रेम भी हवा हवाई है. अगर ये प्रेम सार्थक होता तो केंद्र और राज्यों में सरकारी नौकिरयों में अनुसूचित जातियों के पद भर देती. अभी भी पद खाली पड़े हैं. एसपी चीफ ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को कुछ वक्त के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है. आगामी पंजाब चुनाव इनके नेतृत्व में नहीं बल्कि गैर दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इससे साफ होता है कि कांग्रेस का दलितों पर अब तक भरोसा नहीं हुआ है.
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर सीएम धामी की चुटकी – वो जन आशीर्वाद रैली के तहत जनता का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
रुड़की # Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand) रुड़की में आयोजित ओबीसी मोर्चा की प्रदेश स्तरीय कार्यसमिति में शामिल हुए. सीएम धामी ने यहां ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. सीएम ने मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से आगामी 2022 विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) में एकजुट होने का आह्वान किया. वहीं, कार्यसमिति बैठक को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने सरकार की तरफ से की गई घोषणाओं के बारे में भी बताया, साथ ही आगामी नई योजनाओं के बारे में भी कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ओबीसी मोर्चा के कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर भाजपा के कुनबे को बढ़ाने पर भी जोर दिया. वहीं, चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार पूर्ण रूप से यात्रा को लेकर सजग है. कोरोना काल के चलते कोविड-19 की सभी गाइडलाइन्स का पालन करने के लिए अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर चुटकी लेते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस की तरफ निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा का कोई महत्व नहीं है. यहां कांग्रेस परिवर्तन यात्रा निकाल रही है जबकि पंजाब में सीएम को लेकर परिवर्तन हो गया है. कार्यसमिति की बैठक में सीएम पुष्कर धामी के साथ मंत्री धनसिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी शामिल रहे.
मुख्यमंत्री धामी जब तक कार्यसमिति की बैठक में मौजूद रहे तब तक पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था बनाए रखी. इसके बाद सीएम धामी ने भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र में जन आशीर्वाद जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वो जन आशीर्वाद रैली के तहत जनता का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं.
हल्द्वानी में केजरीवाल की तिरंगा संकल्प यात्रा – राजनीतिक जानकारों की बात मानें तो आम आदमी पार्टी पंजाब और उत्तराखण्ड में लगातार मज़बूत हो रही है
हल्द्वानी # Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # में आम आदमी पार्टी ने तिरंगा संकल्प यात्रा निकाली. यात्रा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का चेहरा कर्नल अजय कोठियाल सहित कई नेता शामिल हुए. हल्द्वानी के मंगल पड़ाव से रामलीला ग्राउंड तक निकाली गई तिरंगा संकल्प यात्रा में हजारों की संख्या में आप कार्यकर्ताओं और लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान भीड़ इतनी बढ़ गई कि, अरविंद केजरीवाल को रामलीला ग्राउंड के बजाय सड़क पर ही लोगों को संबोधित करना पड़ा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, 2022 में यदि उत्तराखंड की जनता मौका देगी तो उत्तराखंड की तस्वीर बदल दी जाएगी. उन्होंने कहा कि, जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाकर बेरोजगारों को रोजगार और बिजली फ्री दे सकती है, तो उत्तराखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिहाज से बदलाव क्यों नहीं किया जा सकता, लिहाजा यदि उत्तराखंड की जनता आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएगी तो उत्तराखंड की दिशा और दशा बदल दी जाएगी. केजरीवाल ने कहा कि, मुझे उम्मीद है उत्तराखंड के लोग आम आदमी पार्टी को जरूर मौका देगी.
हल्द्वानी आकर अरविंद केजरीवाल सबसे पहले मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने, कांग्रेस और बीजेपी पर बारी-बारी से उत्तराखंड की दुर्दशा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, पिछले 21 सालों में केवल उत्तराखंड की दुर्दशा हुई है और अब आम आदमी पार्टी 21 साल की दुर्दशा को अगले 21 महीनों में ठीक करने का प्लान तैयार कर रही है. प्लान का पहला बिंदु उत्तराखंड में 300 यूनिट फ्री बिजली और किसानों को फ्री बिजली देने का है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, उत्तराखंड आज पलायन प्रदेश बन गया है. अरविंद केजरीवाल ने हल्द्वानी में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि यदि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो उत्तराखंड के हर बेरोजगार को रोजगार मुहैया कराएंगे.
उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं के लिहाज से 6 बिंदुओं पर अपनी घोषणाएं की, जिसमें हर बेरोजगार को रोजगार मुहैया कराना, हर परिवार के एक बेरोजगार युवा को 5000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देना, सरकार बनने के 6 महीने के अंदर एक लाख सरकारी नौकरी तैयार करना, उत्तराखंड के बच्चों के लिए जॉब पोर्टल बनाया जाएगा. उत्तराखंड के युवाओं को सरकारी नौकरी में 80 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही उत्तराखंड में एक नया मंत्रालय बनाने की घोषणा की जिसका नाम रोजगार और पलायन मंत्रालय होगा. जो रोजगार और पलायन से जुड़े मुद्दों पर योजनाएं तैयार करेगा, उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं के मद्देनजर आम आदमी पार्टी ने पूरी तैयारियां पूरी कर ली है और आम आदमी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता के बीच इन्हीं मुद्दों को लेकर जाएगी. वहीं, पंजाब के सियासी हालातों पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, पंजाब का कोई भी विधायक या कांग्रेस नेता हमारे संपर्क में नहीं है.
भाजपा देश को व्यापारियों के हाथ बेच देना चाहती है- किसान नेता राकेश टिकैत
पीलीभीत # Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau # अमरिया तहसील के बड़ापुरा गुरुद्वारे में किसानों से मिलने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार के साढ़े 4 साल पूरे होने को लेकर मीडिया के सवाल पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को झूठ बोलने का गोल्ड मेडल मिल चुका है, रही बात सांसद वरुण गांधी की तो वो पीलीभीत आकर किसानों के हित में, किसानों के साथ धरने पर बैठें या किसानों की धान की फसल बिकवाने का काम करें.
राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा देश को व्यापारियों के हाथ बेच देना चाहती है, जिससे किसान का नुकसान होगा, ये किसानों के पीछे क्यों पड़े हैं. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन लगातार चलेगा और तीन काले कानूनों को उन्हें वापस लेना होगा. गन्ने का रेट एक रुपया भी बढ़ाया नहीं और सरकार भुगतान दिखा रही है. स्टेडियम, खेल के मैदान प्राइवेट कर दिए हैं.
इससे पहले राकेश टिकैत पीलीभीत के बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र में पड़ने वाले अमन बैंक्वेट हॉल पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि, सरकार चाहती है गांव से किसानों की जमीन छीन ली जाए. नस्ल और फसल बचानी है तो आंदोलन करना पड़ेगा. सब लोग दिल्ली के आंदोलन में शरीक हों.
राकेश टिकैत ने ये भी कहा था कि यहां के किसानों का गन्ना भुगतान अब तक नहीं हुआ. धान खरीद आ गई है, क्रय केन्द्र अब तक तय नहीं हुए. समय से क्रय केन्द्र खुलेंगे नहीं. क्रय केन्द्र खुलेंगे तो नेताओं के कहने पर खुलेंगे जिसके बाद खरीद नहीं होगी. किसान कम कीमत पर फसल बेचेगा, व्यापारी मोटा मुनाफा कमाएंगे.
संघ हाईकमान ने बीजेपी को कैप्टन को अपने खेमे में शामिल करने के लिए हरी झंडी दे दी
कैप्टन अमरिंदर सिंह को भाजपा में लाने की कोशिशे- किसान आंदोलन को सुलझाने में भी मदद करेगे: बीजेपी इस वक़्त पंजाब की सबसे कमज़ोर पार्टी है
किसानों के आंदोलन के मसले पर अकाली दल के बीजेपी से अलग हो जाने और कांग्रेस में सिद्धू बनाम कैप्टन की राजनीतिक जंग के बाद से ही इस पर सलाह मशविरा और राजनीतिक कोशिशें चल रही हैं। कैप्टन किसान आंदोलन को सुलझाने में भी मदद कर सकते हैं। बीजेपी नेताओं का मानना है कि यदि अमरिंदर सिंह को सम्मानजनक राजनीतिक वापसी का भरोसा दिलाया जाए तो वो कांग्रेस छोड़ सकते हैं। आरएसएस का मानना है कि इस वक़्त बीजेपी को सिर्फ़ अपने राजनीतिक फ़ायदे को देखना नहीं है बल्कि कैप्टन जैसी राष्ट्रवादी ताक़तों के साथ आने से उनके मिशन को ज़्यादा मज़बूती मिलेगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि संघ हाईकमान ने बीजेपी को कैप्टन को अपने खेमे में शामिल करने के लिए हरी झंडी दे दी है, अब इस पर फ़ैसला कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री रहे कैप्टन सिंह को ही करना है।
बीजेपी इस वक़्त पंजाब की सबसे कमज़ोर पार्टी है और अमरिंदर के साथ वो अपनी ताकत बढ़ा सकती है।
बीजेपी के दो बड़े राजनीतिक विरोधी हैं – पहला सिद्धू, जो नाराज़ होकर पार्टी छोड़ गए और दूसरा अकाली दल ने किसान आंदोलन के बहाने से साथ छोड़ दिया तो बीजेपी ना तो अगली बार अकाली दल की सरकार चाहेगी और ना ही सिद्धू के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार।
पंजाब में अगले साल फ़रवरी में चुनाव होने वाले हैं। सिद्धू की वजह से कुर्सी छोड़ने वाले कैप्टन क्या कभी चाहेंगे कि सिद्धू के नेतृत्व में वहां फिर से कांग्रेस की सरकार बने और कांग्रेस आलाकमान से जिस कदर वो खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं, उसमें उनकी मंशा होगी कि अब पंजाब में कांग्रेस की सरकार किसी हाल में ना बने।
सिद्धू के ख़िलाफ़ बयान और सिद्धू को पाकिस्तान के साथ रिश्ता जोड़ने की बात करना और फिर बीजेपी नेताओं का कैप्टन को राष्ट्रवादी नेता मानने के बयान क्या पंजाब में भविष्य की राजनीति का संकेत दे रहे हैं? पिछले कुछ वक़्त में पंजाब की राजनीति में कई अहम बदलाव हुए हैं उनमें बरसों पुरानी अकाली दल और बीजेपी की दोस्ती टूटना, आम आदमी पार्टी का प्रदेश में उभरना और फिर बीजेपी से सिद्धू का छोड़कर जाना और कांग्रेस में शामिल होना। इन घटनाओं से भविष्य के कुछ समीकरणों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
कैप्टन के उन संकेतों को समझने की ज़रूरत है जिनमें उन्होंने कहा कि राजनीति में मेरे बहुत से दोस्त हैं और मेरे विकल्प खुले हुए हैं लेकिन सवाल है कि उनके पास क्या विकल्प हैं? कांग्रेस छोड़कर क्या वह बीजेपी के साथ जाने के लिए तैयार हैं या फिर अकाली दल के साथ हाथ मिला सकते हैं? उन पर अक्सर अकाली नेताओं के साथ नरम रुख अपनाने के आरोप लगते रहे हैं
ब्यूरोक्रेसी कुछ नही होती, चप्पल उठाने वाली — उमा भारती
भोपाल: बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज एक विवाद पैदा करने वाला बयान दिया. उन्होंने ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) यानी नौकरशाही को चप्पल उठाने वाली बताया. उमा भारती ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नही होती, चप्पल उठाने वाली होती है. चप्पल उठाती है हमारी. हम लोग ही राजी हो जाते हैं उसके लिए. उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है? नहीं-नहीं, अकेले में बात हो जाती है पहले, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है. हमसे पूछिए 11 साल केंद्र में मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री रहे हैं. पहले हमसे बात होती है, डिस्कशन होता है, फिर फाइल प्रोसेस होती है.
उमा भारती ने कहा कि सब फालतू की बातें हैं, ब्यूरोक्रेसी घुमाती है. घुमा ही नहीं सकती, उनकी औकात क्या है. हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं, हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं, हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं. उनकी कोई औकात नहीं है. असली बात यह है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं.
शनिवार को ओबीसी महासभा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मिलने भौपाल स्थित उनके बंगले पहुंचा था. इस दौरान प्रतिनिधमंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना एवं निजीकरण में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था.
ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी थी कि मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी महासभा की मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा अन्यथा ओबीसी महासभा सड़कों पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक, और मंत्रियों का पुरजोर विरोध करेगी. इस दौरान ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली.
भारत में वैक्सीन लगवाए लोगों को छूट नहीं’, ब्रिटेन ने छूट देने से मना कर दिया
नई दिल्ली: ब्रिटेन (United Kingdom) ने नई ट्रेवल गाइडलाइंस जारी की है, जिसके मुताबिक अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में वैक्सीन का टीका लगवाए लोगों को भी इंग्लैंड आने पर अनिवार्य तौर पर 10 दिनों की क्वारंटीन में रहना होगा और RT-PCR टेस्ट करवाने होंगे. ब्रिटेन ने इस सूची का विस्तार करते हुए उसमें भारत, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, जॉर्डन को भी शामिल किया है और कहा है कि यहां टीका लगवाए लोगों को गैर टीकाकृत (unvaccinated) माना जाएगा और उन्हें इसके तहत नियमों को मानने पड़ेंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Rakesh) ने ब्रिटेन के इस कदम की आलोचना की है और इसे नस्लवादी करार दिया है. उन्होंने कोविड रोधी टीका कोविशील्ड का जिक्र करते हुए कहा कि जब यह टीका मूल रूप से ब्रिटेन में ही विकसित किया गया है और उसे सीरम इन्स्टीट्यूट ने भारत में उत्पादन कर वितरित किया है तो उसे मान्यता क्यों नहीं दी गई?
रमेश ने एक ब्रिटिश एविएशन एनालिस्ट Alex Macheras के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा है, “यह बिल्कुल विचित्र है! कोविशील्ड को मूल रूप से यूके में ही विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे ने उसे देश को आपूर्ति की है, इस फैसले से नस्लवाद की बू आती है.”
Alex Macheras ने लिखा है कि ब्रिटेन ने उन देशों के लोगों को भी छूट देने से मना कर दिया है, जहां ब्रिटेन में दी जाने वाली वैक्सीन यानी फाइजर, एस्ट्राजेनेका या मॉडर्ना की ही वैक्सीन दी जा रही है. उन्होंने लिखा है कि यूके की नई ट्रेवल पॉलिसी को बेवजह बोझिल बना दिया गया है. माना जा रहा है कि ब्रिटेन के इस फैसले से कई देश नाराज हैं.
फाइजर वैक्सीन 5 से 11 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित
फाइजर-बायोएनटेक ने सोमवार को क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों के आधार पर बड़ी जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि फाइजर की वैक्सीन 5 से 11 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित है। यह वैक्सीन इस उम्र के बच्चों की इम्युनिटी पर प्रभावी है। कंपनी ने कहा कि उन्होंने इसके अप्रूवल के लिए आवेदन किया हुआ है और उम्मीद है कि जल्द ही रेगुलेटरी बॉडी अप्रूवल दे देगी।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की तुलना में 5 से 11 साल के बच्चों को टीके की कम खुराक दी जाएगी। कंपनी यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और दुनियाभर की रेगुलेटरी बॉडी को जल्द से जल्द क्लिनिकल ट्रायल का डेटा उपलब्ध कराएगी।
राज कुंद्रा को आखिरकार जमानत मिल गई
मुंबई : Pornography Film Case : पोर्नोग्राफी मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को आखिरकार जमानत मिल गई है. अरेस्ट के करीब दो माह बाद मुंबई के एक कोर्ट ने राज को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए है. उन्हें 50 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है. पिछले गुरुवार को मुंबई पुलिस ने इस मामले में 1400 पेज की चार्जशीट कोट में दाखिल की थी. राज ने शनिवार को बेल का आग्रह करते हुए कहा था कि मामले में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है और चार्जशीट में इस बात के कोई सुबूत नहीं है कि वे लगातार पोर्न कंटेंट तैयार करने में शामिल थे.
राज को इसी वर्ष 19 जुलाई को उनके कुछ कर्मचारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन पर पोर्न फिल्म बनवाने और मोबाइल एप पर इसकी स्ट्रीमिंग का आरोप है. यह मामला कुछ मोबाइल Apps पर पोर्नोग्राफिक क्लिप्स के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ा हुआ है.मुंबई पुलिस का मानना है कि राज पोर्न फिल्म निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल थे. उनके खिलाफ मजबूत इलेक्ट्रानिक सबूत होने का दावा भी मुंबई क्राइम ब्रांच ने किया था. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) का कहना है कि शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा (Raj Kundra) ने पोर्न फिल्म (Pornography Case) के निर्माण और उनके ऑनलाइन रिलीज से पिछले साल अगस्त और दिसंबर के बीच कम से कम सवा करोड़ रुपये कमाए थे.
1400 पेज की चार्जशीट के मुताबिक, राज की पत्नी शिल्पा ने पुलिस को बताया है कि राज की गतिविधियों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी क्योंकि वे अपने कामों में व्यस्त थीं. चार्जशीट के अनुसार, शिल्पा ने कहा, ‘मैं अपने काम में व्यस्त थी और मुझे पता नहीं था कि राज कुंद्रा क्या कर रहे हैं.’ यही नहीं, शिल्पा ने पुलिस को यह भी बताया है कि उन्हें विवादित Apps ‘हॉटशॉट्स’ या ‘बॉलीफेम’ के बारे में जानकारी नहीं थी, इन दोनों Apps को पोर्न रैकेट से जोड़ा गया है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ लगाए गए #MeToo आरोपों पर इस्तीफा मांगा
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ लगाए गए #MeToo आरोपों पर इस्तीफा मांगा है। दरअसल, पंजाब के नए सिख दलित CM चरणजीत सिंह चन्नी का विवादों से पुराना नाता रहा है। साल 2018 में चन्नी पर एक महिला IAS अफसर को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का आरोप लगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चन्नी को माफी मांगने को कहा।
कैप्टन ने कहा था कि इसके बाद मामला खत्म हो गया है। हालांकि इसी साल मई में अचानक यह मामला फिर उठा। पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने चेतावनी दी कि चन्नी पर कार्रवाई न हुई तो वे अनशन पर बैठ जाएंगी। अब चन्नी के CM बनने के बाद उनके पुराने विवादित मामले खुलकर सामने आ रहे हैं।
इनकम टैक्स छापे के बाद सोनू सूद बोले- 2 बार राज्यसभा सांसद बनने का ऑफर मिला
एक्टर सोनू सूद के यहां पिछले 4 दिनों से इनकम टैक्स की रेड जारी है। इस बीच उनका बयान सामने आया है। सोनू सूद ने ND टीवी को दिए इंटरव्यू में कर चोरी और अवैध फंडिंग के आरोपों से इनकार किया है।
उन्होंने कहा है कि उन्हें 2 बार 2 अलग-अलग पार्टियों से राज्यसभा की सीट का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि वे मानसिक तौर पर राजनीति ज्वाइन करने के लिए तैयार नहीं थे।
सोनू ने बताया कि IT ने उनसे जो भी दस्तावेज मांगे, उन्होंने उपलब्ध कराए। उनसे जो भी सवाल पूछे गए, उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने अपना और मैंने अपना काम किया। अब भी जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, हम उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं।
एक्टर सोनू सूद ने इनकम टैक्स (IT) की रेड के चौथे दिन बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि वे जरूरतमंदों की मदद करते रहेंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हर बार कहानी बताने की जरूरत नहीं है। समय खुद ब खुद इसे बताएगा। मेरे घर आए कुछ मेहमानों के कारण पिछले 4 दिनों से लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा था, लेकिन अब मैं लौट आया हूं।
सोनू ने कहा कि मैं अपनी क्षमता के मुताबिक मैं भारत के लोगों की भलाई के लिए काम करने का संकल्प ले चुका हूं। मैं इंतजार कर रहा हूं कि मेरे फाउंडेशन में जमा पैसों की आखिरी किश्त तक किसी भी तरह जरूरतमंद लोगों की जान बचा सकूं। मैंने कई मौकों पर बड़े-बड़ें ब्रान्ड को मेरी फीस के बदले लोगों की भलाई का काम करने के लिए कहा है। मेरा सफर जारी रहेगा। उन्होंने आखिर में लिखा है कि कर भला, हो भला और अंत भले का भला।
राखी सावंत से महात्मा गांधी की तुलना कर फंसे UP विधानसभा अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित विवादों में फंस गए हैं। उन्होंने शनिवार को उन्नाव में भाजपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में महात्मा गांधी की तुलना राखी सावंत से कर दी थी। मीडिया में बयान सामने आने के बाद सोमवार को दीक्षित ने बयान पर सफाई दी।
उन्होंने कहा कि मंच संचालक ने मेरा परिचय प्रबुद्ध कहकर किया था। इसी को आगे बढ़ाते हुए मैंने गांधीजी और राखी सावंत का जिक्र किया, लेकिन इसका गलत मतलब निकाला गया। दीक्षित के बयान के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सफाई दी है। उन्होंने लिखा, “सोशल मीडिया पर कुछ मित्र मेरे भाषण के एक वीडियो अंश को अन्यथा अर्थों के संकेत के साथ प्रसारित कर रहे हैं। वास्तव में यह उन्नाव के प्रबुद्ध सम्मेलन में मेरे भाषण का अंश है। इसमें सम्मेलन संचालक ने मेरा परिचय देते हुए मुझे प्रबुद्ध लेखक बताया था। मैंने इसी बिंदु से बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कुछ पुस्तकों और लेखों के लिखने से ही कोई प्रबुद्ध नहीं हो जाता। महात्मा गांधी कम कपड़े पहनते थे। देश ने उन्हें ‘बापू’ कहा। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं राखी सावंत भी गांधी जी हो जाएंगी। मेरे भाषण को वास्तविक संदर्भ में ही ग्रहण करें”।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने विधानसभा अध्यक्ष पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर भाजपा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपमानित करने का काम किया है। हृदय नारायण दीक्षित का महात्मा गांधी और राखी सावंत की तुलना करना और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई भी पश्चाताप की टिप्पणी ना यह दर्शाता है कि भाजपा और RSS गांधी जी के प्रति किस हद तक घृणा करते हैं। कभी प्रधानमंत्री के द्वारा मोहनलाल करमचंद गांधी बताना कभी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा चतुर बनिया बनिया बताया जाना, उनकी भावना को दिखाता है।
गांधी इस देश की आत्मा हैं, RSS चाहे जितना जहर फैलाने की कोशिश कर ले वह कभी इस देश में शांति प्रेम और अहिंसा समाप्त नहीं कर सकते चाहे। चाहे वे जितनी भी सावरकर की पूजा कर लें लेकिन सावरकर इस देश के लिए कभी वीर नहीं हो सकते वह सिर्फ और सिर्फ माफी वीर ही रहेंगे’।
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता और एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष का बयान बहुत निंदनीय है। एक तरफ वह महात्मा गांधीजी की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ भाजपा का जो असली चेहरा है वह सामने आ गया है। आप बेटियों को कपड़ों से परिभाषित कर अपमानित कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष का बयान इस बात को दर्शाता है कि उनकी पार्टी आज भी बापू के विचारों के खिलाफ है।
जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष ने अपने बयान में राखी सावंत का नाम लिया है, इससे साफ है कि वह देश की बेटियों का चरित्र कपड़ों से तय कर रहे हैं। यह सिर्फ राखी सावंत का अपमान नहीं है, बल्कि उन बेटियों का भी अपमान है जो देश के लिए ओलंपिक में पदक लेकर आई हैं और देश को गर्व की अनुभूति कराई है। जिस तरह की ओछी टिप्पणी विधानसभा अध्यक्ष ने की है, उसके लिए उन्हें पूरे देश की बेटियों से माफी मांगनी चाहिए’।
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