और जजो को रहम नही आया- पीडिता की जुबानी सुनकर
आसाराम बापू के खिलाफ रेप का आरोप लगने के करीब पांच साल बाद जोधपुर की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है. सुरक्षा और जबरदस्त पुलिस बंदोबस्त के बीच जैसे ही जोधपुर की विशेष अदालत ने अपनी नाबालिग शिष्या के रेप के केस में विवादास्पद कथावाचक आसाराम को दोषी करार दिया, तब वो नाटकीय ढ़ंग से भगवान को याद करने लगा.
पीड़िता ने आगे कहा, ”मेरे माता-पिता को बाहर रोक दिया गया. उनसे कहा गया कि आसाराम विशेष तरीके से मेरा अकेले में इलाज करेंगे. साल 2013 को स्वतंत्रता दिवस पर राज 10 बजे मुजे एक कमरे में भेज दिया गया. वहां पर आसाराम पहले से उपस्थित थे. कमरे में आसाराम ने अपने हाथों से मेरे शरीर पर पहने ऊपर के कपड़े उतार दिये और फिर मेरे अंगों को सहलाते रहे और मुझे ओरल सेक्स करने को कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया. साथ ही धमकी भी दी कि अगर वो चिल्लाई तो कमरे के बाहर बैठे उसके माता-पिता को मार दिया जाएगा. मेरे साथ रेप तो नहीं हुआ लेकिन यौन उत्पीड़न हुआ.”
इस फैसले से खुश पीड़िता के परिजनों ने आसाराम के लिए अधिक से अधिक सजा की मांग की है. उन्होंने कहा, ”इसने कई गवाहों को मरवाया, गायब करवा दिया. मुझे उम्मीद है इसे कड़ी सजा मिलेगी. हम अपने घर से बाहर नहीं निकले हैं. पुलिस का सख्त पहरा है. आज बाहर निकल पाया हूं. मैं बता नहीं सकता इस केस के दौरान हमें कितनी परेशानियां झेलनी पड़ीं.” नाबालिग के मुताबिक, आसाराम ने उसे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम से बुलाकर जोधपुर में 15 अगस्त 2013 को रेप किया. पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था, ”मैं आसाराम की ओर से संचालित गुरुकुल में पढ़ती थी. मुझे दौरे पड़ते थे. गुरुकुल की एक शिक्षिका ने मेरे माता-पिता को बुलाकर मेरा इलाज आसाराम से कराने को कहा. इसके बाद मेरे माता-पिता ने आसाराम से मिलने का कई बार प्रयास किया. आखिरकार उन्होंने मुझे जोधपुर लागने को कहा. जोधपुर के निकट मणाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में मुझे बुलाया गया.”
पीड़िता ने आगे कहा, ”मेरे माता-पिता को बाहर रोक दिया गया. उनसे कहा गया कि आसाराम विशेष तरीके से मेरा अकेले में इलाज करेंगे. साल 2013 को स्वतंत्रता दिवस पर राज 10 बजे मुजे एक कमरे में भेज दिया गया. वहां पर आसाराम पहले से उपस्थित थे. कमरे में आसाराम ने अपने हाथों से मेरे शरीर पर पहने ऊपर के कपड़े उतार दिये और फिर मेरे अंगों को सहलाते रहे और मुझे ओरल सेक्स करने को कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया. साथ ही धमकी भी दी कि अगर वो चिल्लाई तो कमरे के बाहर बैठे उसके माता-पिता को मार दिया जाएगा. मेरे साथ रेप तो नहीं हुआ लेकिन यौन उत्पीड़न हुआ.”
इसी शिकायत के बाद आज स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 और अपराध बाल संरक्षण एक्ट (पॉस्को) के तहत दोषी ठहराया गया. अब उसे 10 साल तक कैद हो सकती है. फिलहाल आसाराम जोधपुर की जेल में पिछले चार साल से बंद हैं.
आसाराम पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इसके आधार पर कम से कम सात साल और ज्यादा से ज्यादा उम्र कैद की सजा हो सकती है. इन धाराओं के साथ ही अदालत आसाराम की बढ़ती उम्र का भी खयाल रख सकता है. आइए जानते हैं कि किन धाराओं के तहत आसाराम को कितने साल की सजा हो सकती है. याद रहे कि आसाराम के खिलाफ 10 धाराओं में केस दर्ज हैं.
1. 370 (4) – इच्छा के विरूद्ध प्रतिग्रहण, प्राप्ति या विरोध करना (7 साल तक की सजा का प्रावधान)
2. 376(2) एफ- अभिभावक, शिक्षक, संरक्षक के जरिए दुराचार (कम से कम 10 साल और उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान)
3. 506- आपराधिक रूप से डराना, धमकाना और महिला अस्तित्व पर लांछन लगाना (7 साल की सजा औऱ जुर्माना)
4. पोक्सो एक्ट 7,8 किसी बालक पर समूह के एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा उनके सामान्य आशय से अग्रसर करने में लैंगिक हमला, यानी सामूहिक लैंगिक हमला, सजा- 10 साल या आजीवन कारावास तक
5. 342- रास्ता रोककर जबरन छेड़खानी
6. 354 ए/- बदनीयती और सेक्स करने की नीयत से छेड़छाड़
7. 509/- छेड़छाड़
8. 120 बी / 109-5एफ/6 – साजिश और षड़यंत्र रचना
9. जेजे एक्ट 23, किशोर या किशोरी के साथ अपराध करना
Agency & Channels Reports
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar, Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Our Bureau: