धमकी से केंद्र सरकार सकते में आ गयी; सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले?
#दिल्ली को ‘जाट लैंड’ में बदल देंगे #जाटों द्वारा चलाये जा रहे वर्तमान आंदोलन #हरियाणा में पिछले साल विभिन्न स्थानों पर जाट आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गयी थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था# सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए- .जनहानि का कौन होगा जिम्मेदार- www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
हरियाणा के जाट समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर फिर आन्दोलन शुरू कर दिया है। साथ ही धमकी दी है कि अगर 20 तारीख तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे दिल्ली आकर संसद का घेराव करेंगे। इस धमकी से केंद्र सरकार सकते में आ गयी है।
जाटों को आरक्षण देने की मांग पर चलाया जा रहा आंदोलन शुक्रवार (3 मार्च) को 34वें दिन में प्रवेश कर गया जबकि एआईजेएएसएस प्रमुख ने कहा है कि प्रदर्शनकारी 20 मार्च को ट्रैक्टर ट्रॉली पर दिल्ली जाएंगे और उसे ‘जाट लैंड’ में बदल देंगे। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘हम 20 मार्च को ट्रैक्टर ट्रॉली पर दिल्ली जाएंगे और उसे ‘जाट लैंड’ में बदल देंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सरकार के साथ असहयोग शुरू कर दिया है तथा वे बिजली एवं पानी का बिल नहीं भरेंगे तथा सरकार से लिए गये ऋण की किस्त नहीं भरेंगे।
मलिक ने कहा कि जाटों द्वारा चलाये जा रहे वर्तमान आंदोलन में समुदाय के दो सदस्यों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कल जाटों के प्रदर्शन के बाद बहादुरगढ़ से लौटते समय ट्रैक्टर से गिरने से सुनेरिया गांव के विजय की मौत हो गयी। उन्होंने मृतक के निकट परिजन के लिए 11 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। एक अन्य मामले में खरकाराम गांव के 65 वर्षीय धूप सिंह की गुरुवार को जींद में प्रदर्शन स्थल पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। उन्होंने सिंह के निधन पर उनके निकट परिजन को 10 लाख रुपए के मुआवजे और सरकारी नौकरी की राज्य सरकार से मांग की।
इस बीच मलिक ने समुदाय से 20 मार्च को दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहने को कहा। ‘जब तक खट्टर सरकार द्वारा हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से चलता रहेगा।’ जाटों द्वारा पानीपत के इसराना गांव, करनाल के बाला, कुरुक्षेत्र के जत्तन, कैथल के देबान, फतेहाबाद में धानी गोपाल, झज्जर के रसवाला, दादरी के बातदा, रोहत के जासिया, सोनीपत के लाथ जाली, हिसार के मय्यार, भिवानी के धनाना, यमुनानगर के जगाधरी, महेन्द्रगढ़ के नागल चौधरी और गुरूग्राम के अतुल कुटिया में प्रदर्शन जारी है।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अर्धसैनिक बलों सतर्कता बनाए हुए हैं। शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग के अलावा आंदोलनकारी जाट पिछले साल हुई हड़ताल के कारण जेल में बंद अपने नेताओं की रिहाई, उनके खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी तथा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले और घायल लोगों के निकट परिजनों को सरकारी नौकरी की भी मांग कर रहे हैं। हरियाणा में पिछले साल विभिन्न स्थानों पर जाट आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गयी थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।