‘पिता को उत्तर प्रदेश जीत कर तोहफा दूँगा- रो पड़े अखिलेश
यूपी में अखिलेश यादव की आंधी की संभावना www.himalayauk.org (web & Print Media)
बैठक में रो पड़े अखिलेश यादव और कहा, ‘पिता को उत्तर प्रदेश जीत कर तोहफा दूँगा. मैं पिता से अलग नहीं हूं.’ अखिलेश यादव बैठक में भावुक हो गए. उन्होंने कहा- हमें 2017 का चुनाव जीतकर नेताजी को तोहफे के तौर पर देना है. दरअसल अखिलेश बहुत संभलकर बात कर रहे हैं. वह इस माहौल में ऐसी कोई बात नहीं कहना चाहते जिससे यह लगे कि बेटे ने पिता से बगावत की है.
यादव परिवार के इस झगडे में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रति आम जनता का जबर्दस्त रूझान बढा है, विधानसभा चुनाव में अखिलेश की आंधी की संभावना है, हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के सर्वे रिपोर्टो के अनुसार आम जनता में यह संदेश गया है कि कुछ भी हो अखिलेश काम करने वाला नेता है, सरल है, सुलभ है, और विकास का पर्याय है, हमारे सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अखिलेश की लोकप्रियता राहुल गॉधी के मुकाबले दोगुनी बढी है- इससे हमारे न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट केे अनुसार यूपी में अखिलेश स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लेगें-
आखिरकार आजम खान की कोशिश रंग लाई है और अखिलेश यादव और रामगोपाल की हुई सपा में वापसी हो गई है. इन दोनों का निष्कासन रद्द हो गया है.बैठक में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग भी की गई है. लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की और कहा- सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है.आजम खान बोले, “उन्होंने कहा है कि इस पूरी घटना से सबसे ज्यादा परेशान मुसलमान हुए। उन्हें पता है कि सपा कमजोर होगी तो भाजपा मजबूत होगी।
समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव की वापसी हो गई है. प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इनका निष्कासन रद्द कर दिया है. बता दें कि कल इन्हें मुलायम सिंह ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. आज सुबह से ही आजम खान की मध्यस्थता के जरिए सुलह की कोशिशें तेज हो गई थीं जो कुछ ही घंटो में कामयाब रहीं. माना जाता है कि अखिलेश-रामगोपाल मिलकर शिवपाल को बाहर करने की तैयारी थे। इसकी भनक मुलायम-शिवपाल को लग गई। मुलायम ने रामगोपाल को निकालने का फैसला लिया। पर शिवपाल ने अखिलेश का नाम भी जुड़वा दिया।
अमर सिंह ने कहा, ‘आज तो कुछ ऐसा लग रहा है कि राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुक आएगा, बेटा करेगा राज बेचारा बाप जंगल को जाएगा. राजनीति में ये जो कुछ हो रहा है ये बिल्कुल गलत है. मैं अपना पूरा समर्थन नेता जी को देता हूं. उनकी अवमानना पार्टी का अनुशासन भंग करने के समान है. उनके (मुलायम) के विरूद्ध कितने भी बड़े लोग जो कुछ भी काम कर रहे हैं, वो बिल्कुल असंवैधानिक, अनैतिक और गलत है.’
सपा प्रमुख ने शुक्रवार को अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है. मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है. रामगोपाल के कदम से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है. शिवपाल यादव ने कहा पार्टी में अब सब कुछ ठीक हो गया है. उम्मीदवारों पर सब मिलकर बात करेंगे. अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है.हम यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे. सांप्रदायिक ताकतों से मिलकर लड़े हैं और मिलकर लड़ेंगे.
शुक्रवार को पूरे दिन चले इस सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई थी.करीब 200 से अधिक विधायक और 30 से ज्यादा एमएलसी और नेता अखिलेश से मिलने पहुंचे थे. उधर, दूसरी ओर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर बैठक बुलाई थी जिसमें करीब 20 विधायक और 60 उम्मीदवार पहुंचे थे. कह सकते हैं कि मुलायम से मिलने गिने-चुने लोग पहुंचे. दरअसल, इसके पीछे वजह साफ है कि पार्टी के लोग मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें अपना भविष्य अखिलेश यादव ने दिखाई दे रहा है.
घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और आजम खान की बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है. अब एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है. माना जा रहा है कि आजम खान ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई. उसी का नतीजा है कि एक बार फिर सुलह की गुंजाइश बनी और सपा सुप्रीमो ने बैठक खत्म होने के तत्काल बाद अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द करते हुए उनकी पार्टी में वापसी का फैसला लिया.
इस बैठक में शिवपाल और अबू आजमी भी मौजूद थे. बैठक में आजम ने अखिलेश के साथ मिलकर अमर सिंह को निकालने की मांग भी की. आजम ने कहा कि अगर अमर सिंह को निकाला जाता है तो सब ठीक होगा.
रामगोपाल यादव ने उन्हें और अखिलेश को निष्कासित करने के फैसले को अवैध बताया है और पार्टी प्रमुख पर असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया. बागी रामगोपाल ने कहा कि वह अब भी सपा के महासचिव हैं और रविवार को उनके द्वारा बुलाई गई बैठक किसी भी हालत में होगी.
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