उत्‍तराखण्‍ड कांग्रेस में घमासान; अंबिका सोनी राज्‍य प्रभारी का इस्‍तीफा

ambica-kishore-upaकमलनाथ हो सकते हैं ; उत्‍तराखण्‍ड राज्‍य प्रभारी #मोती लाल बोरा को उत्‍तराखण्‍ड जाने के निर्देश #उत्‍तराखण्‍ड कांग्रेस में घमासान के बीच बडी खबर-#अंबिका सोनी नही है अब उत्‍तराखण्‍ड राज्‍य प्रभारी #कांग्रेस हाईकमान ने अभी फिलहाल मोती लाल बोरा को उत्‍तराखण्‍ड जाने के निर्देश दिये हैं# वरिष्ठ कांग्रेस मोतीलाल बोरा दून आ रहे हैं# कमलनाथ हो सकते हैं ; उत्‍तराखण्‍ड राज्‍य प्रभारी # बडी खबर- एक्‍सक्‍लूसिव- केवल हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की #www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) 

पीडीएफ के कई नेता नही है चुनाव जीतने में सक्षम-

#किशोर उपाध्याय को आम जन से मिले रूझान के मुताबिक पीडीएफ के कई नेता नही है चुनाव जीतने में सक्षम- निष्‍क्रिय व अक्षम कैबिनेट मंत्री साबित हुए हैं पीडीएफ के विधायक- परन्‍तु हरीश रावत का अपना गणित यह है कि कांग्रेस समर्थित विधायक जीते तो उनको मुख्‍यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में मजबूत पिलर साबित होगें, अगर हारे तो कोई उनको कोई नुकसान नहीं- यहीी कारण है कि मुख्‍यमत्री ने अपने संगठन के प्रदेश अध्‍यक्ष को दरकिनार कर पीडीएफ विधायकों को तवज्‍जो देने की रणनीति अपनाई-  #यह वही विधायक है जिन्‍होंने अपनी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेसं संगठन को छिन्‍न भिन्‍न कर दिया है- तथा वहां कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्‍यक्ष से कांग्रेस को बचाने की गुहार लगा रहा है-  बडी खबर- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की रिपोर्ट 
उत्तराखंड के कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा पीडीएफ पर लगातार किए जा रहे जुबानी हमलों के बाद तिलमिलाए पीडीएफ नेताओं के तेवरों को देखते हुए अगले सप्ताह वरिष्ठ कांग्रेस मोतीलाल बोरा दून आ रहे हैं. वही मुख्‍यमंत्री की शह पर पीडीएफ के मंत्रियों ने किशोर उपाध्‍याय पर गुर्रातेे हुए हमला तेज कर दिया हैं तथा कांग्रेस हाईकमान ने उन्‍हें हटाने तक की मांग कर दी है- पीडीएफ नेताओं की आवाज को मजबूती देते हुए  सीएम हरीश रावत ने कहा है कि इस मामले में पार्टी ने किसको बोलने के लिए अधिकृत किया है यह बात सभी जानते है.

पीडीएफ नेताओं की इस हिमाकत से कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी हैं-  बडी खबर- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की रिपोर्ट  

पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय और पीडीएफ के बीच चल रही रार को लेकर चुनावी मोर्चे में खडी कांग्रेस की मुश्‍किले बढती जा रही हैं- हरीश रावत पीडीएफ के सहारे सत्‍ता की सीढियां फिर से चढना चाहते हैं तो किशोर उपाध्‍याय संगठन की आवाज को मजबूती से आगे बढा रहे हैं
वही कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीडीएफ को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं इसके बाद जो बयानबाजियां हो रही हैं उसको लेकर हुए तनाव को कम करने खुद मोती लाल बोरा दून आ रहें हैं.

वही उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे चुनाव के लिए एक तरफ जहां कई पार्टियों ने गठबंधन के संकेत दे दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. राहुल ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में ये बात कही.

वही मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने कटाक्ष किया है कि सीएम हरीश रावत ने कहा है कि इस मामले में पार्टी ने किसको बोलने के लिए अधिकृत किया है यह बात सभी जानते है.  किशोर उपाध्याय का बिना नाम लिये बिना सीएम रावत ने कहा है कि व्यक्तिगत राय किसी भी कुछ भी हो सकती है लेकिन सत्यतता यह है कि कांग्रेस के आग्रह पर ही पीडीएफ ने समर्थन दिया और सरकार बनाने से लेकर सरकार चलाने तक पीडीएफ ने साथ दिया है. हरीश रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सीएम रावत ने कहा है कि कांग्रेस निजी स्वार्थां में कोई भी निर्णय नहीं करती है नीतिगत निर्णय के बाद ही ऐसे निर्णय लिये जाते हैं. चुनाव के समय इस मामले में बात की जाएगी और जब पांच साल साथ चले है तो आगे भी मिलकर साथ चलना चाहेगें और इस मामले में बातचीत से ही निर्णय लिया जाएगा.वहीं पीडीएफ कोटे के मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने कहा है कि हमने सरकार बनाने से लेकर राज्य सभा चुनाव और फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस का साथ दिया है.
संकट की घडी में पीडीएफ ने कांग्रेस का पूरासाथ दिया है. लिहाजा इन सब बातों को मुख्यमंत्री बखूबी समझते है और मुख्यमंत्री जो भी निर्णय करेगें वह पीडीएफ के हित में ही होगा. इसके आलावा श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस का जो भी निर्णय होगा वह हमे मान्य होगा.
इसके अलावा कोटद्वार उत्‍तराख्‍ण्‍ड में कांग्रेस नेता धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि जो नेता पीडीएफ के हैं उनकी भी कांग्रेसी विचारधारा है और देर-सवेर उन्हें भी कांग्रेसी विचार धारा के साथ ही आगे चलना है.
मोती लाला बोरा के उत्तराखंड आने की जानकारी देते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि बोरा कांग्रेस के नेताओं ओर पीडीएफ के नेताओं को आपस में बिठा कर उनके बीच चल रही बयानबाजियों पर लगाम लगाने की अपील करेंगे ताकि पार्टी का कोई नुकसान न हो.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरुप काम करने की बात करते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि किसी भी पार्टी का अध्यक्ष हो वह भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मान की ही बात करेंगा और किशोर भी यही कर रहें है.
आगामी विधानसभा चुनावों में खुद को भी पार्टी का लैंसडाउन से दावेदार बताते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि वह लगातार लैंसडाउन विधानसभा का भ्रमम कर रहें है और इस बार जनता ने मन बनाय लिया है कि लैंसडाउन विधानसभा में भी कांग्रेस के प्रत्याशी को जीता कर भेजना है.
वही दूसरी ओर उत्‍तर प्रदेश में
कांग्रेस पार्टी के ऐसे नेता जो चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पार्टी के फैसलों में दखलंदाजी से निराश और नाराज थे तथा उनका पंख कतरना चाहते हैं वो पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक हालिया इंटरव्यू के बाद से काफी खुश होंगे। क्योंकि, राहुल गांधी ने इस इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया कि प्रशांत किशोर की जिम्मेदारी सिर्फ पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने और चुनावी अभियानों का आयोजन करने तक सीमित है। इंटरव्यू में राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया कि टिकटों के बटवारे और पार्टी के अंदरूनी मामलों में किसी प्रकार का भी निर्णय खुद पार्टी लेगी।
राहुल फिलहाल उत्तर प्रदेश में 2500 किलोमीटर लंबी किसान यात्रा पर हैं और यहां एक बार फिर पार्टी में दम फूंकने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कांग्रेस को अपने दम पर खड़े होना चाहिए और 2017 के विधानसभा चुनाव बिना किसी के साथ समझौता किए अपनी विचारधाराओं और नीतियों के आधार पर लड़ना चाहिए.’ राहुल गांधी राज्य के 26 जिलों में पार्टी का प्रचार कर रहे हैं और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में हैं. राहुल ने कहा कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा की जीत के बाद अखिलेश से काफी उम्मीदें बढ़ गई थी लेकिन उन्होंने खुद को साबित करने का मौका गंवा दिया. राहुल बोले, ‘हालांकि मैं विपक्षी नेता हूं लेकिन मुझे ये देखते हुए दुख होता है कि उनके जैसा युवा नेता काम करने में असमर्थ रहा.’
अखिलेश महज 39 साल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे. पिछले तीन दशकों से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बारी-बारी से सत्ता में लौटती रही हैं. राहुल ने कहा कि दोनों ही पार्टियां उत्तर प्रदेश में असफल रही हैं.
कश्मीर में चल रहे तनाव पर राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने के लिए पुरानी रणनीति पर काम करने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि सूबे की पीडीपी-बीजेपी सरकार ने यहां के सिस्टम को बिगाड़ दिया है. राहुल ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को भारत के खिलाफ एक अपराध बताया. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में मुश्किलें बढ़ाने का मौका दिया है. उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे नजरिए से ये मौकापरस्त गठबंधन क्राइम अगेन्स्ट इंडिया है. हमने जो काम 9 सालों में किया, उसे इन्हें कुछ दिनों में गड़बड़ा दिया है.’
राहुल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी विशेषज्ञों और मंत्रियों की बात नहीं सुनते, जो इस विषय को अच्छी तरह से समझते हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष बोले, ‘पीएम को विशेषज्ञों और मंत्रियों की बात सुननी चाहिए. हमारी ब्यूरोक्रेसी और एजेंसियों में शानदार लोग हैं. पीएम मोदी सिर्फ बोलते हैं, सुनते नहीं. लोग पीएम को वो बताने से डरते हैं, जो वो सोचते हैं.’
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं में प्रशांत किशोर को लेकर इस कदर बेचैनी है कि उन्होंने शिला दीक्षित को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने के प्रशांत किशोर के आइडिया को फ्लॉप करार दे दिया है। शिला दीक्षित अपना अधिकतर समय दिल्ली में गुजार रही हैं। उत्तर प्रदेश में शिला दीक्षित के चेहरे के साथ पोस्टर्स ओर बैनर नहीं दिख रहे। यही नहीं, प्रशांत किशोर के खिलाफ पार्टी नेताओं में इतना विद्वेष है कि वो पार्टी आलाकमान के पास उनकी झूठी शिकायत कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने प्रशांत किशोर के उपर आरोप लगाया है कि वे आम आदमी पार्टी के साथ मेलजोल बढ़ा रहे हैं।
कांग्रेसियों को प्रशांत किशोर उर्फ़ पीके के काम करने के तरीकों से सबसे ज्यादा आपत्ति हो रही है। दरअसल पीके ने चुनाव प्रचार की कमान सम्भालते ही पुराने नेताओं को यह कहना शुरू कर दिया था कि वे अपने क्षेत्र के जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं की जानकारी दें। उन्होंने न सिर्फ कार्यकर्ताओं की जानकारी मांगी, बल्कि उन्होंने उनके मोबाइल नम्बर भी मांग लिया। जिससे उन कार्यकर्ताओं के बारे में तस्दीक भी किया जा सके। जानकारी के अनुसार पुराने कांग्रेसियों को यह बात नागवार लगी। उन्हें यह लगने लगा कि बाहर से आया हुआ व्यक्ति उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा पर सवाल उठा रहा है और उनके दावों पर सवाल खड़ा कर रहा है। इसीलिए कुछ नेताओं ने पीके के खिलाफ खुली बगावत शुरू कर दी। इस बात की सूचना पार्टी के आलाकमान तक भी पहुंचा दी गयी।

One thought on “उत्‍तराखण्‍ड कांग्रेस में घमासान; अंबिका सोनी राज्‍य प्रभारी का इस्‍तीफा

  • September 27, 2016 at 8:29 pm
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    राम राम्, उत्तराखण्ड के यिस गरीब धर्ती पर पद खानेके लिए राज्निती कर्ते है लोग

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