अमित शाह का पंजाब में बडा फेरबदल- अब राज्यो में बदलाव की तैयारी
लोकसभा चुनाव से पहले इस साल कई राज्यों में बदलने की तैयारी #भाजपा पंजाब समेत कई राज्यों में प्रदेश प्रधान बदलने की तैयारी में थी। # एमपी व राजस्थान के प्रदेशाध्यक्षों को भी बदलने की तैयारी #भाजपा के अंदरूनी सर्वेक्षणों में छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी पार्टी की हालत चिंताजनक # पार्टी में बढ़ रही नाराजगी की रिपोर्ट दिल्ली पहुंच रही है #हिमालयायूके न्यूज पोर्टल Bureau Report
विजय सांपला के खिलाफ पार्टी में बढ़ रही नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने राज्यसभा सदस्य शवेत मलिक को पंजाब प्रदेश प्रधान घोषित किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह ने भाजपा पंजाब अंदर बड़ा फेरबदल करते केंद्रीय मंत्री विजय सांपला की जगह राजसभा मैंबर श्वेत मलिक को भाजपा पंजाब का प्रधान नियुक्त किया।
श्वेत मलिक सीनियर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेतली के नजदीकी माने जाते हैं। समझा जाता है कि अमृतसर से संबंधित श्वेत मलिक जो पहले काऊंसलर रहे को श्री जेतली की सिफारिश पर ही राज्यसभा भेजा गया था।
लोकसभा चुनाव से पहले इस साल भाजपा पंजाब समेत कई राज्यों में प्रदेश प्रधान बदलने की तैयारी में थी। पार्टी के पास इस बात की रिपोर्ट थी कि पंजाब में प्रदेश प्रधान विजय सांपला के खिलाफ पार्टी में नाराजगी बढ़ रही है। ऐसे में राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक को सूबे की कमान सौंपी जाने की पूरी संभावना थी। ज्ञात हो कि पंजाब में भाजपा दो धड़ों में बंटी है। एक धड़ा अकाली दल से गठबंधन तोड़ने या लोकसभा सीटों का समीकरण बदलने का हिमायती है। पार्टी चाहती है कि नया अध्यक्ष लाकर अकाली दल से नए सिरे से बातचीत की जाए। वहीं, एमपी व राजस्थान के प्रदेशाध्यक्षों को भी बदलने की तैयारी है। दरअसल, भाजपा के अंदरूनी सर्वेक्षणों में इनके अलावा छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी पार्टी की हालत चिंताजनक दिखाई गई है। भाजपा अगर इस साल कई राज्यों में होने जा रहे चुनाव में हारी तो सीधे 2019 के समीकरण बिगड़ेंगे। कुछ राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति भी संभव है। वहीं, अविनाश राय खन्ना को गोवा का अतिरिक्त प्रभार मिल सकता है।
श्री मलिक ने इस नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा प्रधान अमित शाह का धन्यवाद करते कहा कि भाजपा, पंजाब के पूर्व प्रधानों और अन्य नेताओं के सहयोग से वह 2019 में भाजपा की जीत के लिए काम करेंगे।
पंजाब में भाजपा दो धड़ों में बंटी हुई है। एक धड़ा अकाली दल से गठबंधन तोड़ने या लोकसभा सीटों का समीकरण बदलने का हिमायती है। पार्टी चाहती थी कि नया अध्यक्ष लाकर अकाली दल से नए सिरे से बातचीत की जाए। दरअसल, भाजपा के अंदरूनी सर्वेक्षणों में इनके अलावा छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी पार्टी की हालत चिंताजनक दिखाई गई है। भाजपा अगर इस साल कई राज्यों में होने जा रहे चुनाव में हारी तो सीधे 2019 के समीकरण बिगड़ेंगे। कुछ राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति भी संभव है।
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