अमरिंदर सिंह गवर्नर संभावित & केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ प्रस्ताव& पतवार तो राहुल के ही हाथ- कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा का असर; आरजी सर्वे में प्रथम & Top News 19 Sep 22

19 Sep 22 # High Light # पतवार तो राहुल के ही हाथ# कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान # कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार # कोई भी चुनाव लड़ सकता है.- सोनिया गांधी # विधानसभा में राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की ‘ज्यादतियों’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित # पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गवर्नर संभावित # नागौर कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या # महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद #नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव में यूपी से ताल ठोकने का मन बनाया #www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media #Mob. 9412932030

कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार

NEW DELHI ( HGU )कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले 7 राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव पास किया है। हाल ही में महाराष्ट्र, बिहार,जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने इसका प्रस्ताव पास किया, जबकि राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ पहले ही इसे मंजूरी दे चुके हैं। 

गांधी परिवार से किसी के अध्यक्ष नहीं बनने की स्थिति में अशोक गहलोत को कांग्रेस की कमान मिल सकती है। गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी का बड़ा OBC चेहरा होने के साथ-साथ उन्हें संगठन का भी काफी अनुभव है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर भी पार्टी अध्यक्ष पद की रेस में उतरने वाले हैं. जिसके लिए उन्हें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से हरी झंडी भी मिल गई है. गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत कई राज्य की कांग्रेस इकाइयों ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए प्रस्ताव पास कर दिया है.

कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं तो दूसरी तरफ केरल से पार्टी सांसद शशि थरूर। सूत्रों के मुताबिक, गहलोत 26 से 28 सितंबर के बीच कभी भी नामांकन दाखिल कर सकते हैं। वहीं थरूर ने भी सोमवार को सोनिया गांधी से मिलकर मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है।

 कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हाल ही में दिए गए बयान के बाद ये सस्पेंस और बढ़ गया था. भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर कहा था कि, “मैं पार्टी अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, ये तब स्पष्ट हो जाएगा जब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे. हालांकि, मैंने स्पष्ट रूप से तय कर लिया है कि मैं क्या करूंगा और मेरे मन में कोई भ्रम नहीं है.”

सूत्रों के मुताबिक, शशि थरूर को सोनिया गांधी से पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की मंजूरी मिली है. शशि थरूर ने मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी से कहा कि वह आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत बना सकते हैं. सोनिया गांधी ने जवाब दिया कि अगर वे (शशि थरूर) चाहें तो पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं. कोई भी चुनाव लड़ सकता है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.

सोनिया ने उन्हें साफ शब्दों में कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला आपका है। यानी ये आपका कॉल है, पार्टी की चुनावी प्रक्रिया तय नियमों के हिसाब से ही होंगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठने लगी है. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए कई राज्य इकाइयों ने प्रस्ताव भी पारित किया है. 

पहले गुजरात, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने राहुल को पार्टी प्रमुख का पद संभालने के लिए समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया था. वहीं अब जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, तमिलनाडु राज्य की कांग्रेस इकाइयों ने भी इसी तरह का प्रस्ताव पास किया है. सोमवार को जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वकार रसूल से राहुल गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर रखे गए प्रस्ताव रखा था जो सर्वसम्मति से पारित किया गया. 

महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी की बैठक में भी आज दो प्रस्ताव पारित किए गए है. पहला प्रस्ताव पारित किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष को राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य कार्यकारिणी तय करने का अधिकार होगा. जबकि दूसरा प्रस्ताव पारित किया गया कि राहुल गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए. 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की चर्चा है। गहलोत 26 से 28 सितंबर के बीच कभी भी नामांकन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि गहलोत की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

सोमवार को ही तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके राहुल गांधी से पार्टी का नेतृत्व करने का आग्रह किया. पार्टी की राज्य इकाई की आम परिषद की बैठक में टीएनसीसी के अध्यक्ष के एस अलागिरी ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें राहुल गांधी से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष का पद संभालने का आग्रह किया गया. इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

टीएनसीसी ने ट्वीट किया, ‘‘टीएनसीसी के अध्यक्ष के एस अलागिरी द्वारा पेश एक प्रस्ताव में एआईसीसी के अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया गया और इस प्रस्ताव को टीएनसीसी की आम परिषद में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.’’ इससे पहले गुजरात, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत कई प्रदेश कांग्रेस कमेटी राहुल गांधी से नेतृत्व करने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं. 

चुनाव प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे पार्टी के सीनियर लीडिर मधुसूदन मिस्त्री ने गुरुवार को कहा था कि जो लोग कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करना चाहते हैं वो 20 सितंबर से पहले डेलीगेट्स की लिस्ट देख सकते हैं। वहीं उन्हें अपने नामांकन के लिए 10 प्रदेश कांग्रेस कमेटी डेलीगेट्स का समर्थन दिखाना होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले 6 राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव पास किया है। हाल ही में महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने इसका प्रस्ताव पास किया, जबकि राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ पहले ही इसे मंजूरी दे चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 23 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी, जबकि 17 अक्टूबर को चुनाव प्रस्तावित है। 

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करीब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 9000 डेलीगेट्स करेंगे। वहीं कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 23 सदस्यों में से 12 चुने जाएंगे जबकि 11 नामित होंगे। अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 12 चुने सदस्यों के लिए अधिक उम्मीदवार होंगे, तो उनके लिए भी चुनाव होगा, अगर 23 नाम पर सर्वसम्मति होगी तो चुनाव नहीं होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव पूरा होने के बाद होगा।

राहुल गांधी ने सात सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) शुरू की थी, जिसके तहत वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं. 

”लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.”

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान केरल के चेरिया कालावुर में स्थानीय नाविकों के साथ राहुल गांधी नाव चलाते नजर आए. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनीवास बीवी ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने बोट रेस में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ”लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.” राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के 12वें दिन की शुरुआत करने से पहले सोमवार तड़के वडकल समुद्र तट पर मछुआरा समुदाय से बातचीत की. इस दौरान ईंधन के बढ़ते दामों, सब्सिडी में कटौती, कम होते मत्स्य भंडार  और पर्यावरण को हो रहे नुकसान सहित विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी ने ईंधन की बढ़ती कीमतों, सब्सिडी में कटौती, कम होते मत्स्य भंडार, पेंशन न मिलने, शिक्षा के अपर्याप्त अवसरों और पर्यावरण को हो रहे नुकसान संबंधी चुनौतियों पर सुबह छह बजे आलप्पुझा के वडकल समुद्र तट पर मछुआरा समुदाय से बातचीत की.’’‘भारत जोड़ो यात्रा’ 

कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा में छत्तीसगढ़ की बेटी आशिका कुजूर किसानों के समर्थन में नंगे पांव चली

कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा में छत्तीसगढ़ की बेटी आशिका कुजूर किसानों के समर्थन में नंगे पांव चली। इसका वीडियो कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर पर शेयर किया है। आशिका छत्तीसगढ़ के जशपुर की जनपद पंचायत सभापति हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के मुद्दों को समर्पित करते हुए एक दिन नंगे पांव चलने का फैसला किया था। भारत यात्री के रूप में प्रदेश से छह सदस्य आशिका कुजूर, क्रांति बंजारे, रत्ना पैकरा, चौलेश्वर चंद्राकर, आदित्य भगत और रामेश्वर चक्रधारी शामिल हैं।

आशिका ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि पहली बार देश के अंतिम छोर कन्याकुमारी से पदयात्रा करने का अवसर मिला। धीरे-धीरे लोगों का प्यार मिलने लगा तो अब अच्छा लग रहा है। एनर्जी दोगुनी हो गई है। पदयात्रा के दौरान किसानों के मुद्दों पर लगातार चर्चा हो रही है। युवाओं के रोजगार और महंगाई को भी चर्चा का प्रमुख विषय बनाया गया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित पदयात्रियों ने 200 किलोमीटर की यात्रा अब तक पूरी कर ली है।

आशिका ने बताया कि वे किसान परिवार से हैं। किसान की बेटी होने का उसे गर्व है। किसानों का संघर्ष और उनके दर्द को महसूस करना चाहती हैं। इसलिए पदयात्रा में एक दिन किसानों का समर्पित किया। बिना चप्पल के यात्रा पूरी की। आशिका ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता की डिग्री ली है। वह युवक कांग्रेस और एनएसयूआइ में अलग-अलग पदों पर रही हैं। आशिका ने कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई है, आदिवासी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे जशपुर के जिस बागीचा तहसील से आती हैं, वह घनघोर जंगलों से घिरा हुआ है। खेती-किसानी ही यहां के लोगों की आय का जरिया है।

भारत यात्री के रूप में पदयात्रा में शामिल एनएसयूआइ के राष्ट्रीय संयोजक आदित्य भगत ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर युवा को अपने सम्मान के लिए और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर आना होगा। अगर युवा ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके जीवन का जो हक है, वो सारे छीनकर केंद्र सरकार उद्योगपतियों को खुश करने में लगा देगी। आदित्य को राहुल गांधी के साथ करीब आधे घंटे पैदल चलने का अवसर मिला।

2024 के चुनाव में PM Modi को कौन देगा टक्कर ? 

सबसे बड़ा सवाल वही कि मोदी को टक्कर कौन देगा? विपक्ष में इस कदर बिखराव है कि सबके पास एक चेहरा है….ऐसे में आम सहमति किस पर बनेगी और बन भी पाएगी या नहीं? ये अभी भी एक बड़ा सवाल है…। ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि चौबीस के महाचुनाव से जुड़े तमाम सवालों पर आखिर देश का मूड क्या है? पब्लिक के मन में इस समय क्या चल रहा है? इसका एक अंदाजा आपको लगेगा ABP न्यूज के लिए C-वोटर द्वारा किए गए इस सबसे ताजा सर्वे में

एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने त्वरित सर्वे किया है.

इस सर्वे में सवाल किया गया कि 2024 में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए किस नाम पर सहमति बन सकती है? इस सवाल के जवाब में चौंकाने वाली बात सामने आई है. इस सर्वे में सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मिले हैं. सर्वे में दूसरे नंबर पर आप संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रहे. वहीं विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस सर्वे में तीसरे नंबर पर हैं.

विधानसभा में राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की ‘ज्यादतियों’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित

पश्चिम बंगाल – HGU पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की ‘ज्यादतियों’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी (PM Modi) सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग कर रहे हैं, बल्कि कुछ बीजेपी नेता अपने हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं. मैं पीएम मोदी से सरकार और पार्टी के कामकाज को अलग-अलग रखने का आग्रह करती हूं, ये देश के लिए अच्छा नहीं होगा. 

नियम 169 के तहत राज्य विधानसभा के पटल पर ये प्रस्ताव रखा गया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ईडी और सीबीआई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं के खिलाफ कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे हैं. पिछले दो महीनों में, पश्चिम बंगाल में टीएमसी के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है..

पहले पूर्व मंत्री और निलंबित टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को एक कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद तृणमूल बीरभूम के जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को कथित पशु तस्करी जांच में गिरफ्तार किया गया था. इस प्रस्ताव में पिछले साल सीबीआई द्वारा तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी की गिरफ्तारी का भी जिक्र किया गया है. 

ईडी ने कथित कोयला तस्करी घोटाले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी, पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलॉय घटक और राज्य में तैनात कई आईपीएस अधिकारियों से भी पूछताछ की थी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज  ही पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी 48.22 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया है. वर्तमान कुर्की के साथ, मामले में कुल जब्ती 103.10 करोड़ रुपये हो गई है.

पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गवर्नर संभावित

NEW DELHI (HGU) पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसी के साथ उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भी बीजेपी (BJP) में विलय हो गया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और किरेन रिजिजू की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है. अब सूत्रों से पता चला है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या फिर किसी राज्य का गवर्नर बनाया जा सकता है. 

बीजेपी में शामिल होने के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं. अमरिंदर सिंह ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हमारी सेना को मजबूत नहीं किया गया. जब एके एंटनी रक्षा मंत्री थे तो रक्षा सौदे नहीं हुए. 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार शाम भाजपा जॉइन कर ली। दिल्ली स्थित BJP मुख्यालय में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और किरेन रिजिजू ने कैप्टन को पार्टी की सदस्यता दिलाई। कैप्टन के साथ उनके आधा दर्जन से ज्यादा पुराने साथी भी भाजपा में शामिल हुए। कैप्टन ने अपनी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ (PLC) पार्टी का विलय भी BJP में कर दिया। कैप्टन के साथ भाजपा में शामिल होने वालों में उनके बेटे युवराज रणइंदर सिंह, बेटी बीबा जयइंदर कौर, पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्‌टी, पंजाब महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बलबीर राणा सोढ़ी, महलकलां की पूर्व एमएलए हरचांद कौर, अमृतसर साउथ के पूर्व एमएलए हरजिंदर सिंह ठेकेदार, मानसा के पूर्व एमएलए प्रेम मित्तल के अलावा अमरीक सिंह आलीवाल व केवल सिंह भी हैं।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब भारत का सीमावर्ती राज्य है उसको लेकर अपनी चुनौतियां हैं. पाकिस्तान से सीमा सटी हुई है, उसको लेकर अपनी चुनौतियां हैं. इस बारे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से लगातार चर्चा कर रहा था और हाल ही में तो ड्रोन का खतरा भी बढ़ा है. इसके साथ ही पंजाब में ड्रग्स का जाल भी फैला है. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कैप्टन साहब ने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा है. मुझे लाखों बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से बीजेपी के परिवार में उनका और उनके समर्थकों का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसमें हमेशा गर्व से कहा जाता रहा है कि सबसे पहले राष्ट्र और दूसरे नंबर पर पार्टी. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करीब नौ सालों तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है. पिछले साल उन्होंने कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी पीएलसी (PLC) बनाई थी. पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन ने बीजेपी (BJP) के साथ गठजोड़ करके चुनाव लड़ा. हालांकि, चुनावों में गठबंधन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. खुद अमरिंदर सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाए. 

नागौर कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या

नागौर राजस्थान (HGU) राजस्थान के नागौर कोर्ट के बाहर हरियाणा के कुख्यात अपराधी संदीप की कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी

राजस्थान (Rajasthan) में नागौर (Nagaur) कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े गैंगवार देखने को मिला. दरअसल कुछ बदमाश बाइक पर सवार होकर कोर्ट पहुंचे और वहां हरियाणा के गैंगस्टर संदीप सेठी (Sandeep Sethi) को गोलियों से भून दिया. बदमाशों ने संदीप पर कई फायर किए जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं इस घटना में एक वकील और 3 बदमाशों को भी गोलियां लगी है. जिनका फिलहाल इलाज किया जा रहा है. पुलिस ने मौके से कारतूस के करीब 10 से अधिक खोल बरामद किए हैं.

नागौर के ASP राजेश मीणा ने बताया कि,  गैंगस्टर संदीप सेठी एक मुकदमें में जेल बंद था 2 दिन पहले उसकी ज़मानत हुई थी. आज वह किसी मुकदमें के सिलसिले में कोर्ट आया था. वहीं कोर्ट के बाहर निकलते वक्त संदीप पर अचानक कुछ बदमाशों ने फायरिंग कर दी. जिसमें उसकी मौत हो गई. जबकि संदीप के साथ मौजूद दो लोग घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि ये शूटर्स हरियाणा के हो सकते हैं.

कार्यवाहक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वीके सिंह ने बताया कि इस गैंगवार में गैंगस्टर संदीप शेट्टी के एक साथी को भी गोली लगी है. वहीं एक गोली कोर्ट के बाहर खड़े एक वकील को भी छूकर निकल गई. घटना के बाद सभी को नागौर के जेएलएन अस्पताल ले जाया गया. जहां संदीप सेठी की मौत हो गई. वहीं संदीप के साथी को पुलिस ने डिटेन कर अस्पताल पहुंचाया. घटना की सूचना मिलने पर एसपी राममूर्ति जोशी, एडिशनल एसपी राजेश मीणा सहित पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. फिलहाल आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नागौर शहर में न्यायालय परिसर में सरेआम फायरिंग करके एक व्यक्ति की हत्या कर देने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक का आवास इस न्यायालय परिसर से महज 50 मीटर और कलेक्टर, एसपी का कार्यालय महज 100 मीटर दूर है. ऐसे में इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जाए. उन्होंने कहा कि नागौर सहित प्रदेश में बढ़ता अपराध चिंता का विषय है. प्रदेश की कानून व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और इस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में जंगलराज होने का प्रमाण है. जिले में खनन माफिया सक्रिय है.

महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद

(HGU) शाही परंपराओं के मुताबिक, क्वीन का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद किया जा रहा है। 12 सितंबर से वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे महारानी के ताबूत को गन कैरिज में वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। इसे 142 रॉयल नेवी सेलर्स ने खींचा। इसी कैरिज का इस्तेमाल एडवर्ड VII, जॉर्ज V, जॉर्ज VI और सर विंस्टन चर्चिल के अंतिम संस्कार के दौरान भी किया गया था।

क्वीन का अंतिम संस्कार इसी विंडसर कैसल के जॉर्ज मेमोरियल चैपल में किया जाएगा। इसमें रॉयल फैमिली, कुछ प्रीस्ट और क्वीन का पर्सनल स्टाफ ही शिरकत कर पाएगा।

  क्वीन एलिजाबेथ-II के अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को विंडसर कैसल लाया जा चुका है। किंग चार्ल्स की अगुआई में रॉयल फैमिली यहां पहुंच चुकी है। क्वीन को भारतीय समय के अनुसार, रात करीब 12 बजे सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में पति प्रिंस फिलिप की कब्र के पास दफनाया गया।

वेस्टमिंस्टर ऐबे से विंडसर कैसल का सफर करीब 40 किलोमीटर का है। इस दौरान कभी पैदल तो कभी गाड़ियों में रॉयल फैमिली साथ रही। विंडसर कैसल में तीन प्रेयर्स होंगी। इसके पहले, स्टेट फ्यूनरल फंक्शन में हेड ऑफ द स्टेट्स ने क्वीन को श्रद्धांजलि दी। इनमें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे। शाही परिवार के सदस्य का दर्जा छोड़ चुके किंग चार्ल्स के बेटे प्रिंस हैरी ने क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट नहीं किया। इसकी काफी चर्चा हो रही है।

इसके पहले, रॉयल गार्ड्स की परेड के साथ क्वीन का कॉफिन यानी ताबूत वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। शाही परिवार के लोग गन कैरीज (तोपगाड़ी) के पीछे चल रहे थे।

अंतिम संस्कार की तमाम रस्में डीन ऑफ वेस्टमिंस्टर डेविड होयले ने पूरी कराईं। उनके साथ केंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी मौजूद रहे। शाही रीति-रिवाजों के मुताबिक क्वीन के निधन पर शोक जताया गया, प्रेयर्स हुईं। प्राइम मिनिस्टर लिज ट्रस ने छोटा भाषण दिया।

शाही परिवार की तरफ से एक प्रस्ताव पढ़ा गया। फिर दो मिनट का मौन रखा गया। इसके साथ ही स्टेट फ्यूनरल की रस्में पूरी हो गईं। इस दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकन प्रेसिडेंट बाइडेन समेत दुनियाभर से आए राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। स्टेट फ्यूनरल के बाद बाइडेन समेत कुछ राष्ट्राध्यक्ष अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो गए।

वेलिंग्टन आर्च से ताबूत विंडसर कैसल ले जाया जाएगा। यहां के सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में डीन ऑफ विंडसर रॉयल फैमिली क्वीन के पर्सनल स्टाफ के साथ प्रेयर करेंगे। ताबूत रॉयल वॉल्ट में रखा जाएगा। केंटरबरी के आर्कबिशप आशीष वचन (Blessings) बोलेंगे। रॉयल बैंड शोक धुन बजाएगा। रॉयल जूलर (शाही सुनार) क्वीन के ताबूत से क्राउन निकालेंगे। इसे राजमहल ले जाया जाएगा।

क्वीन के पार्थिव शरीर को ऐबे लाते समय ब्रिटेन के नए राजा यानी किंग चार्ल्स-III उनके ताबूत के पीछे चल रहे थे। इस दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स और किंग चार्ल्स के बेटे विलियम भी साथ थे।

‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने प्रिंस हैरी का एक फोटो पोस्ट किया। इसमें रॉयल गार्ड्स क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं। हैरी के दोनों हाथ सीधे पैरों की तरफ हैं। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि हैरी को रॉयल सैल्यूट से रोका गया या उन्होंने खुद ऐसा किया। दरअसल, दो साल पहले हैरी और पत्नी मेगन मार्केल रॉयल स्टेट्स छोड़ चुके हैं और अमेरिका में रहते हैं।

जब हैरी सावधान मुद्रा में खड़े थे, तब उनके बड़े भाई प्रिंस विलियम और परिवार के बाकी सदस्य सैल्यूट कर रहे थे। शाही परिवार के एक और सदस्य प्रिंस एंड्रू ने भी सैल्यूट नहीं किया। पिछले साल वो सेक्स स्कैंडल को लेकर विवादों में थे और क्वीन ने उन्हें बचाया था। खास बात यह है कि हैरी ‘प्री फ्यूनरल’ सेरेमनी में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वो क्वीन के निधन वाले दिन यानी 8 सितंबर से ही लंदन में हैं।

महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को जिस ताबूत में रखा गया, उसे रॉयल स्टैंडर्ड यानी शाही कपड़े में लपेटा गया। ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे जाने के बाद इस पर इंपीरियल स्टेट क्राउन यानी राजमुकुट रखा गया। राजशाही का प्रतीक ऑर्ब यानी राजप्रतीक और स्कैप्टर यानी राजदंड भी रखे गए। ताबूत को दफन करने से पहले सभी शाही प्रतीक हटाकर उन्हें टावर ऑफ लंदन (राजमहल) ले जाया जाएगा।

नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव में यूपी से ताल ठोकने का मन बनाया

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के ऑफर मिलने के बयान के बाद राज्य की राजनीति में सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी शुरू हो गई है। वैसे, सूत्र बताते हैं कि इसे लेकर जेडीयू यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) से बातचीत भी करने वाली है।

लोकसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि नीतीश 2024 चुनाव की मुहिम उत्तर प्रदेश से शुरू करेंगे। राजनीति में कहा भी जाता है कि लोकसभा का रास्ता यूपी से होकर जाता है। यही कारण माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव में यूपी से ताल ठोकने का मन बनाया है। इसके संकेत जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने बयान में दिए हैं, जिसके बाद इस कयास को और बल मिल गया है।

माना तो यहां तक कहा जा रहा कि भले ही नीतीश खुद को पीएम पद की रेस से बाहर बताते हों, लेकिन अंदरखाने उनकी तैयारी चल रही है। ललन सिंह ने शनिवार को कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का गठजोड़ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में ताकतवर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मात दे सकता है। जेडीयू अध्यक्ष ने तो यहां तक कहा कि यूपी में पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार अगला लोकसभा चुनाव यूपी से ही लड़ें।

जेडीयू के नेता ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा कि फूलपुर, अंबेडकर नगर और मिर्जापुर के कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश इन क्षेत्रों से आकर चुनाव लड़े। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी चुनाव बहुत दूर है, समय आने पर इसका फैसला लिया जाएगा। वैसे, ललन सिंह के इस बयान के बाद भाजपा ने नीतीश को चुनौती भी दे दी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार कहीं से भी लोकसभा का चुनाव लड़ें, जनता उन्हें बुरी तरह पराजित करेगी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का सपना देखने वाले नीतीश कुमार बीजेपी के बढते जनाधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से इतना डरे हुए हैं कि वे बिहार से संसदीय चुनाव लड़ने के बजाय यूपी में सपा के गढ़ फूलपुर और मिर्जापुर से प्रत्याशी बनने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में बिहार की 40 सीटों में से जेडीयू सिर्फ दो पर जीता था। मोदी ने कहा कि जिस पार्टी का यूपी के विधानसभा चुनाव में भी खाता नहीं खुलता, उसके नेता नीतीश कुमार दो लड़कों के कहने पर वहां की किसी सीट पर लड़ें, उनकी जमानत जब्त होगी।

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