पति रोहित की हत्या को स्वीकारा; शादीशुदा जिंदगी में खुश नही थी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला ने की थी। अपूर्वा ने पूछताछ में अपना अपराध कबूल कर लिया है। इससे पहले अपूर्वा को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्राँच ने गिरफ़्तार कर लिया था।

अपूर्वा ने रोहित को अकेले पाकर गला और मुंह दबाकर मार डाला.

पहले कहा गया था कि रोहित तिवारी (Rohit Shekhar) की मौत हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई है. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी मौत नहीं हुई, बल्कि हत्या की गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी हत्या कथित तौर पर मुंह दबाकर की गई है.

रोहित शेखर तिवारी (Rohit Shekhar Tiwari) की मौत के मामले में उसकी पत्नी को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार कर लिया है. 

रोहित शेखर गुप्ता की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपूर्वा शुक्ला तिवारी ( Apoorva Shukla Tiwari) से तीन दिन तक पूछताछ की थी. रोहित शेखर की 16 अप्रैल को कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव रंजन ने बताया, ‘वैज्ञानिक सबूतों और एफएसएल रिपोर्ट की मदद से हमने अपूर्वा को गिरफ्तार किया. उसने अपने पति की हत्या करने की बात को स्वीकार लिया है. उसने शादीशुदा जिंदगी में खुश न होने को इसका कारण बताया है.’ अधिकारी ने कहा कि मामले की शुरुआत में अपूर्वा ने क्राइम ब्रांच की टीम को भटकाने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, ’16 अप्रैल को रोहित के कमरे में घुसकर उसने वारदात को अंजाम दिया. बाद में सबूतों को मिटा दिया. डेढ़ घंटे के अंदर सारे काम किए गए थे.’

 ‘शादी के पहले दिन से दोनों के बीच अनबन रहती थी.’ शेखर और उनकी मां 11 अप्रैल को अपना वोट डालने के लिए हलद्वानी गए थे. उन्हें 12 अप्रैल को दिल्ली आना था लेकिन उन्होंने तब अपनी योजना बदल दी जब रोहित ने कहा कि वह ‘अपने लोगों से मिलना चाहते हैं.’    उज्ज्वला ने याद किया, ‘शेखर ने कहा कि वह अपने लोगों से मिलना चाहता है और उस स्थान…चित्रशिला घाट (रानीबाग) पर जाना चाहता है जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार किया गया था. घाट जाने के बाद वह नीम करोली बाबा के आशीर्वाद के लिए गया था.’

दिल्ली पुलिस का कहना है कि अपूर्वा शादी से ख़ुश नहीं थी इसलिए उसने रोहित की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के दौरान रोहित नशे में था। रोहित की माँ उज्जवला तिवारी ने भी कहा था कि शादी के बाद पहले दिन से ही अपूर्वा और रोहित में झगड़े होते थे और इससे उनका बेटा बेहद तनाव में था। बता दें कि 16 अप्रैल को रोहित अपने घर में मृत पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोहित की हत्या की पुष्टि के बाद पुलिस ने अपूर्वा और घर के अन्य लोगों से पूछताछ की थी। 
वह लगातार अपने बयान बदल रही थी जिससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ. रोहित की मां उज्ज्वला ने रविवार को अपनी बहू अपूर्वा और उसके परिवार पर लालची होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे पारिवारिक संपत्ति हड़पना चाहते थे. उन्होंने पहले कहा था कि दंपति के बीच शादी के पहले दिन से ही झगड़े हो रहे थे.

पुलिस को शुरुआती जाँच में ही अपूर्वा पर शक हो गया था और इसके बाद पुलिस लगातार उससे पूछताछ कर रही थी। अपूर्वा ने 15 अप्रैल की रात को रोहित के कमरे में जाने की बात स्वीकार की थी लेकिन इसे लेकर वह सही जवाब नहीं दे पा रही थी। यहीं से पुलिस का उस पर शक पुख्ता हुआ और पूछताछ में उसे अपना गुनाह कबूल करना पड़ा।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई थी कि रोहित की गर्दन पर उंगलियों के निशान मिले हैं। यह भी बात सामने आई थी कि हत्या से पहले उन्हें नशीला पदार्थ पिलाया गया और बेहोश होने पर उनकी हत्या की गई। तभी से यह सवाल उठ रहा था कि आख़िर रोहित की हत्या क्यों की गई और किसने की? रोहित के पिता एन. डी. तिवारी यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे थे। 

रोहित शेखर तिवारी हत्याकांड मामले की जांच कर रही टीम को पता चला है कि रोहित शेखर तिवारी के पास दो मोबाइल नंबर थे. दोनों की कॉल डिटेल्स के मुताबिक शेखर का एक फोन 15 तारीख को शाम 6 बजकर 30 मिनट पर बंद हो गया था और दूसरा फोन 15 तारीख के रात 9 बजकर 30 मिनट के आसपास. हालांकि इसकी वजह डिफेंस कालोनी में नेटवर्क न होना भी हो सकता है. इसके बाद सुबह एक नंबर पर 11 बजे यानी 16 अप्रैल को एक कंपनी का मैसेज आया जो मोबाइल कंपनी का होता है.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक़, रोहित की मौत 15-16 अप्रैल की रात 1:30 बजे के आसपास हुई थी। जबकि उन्हें 16 अप्रैल को शाम क़रीब 5 बजे अस्पताल ले जाया गया। रोहित की मौत की ख़बर सामने आने के बाद से ही यह मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा था। यह माना जा रहा था कि यह स्वाभाविक मौत नहीं है, रोहित की हत्या हुई है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह बात सही साबित हुई। बता दें कि रोहित ने ख़ुद को एन.डी.तिवारी का बेटा साबित करने के लिए लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़ी थी। मृत्यु से कुछ साल पहले कोर्ट के आदेश पर तिवारी ने उन्हें अपना बेटा मान लिया था और उनकी माँ उज्जवला से शादी की थी। तिवारी अपने अंतिम समय में रोहित और उज्जवला के साथ ही रहे थे। रोहित राजनीति में करियर बनाना चाहते थे और 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। उसके बाद भी रोहित अपनी सियासी ज़मीन मजबूत करने के लिए लगातार उत्तराखंड के दौरे कर रहे थे। 

रोहित की मां उज्जवला शर्मा ने आरोप लगाया था कि रोहित की पत्नी अपूर्वा और उसका परिवार पूरी संपत्ति हड़पना चाहता है. उज्जवला शर्मा का आरोप लगाया था कि अपूर्वा जांच को भटकाने के लिए गलत बयान दे रही है.

उज्जवला शर्मा की माने तो अपूर्वा जिस महिला का जिक्र कर रोहित से उसके रिश्ते होने की बात कह रही है वो एनडी तिवारी के ओएसडी रहे राजीव की पत्नी है. राजीव अपनी पत्नी और बेटे के साथ उज्जवला शर्मा के साथ तिलक लेन स्थित इनके दूसरे घर में ही रहते है और पिछले 30 साल से परिवार की सेवा कर रहे है.

उज्जवला शर्मा के मुताबिक इनका बड़ा बेटा सिद्धार्थ अपने हिस्से की प्रॉपर्टी राजीव के बेटे को देना चाहता था और ये बात अपूर्वा को नागवार गुज़र रही थी. इसी बात को लेकर अपूर्वा अकसर परिवार से झगड़ा करती थी. रोहित की मौत पर दर्ज पुलिस की एफआईआर में भी राजीव का नाम दर्ज है. एफआईआर में लिखा है की राजीव ही रोहित को एम्बुलेंस में अस्पताल लेकर पहुचे थे.
दिल्ली पुलिस ने राविवर को जांच आगे बढ़ाते हुए अपूर्वा की गाड़ी की फॉरेंसिक जांच भी कराई थी. क्योकि इसी गाड़ी में एम्बुलेंस के आने से पहले अपूर्वा रोहित को पीछे की सीट पर लिटा चुकी थी और अस्पताल लेजाने की तैयारी कर रही थी. इसी बीच उज्जवला शर्मा राजीव के साथ एम्बुलेंस लेकर घर आ गयी और फिर उसी एम्बुलेंस में रोहित को अस्पताल के जाया गया जहा डॉक्टरों ने रोहित को डेड डिक्लेअर कर दिया. पुलिस ने रोहित के कमरे की बेड शीट और तकिया का कवर भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है.


रोहित 16 अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाये गये थे. सूत्रों ने बताया कि रोहिणी के फोरेंसिक लैब के विशेषज्ञ भी रविवार को डिफेंस कॉलोनी में स्थित रोहित तिवारी के घर गये और अपराध के घटनाक्रम को दोहराया. उनका मानना रहा कि गला घोंटे जाते समय रोहित द्वारा प्रतिरोध करने के कोई सबूत नहीं हैं. दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद रोहित तिवारी की हत्या के मामला दर्ज किया था. रिपोर्ट में बताया गया कि तिवारी की हत्या गला घोंटे जाने के कारण सांस रुकने से हुई है. 

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