6 राज्यों में मुक़दमे दर्ज -सुप्रीम कोर्ट का एफआईआर पर स्टे; कहा- जांच में सहयोग करो

24 April 20# High Light# रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अपने कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी को लेकर अर्णब के ख़िलाफ़ देश भर के कई राज्यों में मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। इसी के ख़िलाफ़ अर्णब ने याचिका दायर की है। 

हाईलाइन- #वकील कपिल सिब्बल ने अर्णब से कहा- आपके खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई हैं तो आप इन्हें इस स्तर पर कैसे रोक सकते हैं # अर्णब पर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ लाइव शो में विवादित टिप्पणी करने का आरोप # अर्णब के खिलाफ राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में 10 से अधिक एफआईआर दर्ज# शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत #सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर पर स्टे दिया# 3 हफ्ते तक किसी कार्रवाई पर भी रोक 

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जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ और जस्टिस एम.आर.शाह की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। अदालत ने मुंबई पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ता और रिपब्लिक टीवी के मुंबई स्थित ऑफ़िस को सुरक्षा उपलब्ध कराएं। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करना होगा। बेंच ने कहा कि तीन हफ़्ते तक याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। मामले में अब 8 हफ़्ते बाद सुनवाई होगी। 

अदालत ने एक एफ़आईआर को छोड़कर इस मामले में दर्ज सभी एफ़आईआर पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। यह एक एफ़आईआर महाराष्ट्र के नागपुर के सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है और इसे एन.एम.जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में ट्रांसफ़र कर दिया गया है। 

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि एक डिबेट शो के दौरान अर्णब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने कई थानों में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया। अर्णब ने इन शिकायतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह ने इस मामले की सुनवाई की। जिरह दौरान अर्णब के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में एफआईआर दर्ज की गई हैं। सभी में लगभग एक जैसी शिकायतें हैं। इस पर कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘आप ऐसे बयानों का हवाला देकर सांप्रदायिक हिंसा पैदा कर रहे हैं, अगर एफआईआर दर्ज की गई हैं, तो आप इसे ऐसे कैसे रोक सकते हैं? जांच होने दीजिए, इसमें क्या गलत है?

इससे पहले अर्णब गोस्वामी की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की। जबकि दूसरे पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की। रोहतगी ने कहा, ‘मेरे मुवक्किल राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। साधुओं की हत्या हुई है और गोस्वामी ने हिंदुओं और मुसलमानों के बारे में कुछ नहीं कहा। गोस्वामी अपने शो में बस यह दिखाना चाहते थे कि पुलिस की मौजूदगी में इतनी क्रूर घटनाएं क्यों हो जाती हैं।’ रोहतगी ने अर्णब और रिपब्लिक टीवी के ऑफ़िस के लिए सुरक्षा देने की मांग की। 

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पिछले दिनों रिपब्लिक टीवी पर डिबेट के दौरान अर्णब ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की लिंचिंग के मुद्दे पर डिबेट के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर हिंदुओं को उकसाने की कोशिश की।

अर्णब ने बुधवार रात को वीडियो जारी कर कहा था कि उन पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उस वक्त हमला किया जब वह रात 12.15 के आसपास अपनी पत्नी के साथ मुंबई के लोअर परेल स्थित अपने ऑफ़िस से गणपत राव कदम मार्ग स्थित अपने घर की ओर लौट रहे थे। इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।  

अर्णब ने कहा था कि इस हमले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जिम्मेदार हैं और उनके साथ अगर कुछ भी ग़लत होता है तो इसके लिए वह ही जिम्मेदार होंगी। हमले में अर्णब व उनकी पत्नी सामिया गोस्वामी को चोट नहीं पहुंची है। 

इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस भी आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि अर्णब गोस्वामी पर हमला करवाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को माफ़ी माँगनी चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और बीजेपी इस तरह के टीवी एंकर्स की तारीफ़ करते रहते हैं।

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