बाबा मलयनाथ मंदिर में मां बगलामुखी जी की कठोर निराहार साधना

मलयनाथ जी,,,,,मलयनाथ मंदिर डीडीहाट[पिथौरागढ़  -में मां बगलामुखी जी की कठोर निराहार साधना में लीन सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी #36 दिन की निराहार कठोर साधना  19 मार्च को पूर्ण# 19 मार्च को  12 घ्‍ण्‍टे का हवन शुरू होगा, 20 मार्च को हवन पूर्णाहूति के बाद भण्‍डारे का आयोजन # 25  मार्च को  सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी का  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल कार्यालय, बंजारावाला देहरादून में  चन्‍द्रशेखर जोशी मुख्‍य सम्‍पादक द्वारा स्‍वागत #गुरू जी द्वारा भक्‍तो को आशीर्वाद, हवन की धुनी, 

महामाया पीताम्बरा देवी (बगलामुखी देवी) की साधना यूं तो कोई भी व्यक्ति कर सकता है,परन्तु इस सच्चाई को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए पात्रता अथवा योग्यता का होना परम आवश्यक है। इसीलिए भगवती पीताम्बरा देवी (बगलामुखी) के साधक में भी साधना करने के लिण् न्यूनतम् पात्रता का होना अत्यावश्यक है। इसमें सर्वप्रथम योग्यता है-

*सत्य साधक गुरु जी के दर्शन को उमड रहे हैं भक्तजन*…..  *बाबा मलयनाथ मंदिर में साधनरत हैं सत्य साधक*… *20 मार्च को हवन व भंडारे का आयोजन*……..

डीडीहाट (जिला पिथौरागढ़) के निकट सिराकोट की ऊंची चोटी पर स्थित बाबा मलयनाथ का मन्दिर.. यह जगह धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. यहाँ पर सीरा परगने का मुख्यालय स्थित था.. इसी जगह स्थित किले में चंदवंश के प्रतापी राजा दीपचंद को उनकी रानी श्रृंगारमंजरी ने बंदी बना लिया था. भूख-प्यास से राजा दीपचंद की मौत हो गई, और इसी के साथ चंदवंश का पतन भी शुरू हुआ… इस मन्दिर से हिमालय की बहुत सी चोटियों का मनोहारी दृश्य दिखायी देता हैं..

*पिथौरागढ* जनपद में हिमालय की चोटी पर स्थित बाबा मलयनाथ मंदिर में मां बगलामुखी जी की कठोर निराहार साधना में लीन सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी के दर्शन को दूर-दूर से भक्तजन पहुंच रहे हैं। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ श्री एचसी सेमवाल, एनएचपीसी धारचूला के महाप्रबंधक दिनेश त्रिपाठी, दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर कृष्णमूर्ति, पूर्व डायरेक्टर एम सी जोशी, एशियन एकेडमी के प्रबंधक श्री वीरेंद्र पाल महाराज, क्राइम ब्रांच के कृष्ण चंद्र शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश जोशी समेत तमाम क्षेत्रों के भक्तजन भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।

गौरतलब है कि जय मां पीतांबरी साधना एवं दिव्य योग ट्रस्ट के संस्थापक सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरु जी ने पिथौरागढ़ जनपद के सेराकोट स्थित भूतभावन भगवान भोलेनाथ के प्राचीन मंदिर बाबा मलयनाथ मंदिर में लोकमंगल की कामना को लेकर मां बगलामुखी जी की 36 दिन की निराहार कठोर साधना कर रहे हैं।

  

*एडवोकेट उमेश जोशी व भास्कर जोशी पहुंचे मलयनाथ मंदिर*…….।।

सत्य साधक गुरुजी के किए दर्शन…।

*पिथौरागढ़*। वरिष्ठ अधिवक्ता व उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य प्रत्याशी एडवोकेट उमेश जोशी व उनके चचेरे भाई भास्कर जोशी ने पिथौरागढ़ जनपद के डीडीहाट स्थित बाबा मलयनाथ मंदिर में साधनारत सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरु जी के दर्शन किए। इस दौरान श्री जोशी ने बताया कि गुरु जी के दर्शन करते ही उन्हें अलौकिक आनंद की अनुभूति हुई। उनके तमाम कष्ट क्षण भर में ही दूर हो गए। इस दौरान जोशी बंधुओं ने गुरुजी का विधि विधान के साथ पूजन अर्चन करने के साथ ही आशीर्वाद लिया।

 

आगामी 20 मार्च को गुरु जी की 36 दिवसीय साधना पूर्ण होने के अवसर पर बाबा मलयनाथ.मंदिर में विशाल हवन व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इससे पूर्व लोकमंगल के कल्याण के लिए सत्य साधक गुरुजी शीतला माता मंदिर रानीबाग, द्वाराहाट के दूनागिरी शक्तिपीठ, बागेश्वर के मां भद्रकाली शक्तिपीठ, गढ़वाल मंडल के भीलेश्वर महादेव, कालीशिला शक्तिपीठ समेत फलाहारी आश्रम व सोनपथरी आश्रम, राप्ती नदी के तट पर 36 दिवसीय निराहार कठोर साधनाएं कर चुके हैं।

गुरुजी का मानना है कि मां बगलामुखी जी की साधना करने से सूखा ,अकाल ,भूकंप, भूस्खलन, अकाल मौत समेत तमाम देवी आपदाओं का निवारण होता है। इधर जय मां पीतांबरी साधना एवं दिव्य योग ट्रस्ट के एवं मां भद्रकाली मंदिर समिति के अध्यक्ष योगेश पंत ने बताया कि 20 मार्च को मां बगलामुखी जी के हवन व भंडारे में देश विदेश से भारी संख्या में भक्त जनों के पहुंचने की संभावना है जिसको लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही है।

उन्होंने बताया हवन व भंडारे में हेमंत बोरा, राजेंद्र पंत रमाकांत ,हेमवती नंदन दुर्गापाल ,रमेश कुनियाल, कमलेश भट्ट, समेत तमाम भक्तजन जुटे हुए हैं। इसके अलावा स्थानीय निवासी प्रदीप डसीला, प्रहलाद सिंह, महेश बोरा नरेंद्र राठौर, प्रदीप चुफाल, हरीश सिंह कन्याल, राजेश शुक्ला समेत तमाम क्षेत्रवासी तैयारियों में लगे हुए हैं। श्री पंत ने समस्त भक्तजनों से हवन व भंडारे में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर पुण्य का भागी बनने का आह्वान किया है।

Sirakot Temple is located in the inner part of Sirakot Fort. It is situated 3 km from Didihat in Pithoragarh District. It was built by Reka kings. The shrine is dedicated to Lord Shiva and Bhairava. Now the temple is in ruin state. It offers a fascinating view of the Himalayas. Nearby destinations are Dharchula, Munsiyari and Askot. The nearest airbase is Pant Nagar Airport. The nearest railhead is at Tanakpur

सत्य साधक श्री विजेन्द्र पाण्डे गुरुजी का कहना है कि 
पीताम्बरी देवी की उत्पत्ति बगलामुखी देवी को ही पीताम्बरी देवी अथवा पीताम्बरा देवी कहा जाता है। यह देवी सृष्टि की दश महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। तंत्रशास्त्र में इस देवी को विशेष महत्व दिया गया है। अपनी उत्पत्ति के समय यह देवी पीले सरोवर के ऊपर पीले वस्त्रों से सुशोभित अद्भुत कांचन आभा से युक्त थी। इसीलिए साधकों ने इस देवी को ‘पीताम्बरी’ अथवा ‘पीताम्बरा’ देवी के नाम से भी सम्बोधित किया है। इस तरह यही बगलामुखी देवी पीताम्बरी देवी के रूप में जगत में पूजित, वन्दित एवं सेवित हैं।श्री राम पर भी इनकी असीम कृपा थी  इस बात पर संशय की जरा भी गुंजाइश नहीं है कि भगवती बगलामुखी देवी की श्रद्धा व विश्वास के साथ आराधना करने वाले साधक अपने विरोधियों तथा प्रतिद्वदियों पर सदैव विजय प्राप्त करने में समर्थ हो जाते हैं और दुखियों के दुःख दूर करने में भी सक्षम हो जाते हैं। आमतौर पर असाध्य रोगों व संकटों से छुटकारा पाने के लिए, दूसरों को अपने अनुकूल बनाने के लिए, हर तरह की विघ्न बाधाएं शान्त करने के लिए तथा नवग्रहों की शान्ति के लिए मॉ भगवती बगलामुखी का विधिपूर्वक किया जाने वाला अनुष्ठान अत्यधिक प्रभावशाली एवं तत्काल फलदायी माना गया है। अनुष्ठान या उपासना मत्र, तंत्र अथवा यंत्र किसी भी माध्यम से सम्पन्न करने पर यह देवी त्वरित व चमत्कारिक फल प्रदान करती हैं। देवी के साधक यह भी कहते हैं कि साधना यदि मंत्र व यंत्र का प्रयोग करते हुए की जाये तो इसमें सर्वाधिक सुखद एवं विशेष प्रभाव की अनुभूति होती है। फिर लोक कल्याण की भावना से की जाने वाली साधना का तो कहना ही क्या, देवी ऐसे साधकों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। इस सम्बन्ध में ग्रन्थकार कहते हैं-
‘बगला सर्वसिद्धिदा सर्वान कामानवाप्नुयात’ अर्थात देवी बगलामुखी का पूजन, वन्दन तथा स्तवन करने वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है

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