तत्कालीन सत्ता की नीतियों का विरोध करने वाले बद्रीदत्त पांडे नाम पर मीडिया सेन्टर का नामकरण
& TOP NEWS UTTRAKAND #तत्कालीन सत्ता की नीतियों का विरोध करने वाले # कुमाऊं परिषद संस्थापक तथा अल्मोड़ा अखबार के प्रकाशक # मीडिया सेन्टर का नामकरण कुमांऊ केसरी बद्रीदत्त पाण्डे के नाम पर किया गया www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) कुमाऊं परिषद संस्थापक सदस्य के नाम पर मीडिया सेन्टर का नामकरण
देहरादून 14 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर का नामकरण कुमांऊ केसरी बद्रीदत्त पाण्डे के नाम पर किए जाने पर मीडिया सेन्टर में उनके नाम की पट्टिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि श्री बद्रीदत्त पाण्डे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी रहे। जब भारत अंग्रेजों की गुलामी की दास्ता से त्रस्त था, उस समय अल्मोड़ा अखबार निकाला और उसके पश्चात् शक्ति समाचार पत्र के माध्यम से आजादी के आन्दोलन की अलख जगाई। उन्होने अपने लेखन के माध्यम से क्रांतिकारियों एवं देश के युवाओं को भारत की स्वतंत्रता के लिए जन आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। उत्तराखण्ड की पत्रकारिता के इतिहास में बद्रीदत्त पाण्डे का उल्लेखनीय योगदान रहा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मकर संक्रांति के बाद हमारे त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। मकर संक्रांति, उत्तरायणी, घुघुत्या त्योहार हमने हाल ही मे मनाए हैं। 1921 में मकर संक्रांति के दिन स्व0 बद्रीदत्त पांडे जी ने बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर कुली बेगार प्रथा के खिलाफ निर्णायक आंदोलन छेड़ा। पांडे जी की कुशल नेतृत्व और जज्बे के आगे अंग्रेजी हूकुमत ने घुटने टेके और मकर संक्रांति के दिन ही कुली बेगार प्रथा को खत्म करने का ऐलान किया।..कुली बेगारी के रजिस्टर सरयू नदी में बहा दिए गए…इस दिन सरयू क्षेत्र में जश्न मनाया गया..यह मकर संक्रांति बहुत खास थी…इसलिए मुझे दोगुनी खुशी है कि इस मीडिया सेंटर का नामकरण बद्रीदत्त पांडे जी के नाम से उसी मकर संक्रांति पर्व के दौरान हो रहा है, जिस दौरान 1921 में एक बड़ी सामाजिक बुराई का अंत किया गया था
इस अवसर पर सूचना सचिव श्री पकंज कुमार पाण्डेय, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट, मीडिया समन्वयक श्री दर्शन सिंह रावत, अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक श्री राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सुंजवां आर्मी कैम्प पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के हवलदार श्री राकेश चन्द्र रतूड़ी के बड़ोवाला स्थित आवास पर गये, उन्होने पुष्पचक्र अर्पित कर स्व0 रतूड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को ढाँढस बँधाते हुए उनके परिवार को राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि परिवार के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान की जायेगी।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक श्री गणेश जोशी, श्री विनोद चमोली, श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट ने भी शहीद राकेश चन्द्र रतूड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कौन थे बद्रीदत्त पांडे
कुमाऊं केसरी बद्रीदत्त पांडे एक प्रख्यात पत्रकार, इतिहासकार, समाजसेवी व स्वतंत्रता सेनानी थे। बद्री दत्त जी को कुली बेगार प्रथा को खत्म करने वाले नायक के रूप में भी जाना जाता है।
पांडे जी का जन्म 15 फरवरी 1882 को हरिद्वार में हुआ था लेकिन बाद में इनका परिवार अल्मोड़ा शिफ्ट हो गया था। 1903 से बद्रीदत्त जी पत्रकारिता के क्षेत्र में आए, और 1910 तक देहरादून में लीडर नाम के अखबार में काम किया। 1913 में अल्मोड़ा अखबार की शुरुआत की और आजादी के आंदोलन में योगदान दिया। इन्होंने अखबार के माध्यम से अंग्रेजों की नीतियों का खुलकर विरोध किया जिसके चलते कई बार अखबार को बंद होना पड़ा। बद्री दत्त जी ने 1917 में स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा देने के लिए कुमाऊं परिषद की स्थापना हुई। इसमें भारत रत्न पं.गोविंद बल्लभ पंत, बद्रीदत्त पांडे, तारा दत्त गैरोला, बद्री दत्त जोशी, प्रेम बल्लभ पांडे, बैरिस्टर मुकंदी लाल, इंद्र लाल साह, मोहन सिंह दरम्वाल रहे। इस दौरान कुमाऊं क्षेत्र में कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हुई।…1920 में महात्मा गांधी के नागपुर अधिवेशन में बद्रीदत्त पांडे के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल कुली बेगार अन्याय को लेकर मिला। 1921 में बद्रीदत्त पांडे ने कुमाऊं कमिश्नर के खिलाफ कुली बेगार प्रथा खत्म करने के लिए निर्णायक आंदोलन किया। मकर संक्रांति के दिन सरयू नदी के तट पर हजारों लोग पांडे के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एकजुट हुए। भारी जनदबाव के बीच कुमाऊं कमिश्नर को कुली बेगार के रजिस्टरों को सरयू नदी में प्रवाहित किया गया। इस आंदोलन के बाद बद्रीदत्त जी को कुमाऊं केसरी की उपाधि दी गई। इसके बाद भी बद्रीदत्त जी लगातार स्वतंत्रता के आंदोलनो में भाग लेते रहे…और समय समय पर जेल जाते रहे। 1921 मे एक साल, 1930 में 18 महीने, 1932 में एक साल और 1941 मे तीन महीने के लिए जेल में रहे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में गांव-गांव जाकर सत्याग्रहियों के साथ स्वाधीनता आंदोलन आगे बढ़ाते रहे। आजादी के बाद अल्मोड़ा में रहकर सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे..1957 के लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए। 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान अपने सारे मेडल और पुरस्कार सरकार को भेंट कर दिए। 13 फरवरी 1965 को उनका निधन हो गया
(2)मुख्य सचिव ने लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना का निरीक्षण किया
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने मंगलवार को लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना (300 मे0वा0) के कार्यस्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजना के पूर्व में निर्मित भूमिगत विद्युत गृह गुहा एवं बांध के दोनों पाश्र्वाें पर किये गये कार्यो का निरीक्षण किया। इस अवसर पर यूजेवीएन लि0 के अधिकारियों द्वारा लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना (300मे0वा0) एवं किशाउबहुउद्देशीय परियोेजना (660मे0वा0) पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। परियोजनाओं से उत्तराखण्ड एवं अपर यमुना रिवर बोर्ड के घटक राज्यों को होने वाले विभिन्न लाभों पर विस्तार से जानकारी दी गयी।
उसके बाद मुख्य सचिव ने व्यासी परियोजना (120 मे0वा0) के हथियारी पाॅवरहाउस व व्यासी बाॅध का निरीक्षण किया। निगम अधिकारियों से कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होने व्यासी परियोजना को समय से पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये।
इस अवसर पर यूजेवीएन लिमिटेड के श्री एस0 एन0 वर्मा, प्रबन्ध निदेशक, श्री संदीप सिंघल, निदेशक (परियोजनायें), श्री राजीव अग्रवाल, अधिशासी निदेशक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी गण मौजूद रहे।
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प्रमुख सचिव उत्तराखण्ड श्री आनन्द वर्द्धन ने आयुक्त खाद्यान्न, संभागीय खाद्य नियंत्रक (गढ़वाल एवं कुमांयू सम्भाग), अपर निबन्धक उत्तराखण्ड राज्य सहकारी विपणन संघ, क्षेत्रीय प्रबंधक केन्द्रीय/राज्य भण्डारण निगम, जिलाधिकारी उधमसिंह नगर, हरिद्वार, पौडी , देहरादून , नैनीताल , चम्पावत तथा निदेशक मण्डी परिषद उत्तराखण्ड को जारी आदेश में रबी विपणन सत्र 2018- 19 में मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत गेहूं की खरीद की व्यवस्था के संबन्ध में समय सारणी के अनुसार आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जारी आदेश में वित नियंत्रक नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग उत्तराखण्ड को 31 मार्च तक सभी क्रय केंन्द्र खोलने एवं उनके सुचारू रूप से संचालन हेतु आवश्यक वितीय व्यवस्था एवं सी0 सी0 एल0 के माध्यम से धनराशि की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने एक अन्य आदेश में आयुक्त गढवाल एवं कुमांऊ,आयुक्त खाद्य, जिलाधिकारी उधमसिंह नगर, हरिद्वार, पौडी , देहरादून , नैनीताल , चम्पावत तथा निदेशक मण्डी परिषद एवं निदेषक कृषि उत्तराखण्ड संभागीय खाद्य नियंत्रक (गढ़वाल एवं कुमांयू सम्भाग) को रबी विपणन सत्र 2018-19 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूं की खरीद की दिशा निर्देश दिये हैं।
(4)देहरादून 14 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)
रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए पूरे क्षेत्र को 15 सेक्टरों में बांटा गया है। इसके लिए तत्काल और दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाई गई है। विशेष सफाई अभियान की शुरूआत रविवार से की जायेगी। इसके बारे में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विचार-विमर्श किया। वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल निगम, एम.डी.डी.ए., नगर निगम और ईको टास्क फोर्स के प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कार्ययोजना पर प्रकाश डाला गया। बताया गया कि शिखर फाॅल से लेकर मकडैत, मकडैत से लेकर राजपुर हैड, राजपुर हैड से शहंशाई आश्रम, काठ बंगला से लेकर तपोभूमि, नारी निकेतन से लेकर एसटीपी दौडवाला, दौडवाला से लेकर संगम (जहां पर रिस्पना नदी सुसवा नदी में मिलती है) तक की कार्ययोजना विस्तार से बताई गई। सिंचाई विभाग दो बैराज के अलावा कई जलाशयों का निर्माण करेगा। जल निगम जो नाले रिस्पना नदी में गिर रहे उन्हें ट्रंक सीवर में डालेंगे। इसके अलावा 180 बड़े नालों को भी सीवर लाईन से भी जोड़ेगें। तत्काल कार्ययोजना के अन्तर्गत रिस्पना नदी के आसपास बने हुए घरों से कूड़े का डोर टू डोर कलेक्शन करेंगे। नगर निगम विशेष सफाई अभियान चलायेगा। एमडीडीए रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट का कार्य करेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री आनन्द वर्धन, सचिव पेयजल श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, वीसी एमडीडीए श्री आशीष श्रीवास्तव, नगर आयुक्त विजय जोगदंडे, जिलाधिकारी एस.ए.मुरूगेशन, ईको टास्क फोर्स से कर्नल एच.आर.एस. राणा, लेफ्टिनेंट कर्नल योगेन्द्र सहित अन्य अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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HARDWAR NEWS
हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत एवं सीडीओ स्वाती भदौरिया की उपस्थिति में प्रभारी सचिव भारत सरकार श्रीमती ज्योत्सना सिटलिंग के समक्ष जिला स्तरीय अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट सभागार में नीति आयोग के निर्देशों के क्रम में जिले में पिछडे़ आंकड़ों पर अपनी प्रजेंटशन दी।
भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के दो जिलांे हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, फाइनेंशियल इंक्लुजन, रोजगारपरक कौशल विकास, मूलभूत निर्माण की दृष्टि से अति पिछड़े जनपदों की श्रेणी में रखा है। जिले को इन सभी श्रेणियों सुधार करने के उद्देश्य से नीति आयोग की ओर से प्रभारी सचिव भारत सरकार ने जिलाधिकारी एवं सीडीओ से जिले की प्रगति में आ रही बाधाओं और उनके समाधान के लिए इन विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से रियल टाइम माॅनिटरिंग कराये जाने के निर्देश दिये थे। निर्देशों के क्रम में सभी विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयध्यक्षों ने जनपद के पिछड़ने के कारणों, प्रगति में आ रही चुनौतियांे व सुधार की दिशा में किये जाने वाले उपायों सहित अपनी प्रजेंटेशन प्रभारी सचिव भारत सरकार श्रीमती ज्योत्सना सिटलिंग के समक्ष प्रस्तुत की।
श्रीमती सिटलिंग ने कहा कि सभी विभाग अपने लक्ष्य, एचीवमेंट के वास्तविक अद्यतन आंकड़े ही प्रजेंटेशन में प्रस्तुत किये गये। प्रभारी सचिव श्रीमती ज्योत्सना ने सभी विभागों की प्रजेंटेशन देखकर अधिकारियों को सम्बोधित किया कि हरिद्वार जिले को अति पिछड़े जिलो की श्रेणी से निकालने के लिए भारत सरकार, उत्तरखण्ड शासन जिलाधिकारी एवं सीडीओ हरिद्वार सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को टीम बनकर काम करना है। सभी का लक्ष्य हरिद्वार की उन्नति और विकास है। सभी व्यक्तिगत और सामुहिक रूप् से इसमें अपना योगदान देेंगे। जिले की समस्याओं और कमजोरियों को छुपाकर नहीं सामने रखकर समाधान तलाशने हैं। जमीनी स्तर पर काम करने वाले जिला स्तरीय अधिकारी कंेद्र के समक्ष अपनी समस्या रखने में सबसे अहम कड़ी हैं। अपने स्तर से सुधार के लिए योजना बनाये व समय-समय पर अवगत करायें।
मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री आरडी शर्मा ने बताया कि कक्षा आठ के बाद विद्यालय छोड़ देने वाले छात्रों का प्रतिशत अधिक होने के कारण आंकड़े खराब हैं, कारण बताते हुए कहा कि कक्षा आठ के बाद भोजन, पुस्तक, गणवेश की व्यवस्था निःशुल्क न होने की वजह से भी कमजोर आय वर्ग के छात्र आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं करते इसके परिवार द्वार इन छात्रों को आय अर्जित करने के लिए योग्य समझ लिया जाना भी बड़ी समस्या है। वहीं सरकारी विद्यालयों के छात्रों का गणित, अंग्रेजी व कम्प्यूटर में पिछड़ने के कारणो में सभी विद्यालयों में गणित के शिक्षको का तैनात न होना, अन्य विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी। सचिव ने जिले के सभी विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की संख्या एवं योग्यता का विस्तृत विवरण भी 25 दिन के भीतर आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने मदरसा एवं आईटीआई के छात्रों की समक्षता एवं मान्यता भी राज्स सरकार से स्पष्ट करने की बात कही।
सीएमओ अशोक कुमार गैरोला ने गर्भवती महिलाओं के पंजिकरण के डाटा संकलन का प्रतिशत खराब होने के कारण बताते हुए कहा कि उक्त डाटा संकलन करने का कार्य आशा और एएनए द्वारा किया जाता है। जिले में प्रति हजार की आबाद पर एक आशा कार्य करती है, जिसके हिसाब से हमारे पास 2100 आशायें होनी चाहिए जिनके सापेक्ष 1400 आशायें ही कार्य कर रही हैं। कुछ क्षेत्रों में आशाओं की कमी है। एएनएम और आशाओं के पदों को बढ़ाने व भर्तिया करने की मंजूरी उत्तरखण्ड शासन और एनएचम से ही सम्भव है। प्राइवेट चिकित्सालयों में प्रसव कराने के कारण भी, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं, जन्म-मृत्यु दर, आदि के वास्तविक डाटा संकलन नहीं हो पाता है। सरकारी चिकित्सायलयों से बचाने का एक मुख्य कारण लेबर रूम में चिकित्सकों का आदर्श व्यवहार में कमी पाया जाना भी बताया। जिस पर सचिव ने सभी गायनिक को स्पष्ट निर्देश देकर मनयोग से कार्य करने के निर्देश जारी किये जाने तथा जिलाधिकारी के स्तर से सभी निजि चिकित्सालयों को उनके यहां होने वाली डिलिवरी की मासिक रिपोर्ट भेजने के लिए निर्देशित करने की बात कही।
कृषि एवं उद्यान पशु कल्याण, आईसीडीएस, बेसिक इंफ्रास्टक्चर, कौशल विकास के लिए विभागीय अधिकारियों ने अपनी प्रजेंटेशन सचिव भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की।
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CHAMOLI NEWS
चमोली 14 फरवरी,2018(सू0वि0)
सुरक्षित यातायात के लिए सड़कों पर चिन्हित ब्लैक स्पाॅटों तथा डेंजर मोडों पर क्रैश बैरियर, पैराफीट, रिफ्लेक्टर तथा वाइट लाइन की मार्किंग करने के साथ ही चिन्हित संवेदनशील सड़क दुर्घटना स्थलों पर आवश्यक सुरक्षा उपाय करना सुनिश्चित करें तथा संबधित क्षेत्र के एसडीएम व तहसीलदार सड़क पर किये गये सुरक्षा कार्यो की जाॅच करना सुनश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी आशीष जोशी ने जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की द्वितीय बैठक लेते हुए सभी संबधित अधिकारियों को दिये।
बैठक में जिलाधिकारी ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को जनपद में विगत 03 वर्षो में हुई सड़क दुघर्टओं का विवरण जिसमें नेचर आॅफ एक्सीडेंट, वाहन का प्रकार, वाहन चालक की उम्र आदि की डिटेल शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके साथ उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिला स्तर पर टैक्सी यूनियन संचालकों के पदाधिकारियांे की सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यशाला आगामी बुधवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित करायी जाय। उन्होंने टैक्सी यूनियन से कहा कि वे ओवर लोंडिग एवं वाहन के छत में किसी भी दशा में सवारियों को न बिठायें तथा अपने यूनियन के अधीन सभी वाहन चालकों को यह भी अवगत कराने को कहा कि वाहन को हमेशा सड़क पर पहाड के साइड़ में बैक करें। उन्होंने कहा कि वाहन चालक सड़क पर खड्ड साइड की तरफ अपने वाहन को बैक करने के कारण वाहन दुघर्टना की संभावना रहती है।
उन्होंने सभी प्रमुख सड़कों पर चिन्हित ब्लैक स्पाॅटों पर आवश्यक सुरक्षा उपाय करने तथा कार्यदायी संस्थाओं को आवश्यक मरम्मत कार्य पूरा करने को कहा। उन्होंने दुर्घटना संभावित स्थलों तथा संकरे सड़क मार्गो पर पैराफिट एवं चेतावनी के लिए साइनबोर्ड तथा सिंगल लाइन सड़कों के किनारे सफेद पट्टी लगाने को कहा। दुर्घटना वाले स्थलों पर आवश्यकता के अनुसार रोड़ साइनेज, रिफ्लेक्टिंग पोल, क्रेश बैरियर, पैराफीट एवं फाॅग लाइन लगाने एवं मार्गो पर सूचनात्मक, आदेशात्मक एवं प्रतिषेधात्मक रोड़ साइनेज लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने गोपेश्वर-चोपता सड़क किनारे ओएफसी केबिल विछाने के लिये की जा रही खुदाई के कारण सडक पर बने गड्डों को 15 दिन के भीतर भरने तथा सड़क को साफ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि खराब सड़क के कारण दुर्घटना घटी तो संबंधित विभाग की पूर्ण जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही आॅल वेदर रोड निर्माण हेतु पेड कटान के दौरान सड़कों पर पडी लकडी शीघ्र उठाने के निर्देश वन विभाग को दिये।
उन्होंने नगरपालिका क्षेत्रों में सडकों के किनारे अनधिकृत दुकानों, फड, अवैध अतिक्रमण को हटाने के सख्त निर्देश ईओ नगर पालिकाओं को दिये तथा सड़कों के किनारे लगे अवैध होर्डिगों को शीघ्र हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही नगर क्षेत्र में सड़कों के किनारे जगह-जगह रखी भवन निर्माण सामग्री को भी हटाने को कहा। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सड़क सुरक्षा के संबध में स्कूल एसेंम्बली में छात्रों को जागरूक करने, सड़क सुरक्षा विषय पर प्रतियोगिताएं एवं एआरटीओ को स्कूलों में सड़क सुरक्षा की जानकारी हेतु बैनर, पोस्टर लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्यटक स्थलों पर शराब प्रचलन पर उप जिलाधिकारियों को पैनी नजर व समय-समय पर चैकिंग के निर्देश भी दिये।
बैठक में पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, एआरटीओ पंकज श्रीवास्तव, एसडीएम योगेन्द्र, एसडीएम केएन गोस्वामी, एसडीएम परमानंद राम, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड सहित एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, नगर पालिका व नगर पंचायत आदि विभागों के संबधित अधिकारी उपस्थित थे।
गुरुवार, 15 फरवरी को अमृत गंगा पेयजल योजना गोपेश्वर पर रफ्निंग फिल्टर संयोजन का कार्य किया जाना है। जिसके चलते गोपेश्वर नगर क्षेत्र में 15 फरवरी को सुबह 10ः00 से सायं 5ः00 बजे तक जलापूर्ति पूरी तरह से बाधित रहेगी। इस आशय की जानकारी देते हुए अधिशासी अभियंता पेयजल निगम वीके जैन ने अमृत गंगा पेयजल योजना से सतृप्त होने वाले सभी उपभोक्ताओं को सूचित करते हुए उक्त अवधि के दौरान अपने लिए पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था करने की अपील की है।
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