बार कौंसिल आॅफ इंडिया की आलोचना की
भीमसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू न करने में बार कौंसिल आॅफ इंडिया की आलोचना की
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्टेट लीगल एड कमेटी के कार्यकारी चेयरमैन प्रो.भीमसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बार कौंसिल ऑफ इंडिया के जम्मू-कश्मीर बार कौंसिल स्थापित करने के लिए चुनाव कराने में विफल पर उसकी आलोचना की।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मेरी (भीमसिंह) याचिका पर 6 फरवरी, 2017 को बार कौंसिल ऑफ इंडिया को जम्मू-कश्मीर बार कौंसिल के चुनाव कराए जाने का आदेश दिया था।
जम्मू-कश्मीर में शुरू से ही बार कौंसिल नहीं है, क्योंकि बार काउंसिल आॅफ इंडिया ने वहां इसे स्थापित ही नहीं और शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जम्मू-कश्मीर की तथाकथित बार कौंसिल के अध्यक्ष होते हैं। प्रो.भीमसिंह ने 2013 में अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर बार कौंसिल स्थापित करने में हस्तक्षेप करने का अदालत से अनुरोध किया था, जिसके बाद 6 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि आज से लेकर दो महीने के अन्दर बार कौंसिल के चुनाव कराए जाने चाहिए।
प्रो.भीमसिंह ने एक हस्तक्षेपकर्ता के तौर पर बार कौंसिल ऑफ इंडिया के उदासीन रवैये के संदर्भ में रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में शुरू से ही बार कौंसिल नहीं है, क्योंकि बार काउंसिल आॅफ इंडिया ने वहां इसे स्थापित ही नहीं और शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जम्मू-कश्मीर की तथाकथित बार कौंसिल के अध्यक्ष होते हैं। प्रो.भीमसिंह ने 2013 में अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर बार कौंसिल स्थापित करने में हस्तक्षेप करने का अदालत से अनुरोध किया था, जिसके बाद 6 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि आज से लेकर दो महीने के अन्दर बार कौंसिल के चुनाव कराए जाने चाहिए।
वरिष्ठ वकील प्रो.भीमसिंह ने अदालत को बताया कि बार कौंसिल ने इस आदेश को लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और ना ही इससे संबंधित कोई भी रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर का वकील समुदाय शुरू से ही अपने मौलिक अधिकारों से वंचित है। उन्होंने कहा बार कौंसिल ऑफ इंडिया का यह रवैया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जम्मू-कश्मीर बार कौंसिल के चेयरमैन होने के नाते बार कौंसिल आॅफ इंडिया के चैयरमैन के अधीन अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar, Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media 9412932030 Our Bureau: