बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना ;43 करोड़ जारी खर्च 32
11 करोड से ज्यादा खर्च ही नही कर पाये- 43 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, लेकिन 32.69 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके. #संसद में महिलाओं की मर्यादा का सम्मान नहीं किया जाता तो सड़क पर उनकी क्या हालत होगी #Top Breaking; www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के लिए वित्त वर्ष 2016-17 में 43 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, लेकिन 32.69 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके. लोकसभा में दिनेश त्रिवेदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इसके साथ ही लोकसभा सरकार ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ में थे जबकि 78 उपक्रमों को नुकसान उठाना पड़ा. कुमार ने कहा कि इस योजना के लिए 2016-17 में कुल 43 रुपये की राशि जारी की गई और 32.69 करोड़ रुपये खर्च हुए. मंत्री ने कहा कि लिंगानुपात घटने की समस्या पर अंकुश लगाने के मकसद से शुरू की गई इस योजना की पिछले तीन वर्षों में काफी सराहना हुई है और जिला स्तर पर इस संदर्भ में कई कदम भी उठाए गए हैं.
संसद में महिलाओं की मर्यादा का सम्मान नहीं किया जाता तो सड़क पर उनकी क्या हालत होगी
प्रधानमंत्री की पिछले दिनों की गई टिप्पणी से आहत कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने आज कहा कि जब संसद में महिलाओं की मर्यादा का सम्मान नहीं किया जाता तो सड़क पर उनकी क्या हालत होगी और ऐसे में निर्भया कोष की जरूरत ही क्या है। उन्होंने राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट में निर्भया कोष में कमी की गयी है। चौधरी ने कहा कि इस कोष की शुरूआत पीड़ित महिलाओं को राहत और सम्मान देने के लिए की गयी थी। लेकिन जहां तक महिलाओं की मर्यादा का सवाल है प्रधानमंत्री ही इस सदन में एक महिला की बेइज्जती करते हैं और गृह मंत्री जिनकी जिम्मेदारी सबकी सुरक्षा करने की हैं वह उस बयान को ट्वीट करते हैं तो महिला की क्या मर्यादा बचती है। उन्होंने कहा कि यह हालात संसद में है तो सड़क पर क्या हालात होंगे। सरकार आंकड़े दिखाती है आंकडों से कुछ नहीं होता महिलाओं की मर्यादा बनाये रखने के लिए इच्छा शक्ति होनी चाहिए। राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जब पीएम राज्यसभा में जवाब दे रहे थे तो उनकी एक बात पर रेणुका चौधरी जोर-जोर से हंसी इस पर मोदी ने एक टिप्पणी की थी जिसका कांग्रेस ने काफी विरोध किया है।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ में थे जबकि 78 उपक्रमों को नुकसान उठाना पड़ा. लोकसभा में लल्लू सिंह, एम बी राजेश और कौशल किशोर के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने यह जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ की स्थिति में थे जबकि 78 उपक्रमों को हानि हुई. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में एक केंद्रीय उपक्रम ऐसा रहा जिसे कोई लाभ या हानि नहीं हुई. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में पिछले साल के आखिर तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कल कुल 99,25,220 करदाता पंजीकृत हुए जिनमें 35,15,928 नए करदाता शामिल हैं. लोकसभा में चंद्रकात खैरे के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘‘31 दिसंबर, 2017 की स्थिति के अनुसार जीएसटी के अंतर्गत 99,25,220 करदाता पंजीकृत हैं जिनमें पहले से मौजूद 64,09,292 करदाता शामिल हैं. 35,15,928 करदाताओं ने जीएसटी के तहत नया पंजीकरण कराया है.’’ मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2017 तक केंद्रीय जीएसटी के तहत 1,09,661.20 करोड़ और राज्य जीएसटी के तहत 1,67,730.71 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ.
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