भाजपा के इस नियम से- उत्तराखण्ड में खण्डूडी, कोश्यारी रिटायर
भाजपा के नियमो से उत्तराखण्ड के वरिष्ठ भाजपा नेताओं का नाम पीछेे हटा तो युवा तुर्क ने बाजी मार ली, उत्तराखंड से अजय टम्टा होगे मोदी सरकार में मंत्री, हालांकि भगत सिंह कोश्यारी का नाम भी आरसएस नेे सुझाया है, परन्तु उम्र के नियमों में उनको ढील दी गयी तो नाम तो उनका भी है, जबकि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि पार्टी की जहां भी सरकारें हैं वहां पर 75 वर्ष से ज्यादा के किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद पर नहीं रखा जाएगा। बीजेपी ने अपने सभी मंत्री जिनकी उम्र 75 से ज्यादा है, को इस्तीफा देने के लिए कहा था। पार्टी हाईकमान का इस्तीफा देने का फरमान व उस पर अमल भाजपा राज्यों में भी शुरू कर दिया गया है- भाजपा के इस नियम से उत्तराखण्ड में अब खण्डूडी तथा कोश्यारी भाजपा से रिटायर मान लिये जाने चाहिए- विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के कई चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. एक्सक्लूसिव रिपोर्ट- (www.himalayauk.org) Himalaya Gaurav Uttrakhand Bureau;
भाजपा ने बढती उम्र के अपने नेताओं/ मंत्रियों को जबरन रिटायर करना शुरू कर दिया हे, मंत्री पद से हटाये गये नेताओं ने कहा कि पार्टी हाईकमान को यह संदेश पहुंचा दिया जाए कि चुनाव में उम्र नहीं बल्कि काम जीत दिलाता है. इस फार्मूले के लागू होने से उत्तराखण्ड में श्री बीसी खण्डूडी तथा भगत सिंह कोश्यारी रिटायर हो चुके हैं, इनको केन्द्र तथा प्रदेश में मंत्री नही बनाया जा सकता,
उत्तराखण्ड भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा सांसद पौडी गढवाल बीसी ,खण्डूडी की उम्र 82 हो चुकी है, इसलिए अब वह भाजपा में मंत्रि या मुख्यमंत्री बनने के लायक नही रह गये हैं, उनके अलावा श्री भगत सिंह कोश्यारी की जन्म तिथि 17 जून 1942 है, इस लिहाज से वह 74 वर्ष के है, वह भी भाजपा में मंत्री या मुख्यमंत्री नही बनाये जा सकते, यह फार्मूला भाजपा ने प्रदेशों में तथा केन्द्र में लागू किया है, इसी के तहत मध्य प्रदेश में बाबू लाल गौर तथा सरताज सिंह को मंत्री पद से हटा दिया गया, वही नजमा हेपतुल्ला अब 71 साल की हो गई हैं., उनको भी हटाये जाने के संकेत दे दिये गये हैं, इस तरह देखा जाय तो उत्तराखण्ड में सांसद अजय टम्टा, सांसद डा0 पोखरियाल निशंक तथा टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह जिनकी जन्म तिथि 23 अगस्त 1950 है, तथा अजय टम्टा की जन्म तिथि 16 जुलाई 1972 के हिसाब से 43 वर्ष है, वही डा0 निशंक की जन्म तिथि 15 अगस्त 1959 है, तीन सांसद ही प्रदेश या केन्द्र में अपनी पारी खेल सकते हैं,
उत्तराखण्ड में बीसी खण्डूडी को मुख्यमंत्री पद तथा केन्द्रीय मंत्री पद की कुर्सी नही मिल पायेगी, उनकी जन्म तिथि 1934 है- वही श्री भगत सिंह कोश्यारी की जन्मतिथि 17 जून 1942 है, यह दोनों नेता भाजपा के फार्मूले के अनुसार रिटायर हो चुके हैं, मध्य प्रदेश के जबरन रिटायर किये गये नेताओं ने कहा कि पार्टी हाईकमान को यह संदेश पहुंचा दिया जाए कि चुनाव में उम्र नहीं बल्कि काम जीत दिलाता है.
नजमा हेपतुल्ला अब 71 साल की हो गई हैं. बीजेपी पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 75 साल से अधिक के नेताओं से किनारा करने वाली है. ऐसे में नजमा का पत्ता भी कट सकता है. हालांकि इसका सीधा फायदा मुख्तार अब्बास नकवी को होने वाला है. इसी फामूर्ले के तहत मध्यओ प्रदेश में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में गुरुवार को 9 नए चेहरे शामिल किए गए. बाबू लाल गौर की कुर्सी जबर्दस्तीं छीन ली गयी, काफी ना-नुकुर करने के बावजूद राज्य के लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह ने अपना इस्तीफा दिया. दोनों ही मंत्री 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं. ज्यादा उम्र की वजह से बीजेपी ने इन्हें इस्तीफा देने के निर्देश दिए थे. इस बात का दोनों मंत्रियों ने विरोध किया था, बाबूलाल ने इस्तीफा न देने का फैसला किया था. मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नाराज मंत्रियों ने जिसमें बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह ने प्रदेश प्रभारी डॉक्टर विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान को खरी-खरी सुनाई. सरताज सिंह ने दोनों नेताओं से कहाकि पार्टी हाईकमान को यह संदेश पहुंचा दिया जाए कि चुनाव में उम्र नहीं बल्कि काम जीत दिलाता है.
दो साल के कार्यकाल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में विस्तार की चर्चा जोरों पर है. आगे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, लिहाजा मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं तो कईयों की छुट्टी भी तय है. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया से पहले पीएम मोदी गुरुवार को अपने मंत्रियों की अप्रेजल मीटिंग लेने वाले हैं. इस दौरान मंत्री कामकाज का हिसाब देंगे. बिहार के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की कुर्सी पर गाज गिर सकती है. इसके अलावा उपराष्ट्रपति बनने की ‘तैयारी’ में जुटीं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला से भी मंत्री पद छिन सकता है. जबकि निहालचंद की भी कुर्सी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक नई कैबिनेट में इलाहाबाद से सांसद श्यामा चरण गुप्ता को जगह मिल सकती है, जबकि जबलपुर से सासंद राकेश सिंह, बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, बीजेपी महासचिव ओम माथुर और विनय सहस्त्रबुद्धे को भी मोदी सरकार की कोर टीम में शामिल किया जाएगा. दूसरी ओर, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नई कैबिनेट में असम को भी एक सीट दी जाएगी. जबकि मुख्तार अब्बास नकवी का प्रमोशन भी तय है.
पार्टी ने बिहार चुनाव के मद्देनजर गिरिराज सिंह को मंत्रीमंडल में जगह दी थी. राज्य में चुनाव के दौरान गिरिराज को खुली छूट भी मिली थी, लेकिन इसका कोई खास फायदा बीजेपी को नहीं मिला. जबकि अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण गिरिराज पार्टी को बैकफुट पर भी ले गए. ऐसे में नए फेरबदल में उनकी छुट्टी तय मानी जा रही है.
दूसरी ओर, नजमा हेपतुल्ला अब 71 साल की हो गई हैं. बीजेपी पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 75 साल से अधिक के नेताओं से किनारा करने वाली है. ऐसे में नजमा का पत्ता भी कट सकता है. हालांकि इसका सीधा फायदा मुख्तार अब्बास नकवी को होने वाला है. उन्हें अल्पसंख्यक चेहरा होने का लाभ मिलने वाला है. साथ ही वह यूपी से भी हैं, जहां आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं.
आरएसएस से ली गई सहमति
कैबिनेट में फेरबदल का यह फैसला पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की आरएसएस नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया. बताया जाता है कि सरकार ने संघ प्रमुख से नए मंत्रियों के नाम पर सहमति ले ली है. हालांकि अभी इस ओर सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं, क्योंकि आने वाले दिनों प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह एक अहम बैठक करने वाले हैं, जिसमें नामों को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा.
सूत्र बताते हैं कि बैठक में मंत्री पीएम को अपने अब तक केकामकाज का ब्योरा और उपयोगिता का हिसाब देंगे. यही नहीं, 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है, लिहाजा मीटिंग में मानसून सत्र की रूपरेखा भी तय होगी. यह बैठक शाम 4 बजे होनी है.
मोदी से मिले शाह और जेटली
बता दें कि इस अहम बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने आवास पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की है. सूत्रों ने बताया कि इस दौरान तीनों नेताओं के बीच पार्टी और सरकार की नीतियों को लेकर चर्चा हुई.
दूसरी ओर, गुरुवार शाम की बैठक के लिए मंत्री लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं. सभी मंत्रियों को कामकाज का प्रजेंटेशन देना है और इसके लिए सभी को एक निश्चित समय-सीमा दी जाएगी.
सूत्र बताते हैं कि शाह और प्रधानमंत्री दोनों इस बात पर सहमत हैं कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के कई चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. मोदी कैबिनेट में अभी तक कोई भी उत्तराखंड की नुमाइंदगी नहीं कर रहा. पार्टी सूत्रों से खबर मिली है कि यूपी से योगी आदित्यनाथ, सत्यपाल सिंह और साध्वी सावित्री फूले के नाम की चर्चा है, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू, असम से रामेश्वर तेली और भगत सिंह कोशियारी, जबकि उत्तराखंड से अजय टम्टा को अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.