बिहार की राजनीति में इस वक्त भूचाल
बिहार की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मियों द्वारा सचिवालय में पत्रकारों को पीटने की खबर सामने आई है. इस घटना में कई पत्रकारों को चोट लगी है.
मारपीट की इस घटना से कुछ देर पहले तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए थे. तेजस्वी यादव के बैठक से बाहर निकलने के बाद यह पूरी घटना हुई.
इस बीच पटना सचिवालय में मीडिया वालों के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सुरक्षाकर्मियों ने बदसलूकी की है. दरसअल जब तेजस्वी यादव कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेने जा रहे थे उस वक्त मीडिया वालों ने सवाल पूछना चाहा तो उन्होंने कहा कि बैठक से वापस आकर बात करेंगे.
इसके बाद जब तेजस्वी यादव बैठक से बाहर निकले तब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछना चाहा. इसी दौरान तेजस्वी के स्पेशल ब्रांच वाले सुरक्षाकर्मी मीडिया वालों से धक्कामुक्की करने लगे. इसके बाद सुरक्षाकर्मी एक कैमरा मैन को खींचते हुए नीचे ले गए और उसके साथ मारपीट की गयी.
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, ”जो हुआ वो गलत है, पत्रकार और राजनेता एक दूसरे के पूरक हैं. आसे सुरक्षाकर्मियों की पहचान करके उन पर कार्रवाई की जाएगी. अब कैबिनेट की बैठक सचिवालय में नहीं योजना भवन में होगी.”
लालू और उनके परिवार पर लगे आरोपों और सीबीआई और ईडी के छापों के बाद बिहार की राजनीति में आए उफान के बीच आज जब नीतीश की कैबिनेट की बैठक हुई तो उसमें सीएम के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शरीक रहे. कैबिनेट की मीटिंग महज़ 25 मिनट ही चली. कैबिनेट मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव जमकर मोदी और अमित शाह पर बरसे, लेकिन नीतीश खामोश ही रहे.
वही दूसरी ओर
बिहार में लालू यादव के घर पर सीबीआई के छापों के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि तेजस्वी यादव इस्तीफा दे दें लेकिन खबर है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा देंगे तो आरजेडी के सभी मंत्री भी इस्तीफा देंगे.
आज नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक की जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. बैठक से निकलने के बाद नीतीश तो कुछ नहीं बोले लेकिन तेजस्वी ने कहा कि सीबीआई के छापों के पीछे बीजेपी की साजिश है.
नीतीश कुमार ने भले ही अब तक सीधे तेजस्वी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं के बयान बहुत कुछ कह रहे हैं. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, ”इशारों को समझो, राज को राज रहने दो कल की बैठक में साफ निर्णय हुआ भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं होगा.”
नीतीश के सामने विकल्प क्या हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से नीतीश के पास तीन विकल्प हैं. पहला- नीतीश लालू को समझाए की तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए. दूसरा- अगर इस्तीफा नही देंगे तो बर्खास्त करना मज़बूरी होगी हालांकि ये अंतिम फैसला होगा. ये तब सम्भव है जब नीतीश गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लें. तीसरा रास्ता- जैसे चल रहा है चलने दें, लेकिन यहां नीतीश के सामने चुनौती है.
नीतीश की पार्टी के अनेक नेताओं की राय लालू से अलग हो जाने की है. बैठक में नेताओं ने लालू के साथ होने से हो रहे नुकसान के बारे में बताया. नीतीश के लिए राहत की बात ये है कि उनके लिए एनडीए के भी दरवाज़े खुले हैं.
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