बीजेपी का नमामि आम्बेडकर, शंकराचार्य के कडुुुुवे बोल-हिन्दू विरोधी बताया
भाजपा दलित वोट को साधने में जुट गई है. #भाजपा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में ‘‘अजेय भाजपा’’ के नारे को अंगीकार किया गया है # अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून भारतीय समाज में विघटन का कारण बनेगा- # इस कानून से वर्ग भेद होगा और देश बहुत पीछे चला जाएगा. शंकराचार्य # Presented by- हिमालयायूके- www.himalayauk.org
2019 का महाभारत प्रचंड बहुमत से जीतने के लिए बीजेपी दिल्ली में महामंथन कर रही है. पार्टी की नजर शोषितों की सबसे बड़ी आवाज रहे बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर है. कार्यकारिणी स्थल पर अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरें प्रमुखता से लगाई गयी हैं. इस महामंथन में सवर्ण बनाम शोषित मामले को लेकर टेंशन में चल रही बीजेपी नई राह निकालने की कोशिश करेगी. दलितों की नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा तमाम तरह की कवायद कर रही है. हालांकि सवर्ण समुदाय के वोट को लेकर भाजपा बेफिक्र है क्योंकि उसे भरोसा है कि कोई अन्य पार्टी उसमें सेंधमारी नहीं कर सकती. दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या, आरक्षण और एससी/एसटी एक्ट में बदलाव संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित और आदिवासियों में सरकार के रवैये के खिलाफ एक भावना विकसित हुई. कई अन्य मुद्दों पर भी दलितों में नाराजगी देखने को मिली और इसका नतीजा यह हुआ कि दलितों का 2 अप्रैल को देशव्यापी भारत बंद का असर देखने को मिला था.
इन्हीं मुद्दों के सहारे राहुल गांधी और मायावती समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया था. फिलहाल दलितों की इस नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा तमाम तरह की कवायद कर रही है. हालांकि सवर्ण समुदाय के वोट को लेकर भाजपा बेफिक्र है क्योंकि उसे पता है कि वह इधर-उधर जाने वाला नहीं है.
बहरहाल, देश में सवर्ण समुदाय की आबादी करीब 15 फीसदी है. ये भाजपा का मूल वोट बैंक माना जाता है. एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण जातियों के प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन कर अलग संदेश देने की कोशिश की है
लोकसभा चुनाव मार्च या अप्रैल 2019 में हो सकते हैं. इस तरह भाजपा नई टीम के साथ चुनाव में नहीं उतरना चाहती. इसलिए उसने मौजूदा टीम को ही बनाए रखने का फैसला लिया है. एक वजह यह भी है कि शाह बीजेपी के सबसे सफल अध्यक्ष रहे हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी का ग्राफ लगातार बढ़ा है. बीजेपी की बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव अमित शाह के नेतृत्व में लड़े जाने का फैसला लिया गया. यानि अमित शाह जनवरी 2019 के बाद भी अध्यक्ष बने रहेंगे.
शनिवार को पदाधिकारियों की बैठक से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सबसे पहले संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए. इसके जरिये भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की कि भगवा पार्टी सिर्फ सवर्णों की नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को अहमियत देने वाली है.
शंकराचार्य के कडुुुुवे बोल-हिन्दू विरोधी बताया
शंकराचार्य ने अजा, अजजा कानून के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक को आड़े हाथ लिया. उन्होंने इन दोनों बड़े नेताओं सहित भारतीय जनता पार्टी और उनके नेतृत्व की सरकार के इस कार्य को हिन्दू विरोधी बताया.अजा, अजजा कानून के मुद्दे पर देशभर के साधको, गुरूजनो, विद्वानो में भी उबाल आ गया है- इनका यह उबाल भारी पडेगा- विगत दिनो हिमालयायूके कार्यालय पहुंचे मॉ बगुलामुखी पीताम्बरी माई के साधक परम आदरणीय श्रीमान बिजेेेेन्द्र जी पाण्डे ने कहा कि जब जब सत्ताधीशो द्वारा सत्ता के मद में ब्राहमणो,विद्वानो की उपेक्षा की गयी,इसका फल भोगना पडा है,
मथुरा: द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संशोधित रूप में लाया गया अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून भारतीय समाज में विघटन का कारण बनेगा. द्वारका-शारदापीठ की प्रतिनिधि डॉ दीपिका उपाध्याय द्वारा उनकी ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, शंकराचार्य ने अजा, अजजा कानून के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक को आड़े हाथ लिया. उन्होंने इन दोनों बड़े नेताओं सहित भारतीय जनतापार्टी और उनके नेतृत्व की सरकार के इस कार्य को हिन्दू विरोधी बताया. स्वरूपानंद इस समय वृन्दावन के अटल्ली चुंगी स्थित उड़िया आश्रम में चातुर्मास प्रवास पर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे और बुरे लोग तो सभी जातियों में होते हैं. ऐसे में यह कानून एक खतरनाक हथियार साबित होगा. जिसमें कि कहने मात्र से दूसरों को जेल हो जाय, यह अनुचित है. इससे लोगों में एक-दूसरे के प्रति घृणा बढ़ेगी. हम भी चाहते हैं कि दलित वर्ग का कल्याण हो, उनके साथ भेदभाव न हो. लेकिन इस कानून से वर्ग भेद होगा और देश बहुत पीछे चला जाएगा.’’
मोदी सरकार पहले ही दलितों तक पहुंच बनाने के लिए पंचतीर्थ का रास्ता अपना चुकी है. इसके तहत भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उन जगहों को चिन्हित किया है जो अंबेडकर से जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 14 अप्रैल, 2016 को डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू जाकर उनके स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए थे. इसी तरह महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनने के बाद नागपुर में दीक्षा भूमि को ए क्लास पर्यटन स्थल का दर्जा दिया. प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर बाबा साहेब की 125वीं जयंती वर्ष में ये एलान किया गया. मुंबई में चैतन्य भूमि पर बाबा साहब अंबेडकर स्मारक को विकसित करने का काम प्रगति पर है. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने तो प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से उन्होंने केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को सहज बनाया.
नई दिल्ली के जनपथ मार्ग पर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर तैयार किया गया. पर्यटन की दृष्टि से यह स्थल लोगों को आकर्षित करेगा, वहीं बाबा साहेब अंबेडकर के अनुयायी यहां आकर उनके आदर्शों और सिद्धांतों से जुड़ सकते हैं. इसके अलावा, दिल्ली के 26, अलीपुर रोड स्थित बंगले में डॉ अम्बेडकर का महापरिनिर्वाण हुआ. यहां अनूठे आकार वाली बिल्डिंग की नींव प्रधानमंत्री मोदी ने रखी. प्रधानमंत्री मोदी, बाबा साहेब के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदानों को याद करते हुए कहते हैं कि उन्हें किसी खास वर्ग के लिए समेटना उनके साथ अन्याय होगा. असल में, 2014 के चुनाव के दौरान से ही भाजपा पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों के अलावा दलित और आदिवासियों के बीच अपने जनाधार को बेहतर करने की कोशिश में लगी है. लोकसभा और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला था, जिसमें मोदी के नाम पर जातीय बंधन को तोड़कर लोगों ने भाजपा को वोट किया था.
इस बीच, भाजपा ने दलित नेताओं की टीम तैयार की है जो समाज के बीच सरकार की उपलब्धियों और विपक्षी दलों के दौर में दलित समुदाय के लिए उठाए गए कदम की तुलना करके बता रहे हैं. इसके जरिए वे इस बात पर जोर देते हैं कि बाकी दलों से भाजपा बेहतर है. साथ ही सम्मान समारोह का भी आयोजन किए जाने की तैयारी है. इसके तहत भाजपा ने सभी राज्यों में दलित-आदिवासी समाज के केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ सांसद और पार्टी के अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के 2000 से 5000 लोगों का सम्मेलन करने की करने का जिम्मा सौंपा है.
पार्टी के नेता सम्मेलन में ये बताएंगे कि मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्य की सरकारों ने कौन-कौन से बड़े महत्वपूर्ण पदों पर अनुसूचित जाति-जनजाति समाज से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की है. इसमें राष्ट्रपति, राज्यपाल, राज्यसभा सांसद, केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री पद, केंद्र से लेकर राज्यों तक में संगठन में बड़े पद और कई संवैधानिक पदों नियुक्तिया की हैं. मिशन 2019 की तैयारी को पुख्ता बनाए रखने के मकसद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठन चुनाव को टालने का फैसला कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी बिना कोई जोखिम लिए आम चुनाव में मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में ही लड़ना चाहती है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा अमित शाह की अध्यक्षता में ही आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी. इसलिए संगठन चुनाव एक साल के लिए टाले जाएंगे. बता दें कि अमित शाह का कार्यकाल जनवरी 2019 में समाप्त हो रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन चुनाव को लोकसभा चुनाव के बाद कराए जाने के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया जा सकता है.
सरकार बीजेपी की ही बनेगी- अमित शाह केे इस बयान का मतलब- क्या पीएम को लेकर कोई बदलाव हाेे सकता हैैै– बडा सवाल- एसएसी-एसटी एक्ट को लेकर हो रहे राजनीतिक उबाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे का 2019 के लोकसभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी के पदाधिकारियों की बैठक में कहा, “एससी/एसटी के मुद्दे को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन इससे 201 9 के चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.” उन्होंने कहा कि जो भी भ्रम फैलाया जा रहा है, इसका डटकर मुक़ाबला किया जाएगा. सरकार बीजेपी की ही बनेगी. .
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