सोशल मीडिया पर कैम्पेन; अमित शाह ने कहा- गुमराह न हो

गुजरात सरकार के विकास के दावे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैम्पेन

सोशल मीडिया पर भाजपा विरोधी कैम्पेन को लेकर अमित शाह ने ने युवाओं से कहा कि ऐसी बातों से गुमराह नहीं होना है। उन्होंने कहा, ‘युवाओं को इसमें दिमाग लगाना होगा। क्या आप यह करते है? या फिर आप इन व्हॉट्सऐप मैसेज के जरिए गुमराह होते हैं?’

एक्‍सक्‍लूसिव- रिपोर्ट- हिमालयायूके ब्‍यूरो-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो पत्रकार रवीश कुमार से जुड़ा है। जिसमें वो ‘अपनी पार्टी से मांग करता हूं’ जैसे शब्द कहते हुए नजर आ रहे हैं। अमित मालवीय ने यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘पत्रकार की कौन सी पार्टी होती है?’ हालांकि जब वीडियो की सच्चाई सामने आई तो वो बहुत चौंकाने वाली थी। क्योंकि जिस वीडियो को शेयर किया गया है उससे छेड़छाड़ की गई लगती है। आल्ट न्यूज के अनुसार रवीश के इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई और अमित मालवीय द्वारा उन्हें बदमान करने की साजिश रची गई है। गौरतलब है जिस वीडियो को शेयर किया गया है उसमें रवीश कह रहे हैं, ‘जब तक ये व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा और मैं अपनी पार्टी के लोगों से कहता हूं कि ये राष्ट्रवादी हिंदुत्व नहीं, राष्ट्रवादी नहीं है।’ जिस वीडियो को शेयर किया गया है वो रवीश द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दस मिनट की स्पीच का है। हालांकि ये वीडियो सिर्फ 11 सेकेंड है। आल्ट न्यूज के अनुसार रवीश उस दौरान एक राजनीतिक पार्टी पर कटाक्ष कर बोल रहे थे कि पत्रकार की कौन सी पार्टी होती है? जबकि वीडियो से छेड़छाड़ कर, मैं अपनी पार्टी के लोगों से कहता हूं, कहा गया है। जबकि रवीश ने अपनी दस मिनट की स्पीच में कहा था कि प्रधानमंत्री चीन और बर्मा से जब लौटे तो पहला काम ये करे कि वो दधिची (पत्रकरा गौरी लंकेश की मौत उनके खिलाफ अपशब्द लिखने वालाे) को अनफॉलो करें और बताएं की हमसे गलती हुई है। जब तक ये व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा और मैं पार्टी के लोगों से कहता हूं कि ये राष्ट्रवादी हिंदुत्व, राष्ट्रवादी नहीं है। ये हम सबको एक नागरिक के तौर पर प्रधानमंत्री से मांग करनी चाहिए।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने युवाओं को चेताया है कि वे सोशल मीडिया पर चल रहे भाजपा विरोधी कैम्पेन से सावधान रहें। उसे देखकर गुमराह ना हों और अपने दिमाग का इस्तेमाल करें। गुजरात सरकार के विकास के दावे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाया जा रहा है। इस पर रविवार को युवाओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह एक ‘प्रोपेगंडा’ है, इस पर विश्वास करने से बचें और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते वक्त अपनी दिमाग का भी इस्तेमाल करें। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान इस पर भी जोर दिया कि गुजरात का पाटीदार आरक्षण आंदोलन का झुकाव एक पार्टी की ओर था, शाह का संकेत कांग्रेस की ओर था।
अमित शाह, अहमदाबाद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉल में आयोजित अधिकाम गुजरात युवा टाउन हॉल समारोह में युवाओ को संबोधित कर रहे थे। इसके अलावा गुजरात की 32 जगहों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी युवा इस इवेंट से जुड़े हुए थे। शाह ने पिछले दो दशक में राज्य में भाजपा सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं। उन्होंने पहले करीब 45 मिनट युवाओं को संबोधित किया और फिर उनके 16 सवालों के जवाब दिए। भाजपा का दावा है कि करीब 1.8 लाख युवाओं ने इस समारोह में हिस्सा लिया और करीब 3 लाख सवाल पूछे गए, इनमें से कुछ लोगों ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए भी सवाल पूछे थे। शाह ने अपने संबोधन में गुजरात के राजनीतिक इतिहास को दो हिस्सों (1995 से पहले और 1995 के बाद) में बांट दिया। भाजपा ने गुजरात में सबसे पहले साल 1995 में अपनी सरकार बनाई थी।
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जानकारी के लिए बता दें कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद रवीश कुमार खुलकर सामने आए। उन्होंने मीडिया पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा मीडिया तो समाप्त हो गया है, चमचे बचे हैं। रोज रात को एंकरिंग करते हैं, पहले काम छिप के होता था, अब आते हैं टाई-कोट पहन के नौ बजे और उनका एजेंडा आगे बढ़ाते हैं। मानिए या मत मानिए ये न्यूज एंकर आज के बाहुबली हैं, इनको सरकार ने भले ना नियुक्त किया हो, लेकिन इन्होंने खुद को सरकार का गुंडा मान लिया है। ये लोग सोचते हैं कि हम जो चाहेंगे करेंगे। किसी ने नहीं देखा कि उनका (गौरी लंकेश) का क्या योगदान था, बस गालियां देनी शुरू कर दीं। रवीश ने आगे हिंदू संस्कृति का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या हिंदू समाज में यही सिखाया जाता है कि कोई मर जाए तो अगले ही दिन से उसको गाली देना शुरू कर दिया जाए। हिंदू धर्म में तो 13 दिन शोक किया जाता है। हिंदू का कायदा ऐसा तो नहीं है कि किसी की मौत को 13 घंटे भी नहीं हुए और आप उसको कुतिया लिखने लगें।

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