रणनीति तय – भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय कमेटी की बैठक
दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय कमेटी की बैठक चल रही है। यह बैठक कर्नाटक विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर की जा रही है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य बीजेपी के दिग्गज नेता हिस्सा ले रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कमेटी की इस बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के अलावा संगठन पर भी चर्चा होगी। इस दौरान बीजेपी आगामी चुनाव को लेकर भी अपनी रणनीति तय कर सकती है। इसमें पार्टी के नेताओं को मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने का निर्देश दिया जा सकता है।
मालूम हो कि बीजेपी के खिलाफ पूरा विपक्ष लामबंद हो गया है, जिससे निपटने के लिए पार्टी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसके अलावा बीजेपी के सामने राजग से छिटकते सहयोगी दलों को साधने की भी चुनौती है। खासकर चुनाव के वक्त सहयोगी दलों का राजग से अलग होना पार्टी के लिए चिंताजनक है। इसके अलावा दलित मुद्दे को लेकर भी रणनीति तैयार की जा सकती है।
SC/ST एक्ट पर दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्ष के हमले झेल रही मोदी सरकार पहले ही डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। बीजेपी देशभर में अंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल से पांच मई तक ग्राम स्वराज अभियान चलाने का ऐलान किया है। बीजेपी अंबेडकर जयंती को राष्ट्रीय न्याय दिवस के रूप में मनाएगी। मोदी सरकार यह भी विश्वास दिलाएगी कि अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए उनकी सरकार काम कर रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और मध्य प्रदेश के गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसी साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव और साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति पर खुलकर अपनी बात रखी. कांग्रेस नेता सिंधिया ने देश के नंबर 1 न्यूज़ चैनल ‘आजतक’ के दोबारा शुरू हुए फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ में एंकर श्वेता सिंह के बेबाक सवालों के बिना कोई लाग-लपेट सीधे जवाब दिए. जब सिंधिया से पूछा गया कि वो कौन से चार मुद्दे होंगे, जो साल 2019 में केंद्र सरकार की चार्जशीट बन सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार की चार्जशीट सिर्फ चार मुद्दों पर नहीं, बल्कि अनेकों मुद्दों पर बनेगी. चाहे आंतरिक सुरक्षा का मामला हो या देश के अंदर का वातावरण हो या विदेश नीति की बात हो या डोकलाम का मसला हो या पाकिस्तान की बात हो या फिर मालदीव की बात हो.” सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार को बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, डेटा लीक और पेपर लीक के मुद्दे पर भी जवाब देना होगा. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव ही 2019 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे, तो इस पर उन्होंने कहा, ”मेरे लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव वर्तमान में कर्नाटक के चुनाव हैं और उसके बाद चार राज्यों के चुनाव.” साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला बीजेपी से है या फिर कांग्रेस की अंदरूनी कलह से? इस पर उन्होंने कहा, ”कांग्रेस में गुटबाजी की राजनीति जरूर एक रिएल्टी थी, लेकिन 5, 10, 15 साल पहले. अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व, चाहे वो दिग्विजय सिंह हों या कमलनाथ या सुरेश पचौरी या फिर सत्यव्रत चतुर्वेदी हों, हम सब साथ मिलकर चर्चा करके आगे की रणनीति तय करते हैं.”
बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दलित मसले पर विपक्षी दलों पर जमकर पलटवार किया। कांग्रेस, बसपा और सपा पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रहा है।
बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए योजनाबद्ध तरीके से हिंसा का समर्थन कर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि दलित आंदोलन न कभी हिंसक होना चाहिए और न ही कभी होगा।
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