राज्य सरकारों के कामकाज का एनालिसिस होगा भाजपा मुख्यालय में
नरेंद्र मोदी सरकार में इस हफ्ते कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार में बीजेपी के कुछ मंत्रियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है. माना जा रहा है कि इस विस्तार में जेडीयू और एआईएडीएमके नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
.नरेंद्र मोदी और अमित शाह आज शाम 21 अगस्त छह बजे बीजेपी की सरकारों वाले राज्यों के चीफ मिनिस्टर्स से मुलाकात करेंगे। इस दौरान 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर चर्चा हो सकती है। अमित शाह ने इन चुनावों के लिए 350 सीटें जीतने का टारगेट तय किया है। मीटिंग में 13 सीएम और 6 डिप्टी सीएम के अलावा कुछ कैबिनेट मिनिस्टर्स भी शामिल हो सकते हैं। नरेंद्र मोदी की बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी मीटिंग है। अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 350 सीटें जीतने का टारगेट तय किया है। मीटिंग में राज्य सरकारों के कामकाज का एनालिसिस भी किया जाएगा। इसके अलावा, 350 सीटें जीतने के टारगेट कैसे पूरा किया जाए, इसके लिए शाह टिप्स भी देंगे।
ये मीटिंग बीजेपी हेडक्वॉर्टर में होगी। मीटिंग में केद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के बारे में ग्राउंड रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। अमित शाह ने मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों को अगले लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों मे काम करने की जिम्मेदारी भी सौंपी है।
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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यह कह रहे हैं कि चुनाव लड़ने व मंत्री बनने के लिए 75 वर्ष उम्र की कोई बंदिश नहीं है। इस पर भाजपा के ही तमाम कार्यकर्त्ता कहने लगे हैं कि फिर तो मोदी व शाह 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लाल कृष्ण अडवानी व डा. मुरली मनोहर जोशी का टिकट नहीं काटेंगे और दोनों जहां से लोकसभा सांसद हैं वहीं से फिर चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि मोदी अपनी सुविधा के अनुसार कभी 75 वर्ष का आधार बना लेते हैं तो कभी नहीं। अमित शाह वही कहते हैं, करते हैं, जो करने और कहने का इशारा मोदी करते हैं इसलिए अगले लोकसभा चुनाव में इन दोनों बड़े नेताओं का टिकट काटा जाएगा। वह तो 2014 के लोकसभा चुनाव में ही इनके टिकट काटने पर आमादा थे लेकिन दोनों के अड़ जाने के चलते यह नहीं हो पाया।
साल 2018 में होने जा रहे कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। दरअसल यहां चुनाव से पहले कराए गए सर्वे की माने तो कांग्रेस राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रही है। सर्वे में भाजपा के दूसरे स्थान पर रहने की बात कही गई है। सर्वे ‘सी फोर’ ने कराया है। जिसमें 19 जुलाई से 10 अगस्त (2017) के बीच राज्यभर के लोगों की राय ली गई। सर्वे के अनुसार कांग्रेस इस बार 120-132 सीटें जीत सकती है। जो सूबे में एक बार फिर सरकार बनाने के लिए प्रर्याप्त हैं। हालांकि सर्वे में भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार अधिक सीटें मिलने की बात कही गई है। सर्वे की माने तो भाजपा को 60-72 सीटें जीत सकती है। जबकि जनता दल (एस) को 24-30 सीटें मिलने की बात कही गई है। सर्वे के अनुसार कांग्रेस को साल 2018 के विधानसभा चुनाव में संभावित 43 फीसदी वोट मिल सकते हैं जबकि भाजपा को 32 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई है। वहीं जनता दल (एस) को 17 फीसदी वोट मिल सकते हैं। इंडिया टुडे के अनुसार सी फोर का दावा है कि उसने 165 विधानसभा क्षेत्रों में 24,676 लोगों से बात की। सर्वे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ‘अन्ना भाग्य’ योजना को सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। हालांकि राज्य में पीने के पानी की कमी, खराब सड़कें, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर लोगों ने सवाल उठाए हैं। कर्नाटक कांग्रेस चीफ ने कहा, ‘पार्टी आंतरिक सर्वे कर रही है, जहां लोगों से सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल पूछे जाएंगे। हालांकि हम जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेस करने वाले हैं जहां सूबे के लोगों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा।’ गौरतलब है कि भाजपा प्रमुख अमित शाह ने बीते सप्ताह सूबे में भाजपा सरकार बनाने का दावा किया था। शाह तब तीन दिवसीय कर्नाटक दौरे पर थे। उस दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं यहां राज्य में दोबारा भाजपा की सरकार बनाने के लिए आया हूं। मैं लोगों के मूड को भाप चुका हूं। वो हमें राज्य में दोबारा सरकार बनाने का मौका देना चाहते हैं। भाजपा 225 विधानसभा सीटों में 150 सीटें जीतने की कोशिश करेगी।’
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