पिछले साढ़े चार सालों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की-किसने ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विपक्ष पर जमकर हमला बोला है. पीएम मोदी के इस इंटरव्यू पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस नेता शकील अहमद ने प्रधानमंत्री के इंटरव्यू को फिक्स करार दिया है.   शकील अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री को चोरी छुपे इंटरव्यू देने के बजाए, प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए. गौरतलब है कि अपने चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है.  कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा, ”प्रधानमंत्री को फिक्सड इंटरव्यू देने के बजाय संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने की हिम्मत दिखानी चहिए.

56 इंच की छाती वाले PM ने पिछले साढ़े चार सालों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है.” कांग्रेस ने मुद्दा दर मुद्दा प्रधानमंत्री के इंटरव्यू का जवाब दिया है. इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने एनआरसी के मुद्दे पर कहा कि किसी भी भारतीय को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा. इस पलटवार करते हुए शकील अहमद ने कहा, ”असम वहीं के बीजेपी विधायक का कहना है कि 40 लाख में से 20-25 लाख हिन्दू हैं. जबकि मोदी-अमित शाह देश भर में ये संदेश देना चाह रहे हैं कि 40 लाख बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए हैं. अपने समर्थकों को ही धोखा दे रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने अपने इंटरव्यू में कहा कि महागठबंधन ज्यादा देर तक नहीं चलेगा बस देखना है कि ये चुनाव से पहले टूटेगा या बाद में. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शकील अहमद ने कहा, ”1977 में और 1989 उनकी अपनी पार्टी महागठबंधन में शामिल रह चुकी है. प्रधानमंत्री की यादाश्त कमजोर है. देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.”

प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि पिछले एक साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरियां दी गईं. इस दावे पर शकील अहमद ने कहा, ”रोजगार का सर्वे 2016 में खत्म कर दिया ताकि लोगों को रोजगार के आंकड़े पता ना चले. ऑटो चलाने वाले से लेकर वकील तक के बारे में कहते हैं कि हमने रोजगार दिया. युवाओं को धोखा दिया, उल्टे 22 लाख लोगों को नौकरियों से हटा दिया गया है.”

प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि पिछले एक साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरियां दी गईं. इस दावे पर शकील अहमद ने कहा, ”रोजगार का सर्वे 2016 में खत्म कर दिया ताकि लोगों को रोजगार के आंकड़े पता ना चले. ऑटो चलाने वाले से लेकर वकील तक के बारे में कहते हैं कि हमने रोजगार दिया. युवाओं को धोखा दिया, उल्टे 22 लाख लोगों को नौकरियों से हटा दिया गया है.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग और महिला अपराध से जुड़ी एक भी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर शकील अहमद ने कहा, ”अधिकांश लिंचिंग की घटनाएं बीजेपी शासित राज्यों में होती हैं. उन्नाव कांड का आरोपी विधायक अब तक उनकी पार्टी में है. इन्हें, बस्ती भी जलानी है, मातम भी मनाना है.”

इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा है कि जातिगत आरक्षण खत्म करने का कोई विचार नहीं है. इस कांग्रेस ने कहा, ”आरक्षण खत्म करने की किसी की हिम्मत हो भी नहीं सकती. लेकिन चुनावों में आरएसएस आरक्षण खत्म करने की बात करती है और बाद में प्रधानमंत्री इससे इंकार करते हैं. दरअसल ऐसा करके दोनों पक्षों को खुश रखना चाहते हैं. ये लोगों को मूर्ख बना कर वोट बटोरने की कवायद है.”

इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा है कि जातिगत आरक्षण खत्म करने का कोई विचार नहीं है. इस कांग्रेस ने कहा, ”आरक्षण खत्म करने की किसी की हिम्मत हो भी नहीं सकती. लेकिन चुनावों में आरएसएस आरक्षण खत्म करने की बात करती है और बाद में प्रधानमंत्री इससे इंकार करते हैं. दरअसल ऐसा करके दोनों पक्षों को खुश रखना चाहते हैं. ये लोगों को मूर्ख बना कर वोट बटोरने की कवायद है.” प्रधानमंत्री ने संसद नमें राहुल गांधी के गले मिलने पर एएनआई से कहा कि आप ही तय करें कि यह बचकाना था या नहीं. अगर आप तय नहीं कर पा रहे तो आंख मारने वाली घटना देखें, जवाब मिल जाएगा. इसका जवाब देते हुए शकील अहमद ने कहा, ”गले मिलना बचकाना है तो फिर प्रधानमंत्री अंतराष्ट्रीय स्तर पर बचकानी हरकत करते हैं. डोनाल्ड ट्रंप के तो गले में लटक गए थे.’

मीडिया भयभीत है, क्योंकि उसका विज्ञापन बंद हो सकता है.

मुम्बई : पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा भाजपा के असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर से केंद्र सरकार पर राफेल लड़ाकू विमान से लेकर ‘प्रधानमंत्री कार्यालय में सत्ता के केन्द्रीकरण’ तक को लेकर निशाना साधा. यहां ‘लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ’ विषय एक परिचर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा ने दावा किया कि राजग सरकार में निर्णय ‘अकेले ही लिये जा रहे हैं.’ उन्होंने राजनाथ सिंह का नाम लिये बिना दावा किया कि गृह मंत्री को जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन से हटने के भाजपा के निर्णय के बारे में जानकारी भी नहीं थी.

#वित्त मंत्री को जानकारी नहीं थी कि नोटबंदी की घोषणा होने जा रही है# गृह मंत्री को जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन से हटने के भाजपा के निर्णय के बारे में जानकारी भी नहीं थी# पीट पीटकर मार डालने की 72 घटनाएं #सोहराबुद्दीन (फर्जी मुठभेड़) मामले में 54 गवाह पलट चुके हैं.#..सीबीआई का दुरूपयोग  # मीडिया भयभीत है, क्योंकि उसका विज्ञापन बंद हो सकता है. #मोदी पर अकेले ही सौदे से जुड़े मानकों को बदलने का आरोप #सौदे को अंतिम रूप में देने में आवश्यक प्रक्रियाओं का गंभीर उल्लंघन # समूचा सौदा ‘आपराधिक कदाचार, सार्वजनिक पद के दुरुपयोग और राष्ट्रीय हित तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर पक्षों को संपन्न बनाने का अनूठा मामला  # सरकार ने तथ्यों को ‘‘छिपाने’’ का प्रयास

उन्होंने कहा कि इसी तरह से वित्त मंत्री को जानकारी नहीं थी कि नोटबंदी की घोषणा होने जा रही है. उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को ‘35 हजार करोड़ रुपए का घोटाला बताया जो कि 64 करोड़ रुपए के बोफोर्स घोटाले से कहीं बड़ा है.’ शौरी ने आरोप लगाया, ‘निश्चित रूप से संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. अभी तक पीट पीटकर मार डालने की 72 घटनाएं हुई हैं, सोहराबुद्दीन (फर्जी मुठभेड़) मामले में 54 गवाह पलट चुके हैं…सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है…ऐसी उम्मीद नहीं लगती कि चीजें बदलेंगी.’
उन्होंने कहा कि मीडिया भयभीत है, क्योंकि उसका विज्ञापन बंद हो सकता है. सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह अपने से भाजपा नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘हालांकि यदि वे मुझे बाहर करना चाहें तो मैं उनके विवेक पर सवाल नहीं उठाऊंगा.’

इससे पहले दिल्ली में यशवंत सिन्हा और शौरी ने अधिवक्ता-कार्यकर्ता प्रशांत भूषण के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने से जुड़े 58,000 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में कई सवाल उठाए. राजग सरकार के कटु आलोचक के रूप में जाने जाने वाले इन तीनों लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अकेले ही सौदे से जुड़े मानकों को बदलने का आरोप लगाया और कहा कि सौदे को अंतिम रूप में देने में आवश्यक प्रक्रियाओं का गंभीर उल्लंघन किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि समूचा सौदा ‘आपराधिक कदाचार, सार्वजनिक पद के दुरुपयोग और राष्ट्रीय हित तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर पक्षों को संपन्न बनाने का अनूठा मामला है.’ तीनों लोगों ने कहा कि सरकार ने तथ्यों को ‘‘छिपाने’’ का प्रयास किया.

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