‘हिंसा के कीचड़ में बीजेपी का कमल खिलेगा.’ ; अमित शाह का दावा
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी #अथर्व्यवस्था को देखें तो इनकी नीतियों के कारण उसे लकवा मार गया है; कांग्रेस
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बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि ‘हिंसा के कीचड़ में बीजेपी का कमल खिलेगा.’ अपने अध्यक्षीय भाषण में अमित शाह ने केरल और बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा और उसके शिकार संघ-बीजेपी कार्यकर्ताओं के संदर्भ में यह बात कही.
2019 में फिर से पूरे देश में कमल खिलाने की तैयारी में लगे अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ा मंत्र दिया. शाह ने साफ कर दिया कि बिना रुके-बिना थके फिर से हमें पार्टी के विस्तार में लगे रहना है. पिछले एक साल में दीनदयाल उपाध्याय विस्तारक योजना की सफलता ने पार्टी के विस्तार में मदद की है. अब इसे आगे भी जारी रखने का फैसला किया गया है.
पार्टी के विस्तार में लगे अमित शाह को उम्मीद है इस बार केरल और बंगाल जैसे राज्यों में भी हो रही राजनीतिक हिंसा के बावजूद पार्टी का विस्तार होगा और यहां भी कमल खिलेगा.
भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर वार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार था. बीजेपी के राज में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश कई समस्याओं से जूझ रहा है. बीजेपी उन समस्याओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है.
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आज गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘न्यू इंडिया’ की सोच के आधार पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत का खाका पेश किया और अगले पांच साल के लिए पार्टी की रणनीति सामने रखी.
बीजेपी ने 2019 के लिए 350 से ज्यादा सीटें अपने दम पर जीतने का लक्ष्य रखा है. पार्टी को लगता है कि केरल और बंगाल समेत दक्षिण और उत्तर-पूर्व के राज्यों में पार्टी का विस्तार किए बगैर इस लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल है. लिहाजा तैयारी उसी को लेकर हो रही है.
जिस दिन दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हो रही है उसी दिन बंगाल में टीएमसी के राज्यसभा सांसद और पूर्व मंत्री मुकुल रॉय के टीएमसी छोड़ने की खबर आ गई. टीएमसी के कद्दावर नेता रहे मुकुल रॉय ने इस बात का ऐलान कर दिया कि दुर्गा पूजा के बाद वो टीएमसी को अलविदा कह देंगे. लेकिन, उसके तुरंत बाद मुकुल रॉय को टीएमसी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
रॉय जल्दी ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वो किसी जमाने में ममता बनर्जी के बेहद करीबी थे और बंगाल की राजनीति में एक बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. ऐसे में अगर वो बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह अमित शाह की विरोधियों को तोड़ने की रणनीति का बड़ा हिस्सा होगा.
उधर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले नारायण राणे भी बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक के बाद अमित शाह से मिलने वाले हैं. राणे ने भी कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है. माना जा रहा है कि वो बीजेपी में जल्द ही शामिल हो सकते हैं. शिवसेना में रह चुके नारायण राणे के नाम पर शिवसेना को ऐतराज है. पहले से ही शिवसेना बीजेपी के खिलाफ आग उगलती रही है. ऐसे में बीजेपी में राणे की एंट्री कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना के लिए भी बड़ा झटका होगा.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कार्यकारिणी बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि अमित शाह ने जोर दिया कि आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बाद भी अभी भी हम समस्याओं से जूझ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया के दृष्टिकोण को देश के समक्ष रखा है और पार्टी कार्यकर्ता इस दृष्टिकोण को संकल्प के साथ आगे बढ़ाएं.
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल के दौरान सभी कार्यकर्ता खुद को पार्टी के विस्तार और जनता के हितों के कार्य में लगायेंगे, साथ ही गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘न्यू इंडिया’ संबंधी सोच पर प्रतिबद्धता के साथ अमल करेंगे.
बैठक के दौरान शाह ने पार्टी सांसदों, विधायकों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत अन्य नेताओं से केंद्र और प्रदेश सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने पर जोर दिया और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बारे में अपने विचार रखे.
पीयूष गोयल के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि केरल और बंगाल में जिस प्रकार से हिंसा की राजनीति चल रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं. इस प्रकार की हिंसा से भाजपा का कोई कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है. भाजपा का कार्यकर्ता शांति और लोकतंत्र में विश्वास करता है. भाजपा का कार्यकर्ता इस प्रकार की हिंसा का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने और जनता के बीच इसे रखने में सक्षम है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक हिंसा के विरोध में तीन अक्तूबर से 17 अक्तूबर तक केरल में 15 दिन की पदयात्रा आरंभ करने की घोषणा की.
शाह ने कहा, ‘हमारा मानना है कि हिंसा का कीचड़ कोई कितना फैलाये, भाजपा का कमल उतना ही निखर का खिलेगा.’
उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न जनकल्याण योजनाओं की बदौलत लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हमने उज्जवला योजना के तहत दो करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया, 7.5 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का लाभ मिल रहा है, 15 करोड़ लोगों को बीमा योजना का लाभ मिला, 30 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुले. किसानों के लिये नीम लेपित यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना महत्वपूर्ण पहल है और हम श्वेत, ब्लू क्रांति को आगे बढ़ाने के साथ शहद क्रांति की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम न्यू इंडिया के मॉडल पर काम कर रहे हैं, जहां गरीबी हटाने, युवाओं को रोजगार मुहैया कराने पर जोर होगा.
उन्होंने कहा कि भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, जो तेज गति से आगे बढ़ रही है, विकास कर रही है. अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. सरकार भारत के गरीब के कल्याण कार्यों में पूरा जोर लगा रही है, इसके कारण देश के 60 करोड़ से अधिक गरीब अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उन्हें अपना भविष्य उज्जवल होता दिख रहा है. ‘भाजपा काम करके दिखने की राजनीति को सफल बनायेगी.’
अमित शाह के बयान के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘एक कहावत है कि हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और. जो वंशवाद में विश्वास नहीं करने का दावा करते हैं ,हम उनसे कुछ पूछना चाहते हैं. बीजेपी नेता प्रेम कुमार धूमल का बेटा अनुराग ठाकुर लोकसभा में क्या कर रहा है. राजस्थान की मुख्यमंत्री के माननीय सपूत लोकसभा में क्या कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सुपुत्र लोकसभा में क्या कर रहे हैं.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले बीजेपी अध्यक्ष को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए.’’ तिवारी ने कहा, ‘‘जहां तक तुष्टिकरण की बात है, कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है. बराबरी में विश्वास करती है. इसलिए दस साल यूपीए की सरकार रही और उन दस सालों में सामाजिक तनाव की कोई खबर नहीं आई. पिछले तीन साल से बीजेपी की सरकार बनी है. कभी खानपान को लेकर, कभी गाय के नाम पर, कभी लव जेहाद के नाम पर, कभी घर वापसी के नाम पर, उन्होंने भारत के सांप्रदायिक सौहार्द के परखच्चे उड़ा दिए.’’
मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर पिछले 40 महीनों का लब्बोलुबाब यह है कि यह सरकार पूरी तरह से विफल है. अथर्व्यवस्था को देखें तो इनकी नीतियों के कारण उसे लकवा मार गया है.’’ वंशवाद पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि बीजेपी काम करके दिखाने की राजनीति में विश्वास करती है. कांग्रेस और राहुल गांधी की वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को वह सफल नहीं होने देगी.
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो रिपोर्ट-