बीजेपी द्वारा संगठन में बड़े बदलाव
18 APRIL 2018; (HIMALAYAUK.ORG) Bureu; भाजपा में विधानसभा चुनाव के पहले संगठन में बदलाव हो रहा है #मध्यप्रदेश में नंद कुमार चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ दिया। उनकी जगह जबलपुर से सांसद राकेश सिंह को कमान सौंपी गई है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति का संयोजक बनाया गया है। उधर, राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष अशोक परणामी ने भी इस्तीफा दे दिया है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में इसी साल के आखिरी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने संगठन में बड़े बदलाव किये हैं. मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी ने नंद कुमार सिंह चौहान को हटाकर पार्टी सांसद अशोक परमानी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
वहीं राजस्थान में अशोक परणामी ने बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अब उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है. लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव में हार के बाद परणामी को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग चल रही थी. उनकी जगह पार्टी किसे जिम्मेदारी सौंपेगी इसपर सस्पेंस बरकरार है. राकेश सिंह तीसरी बार जबलपुर से सांसद हैं। पार्टी में उनकी पहचान अच्छे कैंपेनर की है। वे छात्र राजनीति से सक्रिय हैं। जबलपुर सांइस कालेज में प्रहलाद पटेल के अगुवाई में राकेश सिंह की छात्र राजनीति शुरू हुई थी।
जबलपुर सीट से सांसद राकेश सिंह लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं. उन्होंने नंद कुमार सिंह चौहान का स्थान लिया जो इस पद पर साल 2014 से कार्यरत थे. बीजेपी अध्यक्ष ने नंद कुमार सिंह चौहान को राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि भोपाल में कल रात प्रदेश बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक में सिंह के नाम को अंतिम रूप दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के संगठन महामंत्री राम लाल मौजूद थे. इस पद के लिये प्रदेश के पूर्व पार्टी अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नाम पर भी चर्चा चल रही थी. साल 2013 में जब पार्टी ने राज्य में जीत दर्ज की थी तब तोमर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष थे.
वही दूसरी ओर
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने बुंदेलखंड अलग राज्य नहीं बन पाने के लिए मध्यप्रदेश के लोगों को जिम्मेदार ठहराया है, इस तरह उन्होंने इस मामले में गेंद शिवराज सिंह चौहान के पाले में फेंक दी है। अब एक बार फिर 2019 के चुनाव से ठीक कुछ समय पहले स्थानीय लोगों में ‘दीदी’ के नाम से मशहूर उमा भारती का बुंदेलखंड प्यार अचानक फिर जगता नजर आने लगा है और इसी की एक बानगी बुंदेलखंड के लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा में देखने को मिली, मौका था बुंदेलखंड क्षेत्र मे बनने जा रहे डिफेंस कॉरिडोर और फूड पार्क के बारे में लोगों को जानकारी देना। इस दौरान जनसभा में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की भी मौजूदगी रही।
इस जनसभा में मंच पर आते ही लोगों की नाराजगी से अच्छी तरह वाकिफ उमा भारती ने कहा कि राज्य तो बहुत पहले बन जाता लेकिन मध्य प्रदेश के इलाके बुंदेलखंड राज्य का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं और ऐसे में जो इलाका केवल उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है वह पृथक बुंदलेखंड राज्य के लिए पर्याप्त नहीं है। पृथक बुंदेलखंड के लिए संघर्ष करने वाले संगठनों से भारती ने कहा कि अगर आप लोग बुंदेलखंड की सीमा रेखा पहचान कर बता दें तो जब भी राज्य पुर्नगर्ठन आयोग का गठन होगा तो उनकी पार्टी बुंदेलखंड राज्य का पूरा पूरा समर्थन करेगी। इस तरह 2014 की जीत के बाद अभी तक पृथक राज्य नहीं बन पाने की जिम्मेदारी वह मध्यप्रदेश पर डालकर अगले चुनाव में फिर जीत दिलाने का आग्रह करती नजर आईं।
उमा भारती ने 2014 के चुनाव मे जीत के बाद भी 3 साल के अंदर बुंदेलखंड राज्य के निर्माण के वादे इरादे लोगों से किए और खूब राजनीति की। बुंदेलखंड की इस बेटी पर भी लोगों ने पूरा भरोसा जताया लेकिन जीत के बाद के वर्षों में दीदी ने जो किया वह किसी से छिपा नहीं है। 3 साल में अलग राज्य बनना तो दूर जीत के बाद 3 साल तक क्षेत्रीय सांसद इस क्षेत्र में यदा कदा ही नजर आईं। लोगों के बीच इस दौरान यह जुमला हास परिहास का केंद्र बन गया कि दीदी को किसी ने देखा है क्या।