बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के मुद्दे पर सीएम की बेइज्जती
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के संगठन महामंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफा देनी की बात कही. गहलोत ने कहा कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के मुद्दे पर सीएम की बेइज्जती हुई है. राजस्थान के स्वाभिमान के साथ चोट की है. सीएम को राजस्थान के स्वाभिमान के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए. हिमालयायूके न्यूज पोर्टल
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के संगठन महामंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफा देनी की बात कही. गहलोत ने कहा कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के मुद्दे पर सीएम की बेइज्जती हुई है. राजस्थान के स्वाभिमान के साथ चोट की है. सीएम को राजस्थान के स्वाभिमान के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए.
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में भय का माहौल है और सरकार से कोई वर्ग खुश नहीं है. केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में टकराव के हालात बने हुए हैं. केंद के साथ वसुंधरा सरकार को भी कठघरे में रखते हुए कहा कि राजस्थान में हालात और भयावह हैं. यहां पानी के लिए लोग रोज प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रदेश में रोज दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं.
अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, राजस्थान में किसानों की आत्महत्याएं चिंता का विषय है. सरकार ने चार साल में कुछ नहीं किया, सरकार जाने के समय सीएम अब दौरे कर रही हैं. मुख्यमंत्री अब गेस्ट की तरह जयपुर आती हैं, हवा में उड़ते रहो और उड़ते ही रह जाएगी सरकार.
राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलीं। राजे पाली से हेलिकॉप्टर के जरिए सुबह दिल्ली पहुंचीं। यहां दोपहर 12 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंची। यहां उनकी अमित शाह के अलावा संगठन महामंत्री रामलाल, सह संगठन महामंत्री वी सतीश के साथ लंबी बातचीत हुई। बैठक करीब शाम 4 बजे तक चली। इसके बाद राजे नई दिल्ली स्थित अपने आवास रवाना हो गईं। उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय नेतृत्व और राजे के बीच हुई बातचीत के बाद राजस्थान के नए प्रदेशाध्यक्ष का नाम घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन नए नाम को लेकर गतिरोध खत्म नहीं हुआ। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में अशोक परनामी के स्थान पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम तय किया है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व जातीय समीकरणों का हवाला देते हुए शेखावत की जगह किसी अन्य को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहता है। इसके चलते केंद्र व प्रदेश नेतृत्व के बीच पिछले 10 दिनों से गतिरोध बना हुआ था। परनामी ने 16 अप्रैल को ही प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया था। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से शेखावत का नाम सामने आया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व इस नाम को लेकर राजी नहीं है। राजे के दिल्ली पहुंचने से पहले उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्री और विधायकों ने भी दिल्ली पहुंचकर लॉबिंग की। इधर राज्य सरकार के मंत्री हेमसिंह भड़ाना, प्रभुलाल सैनी, राजपाल सिंह शेखावत, कालीचरण सराफ व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात की। ये सभी मंत्री राजे के समर्थन में दिल्ली पहुंचे, ऐसी सूचना आई। हालांकि इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व भी पीछे हटने के मूड में नजर नहीं आ रहा।
उन्होंने सीएम राजे पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, राजस्थान में माफिया कभी नहीं था, राजस्थान में बजरी माफिया पनप गया, प्रदेश को लूटा जा रहा है. उन्होंने कहा, सरकार ने बेरोजगारों युवाओं के साथ धोखा किया है. तबादला उद्योग असली रूप से इस बार सामने आया, सरकार अब बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है, इन घोषणाओं का जमीन पर कोई आधार नहीं है. गहलोत ने कहा, यह सरकार लाठी चार्ज की सरकार के रूप में याद की जाएगी. बीजेपी मुख्यालय के बाहर किसी वर्ग को नहीं छोड़ा जिस पर लाठीचार्ज नहीं हुआ हो.
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