मधुमेह ;ब्राउन राइस का सेवन करना सुरक्षित
मधुमेह में मरीज के शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ा रहता है और मरीज का शरीर बढ़े हुए ब्लड शुगर का उपयोग नहीं कर पाता जिसकी वजह से उसे कमजोरी महसूस होती रहती है। ऐसे में अगर वह मरीज उन खाद्य पदार्थों को खायेगा जिनमें शुगर होता हो तो इससे उसका ब्लड शुगर और बढ़ेगा जिसकी वजह से मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कोई भी मीठा पदार्थ न खाएं या डॉक्टर की इजाजत मिलने पर हीं अल्प मात्रा में उसका सेवन करें। जिन खाद्य पदार्थों में स्टार्च होता है उनमें कार्बोहाइड्रेट उच्च मात्रा में होता है। कार्बोहाइड्रेट मरीज के शरीर में बहुत जल्द रक्त शर्करा या ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है लेकिन मधुमेह में आपका शरीर इस बढ़े हुए रक्त शर्करा के स्तर का उपयोग नहीं कर पाता है जिसकी वजह से कई जटिलताएं पैदा होने लगती हैं। इसलिए सफेद चावल और परिष्कृत आटे से बनी रोटी जैसे खाद्य पदार्थ बहुत कम मात्रा में खाया जाना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों के लिए सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन करना सुरक्षित रहता है। क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाता।
यह सर्विदित तथ्य है कि किसी भी इंसान के शारीर में अनावश्यक रूप से जमी हुई चर्बी मधुमेह को जन्म दती है। इसलिए मधुमेह के मरीजों को यह सलाह एवं चेतावनी दी जाती कि वे उन खाद्य पदार्थों का सेवन एकदम से न करें या कम से कम करें जिनमें वसा होती है जैसे पशुओं का मांस (मीट), घी से बने खाद्य पदार्थ, तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ इत्यादि। शराब बहुत हीं जल्द रक्त शर्करा में परिवर्तित हो जाता है और इससे उत्पन्न स्थिति को संभालना मधुमेह रोगियों के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, शराब रक्तचाप का स्तर भी ऊँचा करता है। मधुमेह के मरीजों को शराब से बचना चाहिए अगर वे जटिलताओं से बचना चाहते हैं। मधुमेह के मरीजों को प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के सेवन से, जहाँ तक संभव हो, दूर हीं रहना चाहिए।इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में सोडियम यानि नमक एवं वसा की मात्रा बहुत ज्यादा रहती है। इनके अलावा इनमें कैलोरी भी बहुत ज्यादा रहता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ की बजाये आप ताजे खाद्य पदार्थों का चयन करें
भारत के अधिकतर हिस्सों में चावल एक लोकप्रिय और अधिकतर सेवन किया जाने वाला अनाज है। लेकिन मधुमेह (डायबिटीज) में चावल खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। क्योंकि भारत में अधिकतर सफेद चावल का सेवन किया जाता है, जो कि ब्लड शुगर के स्तर को अचानक बढ़ा देता है। जिसकी वजह से मधुमेह की समस्या गंभीर बन सकती है। लेकिन अगर आप मधुमेह में भी चावल का सेवन करना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं। जिससे सफेद चावल का मधुमेह के रोगियों पर काफी हद तक कम दुष्प्रभाव पड़ता है।
पोषकविदों के अनुसार अगर आप मधुमेह की बीमारी में भी सफेद चावन खाना चाहते हैं, तो इसकी सीमित मात्रा का ही सेवन करें और सुनिश्चित करें कि हफ्ते में एक से ज्यादा बार ना खायें। मधुमेह के रोगियों के लिए सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन करना सुरक्षित रहता है। क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाता।
ब्राउन राइस मैग्नीशियम, विटामिन बी6, सेलेनियम, फोस्फोरस, थियामीन, नियासिन, मैंगनीज और फाइबर जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्त्रोत है। सफेद चावल का सेवन करते हुए ध्यान रखें कि यह गाजर, फली, मटर, सोयाबीन, प्याज, जीरा जैसे पोषक चीजों के मिश्रण से मिलकर बना हो। क्योंकि इससे इसके दुष्प्रभाव कम होने के साथ पोषणयुक्त भी बनाया जा सकता है।
पोषणविदों के अनुसार मधुमेह के रोगी को संतुलित आहार सही समय पर खाना चाहिए। जिसमें प्रोटीन, कॉम्पलैक्स कार्ब्स, विटामिन, मिनरल और जरूरी फैट्स होने चाहिए। इसलिए अपने आहार में मशरूम, मूंग की दाल, दूध, टोफू, चिकन, मछली और अंडों को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही बादाम, अखरोट और फ्लैक्स सीड्स का सेवन भी करना चाहिए।
फोर्टिस अस्पताल की चीफ डायटीशियन डॉ रिंकी कुमारी ने कहा कि, मधुमेह के रोगियों के लिए ओटमील, शकरगंद, ब्राउन राइस, मीलेट्स का सेवन करना फायदेमंद होता है। साथ ही उन्हें पालक, पत्ता गोभी, ब्रोकली आदि का सेवन भी करना चाहिए।