यह गंभीर आरोप केंद्रीय नेतृत्व के वरिष्ठ नेताओं पर लगे

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के कई बड़े नेताओं पर 1800 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल पूछे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बी. एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहते हुए बीजेपी को घूस दी थी। उनके पास से एक डायरी मिली, जिसमें इसका ब्योरा दिया गया है और उसमे अरुण जेटली, नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के नाम हैं। 

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa News) ने कहा कि आयकर विभाग इस आरोप की जांच कर चुका है और सारे दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. कांग्रेस (Congress) ने येदियुरप्पा पर पार्टी के शीर्ष अधिकारियों को रिश्वत के रूप में 1,800 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया है. इससे पूर्व कांग्रेस ने इस मुद्दे की लोकपाल से जांच कराए जाने की भी मांग की थी. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने पाया कि दस्तावेज, हस्ताक्षर और हस्तलिखित नोट फर्जी थे. येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने आने वाले चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मीडिया में यह कहानी गढ़ी है. इससे पहले कांग्रेस ने एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया था 0कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी जिसकी जांच लोकपाल से होनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल जवाब देना चाहिए. 

सुरजेवाला ने अंग्रेजी पत्रिका ‘द कैरेवन’ में छपी एक एक ख़बर के हवाले से आरोप लगाया है कि तत्कालीन कर्नाटक मुख्यमंत्री के पास से जो डायरी मिली है, उसमें पूरा ब्योरा दिया गया है। उसी डायरी में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के तमाम बड़े नेताओं के नाम लिखे हुए हैं। सुरजेवाला ने दावा किया कि डायरी के हर पेज पर बी.एस. येदियुरप्पा का दस्तख़त किया हुआ है। 
सुरजेवाला ने कहा कि आयकर विभाग को वह डायरी हाथ लगी। उसके बाद विभाग ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से संपर्क किया और इस मामले की जाँच करने की अनुमति उनसे लिखित तौर पर माँगी। पर वित्त मंत्री ने अनुमति नहीं दी। 

पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार विनोद जोजे़ ने ट्वीट कर इन दावों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि पत्रिका को मिले काग़ज़ात से पता चलता है कि बीजेपी की केंद्रीय समिति के नेताओं, जजों और वकीलों को घूस दी गई है। आयकर विभाग के पास ये दस्तावेज़ थे, पर कुछ नहीं हुआ। 
पत्रिका के संपादक हरतोष सिंह बल ने इस ख़बर की पुष्टि करते हुए कहा है कि घूस सिर्फ़ पार्टी नहीं, बीजेपी नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर भी दी गई थी। उन्होंने बाद में एक ट्वीट में कहा कि वह पत्रिका की इस ख़बर को पूरी तरह सही मानते हैं और उस पर कायम हैं। 

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। पार्टी प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री से पाँच सवाल पूछे हैं। 

बी.एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहते हुए बीजेपी नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की घूस दी है या नहीं?

येदियुरप्पा की डायरी के हर पन्ने पर उनका दस्तख़त है या नही?

आयकर विभाग ने वित्त मंत्री से इस मामले की जाँच करने की अनुुमति माँगी थी। सरकार ने यह अनुमति क्यों नहीं दी?

बीजेपी के शीर्ष नेताओं के भ्रष्टाचार का यह सबूत है या नहीं?

क्या प्रधानमंत्री इन नेताओं की जाँच करवाएंगे?

सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पार्टी ने फरवरी 2017 में ही एक ऑडियो टेप का ट्रांसक्रिप्शन पेश किया था, जिसमें बी. एस. येदियुरप्पा और मरहूम बीजेपी नेता अनंत कुमार के बीच की बातचीत का हिस्सा था। पर सरकार ने उस पर चुप्पी बनाए रखी। अब जबकि यही मामला एक स्वतंत्र पत्रिका में छप गई है, सरकार को इसकी जाँच करवानी चाहिए। 
बी.एस. येदियुरप्पा ने इस खबर का ज़ोरदार शब्दों में खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी यह अच्छी तरह जानती है कि वह अगला चुनाव हारने जा रही है, इसलिए इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। जिन काग़ज़ात की बात की जा रही है, वे फ़र्ज़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं वकीलों से बात कर रहा हूँ और जल्द ही मानहानि का मुक़दमा दायर कर सकता हूँ।’ 

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह अब झूठ और फ़रेब पर उतर आई है। केंद्रीय क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सचिव डी शिवकुमार के यहाँ पड़े छापे में आयकर विभाग को एक डायरी मिली, जिस पर कई जगह ‘एस.जी’ और ‘आर. जी’ लिखे हुए मिले। प्रसाद ने इसका मतलब नहीं बताया।  प्रसाद के मुताबिक़, शिवकुमार ने बाद में एक डायरी के कुछ पन्नों की प्रतिलिपि कुछ लोगों को दिखाईं। कांग्रेस प्रवक्ता उसी काग़ज़ की बात कर रहे हैं। लेकिन जब आयकर विभाग ने उनसे पूछा कि उन्होंने इसकी शिकायत राज्य लोकायुक्त से क्यों नहीं की तो उन्होंने कहा कि वह ख़ुद इस काग़ज़ की सत्यता को लेकर पूरी तरह निश्चिन्त नहीं थे। बायद में आयकर विभाग ने येदियुरप्पा से इस मामले में पूछताछ की। येदियुरप्पा ने कहा कि वह डायरी नहीं लिखते, न ही यह उनका दस्तख़त है। उन्होंने एक काग़ज़ पर दस्तख़त कर दिया और आयकर विभाग ने उसे मिलाया तो वह शिवकुमार के दिए काग़ज़ पर बने दस्तख़त से मेल खाता हुआ नहीं पाया गया। रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर तंज किए, उस पर पलटवार किया, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि क्या सरकार इस मामले की जाँच कराएगी। 

कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर यह आरोप चुनाव के कुछ महीने पहले लगाए है, जब मतदान की तिथियों का एलान हो गया है और सत्तारूढ़ दल ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी भी कर दी है। बीजेपी ने जब रफ़ाल पर लगे आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने और ‘चौकीदार चोर है’ के कांग्रेसी नारे को काटने के लिए ‘मैं भी चौकीदार’ का नारा दिया, ठीक उसी समय कांग्रेस पार्टी ने उस पर यह गंभीर आरोप लगाया है। दिलचस्प बात यह है कि घूस लेने के आरोप सिर्फ़ पार्टी पर नहीं, केंद्रीय नेतृत्व के वरिष्ठ नेताओं पर लगे हैं। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें वित्त मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और गृह मंत्री तक के नाम हैं। बीजेपी कुछ भी कहे, आम जनता के बीच यह संकेत तो जाएगा कि कहीं न कहीं, कुछ न कुछ, गड़बड़ ज़रूर है। ऐसे में यदि सरकार इस मामले की जाँच नहीं करवाती है तो विपक्ष के दावे को मजबूती ही मिलेगी। वह इस बात को ज़ोर-ज़ोर से कह सकती है कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जाँच करवाए। लेकिन इसकी संभावना निहायत ही कम है कि जाँच होगी। येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप पहले भी लग चुके हैं। 

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