बहुजन समाज पार्टी में विकेटों के गिरने का सिलसिला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते एक हफ्ते में बीएसपी चीफ मायावती को दूसरा बड़ा झटका मिला है. पार्टी महासचिव और बीएसपी की सरकार में परिवहन मंत्री रहे आरके चौधरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. चौधरी को बीएसपी में दिग्गज नेताओं में गिनती की जाती है। सूत्रों की मानें तो चौधरी मोहनलाल गंज से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीएसपी सुप्रीमो ने यहां से किसी और को प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिससे खफा होकर आरके चौधरी ने पार्टी छोड़ने का ही फैसला कर डाला। चौधरी का पार्टी छोड़ना उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से बीएसपी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे पहले यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता और पार्टी महासचिव स्वाामी प्रसाद मौर्य ने भी बीएसपी प्रमुख पर इसी तरह के आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
मौर्य ने आरोप लगाया था कि मायावती टिकटों की नीलामी कर रही हैं। वह डॉ. भीमराव आंबेडकर और काशीराम के विचारों की हत्या कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि 2014 के नतीजों से भी मायावती ने कोई सबक नहीं लिया है। मौर्य के पार्टी छोड़ने की अटकलें उस समय लगनी शुरू हो गई थीं जब उन्होंने अपने घर में नीले रंग के बजाय दूसरे रंग की पुताई करवाई थी।
इस्तीफा देने के साथ आरके चौधरी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं.
मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए आरके चौधरी ने ये भी कहा कि बीएसपी रियल इस्टेट कंपनी बनकर रह गई है और अब यहां पर सिर्फ चाटुकारों की चलती है.
चौधरी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. इससे पहले भी वो पार्टी छोड़कर चले गये थे लेकिन 2012 से पार्टी में थे. चौधरी का शुमार पार्टी के बड़े नेताओं में होता है.
चौधरी का कहना था कि पार्टी में सब कुछ बदल गया है और ये पार्टी वो पार्टी नहीं रही गई काशी राम के ज़माने में हुआ करती थी.
स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी मायावती पर टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.
आपको बता दें कि इससे पहले 22 जून को बीएसपी विधान मंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने मायावती को बड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया.