कैबिनेट मंत्री अपनी सरकार के खिलाफ 4 जुलाई से धरने पर
योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपनी सरकार के खिलाफ चार जुलाई से धरने पर बैठेंगे. ओम प्रकाश राजभर अपनी सरकार के कामकाज से नाराज हैं. आपको बता दें ओम प्रकाश राजभर बीजेपी की सहयोगी पार्टी भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं.
राजभर ने कहा, “अगर परिवार में कुछ लोग बात नहीं सुन रहे हैं तो सुनाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा. समाजवादी पार्टी के समय के अधिकारी बात नहीं मान रहे हैं. हमें जनता ने न्याय पाने और भ्रष्टाचार से निजात पाने के लिए वोट किया था. हम सरकार के खिलाफ धरना नहीं कर रहे हैं हम अपने जिले के भ्रष्ट डीएम के खिलाफ धरना कर रहे हैं.”
ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं. 2017 चुनाव में ओम प्रकाश ने गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव जीते हैं. इन्होंने बीएसपी के नेता को हराया है.
सरकार में अनदेखी के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “मेरी अनदेखी नहीं हो रही है, उस जनता की हो रही है जिसने हमें वोट दिया. आखिर उस अधिकारी की हिम्मत कैसे कि किसी की बात ही नहीं सुन रहा. उस अधिकारी को संरक्षण कौन दे रहा है, इस बात का खुलासा जल्द होगा.”
राजभर ने बताया कि उन्होंने अधिकारी की शियाकत सुनील बंसल और सीएम आधित्यनाथ से की है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
उत्तर प्रदेश की सरकार तो बदल गई लेकिन कानून व्यवस्था में कोई बदलाव नही आया है। अपराधी पहले भी बिना डरे वारदातों को अंजाम देते थे और आज भी हाल वैसा ही है। ताजा मामला लखनऊ का है जहां पर 35 वर्षीय गैगरेप पीड़िता पर आरोपियों ने चौथी बार एसिड फेंक कर हमला किया। यह घटना गुरुवार शाम 8 से 9 बजे हुई, जब अलिगंज इलाके स्थित पीड़िता अपने हॉस्टल के बाहर बने हैंडपंप से पानी लेने के लिए निकली थी। प्रदेश में अपराधी कितने निडर हैं इसका अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह घटना तब हुई जब पीड़िता को पुलिस सुरक्षा प्राप्त है और बंदूकधारी हॉस्टल का गार्ड वहीं थे।
पीड़िता लखनऊ स्थित एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा चलाए जा रहे एक कैफे में काम करती है। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस अटैक के बाद पीड़िता के चेहरे पर काफी गंभीर चोट आई हैं। पीड़िता इस वक्त सदमें में है। लखनऊ के एडीजी अभय कुमार प्रसाद ने कहा कि हम इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और किसी भी आरोपी को बक्शा नहीं जाएगा।
आपको बता दें कि पीड़िता दो बच्चों की मां है और वह रायबरेली की रहने वाली है। इस महिला के साथ रायबरेली में 2008 में कुछ बदमाशों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था, और इस पर एसिड भी फेंक दिया था। पुलिस ने इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया था। इस दौरान ये महिला बच गई थी और 9 साल से इंसाफ के लिए लड़ रही है। इस बीच महिला पर केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिल रही थी, लेकिन पीड़िता ने इंसाफ के लिए अपना संघर्ष जारी रखा।
वहीं गुरुवार (23 मार्च) को बदमाशों ने महिला पर फिर हमला किया और उसे एसिड पीने को मजबूर किया। हमले के वक़्त महिला ट्रेन में थी और ऊंचााहार से अपने बच्चों से मिलकर वापस आ रही थी। तभी ट्रेन में ही बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी पीड़िता से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री अपने वादे पर कितने खरे उतरे वह तो हाल ही में हुए पीड़िता पर हमले से लगाया जा सकता है। इस मामले में पुलिस की असंवेदनशीलता भी सामने आई थी। पिछले हमले के बाद पीड़िता अस्पताल के जिस वार्ड में भर्ती थी वहां पर तीन महिला कांस्टेबल सेल्फी लेते हुए दिखाई दी थीं।