पूरा देश आहत -डबल इंजन वाला सबसे सुरक्षित हेलिकॉप्टर में सवार बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत की पुष्टि, कैप्टन वरूण सिंह का इलाज जारी
8 DEC 21; (Himalayauk Bureau) Chief of Army Staff General MM Naravane and all Ranks of the Indian Army pay heartfelt condolences on the untimely demise of General Bipin Rawat, Madhulika Rawat and 11 other passengers on board in an unfortunate air crash at Coonoor: Indian Army
विमान में सीडीएस बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत, कर्नल हरजिंदर सिंह, बिग्रेडियर एलएस लिड्डर, पीएसओ गुरसेवक सिंह, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी साई तेजा और सतपाल सवार थे। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर के मलबे में से लोगों को निकाला गया। इस हेलीकॉप्टर में चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी, उनके दो सहायक और पाँच सुरक्षा अधिकारी भी थे। हेलीकॉप्टर जिस समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसमें 14 लोग सवार थे।
अचानक हुए हादसे का शिकार हुए इस विमान को रूस से इंपोर्ट किया गया है। एमआई-17वी5 विमान काफी सुरक्षित माने जाते हैं। इसके बावजूद विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। फिलहाल, हादसे लेकर सेना ने जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सबसे पहले सामने आई तस्वीरों में हेलीकॉप्टर को धुएं से जलते देखा जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे को लेकर एक चश्मदीद ने बताया कि पहले हेलीकॉप्टर में आग लगी और उसके बाद ये क्रैश हो गया।
यह हेलिकॉप्टर MI-17V5 था। यह दो इंजन वाला हेलिकॉप्टर था और इसे बेहद सुरक्षित माना जाता है लेकिन अचानक यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे के पीछे क्या वजह है। बताया जा रहा है कि हादसा ख़राब मौसम की वजह से हुआ है।
जनरल बिपिन रावत करीब छह साल पहले भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे।
सेना ने एक बयान जारी कर जनरल बिपिन रावत की मृत्यु की पुष्टि कर दी है। इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी मधूलिका रावत का भी निधन हो गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेलीकॉप्टर हादसे में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह की बच पाए हैं। जिनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। वहीं बिपिन रावत की मौत के बाद पीएम आवास पर सीसीएस की बैठक हो रही है। जिसमें अमिता शाह और राजनाथ सिंह समेत कई कैबिनेट मंत्री पहुंचे हैं। वायुसेना ने बताया कि गंभीर रूप से घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। जनरल बिपिन रावत करीब छह साल पहले भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे।
जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर ने बुधवार सुबह दिल्ली से उड़ान भरी थी। तब उनके साथ नौ लोग थे। सुलूर एयरबेस से हेलिकॉप्टर में पांच और लोग सवार हुए। सुलूर के एयरबेस से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद यह हेलिकॉप्टर नीलगिरी की पहाड़ियों के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीडीएस रावत वेलिंगटन में स्थित डिफ़ेंस स्टाफ़ सर्विसेस कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे।
वायुसेना ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। कैबिनेट की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बाक़ी मंत्रियों को जानकारी दी।
स्थानीय सैन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उन्हें बताया कि स्थानीय लोग 80 फीसदी जले हुए दो शवों को स्थानीय अस्पताल ले गए। घटना स्थल पर कुछ और शवों को देखा गया है। हादसे में 11 शवों को बरामद किया गया है और 3 लोगों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। शवों को निकालने और पहचान के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर जनरल रावत की मृत्यु की सूचना दी है। इस ट्वीट में कहा गया है, “बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत और दूसरे 11 लोगों की मृत्यु हो गई है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल बिपिन रावत की मृत्यु पर ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने कहा कि उस तमिलनाडु में हुए उस हेलीकॉप्टर हादसे पर बहुत ही दुखी है जिसमें जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के दूसरे लोगों की मौत हो गई। उन्होंने पूरी कर्तव्यपरायणता से देश की सेवा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “तमिलनाडु में आज एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सशस्त्र बलों के जवानों के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनरल रावत की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा है कि वे सबसे बहादुर सैनिकों में से थे, जिन्होंने मातृभूमि की सच्ची सेवा की। उनके योगदान और उनकी प्रतिबद्धता का बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के नेता व सांसद राहुल गांधी ने जनरल रावत की मृत्यु पर शोक जताते हुए इसे अभूतपूर्व त्रासदी क़रार दिया है और कहा है कि पूरा देश शोक की इस घड़ी में एकजुट है।
सीडीएस बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में हिन्दू गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिपिन रावत पौड़ी जिले के द्वारखाल ब्लॉक के सैंण गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत (Laxman Singh Rawat) आर्मी में लेफ्टिनेंट थे और मां उत्तरकाशी के एमएलए किशन सिंह परमार (Ex- MLA Kishan Singh Parmar) की बेटी थी। रावत ने देहरादून में कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी, खडकवासला और इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में दाखिला लिया। यहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर’ (Sword Of Honour) से सम्मानित भी किया गया।
16 दिसंबर साल 1978 को बिपिन रावत की भर्ती 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में हुई थी। ये वही बटालियन है जहां पर उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत ने अपनी सेवा दी थी। बिपिन रावत के पास उच्च ऊंचाई युद्ध का एक्सपीरियंस हैं और इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने में दस साल बिताए हैं। साल 1987 में सुमदोरोंग चू घाटी (Sumdorong Chu Valley) में, बिपिन रावत की बटालियन को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ तैनात किया गया था। ये साल 1962 के युद्ध के बाद विवादित मैकमोहन रेखा पर गतिरोध पहला सैन्य टकराव था। बिपिन रावत कॉन्गो (Congo) के यूएन मिशन (UN Mission) में भी शामिल थे। साल 2015 के जून में, मणिपुर में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया (UNLFW) से संबंधित उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले में अठारह भारतीय सैनिक मारे गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमा पार से हमलों का जवाब दिया जिसमें पैराशूट रेजिमेंट की 21वीं बटालियन की इकाइयों ने म्यांमार में एनएससीएन-के बेस पर हमला किया। उस समय 21 पैरा दीमापुर स्थित ट्रिपल आई कॉर्प्स (III Corps) के संचालन नियंत्रण में था, इस ऑपरेशन की कमान बिपिन रावत के पास थी। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल जैसे कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है। जनरल बिपिन रावत आर्मी चीफ रहे हैं। जिस दिन बिपिन रावत सेना से रिटायर होने वाले थे ठीक उसी दिन उन्हें भारत का पहला चीफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया।
सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत ‘आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन’ (Army Wives Welfare Association) से जुड़ी हुईं हैं। वह डीडब्ल्यूडब्ल्यूए (DWWA) की प्रेसिडेंट हैं। यह संस्था देश के शहीदों के परिवारों के लिए काम करती है। रावत की पत्नी देश की सबसे बड़े एनजीओ एडब्ल्यूडब्ल्यूए (AWWA) के लिए बढ़-चढ़ के काम करती हैं। यही नहीं मधुलिका रावत कई ऐसे कल्याणकारी कार्यक्रमों और अभियानों का हिस्सा रही हैं, जो शहीदों की विधवाओं और विकलांग बच्चों की सहायता के लिए चलाए गए।
मधुलिका रावत सेना की पत्नियों को सशक्त बनाने, उन्हें ब्यूटीशियन पाठ्यक्रमों के साथ-साथ सिलाई, बुनाई और बैग बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करती हैं। वह ऐसे ही कई अन्य प्रोग्राम भी चलाती हैं, जिनके जरिए जवानों की पत्नियों को सशक्त बनाने का काम किया जाता है।
भारतीय सेना में अपने सेवा दे चुके विपिन रावत देश के पहले डिफेंस ऑफ स्टाफ के पद पर तैनात थे। इससे पहले वह भारतीय धल सेना की कमान संभाल चुके हैं। सेनाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई मिशन को अंजाम दिया। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक सबसे अहम रही। 2016 में उरी में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। इस मिशन की जिम्मेदारी बिपिन रावत के हाथों में थी। रावत ने ट्रेंड पैरा कमांड के जरिए पाक में घुसकर आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था।
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