31 तारीख को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण ;राशियों पर प्रभाव
31 जनवरी को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण #साल 2018 का यह पहला चंद्रग्रहण #31 तारीख को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसमें महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होगी #150 साल से ज्यादा समय बाद दिखाई देगा #चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा #5 राशियों की चमकायेगा किस्मत, बदल जायेगा इनका भाग्य-31 जनवरी 2018 को होने वाले”चन्द्र ग्रहण”से # कर्क राशि है साल 2018 की सबसे भाग्यशाली राशि #कर्क राशि महाभविष्यफ़ल 2018 सफलता ही सफलता ,सपने होंगे साकार # इससे पहले 31 दिसंबर, 2009 को भी माह की दूसरी पूर्णिमा पर आंशिक चंद्रग्रहण लगा था। लेकिन इस तरह का आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण 31 मार्च, 1866 को लगा था।
2018 जनवरी में होने वाले ग्रहण के दौरान, अशुभ अवधि सुबह से शुरू हो जायेगी। ज्योतिषीय परंपरा के अनुसार, कभी-कभी अशुभ अवधि ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होती है। इसलिए इस अशुभ अवधि के दौरान चंद्रग्रहण के लिए निषिद्ध कार्य नहीं करने चाहिए। अपने वजन के बराबर तेल, गुड़, चावल, चीनी दान करें। यह आपकी बीमारियों को ठीक करने में मदद करेगा।
चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी मंत्र का जाप करना आपको अत्यधिक अनुकूल परिणाम देगा और इसके प्रभावों को कई गुना तेज करेगा। इस दौरान धन प्राप्त करने के लिए “ॐ नमो देव भगवते त्रिलोचनं त्रिपुरम अंजलि में कल्याणम कुरु कुरु स्वाहा”, ज्ञान प्राप्त करने के लिए “ॐ ऐं हरिम क्लीं महा सरस्वति देवाय नमः” मंत्रो का जाप करें।
सोमवार, एक जनवरी से शुरू हुए नए साल 2018 में दो चंद्र ग्रहण और तीन सूर्य ग्रहण पड़ेंगे, लेकिन इनमें से केवल एक ही भारत में दिखाई देखा। इस साल का पहला चंद्रग्रहण आगामी 31 जनवरी, बुधवार को माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन पड़ेगा, जो खग्रास (पूर्ण) चंद्रग्रहण होगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में लोग खुली आंखों से देख सकेंगे। इस महीने की 31 तारीख को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसमें महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होगी। ‘ब्ल्यू मून’ अर्थात ‘नीला चांद’ कहलाने वाला यह नजारा 150 साल से ज्यादा समय बाद दिखाई देगा। यह 2018 का पहला ग्रहण होगा। भारतीय उपमहाद्वीप, पश्चिम एशिया और पूर्वी यूरोप में चांद के उदय के दौरान पहले से ही ग्रहण लगा रहेगा। उस समय प्रशांत महासागर चंद्रमा की सीध में होगा और ग्रहण मध्यरात्रि में होगा।
31 जनवरी, सन 2018, दिन बुधवार, माघ पूर्णिमा के दिन सायंकाल से खग्रास चन्द्रग्रहण सारे भारतवर्ष में दिखाई देगा. इस ग्रहण की खग्रास आकृति सारे भारत में देखी जाएगी. यह ग्रहण मिजोरम, अरु-प्रदेश, आसाम, सिक्किम, मेघालय, पूर्वी पश्चिम बंगाल में चन्द्रोदय के बाद आरम्भ होगा. भारत के अन्य भागों में इस ग्रहण का आरंभ चन्द्रोदय से पहले ही हो जाएगा, इसका अर्थ है कि वहाँ यह ग्रहण ग्रस्तोदय (जब चन्द्र उदय होगा तो ग्रहण शुरु हो चुका होगा) होगा.
ग्रहणस्पर्शकाले स्नानं मध्ये होम: सुराचर्नम्।
श्राद्धं च मुच्यमाने दां मुक्ते स्नानमिति क्रम:।
ग्रहण में स्पर्श के समय स्नान, मध्य में होम और देवपूजन और ग्रहण मोक्ष के समय श्राद्ध और अन्न, वस्त्र, धनादि का दान और सर्वमुक्त होने पर स्नान करें – यही क्रम है. ग्रहण अथवा सूतक से पहले ही दूध, दही, अचार, चटनी, मुरब्बे आदि में कृशातृण रख देना चाहिए, ये श्रेयस्कर होता है क्योंकि ऎसा करने से ये दूषित नहीं होते. जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा डालना आवश्यक नहीं है. रोग शान्ति के लिए ग्रहण काल में “श्रीमहामृत्युंजय मंत्र” का जाप करना शुभ होता है. दी अथवा कांसे की कटोरी में घी भरकर उसमें चाँदी का सिक्का मंत्रपूर्वक डालकर अपना मुँह देखकर छायापात्र मंत्र पढ़ना चाहिए और ग्रहण की समाप्ति पर वस्त्र, फल और दक्षिणा सहित ब्राह्मण को दान करने से रोग से निवृति होती है.
साल 2018 के 31 जनवरी को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) होगा जिसमें महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होगी। ‘ब्ल्यू मून’ अर्थात ‘नीला चांद’ कहलाने वाला यह नजारा 150 साल से ज्यादा समय बाद दिखाई देगा। यह 2018 का पहला ग्रहण होगा। भारतीय उपमहाद्वीप, पश्चिम एशिया और पूर्वी यूरोप में चांद के उदय के दौरान पहले से ही ग्रहण लगा रहेगा।
नए साल में दो चंद्रग्रहण और तीन सूर्यग्रहण पड़ेंगे, जो विभिन्न राशियों के लोगों पर अपना शुभ-अशुभ प्रभाव छोड़ेंगे। साल का पहला चंद्रग्रहण हिन्दू कलेण्डर के मुताबिक माघ महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को पड़ेगा, जो आगामी 31 जनवरी को आने वाली है। उन्होंने बताया कि इस दिन चंद्रग्रहण शाम को 5.21 मिनट पर शुरू होगा और करीब पौन घंटे तक यह चंद्रग्रहण रहेगा। उन्होंने बताया इस ग्रहण का सूतक काल सुबह 8.21 मिनट पर शुरू होकर रात्रि 8.45 बजे समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि यह चंद्रग्रहण कर्क, धनु, सिंह व मेष राशि वालों के लिए कष्टप्रद होगा, जबकि कुंभ, तुला, वृषभ और कन्या राशि वालों के लिए अति शुभ होगा। अन्य राशि वालों पर इसका प्रभाव मध्यम रहेगा। अन्य एक चंद्रग्रहण और तीन सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, जिनमें साल का दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन पड़ेगा। वहीं, नए साल में तीन सूर्यग्रहण होंगे, जो फाल्गुन माह की अमावस्या यानी 15 फरवरी, आषाढ़ की अमावस्या 13 जुलाई और पौष माह की अमावस्या यानी 11 अगस्त को पड़ेंगे।
जनवरी 2018 में चंद्र ग्रहण की तारीख, समय और प्रभाव – चंद्रग्रहण खगोल विज्ञान की एक प्रभावशाली घटना है। हिंदू धर्म में, चंद्रग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है और शास्त्रों में इसे एक सूतक काल के रूप में जाना जाता हैं, जब कुछ पुनर्मूल्यांकन की सलाह दी जाती है और इस दौरान कुछ कार्यों को करने के लिए मना किया जाता है। चंद्र ग्रहण के प्रभाव घटना के आसपास की अन्य ज्योतिषीय स्थितियों के आधार पर अलग अलग होते है। इसके अलावा, विभिन्न राशि चिन्हों पर ग्रहण के प्रभाव अनुकूल और प्रतिकूल और कम और ज्यादा होते है।
ग्रहण का महत्व – यह ग्रहण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह माघ महीने के पूर्णिमा के दिन होगा। ग्रहण के दौरान पवित्र नदियों में पवित्र डुबकी लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। माघ माह की पूर्णिमा पवित्र स्नान के लिए अति शुभ समय है और इसलिए इस दिन नदियों या पवित्र जल निकायों में स्नान करना चाहिए। इस ग्रहण से अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए चंद्रग्रहण के दिन जरूरतमंदों को भोजन, क़ीमती सामान, कपड़े, अनाज और धन दान करें। मंदिर में जाए और भिखारी को भोजन प्रदान करें।
उस समय प्रशांत महासागर चंद्रमा की सीध में होगा और ग्रहण मध्यरात्रि में होगा। मध्य एवं पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर हिस्से में शाम को आसमान में चंद्र ग्रहण का नजारा साफ-साफ दिखेगा। अमेरिका के अलास्का और हवाई एवं कनाडा के उत्तरपश्चिमी हिस्से में ग्रहण शुरू से अंत तक दिखेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण 77 मिनट तक रहेगा। स्पेस.कॉम’ की खबर के अनुसार इस दौरान चंद्रमा का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से की तुलना में ज्यादा चमकीला दिखेगा। इस साल के बाद अगली बार नीला चांद 31 दिसंबर, 2028 को फिर 31 जनवरी, 2037 को दिखेगा। दोनों ही बार पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
भारतवर्ष में यह ग्रहण मुख्य रुप से ग्रस्तोदय रुप में देखा जाएगा जिसका अर्थ है कि चंद्रमा के उदय (Rise) होने से पहले ही ग्रहण आरंभ हो चुका होगा केवल भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस ग्रहण का प्रारंभ देखा जा सकेगा. इसका अर्थ ये है जिस क्षेत्र में चन्द्रोदय (Moon Rise) 17घं. – 18मि. से पहले होगा वहीं इस ग्रहण का प्रारंभ दृश्यमान होगा
चंद्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव;
यह चन्द्रग्रहण पुष्य तथा आश्लेषा नक्षत्र और कर्क राशि पर घटित हो रहा है इसलिए इन नक्षत्रों तथा राशि वाले जातकों को ग्रहण का फल विशेष रुप से अशुभ तथा कष्टकारी हो सकता है. जिस भी राशि के जातक के लिए ग्रहण का अशुभ फल लिखा हुआ है उसे विशेष रुप से जाप, पाठ, ग्रहण शान्ति तथा दानादि द्वारा ग्रहण के अनिष्ट प्रभाव को दूर करना चाहिए. इसके अलावा ग्रहण के समय औषधि स्नान से भी अनिष्ट की शांति होती है. मेष से मीन तक बारह राशियों के लिए ग्रहण का निम्न फल हो सकता है :-
मेष राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण लाभ दिलाने वाला तथा कार्यों को सिद्ध करने वाला हो सकता है.
मेष- ग्रहण के कारण मेष राशि के जातकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस ग्रहण के दौरान जीवन में समस्या वाले क्षेत्रों से दूर रहें और इस अवधि के दौरान किसी भी तरह का जोखिम न उठाएं।
वृषभ राशि के लोगों को इस ग्रहण के कारण कुछ अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आपको इस ग्रहण के कारण कुछ मौद्रिक लाभ प्राप्त होने की एक मजबूत संभावना है। इस दौरान कुछ अप्रत्याशित स्रोतों के माध्यम से कुछ आश्चर्य लाभ के लिए तैयार रहें।
मिथुन राशि के जातकों को इस ग्रहण के कारण प्रतिकूल परिणाम मिलेंगे। उनको इस ग्रहण की वजह से मौद्रिक नुकसान हो सकता है इसलिए ग्रहण के दौरान जोखिम भरा कोई निवेश न करें और ऋण देने से बचें।
कर्क- इस ग्रहण की वजह से कर्क राशि के लोग किसी दयनीय परिस्थिति में फंस जाएंगे। इसलिए उन्हें इस तरह की स्थिति से बचने के लिए किसी भी राजनीति और कमजोर परिस्थितियों में शामिल नहीं होना चाहिये।
सिंह राशि के लोगों को इस चंद्र ग्रहण के दौरान किसी अप्रत्याशित घाटे का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान धन से सम्बंधित सौदे करने में बहुत सावधानी बरतें। वित्तीय मामलों में किसी पर भी विश्वास न करें और अपने फैसले खुद लें।
तुला राशि के लोगों को इस ग्रह के अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। इस ग्रहण की वजह से आपके घर में परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर सहकर्मियों और दोस्तों के साथ आपके सम्बन्ध अच्छे होंगे।
यह ग्रहण वृश्चिक राशि के लोगों के लिए नाम और सम्मान के कमी लाएगा। इस से बचने के लिए बुरी विचारधारा वाले लोगों से दूर रहें और ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हो जो कि जोखिम भरी हो।
इस ग्रहण के दौरान धनु राशि के जातकों क बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस ग्रहण के परिणामस्वरूप मौत की भविष्यवाणी की गई है। सुरक्षित रूप से ड्राइव करें और अपने आप को खतरनाक स्थितियों से बचाएँ।
मकर राशि के लोगों को इस ग्रह के कारण अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस समय के दौरान अपने जीवनसाथी के साथ पर्याप्त समझ के साथ डील करें और उसके साथ किसी भी प्रकार के संघर्ष से दूर रहे।
कुंभ राशि के लोग इस ग्रहण से अच्छे परिणाम पा सकते हैं। लोगों के साथ आपके रिश्तों में सुधार होगा और लोगों के साथ आपकी प्रतिष्ठा में एक महत्वपूर्ण विकास होगा।
मीन राशि के लोगों को इस ग्रहण के कारण प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होंगे। विभिन्न प्रकार की परेशानियों और चुनौतियों के कारण उन्हें मानसिक पीड़ा हो सकती है।
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