मुख्य सचिव ने पीएम को यह तो बताया पर यह नही बताया कि
प्रधानमंत्री को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की जानकारी दी केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति
काश प्रधानमंत्री जी को उत्तराखण्ड की यह जानकारी भी दी जाती कि-
देहरादून 07 जून, 2018(सू.ब्यूरो)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को गुरूवार को नई दिल्ली में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की जानकारी दी। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में आयोजित होने वाले सामूहिक योग प्रदर्शन के बारे में मुख्य सचिव ने बताया कि ऑनलाइन और ऑफ लाइन पंजीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। विभिन्न आयोजन समितियों का गठन कर दिया गया है। आयोजन स्थल तक लोगों को लाने और ले जाने की सुविधा के लिए 1000 बसों की व्यवस्था की गई है। रुट चार्ट बना लिया गया है। आईआरडीटी में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। देहरादून और हरिद्वार में विभिन्न स्थानों पर दो सप्ताह का प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। गुरुवार को कर्टेन रेजर कार्यक्रम किया गया। इसमें बड़ी संख्या में योग गुरुओं और प्रतिष्ठित लोगों ने प्रतिभाग किया।
श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण के संबंध में मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि मंदिर चबूतरे का विस्तार 1500 वर्ग मीटर से 4125 वर्ग मीटर कर दिया गया है। मंदाकिनी और सरस्वती नदी संगम स्थल से 270 मीटर दूरी तक मंदिर का खुला दृश्य दिखाई दे रहा है। इस मार्ग की चैड़ाई 50 फीट कर दी गई है। मार्ग के दोनों किनारों पर केबल और ड्रेनेज के लिए डक्ट बनाये जा रहे हैं। सरस्वती नदी पर 470 मीटर और मंदाकिनी नदी पर 380 मीटर की सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। गरुड़चट्टी पैदल मार्ग पुनर्निर्माण के बारे में बताया कि 3.5 किलोमीटर कटाई और 700 मीटर सतह सुधार कार्य पूरा हो गया है। वर्तमान में एकमात्र पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिंचैली होते हुए श्री केदारनाथ मार्ग का चैड़ीकरण पूरा हो गया है।
श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण के बारे में वेबसाइट shrikedarnathcharitabletrust.uk.gov.in लांच कर दिया गया है। मुख्य सचिव श्री सिंह ने बताया कि मंदाकिनी के दाहिने तट से लगभग 150 मीटर ऊंचाई पर मौन साधना स्थल का चयन कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। श्री केदारनाथ धाम के महात्म्य पर केदारगाथा मोबाइल एप्प विकसित किया गया है। समस्त केदारपुरी और पड़ावों पर फ्री वाईफाई सुविधा दी जा रही है। इसके लिए 10 सेक्टर एंटेना लगाए गए हैं। जीएमवीएन द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन शुरू कर दिया गया है। गुजरात सरकार के सहयोग से अलंग(गुजरात) शिप ब्रेकिंग यार्ड से 6 टन रबर मैट प्राप्त हो गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रबर मैट विभिन्न स्थानों पर बिछाये गए हैं। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि श्री केदारनाथ मंदिर के खुले आंगन और प्रांगण से श्रद्धालुओं में उत्साह है। इस बार रिकॉर्ड यात्री श्री केदारधाम पहुंच रहे हैं। विगत वर्षों में पूरे यात्रा सीजन में जितने यात्री आते थे, उतने यात्री अब तक दर्शन कर चुके हैं। अभी तक साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु/यात्री श्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं।
काश प्रधानमंत्री जी को यह जानकारी भी दी जाती कि-
विदेश यात्राओ के लिए लोन पर लोन ले रही उत्तराखण्ड सरकार ?
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पांच महीने से वेतन नहीं मिलने से बाजपुर चीनी मिल के पीलिया से पीड़ित एक कर्मचारी की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों और मिलकर्मियों ने शव मिल के गेट पर रखकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी को बेहतर इलाज नहीं मिल सका। एसडीएम की ओर से उचित मुआवजे के आश्वासन पर लोग शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गये। स्वार (रामपुर) यूपी निवासी राजेंद्र कुमार (50) चीनी मिल में सीजनल कर्मचारी थे। पांच महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला था। कुछ महीने से वह पीलिया से पीड़ित थे। परिजनों के अनुसार पहले 15 मई को बीमार राजेंद्र को लेकर मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में गये। वहां इलाज में 20 हजार रुपये लग गये, जिससे परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया। मजबूरी में राजेंद्र इलाज कराये बिना ही बाजपुर लौट आये। यहां इलाज के अभाव में मंगलवार सुबह राजेंद्र की मौत हो गयी। सूचना मिलते ही चीनी मिलकर्मी राजेंद्र के आवास पहुंचे। यहां से परिजन और कर्मचारी शव लेकर चीनी मिल गेट पर पहुंच गये। सड़क पर शव रख कर्मियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसडीएम की ओर से राजेंद्र के बेटे को आश्रित कोटे से नौकरी दिलाने और वेतन जल्द जारी करने के आश्वासन पर कर्मचारी माने।
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उत्तराखंड में नियमों को ताक पर रखकर सिडकुल में करोड़ों की धांधली के मामले को लेकर शिकंजे में फंसे उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को झटका लगा है। बीते पांच वर्षों में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और समाज कल्याण विभाग में बतौर कार्यदायी एजेंसी 53 करोड़ से अधिक वित्तीय गड़बडिय़ां कीं। योजनाओं को दी गई धनराशि पर 1.26 करोड़ से ज्यादा ब्याज के रूप में प्राप्त धनराशि सरकार को वापस नहीं की गई। वहीं बगैर ठेकेदार निर्माण निगम पद्धति से कराए गए कार्यों पर कॉंट्रेक्टर प्रॉफिट की 23.56 करोड़ की राशि का समायोजित नहीं कराई गई। सरकार की ओर से कराए गए ऑडिट में यूपीआरएनएन के कार्यों में धांधली पकड़ी गई है। एमडीडीए में बीते पांच वर्षों में निर्माण कार्यों के लिए धनराशि पर यूपीआरएनएन को 119.68 लाख रुपये ब्याज मिला, लेकिन इस राशि को महकमे को वापस नहीं कर सरकार के राजस्व को चूना लगाया गया। इसीतरह बगैर ठेकेदार के निर्माण निगम पद्धति से कराए गए कार्यों पर कॉंट्रेक्टर प्रॉफिट 22.81 करोड़ से ज्यादा धनराशि का समायोजन नहीं कराया गया। इसीतरह जो परियोजनाएं पूरी या समाप्त हो गईं, उनकी अवशेष धनराशि 29.12 लाख को वापस नहीं किया गया। निगम ने इस्टीमेट की मदों में निर्धारित से अधिक कार्य करा डाले। इससे 91.36 लाख अधिक खर्च हुआ। सेंटेज के रूप में एमडीडीए निधि से 20.68 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च की गई।
(3)HIGH LIGHT #पांच सौ करोड़ से ज्यादा का है घपला #सीबीआई उत्तराखण्ड के एनएच 74 घोटाले की जांच नही करेगी# ओपीटी) ने उत्तराखण्ड सरकार को सूचित किया #छहमहीने डीओपीटी इसे अटकाए बैठी रहे# मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड ने उत्तराखण्ड विधान सभा में स्वीकार किया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सीबीआई जांच स्वीकार कर ली है# उत्तराखण्ड के सबसे बडे घोटाले की जांच से इंकार #उत्तराखण्ड राज्य सरकार को सूचित #विपक्ष इस पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगा सकता है# परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कहा था कि भू-अधिग्रहण जिलाधिकारी के माध्यम से होता है # हिमालयायूके न्यूज पोर्टल LINK ; CLICK FOR DETAIL ; https://himalayauk.org/nh74-highway-scam/
एनएच-74 के निर्माण में किए गए 300 करोड़ रुपये के घोटाले में अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी केस दर्ज कर लिया है। यह मामला ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज किया है। अब अधिकारी इस दिशा में विधिवत कार्रवाई करते हुए चार्जशीट तैयार करेगी। बहुत संभव है कि जल्द अधिकारी मामले के आरोपितों की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई शुरू कर दें। पिछले साल एनएच-74 घोटाला प्रकाश में आने और एफआइआर के बाद ईडी ने भी इस मामले में अपनी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी। पहले ईडी अधिकारियों ने पुलिस से इसकी एफआइआर मांगी और फिर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार किया। चार्जशीट की प्रति प्राप्त करने के बाद भी लंबे समय तक ईडी अपने स्तर पर छानबीन में जुटा रहा। जबकि अब बुधवार को ईडी के उप निदेशक रवींद्र जोशी ने एनएच-74 घोटाले में विविधत केस दर्ज कर लिया। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए भूमि अधिग्रहण में कृषि भूमि को कमर्शियल दिखाकर करीब 300 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। एनएच घोटाले की जांच पहले से ही एसआइटी कर रही है और अब तक 20 लोगों को जेल भेजने के साथ ही एक दर्ज से अधिक आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की जा चुकी है। इन आरोपितों की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई तो ईडी सीधे तौर पर कर ही सकता है, साथ ही प्रकरण में दर्जनों काश्तकार भी ईडी के रडार पर आ सकते हैं। क्योंकि एसआइटी एनएच निर्माण कार्य में मुआवजा लेने वाले 60 से अधिक काश्तकारों के बैंक खाते पहले ही फ्रीज कर चुकी है। ऐसे में ईडी अधिकारी अब इन खातों में जमा रकम को भी जांच के दायरे में लाने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।
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टिहरी झील महोत्सव के पीछे का भयावह सच – A Top Report: by www.himalayauk.org
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continue……
मिशन 2019- सितारे जरा भी प्रतिकूल हुए तो पलट जायेगी बाजी
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