चीन का भारत के खिलाफ डबल गेम प्लान,पाकिस्तान और चीन, नेपाल की साजिश
2 JULY 20; लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पार चीन ने अपनी फौजों की तादाद और ताकत दोनों में इजाफा किया है. गलवान घाटी में चीन ने न केवल अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाई है बल्कि जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एंटी एयरक्राफ्ट गनों की जबरदस्त तैनाती की है. चीन की सेना की बड़ी तादाद अक्साई चिन में खुरनाक फोर्ट पर एकट्ठा की गई है. रॉकेट फोर्स की बड़ी तादाद भी एलएसी के पास लाई गई है.
नेपाल के सियासी संकट के बीच चीन और पाकिस्तान नेपाल में भारत के प्रभाव को खत्म करने के लिए बड़ी साजिश रचने में लगे हुए हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक नेपाल में चीन दखल बढ़ाने में लगा हुआ है.
गलवान घाटी में चीन ने लंबी दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली HQ-9 और HQ-16 मिसाइलों को तैनात किया है. HQ-9 मिसाइल की रेंज 200 किमी तक है और इसका रडार फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, स्मार्ट बमों या ड्रोन को बड़ी आसानी से पकड़ सकता है. HQ-16 मध्यम दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज 40 किमी तक है. चीन अपनी रॉकेट फोर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है. 2016 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स 9(PLARF) को अलग संगठन बनाया गया और इसके पास दुनिया में सबसे बड़ा रॉकेट का भंडार है. चीन ने अपने भारी तोपखाने को भी एलएसी के पास ऐसी जगहों पर तैनात कर दिया है जहां से गलवान घाटी और पेंगांग झील के किनारों पर भारतीय सेना के ठिकानों पर भारी गोलाबारी की जा सके.
ZEE MEDIA को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कोविड के नाम पर मदद के लिए चीन के मेडिकल स्टाफ की आड़ में चीनी जासूस नेपाल में तैनात किए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक चीन की खुफिया एजेंसी मिलिट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) नेपाल में अपने पैर पसार रही है.
चीन ने अपनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तैनाती को भी बढ़ाया है. सूत्रों के मुताबिक इस समय चीन और भारतीय सेना की एलएसी पर तैनाती का अनुपात एक के मुकाबले 6 है. चीनी सेना ने गलवान घाटी, डेपसांग प्लेन, पेंगांग, डेमचौक सहित दक्षिण लद्दाख के चुमुर के सामने भी सेना की तैनाती बढ़ाई है. चीन टेबल पर पीछे हटने की चर्चा और LAC पर फौजों में बढ़ोत्तरी से पता चलता है कि चीन भारत के खिलाफ डबल गेम प्लान कर रहा है.
नेपाल मामले से जुड़े जानकारों का मानना है कि नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद का फायदा पाकिस्तान भी उठाने में लगा हुआ है. पाकिस्तान की एजेंसियां प्रधानमंत्री ओली और नेपाल के अहम नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश में लगी हुई है जिन्हें भारत के खिलाफ तैयार किया जा सके. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री ओली से बात करने की पेशकश की है. यही नहीं पाकिस्तान काठमांडू में स्थित पाकिस्तान दूतावास में पाकिस्तान की ISI अपने एजेंटो की संख्या में इजाफा कर रही है.
30 जून को भारत और चीन के बीच कोर-कमांडर स्तर की बैठक हुई थी ये बैठक भारत की तरफ स्थिति चुशुल में हुई जो करीब 12 घंटे तक चली. ये कोर कमांडर स्तर के बीच हुई तीसरी बैठक थी, इससे पहले 22 जून और 6 जून को भी दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई थी.
6 जून की बैठक में ये तय हुआ था कि LAC पर तनाव को दूर करने के लिए दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी. लेकिन बैठकों के दौर के बावजूद, तनाव कम होने के बजाय बढ़ता ही गया. सूत्रों के मुताबिक 30 जून को हुई बैठक में सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति तो बनी है मगर इसकी प्रक्रिया में अभी और वक्त लगेगा.
जिस तरह से पाकिस्तान और चीन नेपाल में गतिविधियों को बढ़ाने में लगे हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में भारत को नेपाल से सावधान रहना होगा. नेपाल ने पिछले दिनों एक नया मैप जारी कर जहां भारत के कुछ हिस्सों पर अपना दावा जताया था, साथ ही भारत से सटे नेपाल के इलाके में स्थित नेपाली एफएम स्टेशन लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे हुए गए है. नेपाल की ओली सरकार एक बड़ी साजिश के तहत भारत विरोधी गतिविधियों को हवा दे रही है.
भारत से सटे नेपाल के ज्यादातर एफएम स्टेशन जहां भारत के खिलाफ जहर उगलने में लगे हुए हैं, वहीं सोशल मीडिया पर भी दोनों देशों के लोगों को भड़काने के मकसद से कई वीडियो वायरल किए जा रहे हैं. इनमे से ज्यादातर वीडियो में गाने और संगीत के जरिये कालापानी, लिपुलेख समेत कई इलाकों पर अपना दावा जाता रहा है.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक काठमांडू में स्थित चीन की राजदूत होउ यान्की (Hou Yanqi) ने नेपाल को भारत के खिलाफ उकसाने में बड़ी भूमिका निभाई है. होउ यान्की ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के अलावा नेपाल के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर उन्हें भारत के खिलाफ बयानबाजी करने को कहा था. नेपाल से पहले होउ यान्की पाकिस्तान के चीनी दूतावास में तैनात थी. सुरक्षा एजेंसियो के मुताबिक पाकिस्तान और चीन, नेपाल को उकसा कर भारत के खिलाफ एक और फ्रंट खोलने की साजिश में लगे हैं जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ाई जा सकें.
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