चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव ;कांग्रेस की जीत- हौंसला हुआ बुलंद
महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा # वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस की यह जीत अहम # मध्यप्रदेश के चित्रकूट विधानसभा के लिए हुए उप-चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सारी कोशिशों पर पानी फिर गया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी. चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार थे. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिन तक चित्रकूट में चुनाव प्रचार के लिये आए थे. यूपी की सीमा से सटी इस सीट पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी चुनाव प्रचार के लिये आये थे.# उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी मध्य प्रदेश की चित्रकूट सीट पर यूपी और म0प्र0 भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी थी # हिमालय गौरव उत्तराखण्ड- फेसबुक तथा टविटर में भी उपलब्ध
यहां कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने भाजपा उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी को 14,333 वोटों से हरा दिया है. 9 नवंबर को हुए मतदान में करीब 65 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा था. चित्रकूट विधानसभा सीट विधायक प्रेम सिंह के निधन से खाली हुई थी. www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस की 14,333 मतों से जीत, बीजेपी ने हार स्वीकार की
मध्यप्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा के उप चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के उम्मीदवार ने बीजेपी के उम्मीदवार को 14,333 मतों से हराया है. यहां बीते 9 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग हई थी.
मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में आज कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने सत्तारूढ़ भाजपा प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी को लगभग चौदह हजार मतों से पराजित कर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। राज्य में विधानसभा चुनाव के ठीक एक वर्ष पहले हुए इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से पार्टी को एक तरह से संजीवनी मिली है, वहीं राज्य में 14 वर्षों से सत्तारूढ़ भाजपा को इस नतीजे ने आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है। इसके पहले कुछ माह पहले भिंड जिले के अटेर विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस के हाथों भाजपा को पराजय का सामना करना पडा है।
मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान एक रात यहां गुजारी थी वहां भी हारी भाजपा- ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि सीएम के इस कदम से तुर्रा गांव सहित आसपास के मतदाताओं का मूड बदलेगा. लेकिन मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले गांव के सरपंच के घर पर टॉयलेट बनाने और उसे उखाड़ने के मामले से शायद जनता भी उखड़ गई और इसका असर नतीजों में देखने को मिला.
चित्रकूट में उपचुनाव के चुनाव प्रचार के दौरान सीएम तुर्रा गांव के जिस आदिवासी के घर रात को रुकने वाले थे. वहां सीएम के पहुंचने से पहले ही उनके समर्थकों ने वीवीआईपी इंतजाम कर दिए थे. मुख्यमंत्री ने लालमन सिंह गोंड के यहां रात में खाना खाया. खाने की पत्तल में चने का साग, आलू-बैंगन का भर्ता और पूरी का इंतजाम था. उनके वहां पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री के इस्तेमाल की हर चीज पैक कराके मंगवाई गई, कमरे में रंग रोगन हुआ, नया पलंग गद्दे आए और शौचालय भी बनाया गया था.
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की. इसके साथ ही पार्टी ने सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है. अगले महीने गुजरात और 2018 में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस की यह जीत अहम मानी जा रही है.
निर्वाचन अधिकारी ए.के. द्विवेदी ने बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने अपने निकटतम उम्मीदवार भाजपा की शंकरदयाल त्रिपाठी को 14,133 मतों के अंतर से हरा दिया. उन्होंने बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार को 66,810 मत हासिल हुए तथा भाजपा प्रत्याशी त्रिपाठी को 52,677 वोट मिले. 2455 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना.
कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के कारण इस सीट पर नौ नवंबर को उपचुनाव कराया गया था, जिसमें 65 फीसदी मतदान हुआ था. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में सिंह ने 10,970 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. उन्होंने भाजपा के सुरेन्द्र सिंह गहरवार को पराजित किया था.
चित्रकूट सीट के लिए हुए उपचुनाव में 12 उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन मुख्य मुकाबला चतुर्वेदी और त्रिपाठी के बीच ही माना जा रहा था. उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी मध्यप्रदेश की चित्रकूट सीट कांग्रेस की परम्परागत सीट मानी जाती है. कांग्रेस के कब्जे से यह सीट हथियाने के लिए सत्ताधारी भगवा पार्टी ने अपना पूरा जोर लगाया था लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली.
कांग्रेस के परंपरागत गढ़ चित्रकूट में कांग्रेस प्रत्याशी चतुर्वेदी ने पूरे उन्नीस दौर की गणना के बाद 66 हजार आठ सौ 10 मत हासिल किए और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के त्रिपाठी को 52 हजार छह सौ से अधिक मतों में ही संतोष करना पड़ा। इस प्रकार चतुर्वेदी चौदह हजार से अधिक मतों से विजयी घोषित किए गए। कांग्रेस प्रत्याशी की बढत एक बार तो बीस हजार से अधिक हो गई थी लेकिन मतगणना के अंतिम दौर में बढ़त का अंतर कम हो गया। चित्रकूट में कुल बारह प्रत्याशी थे, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच ही रहा। इस बीच राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पराजय स्वीकारते हुए कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी।वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पार्टी की विजय पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह सभी नेताओं के समन्वित प्रयासों और कार्यकर्त्ताओं की लगन का परिणाम है। इस विजय पर वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने भी खुशी जताते हुए कहा कि राज्य में अब लोग भाजपा के शासन से तंग आ चुके हैं। यह नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं। इस बीच प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर सैकडों पार्टी कार्यकर्त्ता और नेता एकत्रित हो गए और उन्होंने ढोल बाजों के साथ अपनी खुशी का इजहार किया। अनेक कार्यकर्ता नृत्य करते हुए भी नजर आए।
भाजपा मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव का औपचारिक नतीजा घोषित होने के पहले ही पार्टी की पराजय स्वीकारते हुए कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। चौहान ने यहां मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है और भाजपा ने वहां विधानसभा उपचुनाव में पार्टी का परचम लहराने के लिए सभी प्रयास किए। अब पार्टी जनादेश स्वीकार करती है और भविष्य में प्रयास किए जाएंगे कि चित्रकूट की जनता का मन पार्टी किस प्रकार जीत सकती है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट दस्यु प्रभावित क्षेत्र रहा है और कांग्रेस वहां हमेशा से विजय हासिल करती आई है। भाजपा को मात्र एक बार ही इस क्षेत्र में विजय प्राप्त हुई है। अब पार्टी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान पूरा प्रयास करेगी कि इस सीट पर भी पार्टी की विजय सुनिश्चित हो।