विदेश यात्रा से पूर्व सीएम द्वारा माॅ चन्द्रबदनी के दर्शन

मुख्यमंत्री ने किये माॅ चन्द्रबदनी के दर्शन #मुख्‍यमंत्री विदेश यात्रा जाने से पहले न्‍याय की देवी मां चंद्रबदनी के दरबार में – उत्‍तराखण्‍ड की अन्‍य प्रमुख खबरे –  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल

टिहरी/देहरादून 12 अप्रैल, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को माॅ चन्द्रबदनी मंदिर, देवप्रयाग में पूजा अर्चना कर माॅ चन्द्रबदनी का आशीर्वाद लिया तथा प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने माॅ चन्द्रबदनी मन्दिर तक पहुंच मार्ग को टीन शेड से कवर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं को वर्षा एवं धूप से राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने मा चन्द्रबदनी का आशीर्वाद लिया तथा प्रदेश की खुशहाली की कामना की। प्रदेश खुशहाल तब होगा जब राज्‍य के बडे भष्‍टाचारी बेनकाब होगे, मुख्‍यमंत्री विदेश यात्रा जाने से पहले न्‍याय की देवी मां चंद्रबदनी के दरबार में पहुंच गये, यह वह दरबार है, जहां मॉ न्‍याय देती है, पूर्व मुख्‍यमंत्री नारायण दत्‍त तिवारी के कार्यकाल की बात है जब राज्‍य की कुव्‍यवस्‍था से कुपित होकर एक सामान्‍य से इंसान माता के दरबार में धरने पर बैठ गये, उनको आशीर्वाद मिला, और उत्‍तराखण्‍ड में कैबिनेट मंत्री बने, आज नेशनल हाईवे 74 के घोटाले से पूरा प्रदेश दुखी है,  मां के इस दरबार में मुख्‍यमंत्री द्वारा प्रदेश की खुशहाली की कामना का इससे सीधा सा संबंध है, माता का चमत्‍कार एक बार फिर देखने को मिलेगा- नेशनल हाईवे 74 का मुख्‍य घोटालेबाज कानून के फंदे में आयेगा;  मॉ भगवती यहां साक्षात विराजमान है- सूबे के मुखिया माता के अलौकिक मंदिर में पहुंचे है तो राज्‍य में गलत कार्य करने वालो पर तो माता की भ्रकृटि तननी तय है-

उत्तराखंड के सिद्धपीठों में से एक है- मां चंद्रबदनी का मंदिर। यहां की महिमा अपरंपार है। देवप्रयाग में स्थित मां चन्द्रबदनी मंदिर शक्तिपीठों और माता सती के पवित्र स्थलों में से एक है। यह शक्तिपीठ चंद्रकूट पर्वत के ऊपर स्थित है। मान्यता है कि यहां आने वालों की हर मुराद पूरी होती है। वैसे तो हर दिन दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं, पर नवरात्रों में श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। यहां की महिमा अपरंपार है। यहां के पुजारी बताते हैं कि मंदिर में मूर्त नहीं, श्रीयंत्र है। रावल यानी पुजारी भी आंखें बंदकर या नजरें झुकाकर श्रीयंत्र पर कपड़ा डालते हैं। मान्यता है कि आंखें बंद न हों तो चुंधिया जाएंगी।  मान्यता है कि चंद्रकूट पर्वत पर सती का बदन (शरीर) गिरा, इसलिए यहां का नाम चंद्रबदनी पड़ा। कहते हैं कि आज भी चंद्रकूट पर्वत पर रात में गंधर्व, अप्सराएं मां के दरबार में नृत्य और गायन करती हैं। गर्भगृह में एक शिला के ऊपर उत्कीर्ण यंत्र पर चांदी का छत्र अवस्थित है। कहा यह भी जाता है कि आदिगुरु शंकराचार्य ने श्रीयंत्र से प्रभावित होकर चंद्रकूट पर्वत पर चंद्रबदनी मंदिर की स्थापना की थी।    

मुख्यमंत्री ने किया राजकीय महाविद्यालय नैखरी, टिहरी में शौर्य दीवार का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय महाविद्यालय नैखरी, टिहरी में शौर्य दीवार का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी सत्र से इस महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं शुरू कर दी जायेंगी, साथ ही छात्र-छा़त्राओं के लिये स्थापित पुस्तकालय हेतु 700 पुस्तकें उपलब्ध करायी जायेंगी। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन के कार्य के साथ-साथ देश-विदेश में घटित हो रही विभिन्न घटनाओं व महत्वपूर्ण जानकारियों के लिये समाचार पत्रों व टीवी चैनलों को नियमित रूप से देखने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने किया जामणीखाल, टिहरी में विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जामणीखाल, टिहरी में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी है। प्रदेश में किसी भी क्षेत्र में भ्रष्टाचार की सूचना मिलने पर सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ कडी कार्यवाही की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की सूचना कोई भी व्यक्ति राज्य मुख्यालय पर बनाये गये नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री नम्बर 1905 पर दर्ज करा सकता है। सरकार समाज के गरीब व असहाय लोगों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता पर कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने देहरादून से जाखणीधार तक उत्तराखण्ड परिवहन निगम की सेवा शुरू करने एवं मन्दार-स्यूरी मोटरमार्ग के निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतापनगर को जोडने वाले डोबरा-चाॅंटी पुल के निर्माण हेतु 86 करोड रूपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जामणीखाल में 12 करोड 38 लाख 75 हजार की लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें राजकीय पाॅलीटैक्निक भवन हिन्डोलाखाल, राजकीय इण्टर कालेज हिंसरियाखाल, पौडीखाल, लालूडीखाल तथा भल्लेगाव के अतिरिक्त कक्षों, बागवान जामणीखाल मोटरमार्ग के कि.मी. 02 से दन्देली-भडोली मोटरमार्ग का निर्माण तथा पौडीखाल भासों लिंक मोटरमार्ग का निर्माण एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हिंसरियाखाल में अनावासीय भवन का शिलान्यास शामिल है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत 787 कास्तकारों को कुल 03 करोड 10 लाख 14 हजार की धनराशि के ऋण के चैक वितरित किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में 1141 नये चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिये 121 नये 108 वाहनों को अपै्रल माह के अंत तक प्रदेश के उन सभी विकास खण्डों में उपलब्ध करा दिये जायेंगे, जहाॅं पर वाहन खराब हैं या उपलब्ध नही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अस्पतालों में टेलीमेडिसिन व टेलीरेडियोलाॅजी की सुविधा प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने यूथ क्लब की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित ’’उल्लास’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चैरास परिसर में विश्वविद्यालय के यूथ क्लब की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित ’’उल्लास’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने लगभग 57 करोड 59 लाख 80 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया।
शिलान्यास की गई योजनाओं में 47 करोड 70 लाख की लागत की उत्तराखण्ड पेयजल निगम की अकरी-बारज्यूला ग्राम समूह पम्पिगं योजना फेज-2, रानीहाट लक्ष्मोली लिप्ट सिंचाई योजना, घण्टाकार्ण का सौन्दर्यीकरण, इण्टर कालेज डांगचैरा में दो कक्षा कक्ष तथा बैन्जवाडी में 5 कक्षा कक्ष व शौचालय निर्माण सहित विभिन्न मोटर मार्गों का निर्माण शामिल हैं।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत, विधायक श्री धन सिंह नेगी, श्री विनोद कण्डारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी, क्षेत्रीय जनता व स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री एप पर शिकायत करते ही मात्र 18 घंटे में मिली बिजली
नैनीताल जिले के बेतालघाट क्षेत्र के कटमी गजार गाँव जहाँ पिछले कई सालों में गाँव के कई लोगों ने पलायन किया वही किसान श्री हरगिरी ने अपनी कर्मठता से बिना किसी सरकारी मदद के अपनी हाड़तोड़ मेहनत से बंजर जमीन को भी हरा भरा कर दिया।
किसान श्री हरगिरी स्वंय लगभग 30 मीटर गहरा गड्डा खोदकर, निजी पम्प सेट से प्याज, लहसुन व आलू का उत्पादन कर रहे है लेकिन खेतों के आस-पास आज तक बिजली न होने की वजह से पम्प सेट को डीजल से चला रहे थे। खेतों के चारों और जंगल व झाडी होने की वजह से रात को जंगली जानवरों का खतरा रहता है फिर भी किसान श्री हरगिरी टिन सेड में बिजली न होने के कारण दीपक और लकड़ी जलाकर अपनी रात गुजार रहे थे।
किसान श्री हरगिरी के पुत्र श्री प्रेम ने कुछ दिन पहले अखबार में पढ़ा कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के मोबाइल एप पर शिकायत दर्ज कराने से कई लोगों की समस्या का समाधान बहुत शीघ्र हो गया। इससे प्रेरित होकर किसान श्री हरगिरी के पुत्र ने मुख्यमंत्री मोबाइल एप के माध्यम से अपनी समस्या मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को बताई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऊर्जा विभाग को किसान श्री हरगिरी के खेतों में बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए। निर्देशों के अनुपालन में कुमाऊं यूपीसीएल के चीफ इंजिनियर ने अधिकारियों को तुरंत किसान श्री हरगिरी को बिजली मुहैया कराने के आदेश दिए ।
एप पर शिकायत प्राप्त होने के मात्र 18 घंटे के अन्दर ही किसान श्री हरगिरी के खेतों में बने घर में सरकार द्वारा मुफ्त नया बिजली का कनैक्शन लगा दिया गया है। बिजली का कनैक्शन लगने से श्री हरगिरी और उनका परिवार बहुत खुश है और उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया है।

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में जौनसार बावर सांस्कृतिक लोक कला मंच चकराता की प्रस्तुति ‘नमन उत्तराखण्ड’ का लोकार्पण किया। गीतकार एवं निर्देशक श्री नन्दलाल भारती ने जानकारी दी कि इस प्रस्तुति में विलुप्त हो रही पौराणिक विधाओं पर आधारित लोकगीतों का संकलन किया गया है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

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प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में पशुपालन विभाग की समीक्षा की। कृषकों के दोगुनी आय वृद्धि के सन्दर्भ में पशुपालकों के आय वृद्धि पर अपना ध्यान फोकस करने का निर्देश विभाग को दिया। उन्होंने कहा पशुओं के नस्ल सुधार एवं प्रशिक्षण द्वारा आय-वृद्धि पर जोर दिया जाय। 

            बैठक में न्याय पंचायत स्तर पर आवश्यकतानुसार महिला पैरा विड को पशुपालन नस्ल सुधार के लिए तैनात करने का निर्देश दिया गया। अभी तक पैरा विड के क्षेत्र में पुरूष ही काम करते रहे हैं। विभाग में महिला पशु चिकित्सकों की संख्या भी प्रर्याप्त है। इसको देखते हुए  09 पहाडी जनपदों में प्रत्येक जनपद से 10-10 महिला पैरा विड को तैनात कर, इन्हें पशुपालन की ट्रेनिंग देते हुए स्वरोजगार वृद्धि पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड के मीट को नेचुरल हिमालयन मीट के रूप में प्राचारित करने पर बल दिया गया। इसके प्रदेश और देश में लोकप्रियता बढ़ाने के को कहा गया। नेचुरल हिमालयन मीट की लोकप्रियता से पशुपालकों की आय बढ़ाने में मद्द मिलेगी। जिसकी विभाग द्वारा रूपरेखा तैयार कर ली गई है,

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छोटे स्तर के भेड़-बकरी पालकों की सोसाइटी बनाकर, इनका पंजीकरण सहकारिता समिति में कराने का निर्देश दिया गया। पशुपालकों को संगठित होने के कारण उनकी आय वृद्धि होगी। इस क्षेत्र में महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी।  बैठक में साहीवाल के नस्ल सुधार हेतु हरिद्वार के कटारपुर क्षेत्र में, परीक्षण के उपरान्त इसके स्थापना के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त कुमाऊ एवं गढवाल में दो स्लाटर हाउस खोलने के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा।  बैठक में मानसून के बाद दो दिवसीय एवं पशु मेला प्रदर्शिनी मेला आयोजित करने पर बल दिया। बड़े स्तर पर होने वाले इस पशु मेला प्रदर्शिनी में रैम्प प्रोग्राम, सेमिनार, कृषक उत्पाद को प्रदर्शित किया जायेगा। बैठक मैं अच्छे पशुपालकों को बेहतर पशु नस्ल सुधार के लिए प्रोत्साहित करने एवं पुरस्कृत करने पर बल दिया गया।  बैठक में सचिव पशुपालन आर0मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक पशुपालन डा0 के0के0 जोशी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी शीप बोर्ड डाॅ0 अविनाश आनन्द मौजूद थे। 

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प्रधानमंत्री भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आॅल वेदर रोड की प्रगति की समीक्षा बैठक सचिवालय में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। 

मुख्य सचिव ने चारधाम हेतु स्वीकृत लागत लगभग 11,700 करोड़ के सात पैकेजों यथा ऋषिकेश-रूद्रप्रयाग 140 किमी., रूद्रप्रयाग-माणा 160 किमी,  ऋषिकेश-धरासू 144 किमी., धरासू-गंगोत्री 124 किमी., धरासू-यमुनोत्री 95 किमी., रूद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड 76 किमी., टनकपुर-पिथौरागढ़ 150 किमी. की पैकेजवार सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की। मुख्य सचिव द्वारा सडक खुदान से निकलने वाले मलबे को सुनियोजित ढ़ंग से नियमानुसार निस्तारण करने के निर्देश दिए गये और कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया गया, कि किसी भी दशा में मलबा नदी क्षेत्र में न डाला जाये। उन्होंने निविदा में दी गयी शर्तो के अनुसार मग डिस्पोजल चिन्हित डंपिंग जोन में करने के निर्देश कार्यदायी संस्थाओं को दिये तथा इस पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये।

उन्होंने परियोजना का कार्य कर रही एजेन्सियों एनएच लो.नि.वि., सीमा सड़क संगठन, एनएचआई डीसीएल एवं सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित किये जा रहे स्वीकृत 37 परियोजना कार्यों, जिनमें 22 कार्यों में कार्य प्रगति पर है, को युद्ध स्तर पर पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित प्रतिनिधि अधिकारियों को दिये। उन्होंने आॅल वेदर रोड में अवशेष कार्यों की स्वीकृति के लिये शीघ्र तिथि निर्धारण के निर्देश दिये। 

समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने बताया, कि परियोजना में 80 प्रतिशत भूमि हस्तान्तरण एवं 81 प्रतिशत वन भूमि हस्तान्तरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। उल्लेखनीय है कि उक्त 889 किमी. की इस महत्वाकांक्षी चारधाम आॅल वेदर रोड परियोजना में 632 किमी. के कार्यों की स्वीकृतियां प्राप्त हो गयी है। 

समीक्षा में परियोजना में शामिल 94 किमी. सड़क मार्ग जो भागीरथी सेन्सटिव जोन में है, पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश वन विभाग को दिये गये। 

मुख्य सचिव श्री सिंह ने बैठक में कार्यदायी संस्थाओं से यूटिलिटि शिफ्टिंग में आ रही परेशानियों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की तथा इस कार्य हेतु सम्बन्धित विभाग यथा उत्तराखण्ड पाॅवर काॅरपोरेशन, पेयजल विभाग आदि को युद्ध स्तर पर यूटिलिटि शिफ्टिंग कार्य पूरा करने के निर्देश दिये ताकि चारधाम यात्रा में यात्रियों/पर्यटकों को यातयात, पेयजल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति में असुविधा का सामना न करना पडे।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस परियोजना से जुडे 13 पैकेज और स्वीकृत कर दिये हैं, जिन में टेंडर की कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने अवगत कराया कि ईको सेंसटिव जोन से सम्बन्धित मामलों में माॅनिटिरिंग कमेटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने परियोजना का कार्य कर रही सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये कि प्रभावित प्रकरणों को माॅनीटिरिंग कमेटी के समक्ष लाया जाये। 

विद्युत लाईन शिफ्टिंग की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव द्वारा परियोजना में चिन्हित अवशेष विद्युत लाईन तथा विद्युत पोल शिफ्टिंग कार्य 20 अप्रैल तक करने के निर्देश दिये है। समीक्षा के दौरान पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया, कि एनएच 125 परियोजना में चिन्हित समस्त पोल का प्रतिस्थापन किया जा चुका है, जबकि एनएच 94 परियोजना में आगामी सप्ताह में अवशेष 19 पोलों को प्रतिस्थापित कर दिया जायेगा तथा एनएच 58 में 1146 चिन्हित पोलों में से 814 विद्युत पोल प्रतिस्थपित किये जा चुके हैं, अवशेष में कार्य युद्ध स्तर पर पूरा कर लिया जायेगा।

पेयजल की समीक्षा के दौरान जल संस्थान के महाप्रबंधक इंजीनियर एस.के. शर्मा द्वारा बताया गया कि परियोजना के निर्माण से प्रभावित 24 पेयजल योजनाओं में साइट की आवश्यकतानुसार पेयजल के सुचारू रूप से चलाने हेतु अस्थाई पेयजल लाईन की व्यवस्था की गयी है।  

इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार इंजीनीयर लो.नी.वि. श्री आर.पी.भट्ट, प्रभारी सचिव राजस्व श्री विनोद रतूडी, एमडी पेयजल निगम श्री भजन सिंह, अपर सचिव पेयजल श्री अर्जुन सिंह, मुख्य अभियंता यूपीसीएल श्री एम.एल.प्रसाद, मुख्य अभियन्ता(रा.मा.) श्री हरिओम शर्मा, अनुसचिव लो.नि.वि. श्री डी.के.पुनेठा, अनुभाग अधिकारी श्री एस.डी. बेलवाल तथा सीमा सडक संगठन के अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।  

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