कांग्रेस के 50 विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल दिया
गुजरात में ऊना में दलितों की पिटाई के मुद्दे पर चर्चा के दौरान विरोध कर रहे कांग्रेस के 50 विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया। इसके साथ ही एक दिन के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। साथ ही साथ लगभग 400 कार्यकर्ताओं को भी पकड़ लिया गया। ऊना में दलितों पर अत्याचार पर चर्चा के दौरान मंगलवार (23 अगस्त) को कांग्रेस के सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गए। तख्तियों पर लिखा था कि भाजपा सरकार ‘‘दलित विरोधी’’ है। विधायकों ने सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों की ओर चूड़ियां भी फेंकी। कम से कम 20 सदस्यों ने बैनरों को अपने शरीरों पर लपेट रखा था।
मानसून सत्र के अंतिम दिन और लगातार दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद उन्होंने प्रदर्शन जारी रखा। जब हंगामा जारी रहा तो अध्यक्ष ने मार्शलों को विधायकों को सदन से बाहर करने का निर्देश दिया, साथ ही विधायकों का नाम लेते हुए उन्हें एक दिन के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया। इसके बाद कांग्रेसी विधायकों को सदन से बलपूर्वक बाहर कर दिया गया। अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल दलितों से जुड़े मुद्दों पर प्रदर्शन की रणनीति बनाकर आए थे और इस मुद्दे का वे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।
वहीं पार्टी के मंगलवार को ‘जनाक्रोश रैली’ आयोजित करके राज्य विधानसभा की ओर मार्च निकाला था। उसी दौरान इसके वरिष्ठ नेताओं और विधायकों सहित पार्टी के करीब 400 समर्थकों को हिरासत में ले लिया लिया गया। पुलिस ने बताया कि उन्हें उस वक्त रोक लिया गया जब वे विधानसभा के मुख्य दरवाजे पर पहुंच गये थे। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उन लोगों में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला, राज्य कांगे्रस के अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल, सिद्धार्थ पटेल, राज्यसभा के सांसद मधुसूदन मिस्त्री, मनीष दोशी, और करीब 20 विधायक शामिल हैं।