मयूख महर केे कांग्रेस छोडने की खबर से हडकम्प मच गया
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल की प्रस्तुति-
कुमायूं से आ रही हरीश रावत की अनुकूल हवाओं को रोकने के लिए भाजपा ने पूरी सेना कुमायूं में उतारी,अभी तक चल रही चुनावी सर्वे के अनुसार कुमायूं की 29 सीटों में से 25 हरीश रावत के पक्ष में जाने की हवा है, अगर यह हवा बरकरार रही तो सूबे में कांग्रेस सरकार बनने से भाजपा नही रोक पायेगी, इसको गंभीरता से लेते हुए भाजपा ने कुमायूं में विशेष फोकस किया है, कुमायूं के हर आम व खास नेताओं से भी भाजपा सम्पर्क कर सम्पर्क साध रही है, वही पिथौरागढ में हरीश रावत के एक बडे किले को फतह करने की हवा चली, वही भाजपा ने भारी लावलश्कर के साथ कुमायूं पर फोकस किया, चार मुख्यमन्त्री, नेता प्रतिपक्ष और स्पीकर देने वाले कुमाऊं में भी विजय पताका फहराने के लिये भाजपा ने पूरी रणनीति तैयार की है. उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल की अहम हिस्सेदारी है. चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी पूरी ताकत कुमाऊं मंडल की सभी उन्तीस सीटों पर झोंकना चाहते हैं. एनडी तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, विजय बहुगुणा सरीखे नेता कुमाऊं से ही चुनाव जीतकर मुख्यमन्त्री बने हैं. इस समय कुमायूं का ही सत्ता में वर्चस्व है, नेता विरोधी दल,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, राजस्व मंत्री आदि तमाम सत्ता के सर्वोच्च शिखर के नेतो कुमायूं से हैं- आज यह हवा उडी कि कांग्रेस के एक गढ को तोड दिया गया है, कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण विधायक जो पिथौरागढ से कांग्रेस के महत्वपूर्ण पिलर है, तथा लम्बे समय से हरीश रावत से नाराज है, ने कांग्रेस का साथ छोड दिया है, खबर से हडकम्प मच गया, परन्तु शाम होते होते- कांग्रेसी विधायक मयूख महर ने इस खबर का खण्डन कर दिया-
पिथौरागढ़ विधानसभा से कांग्रेसी विधायक मयूख महर का पार्टी छोड़ने की तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है.
विधायक महर का कहना है ‘मेरी तीन पीढ़ियों से कांग्रेस में आस्था है और मैं राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ुंगा. साथ ही विधायक महर ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ उनका 35 सालों से रिश्ता है. रावत से ही उन्होंने राजनीति सीखी है. यही नहीं महर ने इस बात पर हैरानी जताई है कि आखिर क्यों राज्य में उनको लेकर इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं कि वे पार्टी छोड़ने वाले हैं.उन्होंने कहा कि उनसे न तो किसी भाजपा नेता ने सम्पर्क किया है और न ही ऐसी कोई कोशिश की है. बावजूद अफवाह है कि उनकी पार्टी छोड़ने की चर्चाएं होती रहती है. (www.himalayauk.org) Newsportal)
शायद यह अफवाह तब उडी जब सांसद निशंक ने आज बयान दिया- दूसरे दलों के नेताओं के लिए बीजेपी परिवार में सम्मलित होने की भी बात कही.हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ने रावत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार प्राइवेट लिमिटेड बन गई है. मौजूदा कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को 20 साल पीछे धकेल दिया है. साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरे दलों के नेताओं के लिए बीजेपी परिवार में सम्मलित होने की भी बात कही.
वही मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कुमाऊं मंडल की धारचूला विधानसभा सीट से विधायक हैं. स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष भी यहीं से विधायक हैं. लिहाजा कुमाऊं मंडल अब वीवीआईपी की श्रेणी में है और दोनों प्रमुख दल कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते. भाजपा तो दावा कर रही है कि सभी सीटें जीतने का लक्ष्य है. सांसद भगत सिंह कोश्यारी कहते हैं कि कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह है. कुमाऊं की सभी सीटें जीतने का लक्ष्य है. दो-चार रह भी गयीं तो कोई बात नहीं.
बीजेपी भले ही सभी सीटें जीतने का दावा कर रही हो, लेकिन कांग्रेस भी अपना पूरा दमखम दिखाने का दावा कर रही है. हेवीवेट मन्त्री इंदिरा हृदयेश, यशपाल आर्य जैसे नेता पहले से ही कांग्रेस के लिये कुमाऊं मंडल में मजबूती के लिये काम कर रहे हैं.
खुद सीएम हरीश रावत मूल निवासी होने के साथ-साथ विधायक भी हैं. लिहाजा कांग्रेस भी पूरी मजबूती के साथ अपना दम दिखा रही है.
महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य का दावा है कि कुमाऊं मंडल ही नहीं पूरे प्रदेश में पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. बड़ी संख्या में महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिये बात की जा रही है.
चुनाव में कुछ ही महीने का वक्त बचा है लिहाजा सभी पार्टियां अपना होमवर्क कर रही हैं साथ ही दावे भी बड़े-बड़े किये जा रहे हैं लेकिन असल बाजी तो जनता के ही हाथ में है जो किसी भी राजनीतिक दल और प्रत्याशी का खेल बिगाड़ सकती है. देखना ये है कि कुमाऊं के रण में किसका पलड़ा भारी रहता है.
गौरतलब है कि राज्य में मचे राजनीतिक तूफान के बाद ये चर्चाएं लगातार जोर पक़ड़ रही थी कि विधायक मयूख महर अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं. लेकिन विधायक ने पहली बार खुलकर सभी प्रकार की अटकलों पर पूर्ण विराम लगाया है.
मौजूदा सीएम हरीश रावत भी कुमाऊं मंडल की धारचूला विधानसभा सीट से विधायक हैं. स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष भी यहीं से विधायक हैं. लिहाजा कुमाऊं मंडल अब वीवीआईपी की श्रेणी में है और दोनों प्रमुख दल कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते. भाजपा तो दावा कर रही है कि सभी सीटें जीतने का लक्ष्य है.
सांसद भगत सिंह कोश्यारी कहते हैं कि कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह है. कुमाऊं की सभी सीटें जीतने का लक्ष्य है. दो-चार रह भी गयीं तो कोई बात नहीं.
बीजेपी भले ही सभी सीटें जीतने का दावा कर रही हो, लेकिन कांग्रेस भी अपना पूरा दमखम दिखाने का दावा कर रही है. हेवीवेट मन्त्री इंदिरा हृदयेश, यशपाल आर्य जैसे नेता पहले से ही कांग्रेस के लिये कुमाऊं मंडल में मजबूती के लिये काम कर रहे हैं.
खुद सीएम हरीश रावत मूल निवासी होने के साथ-साथ विधायक भी हैं. लिहाजा कांग्रेस भी पूरी मजबूती के साथ अपना दम दिखा रही है. महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य का दावा है कि कुमाऊं मंडल ही नहीं पूरे प्रदेश में पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. बड़ी संख्या में महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिये बात की जा रही है.
चुनाव में कुछ ही महीने का वक्त बचा है लिहाजा सभी पार्टियां अपना होमवर्क कर रही हैं साथ ही दावे भी बड़े-बड़े किये जा रहे हैं लेकिन असल बाजी तो जनता के ही हाथ में है जो किसी भी राजनीतिक दल और प्रत्याशी का खेल बिगाड़ सकती है. देखना ये है कि कुमाऊं के रण में किसका पलड़ा भारी रहता है.