इस मुददे पर कांग्रेस देशभर में आंदोलन करेगी
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार (04 अगस्ते) को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. इसमें असम के एनआरसी, राफेल डील, पीएनबी फ्रॉड के आरोपी मेहुल चौकसी और देश के वर्तमान आर्थिक हालात पर चर्चा हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, मुकुल वासनिक, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी सहित 30 से ज्यादा महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने डील को लूट करार देते हुए कहा कि इसमें 130,000 करोड़ रुपया (एक लाख 30 हजार करोड़ रुपया) आम लोगों का छीनकर दोस्तों को दे दिया गया. उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में राफेल डील पर पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जो पहले से ही 45,000 करोड़ रुपये कर्ज में थे उन्हें पैसा दिया गया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी के एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये की ‘लूट करने’ वाले मेहुल चौकसी को इस सरकार ने ‘क्लीन चिट’ दी ताकि वह एंटीगुआ का नागरिक बन सके. गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आज की बड़ी खबर: भारत ने श्रीमान 56 के ‘सूटबूट’ वाले मित्र मेहुल ‘भाई’ चौकसी को 2017 में क्लीनचिट दी जिससे उसने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली.’ उन्होंने कहा, ‘इस ‘भाई’ ने पीएनबी के 13,000 करोड़ लूटे और फिर भारत से फरार हो गया.’
इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर कहा कि एंटीगुआ की ‘सिटिजनशिप इन्वेस्टमेंट यूनिट’ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया था जिसमें कहा गया है कि मई, 2017 में भारतीय विदेश मंत्रालय ने मेहुल चौकसी को नागरिकता देने के लिए ‘क्लीन चिट’ प्रमाणपत्र जारी किया था. सुरजेवाला ने एक एंटीगुआ की ‘सिटिजनशिप इन्वेस्टमेंट यूनिट’ की प्रेस विज्ञप्ति की एक प्रति जारी करते हुए यह दावा किया कि ‘क्लीन चिट’ प्रमाणपत्र में स्पष्ट किया गया था कि चौकसी को लेकर कोई ‘प्रतिकूल सूचना’ नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि अप्रैल, 2018 में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौकसी को नागरिकता दिए जाने का मुद्दा क्यों नहीं उठाया, जबकि उसे इस साल चार जनवरी को नागरिकता प्रदान कर दी गई थी.
राहुल गांधी ने VIDEO शेयर कर बताया, जब PM मोदी ने मेहुल चौकसी को कहा था ‘मेहुल भाई’
मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर के घोटाले के कथित मास्टरमाइंड में से एक है (फाइल फोटो)
एंटीगुआ ने शुक्रवार को दावा किया कि जब कैरेबियाई देश ने 2017 में मेहुल चोकसी को नागरिकता देने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच की थी तब भारतीय एजेंसियों ने उसे बताया था कि भगोड़े अरबपति के खिलाफ कोई मामला नहीं है. निवेश से संबद्ध नागरिकता देने के लिए जिम्मेदार एंटीगुआ के निकाय ने चोकसी के मामले में मंजूरी देने वाली भारतीय एजेंसी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का भी नाम लिया. हालांकि सेबी ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसे कभी ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला और ना ही उसने एंटीगुआ में सक्षम प्राधिकार को ऐसी कोई सूचना दी. एंटीगुआ के अखबार डेली ऑब्जर्वर ने ‘सिटीजनशिप बाइ इन्वेस्टमेंट यूनिट ऑफ एंटीगुआ एंड बारबूडा’ के एक बयान के हवाले से बताया कि मई 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता के लिए चोकसी के आवेदन के साथ स्थानीय पुलिस से मंजूरी भी दी गई थी. चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर के घोटाले के कथित मास्टरमाइंड में से एक है और वह भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी का रिश्तेदार भी है. खबर में कहा गया है, ‘भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, मुंबई से मिले पुलिस मंजूरी प्रमाणपत्र के अनुसार मेहुल चीनूभाई चोकसी के खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं है जो उन्हें एंटीगुआ और बारबूड़ा के लिए वीजा समेत यात्रा सुविधाएं देने के अयोग्य ठहराता हो.’ इसमें कहा गया है कि द्वीपीय देश के अधिकारियों ने इंटरपोल समेत वैश्विक एजेंसियों से चोकसी के बारे में व्यापक छानबीन की थी कि कहीं उनके खिलाफ किसी भी अपमानजनक सूचना का कोई मामला तो नहीं है. खबर के मुताबिक, जांच के तौर पर एंटीगुआ प्रशासन को 2014 और 2017 में चोकसी की कंपनियों के खिलाफ सेबी की कार्रवाई के दो मामलों के बारे में पता चला तथा उसने उनसे और जानकारी मांगी थी. सेबी ने कैरिबियाई प्रशासन को बताया था कि एक मामला बंद कर दिया गया है और दूसरे मामले में पर्याप्त सबूत नहीं थे.
हालांकि भारतीय नियामक ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इन दावों को खारिज किया.
सेबी ने कहा, ‘सेबी को एंटीगुआ की सिटिजनशिप बाय इनवेस्टमेंट यूनिट से किसी भी जांच पर जानकारी के लिए ना तो कोई अनुरोध मिला और ना ही उसने सीआईयू को ऐसी कोई सूचना दी.’ एंटीगुआ की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिटीजनशिप फ्रॉम इन्वेस्टमेंट यूनिट ने कहा कि अगर नागरिकता के आवेदन के समय चोकसी के खिलाफ कोई वारंट होता तो इंटरपोल इसके बारे में बताता और यह राष्ट्रीय आपराधिक डेटाबेस में भी होता है. चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में शरण ली थी. नवंबर 2017 में उसे एंटीगुआ की नागिरकता मिल चुकी थी.
इस बैठक में ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एनआरसी का कॉन्सेप्ट कांग्रेस पार्टी लेकर आई थी, जिसका मकसद विदेशियों की पहचान करना था और यह काम कांग्रेस ने तेजी से किया, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ध्रुवीकरण के लिए इस पूरे मामले में झूठ बोल रही है.
कांग्रेस कार्यसमिति में यह तय किया गया है कि मेहुल चौकसी और राफेल डील के मुद्दे पर पार्टी देशभर में आंदोलन करेगी. इसकी रूपरेखा जल्द तैयार होगी. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि राफेल डील से देश को 48 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है जिसमें एक कंपनी को फायदा पहुंचाया गया.
कांग्रेस कार्यसमिति समिति की बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया-असम एकॉर्डिंग, जिसको पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने शुरू किया था, उसके तहत चालू की गई. इसमें सभी की राय ली गई थी ताकि विदेशी नागरिकों की पहचान हो सके. 2009 की मनमोहन सिंह की सरकार ने 490 करोड़ रुपए एनआरसी के लिए दिए थे. इसके तहत विदेशियों की पहचान करना थी लेकिन 40 लाख लोग छूट गए हैं. इसमें हिन्दूक बंगाली, नेपाली गोरखा साथी, रिलीजियस माइनॉरिटी के साथी हैं. यहां तक कि यूपी, बिहार, तमिलनाडु और दूसरे प्रांतों से आए लोग वहां बस गए वह लोग छूट गए हैं. कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मानना है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलना चाहिए हम उनको पूरी मदद करेंगे जो भारतीय नागरिक हैं. असम की कांग्रेस सरकार ने 82000 विदेशियों को यहां से डिपोर्ट किया था और यह कांग्रेस सरकार ने किया था, जबकि केंद्र की नरेंद्र सरकार ने 4 साल में सिर्फ 1522 लोगों को देश से बाहर भेजा, यह नरेंद्र मोदी सरकार की सच्चाई है यह सरकार ने संसद के पटल पर रखा. बीजेपी एनआरसी की पूरी प्रक्रिया को सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के षड्यंत्र तौर पर इस्तेमाल कर रही है.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ”भाजपा पूरी प्रक्रिया को सामाजिक तानेबाने को तोड़ने के लिए इस्तेमाल कर रही है. इसका कारण है कि मोदी सरकार अपनी नाकामियों से देश का ध्यान भटकाना चाहती है. कार्यसमिति ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे इस षडयंत्र को नाकाम करें.”
उन्होंने कहा, ”राफेल पर मोदी और निर्मला सीतारमण किस कारण से राफेल की कीमत बताने से इनकार कर रहे हैं? क्या 48000 करोड़ रुपये का सरकारी खजाने को चूना लगा है उससे भाग रहे हैं? क्या प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामले की कैबिनेट की अहवेलना नहीं की ?
उन्होंने कहा, ”बैंकिग घोटाले पर भी मन्त्रणा हुई. मेहुल चौकसी को एंटीगुआ की नागरिकता दिलाने के लिए मोदी सरकार के इशारे पर विदेश मंत्रालय ने क्लीन चिट दी थी. इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि ईडी और सीबीआई ने समय रहते रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए पहल नहीं की. मोदी सरकार भगोड़ा को भगाने में संलिप्त है.”
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