पिछले दरवाजे से राज्यों में सत्ता पर काबिज होना चाहती है बीजेपी
उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश समेत कुछ गैर एनडीए शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने और गिराने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संकट के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जहां वह पार्टी खुद ही टूट रही है.
राजनाथ सिंह ने कहा, “कांग्रेस की नाव में ही है छेद है. जिस नाव में छेद होगी, वह डूबेगी ही.”
राजनाथ ने कहा कि चुनी हुई लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने की आदत कांग्रेस पार्टी की रही है और आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी ने 105 बार लोकप्रिय और चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराने का काम किया है.
मल्लिकाजरुन खड़गे ने उठाया मुद्दा
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के मल्लिकाजरुन खड़गे की तरफ से इस विषय को उठाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी भी राज्य सरकार को अस्थिर करना स्वस्थ परंपरा नहीं है, ऐसे कार्य स्वस्थ्य परंपरा के खिलाफ है. उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण हालात कांग्रेस के आंतरिक संकट के कारण पैदा हुए. इससे बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है. ’’ गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद टूट गई, इसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है.
कांग्रेस सदस्यों ने किया सदन से वारआउट
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर नाव में छेद हो तब छेद वाली नाव को पानी में नहीं उतारना चाहिए, नहीं तो वह डूब जायेगी. इसके लिए पानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.’’ गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
राज्य सरकार को अस्थिर कर रही है केंद्र- खड़गे
इससे पहले इस विषय को उठाते हुए सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने कहा कि सरकार का काम लोकतंत्र और संविधान की दृष्टि से सारे देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों की हिफाजत करना है और सरकार को इस ओर ध्यान देकर कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा लगता है कि इन्होंने (केंद्र की राजग सरकार ने) ठान लिया है कि देश को कांग्रेस मुक्त बनाने के नारे पर किसी भी तरह से आगे बढ़ेंगे. इन्हें जिस जगह भी अवसर मिलता है, वे उस राज्य सरकार को अस्थिर करने में लग जाते हैं.
खड़गे ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन्होंने (केंद्र सरकार) ऐसा ही किया और मणिपुर और हिमाचल प्रदेश में इनके प्रयास सफल नहीं हुए. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार पिछले दरवाजे से राज्यों में सत्ता पर काबिज होना चाहती है. ये चीजें लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 13 जुलाई को ऐतिहासिक फैसला दिया और और अरूणाचल प्रदेश में पिछली सरकार को बहाल किया. इस फैसले को सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा और हम उम्मीद करते हैं कि अब आगे शायद यह सरकार ऐसा कदम नहीं उठायेगी.
खड़गे ने कहा कि जब आप (केंद्र) ऐसी हरकते करेंगे तब न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है. क्योंकि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है, दो तिहाई बहुमत प्राप्त सरकारों को गिराया जा रहा है.
कांग्रेस के आरोप सही नहीं- राजनाथ सिंह
इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस विषय पर पी के थामस, मल्लिकाजरुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, जय प्रकाश नारायण यादव, अधीर रंजन चौधरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार कर दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा हमारे उपर लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने के बारे में जो आरोप लगाये गए हैं, वे सही नहीं हैं. लोकप्रिय और चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना या भंग करना हमारी सरकार का स्वभाव नहीं रहा है. यह आदत कांग्रेस की रही है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जब विधानसभा का सत्र चल रहा था तब कांग्रेस के नौ सदस्यों ने अपनी ही सरकार का विरोध किया था और पार्टी टूट गई. अरूणाचल प्रदेश में भी पार्टी के सदस्य अलग हुए और फिर सरकार बनाई. यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक संकट है जिसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है.