कोरोना से बेखौफ एक देश;राष्ट्रपति की कड़ी मेहनत और वोदका पीने की सलाह
कोरोना से बेखौफ एक देश, जहां ना कोई बंद ना कोई रोक, लोग वोदका और फुटबाल में मस्त# हमारे देश में केवल 01 करोड़ रहते हैं. इसमें केवल 86 लोग कोरोना से संक्रमित हुए और किसी का भी निधन नहीं हुआ. निश्चित रूप से आप कह सकते हैं कि ये संख्या बताती है कि हम कितनी बेहतर स्थिति में हैं.# बेलारूसी केजीबी को, “आम लोगों के बीच अफ़वाह फैलाने और दहशत फैलाने वालों को पकड़ने” का आदेश दिया
रूस और यूक्रेन से सटा एक देश है बेलारूस. कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहा ये देश अब यूरोप में है. लेकिन यूरोप में कोरोना की दहशत के बावजूद यहां कोई बंद नहीं है और ना ही कोरोना के ज्यादा मामले. अभी इस देश में फुटबॉल लीग भी शुरू हो गई. यहां के राष्ट्रपति लोगों से कड़ी मेहनत और वोदका पीने की सलाह दे रहे हैं
दुनियाभर में अगर सभी देश कोरोना वायरस को लेकर घबराए हुए हैं. लॉकडाउन से लेकर तमाम पाबंदियां लागू कर रहे हैं. उसी के बीच एक देश ऐसा भी है, जहां लोग मस्त हैं. वोदका गटक रहे हैं. फुटबॉल के मैचों में मस्त हैं और वहां ना तो स्कूल बंद हुए हैं और ना ही बाजार-किसी भी तरह की कोई पाबंदी वहां नहीं लगी है. अलबत्ता एयरपोर्ट पर जरूर खास सतर्कता बरती जा रही है.
ऐसा नहीं है कि बेलारूस में फुटबॉल को लेकर बहुत ज्यादा दीवानगी है या यहां की टीम दुनिया की शीर्ष फुटबॉल टीमों में है. लेकिन इन दिनों उनकी बेलारूस प्रीमियर फुटबॉल लीग खेली जा रही है. शुरू में ये कहा गया था कि हो सकता है कि कोरोना वायरस के चलते इस पर रोक लग जाए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
वो यूरोप का अकेला देश है जहां कोरोना महामारी के बीच भी फुटबॉल जारी है और दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमी अब उसके यहां हो रहे मैचों पर नजर रखने लगे हैं.
ये सब किसकी वजह से हो रहा है;ये सब हो एक शख्स की वजह से, जिनका नाम है अलेक्ज़ेंडर लूकाशेन्को , वो बेलारूस के राष्ट्रपति हैं, जिन्हें यूरोप का आखिरी डिक्टेटर भी कहा जाता है. ये इसलिए हैरानी भरा क्योंकि पूरा यूरोप इन दिनों कोरोना के खतरे से बचने के लिए सबकुछ बंद करने में लगा हुआ है. यूरोप का हर देश एक एक कदम कोरोना के चलते फूंक-फूंक कर उठा रहा है.
“मूर्ख कोरोना से डर रहे हैं” राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते कहा, “कोरोना वायरस एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जो कुछ लोगों को फायदा देती है और बाकियों को नुकसान. जिस तरह से पूरी दुनिया कोरोना के आगे व्यवहार कर रही है, वो केवल मूर्खता है. उससे बड़ी बेवकूफी देशों द्वारा अपनी बॉर्डर बंद करना है. ये स्थिति हमें वायरस से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है.”
कड़ी मेहनत और वोदका पीने की सलाह;वो कहते हैं कि जिस तरह यूरोप के लोग घबराए हुए हैं, उससे बेहतर है कि हमें 40-50 ग्राम वोदका रोज पी लेनी चाहिए. हफ्ते में दो-तीन बार सोना बाथ लेना चाहिए और अपने फॉर्म में काम करना चाहिए. इस समय कड़ी मेहनत और एक ट्रैक्टर ही सबकुछ बेहतर कर सकता है. हालांकि बेलारूस के राष्ट्रपति के इस बयान की पड़ोसी देश हंसी भी उड़ा रहे हैं.
हालांकि बेलारूस में लोगों के पास राष्ट्रपति के निर्देश मानने के अलावा ज्यादा च्वाइस भी नहीं है. एफसी इसलोच फुटबॉल टीम के मुख्य कोच विताली झुकावस्की ने एक टीवी में कहा, हम लोग निश्चित तौर पर दुनिया से अलग कर रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर हमारे देश में केवल 01 करोड़ रहते हैं. इसमें केवल 86 लोग कोरोना से संक्रमित हुए और किसी का भी निधन नहीं हुआ. निश्चित रूप से आप कह सकते हैं कि ये संख्या बताती है कि हम कितनी बेहतर स्थिति में हैं.हालांकि कोरोना से दो लोगों की मौत बेलारूस में बताई जा रही है लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी कोई घोषणा नहीं हुई है. माना जा रहा है कि हो सकता है इन दो मौतों की वजह कोई अन्य बीमारी हो.
फुटबॉल लीग में आ रही है भीड़;बेलारूस प्रीमियर लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों में भी कोई पैनिक नजर नहीं आता. उनका कहना है कि दुनियाभर में जो कुछ हो रहा है, उसका कोई असर हम पर नहीं है. इस लीग में हमेशा मिलीजुली भीड़ आती है. इस बार भी फैन्स अपनी टीमों और दर्शकों को चीयर कर रहे हैं. चूंकि बेलारूस प्रीमियर लीग यूरोप में इस समय हो रही अकेली लीग है लिहाजा पड़ोसी देश भी अपने टीवी या इंटरनेट पर इसे ट्यून करके देख रहे हैं.
बेलारूस की सीमाएं पहले की तरह खुली है, लोग काम पर जा रहे हैं. ज़रूरी सामान खरीदने के लिए दुकानों में कोई भीड़भाड़ नहीं है. बेलारूस में न तो सिनेमाघर और थिएटर बंद किए गए हैं और न ही यहां सार्वजनिक कार्यक्रम करने पर किसी तरह को पाबंदी लगाई गई है. लेकिन एक बात का वो सख्ती से पालन कर रहे हैं कि विदेश से जो भी कोई बेलारूस आ रहा है, उसकी पूरी जांच कराई जा रही है. कोरोना वायरस टेस्ट किया जा रहा है. जिनके नतीजे पॉजिटिव आ रहे हैं, उन्हें क्वारंटीन में भेजा जा रहा है फिर उन्हें डेढ़ सप्ताह या दो सप्ताह बाद छोड़ा जा रहा है.”
लोग काम पर जा रहे हैं, सिनेमाघर भी खुले हैं; विपक्षी भी कर रहे हैं बेलारूस के राष्ट्रपति का समर्थन; बेलारूस के राष्ट्रपति ने देश की ख़ुफ़िया एजेंसी बेलारूसी केजीबी को, “आम लोगों के बीच अफ़वाह फैलाने और दहशत फैलाने वालों को पकड़ने” का आदेश दिया है. देश की विपक्षी एक्टिविस्ट एंड्रे किम सरकार के कड़े आलोचक रहे हैं, लेकिन इस मामले में वो राष्ट्रपति की बात से इत्तेफाक़ रखते हैं.
किम ने अपने फ़ेसबुक पन्ने पर लिखा कि लूकाशेन्को बिल्कुल सही हैं क्योंकि “अगर वो पूरे देश के लोगों पर बाहर निकलने से जुड़े प्रतिबंध लगाते हैं तो बेलारूस की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी. यहां चीज़ें अलग हैं. बेलारुस फिलहाल दुनिया का ऐसा एक मात्र देश है जहां सरकार लोगों का भला सोच कर काम करती है.
गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Bureau Report..