सबसे बेहतर स्थिति आंध्रप्रदेश, फिर राजस्थान की & अब 5वें लॉकडाउन (Lockdown 5.0) की तैयारी

नई दिल्ली (Himalayauk Web & Print Media Bureau) 29 May 20: High Light: .सरकार अब पांचवें लॉकडाउन (Lockdown 5.0) की तैयारी कर रही है. लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को पूरा हो जाएगा. इस बात की चर्चा है कि सरकार अब पांचवें लॉकडाउन (Lockdown 5.0 ) की तैयारी कर रही है. जिसमें पिछली बार की तुलना में कुछ और रियायत दी जाएगी. 25 मार्च से जारी लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन राजनीति का प्रमुख मुद्दा बन गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और बिहार हैं। इनमें से तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश में जितने मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, उनसे ज्यादा ठीक हो चुके हैं। आंध्रप्रदेश में 66, राजस्थान में 60% और उत्तरप्रदेश में 59% मरीज ठीक हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के 52 में से 51 जिलों में कोरोनावायरस का संक्रमण पहुंच गया

लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है. गृह मंत्रालय (MHA) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर एक जून से अपनाई जाने वाली संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “पिछले कई दिनों से यहां लगातार समीक्षा की जा रही है लेकिन आखिरकार यह एक राजनीतिक फ़ैसला होगा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून को जारी रखना है, या राज्यों को एक जून से अंतिम रूप देना है कि वे किस तरह से आगे बढ़ना चाहते हैं.” उनके अनुसार निर्णय पीएमओ द्वारा राज्य प्रशासन से प्राप्त डाटा और फीड बैक पर आधारित होगा. अधिकारी उस डेटा को स्कैन भी कर रहे हैं जो केंद्र ने स्वतंत्र रूप से एकत्रित किया है.

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राज्य अस्पताल में मरीज ठीक हुए
महाराष्ट्र 38948 18616
तमिलनाडु 8676 10548
दिल्ली 8470 7495
गुजरात 6609 8003
राजस्थान 3121 4855
मध्यप्रदेश 3082 4050
उत्तरप्रदेश 2758 4215
प.बंगाल 2573 1668
आंध्रप्रदेश 1053 2133
बिहार 2120 1050

सबसे बेहतर स्थिति आंध्रप्रदेश, फिर राजस्थान की

संक्रमित हुए मरीज और उसकी तुलना में ठीक हुए मरीजों की संख्या देखें तो सबसे ज्यादा 66% लोग आंध्रप्रदेश में और इसके बाद 60% राजस्थान में ठीक हुए हैं। यहां भी महाराष्ट्र 31% के साथ सबसे नीचे है। आंध्रप्रदेश इस हिसाब से भी बेहतर है कि वहां उससे अधिक प्रभावित राज्यों की तुलना में टेस्ट ज्यादा हो रहे हैं। 

राज्य ठीक हुए प्रतिदिन जांच
आंध्रप्रदेश 66% 9-10 हजार
राजस्थान 60% 10-14 हजार
उत्तरप्रदेश 59% 4-6 हजार
तमिलनाडु 54% 10-12 हजार
मध्यप्रदेश 54% 3-5 हजार
गुजरात 51%  3-4 हजार
दिल्ली 46% 4-6 हजार
प.बंगाल 37% 8-9 हजार
बिहार 33% 2-2.5 हजार
महाराष्ट्र 31%  14-15 हजार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दो दिन पहले ही कहा था कि देश में जरूरत के हिसाब से टेस्टिंग की जा रही है। जोखिम वाले या फिर बीमारी के लक्षण वाले लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। स्थिति को देखते हुए समय-समय पर स्ट्रैटजी बदली जाती है। हर रोज 1.60 लाख टेस्ट करने की कैपेसिटी है। अब तक 32 लाख 44 हजार 884 टेस्ट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 1.3 अरब की आबादी का बार-बार टेस्ट करेंगे तो ये न सिर्फ महंगा पड़ेगा, बल्कि संभव भी नहीं हो पाएगा।

मध्य प्रदेश के 52 में से 51 जिलों में कोरोनावायरस का संक्रमण पहुंच गया

मध्य प्रदेश के 52 में से 51 जिलों में कोरोनावायरस का संक्रमण पहुंच गया है। अब केवल निवाड़ी जिला ही संक्रमण से बचा है। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7453 हो गई है। राज्य में कोरोना से 321 की जान गई है। अब स्वस्थ होने वालों की संख्या ज्यादा हो गई है। कुल 4050 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि एक्टिव केस यानी अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 3082 है।

गुरुवार को सबसे ज्यादा 78 नए केस इंदौर में सामने आए। यहां संक्रमितों की संख्या 3260 हो गई। यहां 122 लोगों की मौत हो चुकी है। 1555 व्यक्ति ठीक हो चुके हैं और 1583 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। भोपाल में 24 घंटे के अंदर 39 नए केस मिले। संक्रमित की संख्या 1395 हो गई। यहां अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल में शुक्रवार को 20 मरीज संक्रमण मुक्त होकर घर लौटे। अब स्वस्थ होने वालों की संख्या 879 हो गई है। अस्पताल में 443 लोगों का इलाज चल रहा है।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के गुमशुदा होने के पोस्टर लगे
मध्यप्रदेश में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। राजधानी भोपाल में अब भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लापता होने के पोस्टर शहर में जगह-जगह लगाए गए हैं। माना जा रहा है कि किसी अज्ञात लोगों ने यह पोस्टर लगाए हैं। इससे पहले भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे के गुमशुदा होने के पोस्टर लगे मिले थे। 

भोपाल में बीते 8 दिन में 336 नए केस सामने आए। स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि संक्रमण की रफ्तार यही रही तो 31 मई तक कुल मरीज 1600, जबकि 30 जून तक बढ़कर 6350 हो जाएंगे। विभाग अब नए केस की इसी रफ्तार को आधार मानकर जून-जुलाई की तैयारियों में जुट गया है। शहर के अस्पतालों में 10 हजार से ज्यादा बेड, एक हजार आईसीयू बेड, 1500 ऑक्सीजन बेड रिजर्व कर लिए गए हैं। ऑक्सीजन बेड की संख्या 2700 तक बढ़ाई जा सकती है। कॉन्टैक्ट हिस्ट्री के आधार पर यदि ज्यादा से ज्यादा लोगों को क्वारैंटाइन करना पड़ा तो शहर के सभी गेस्ट हाउस, 100 से ज्यादा मैरिज गार्डन में व्यवस्था की जाएगी।

हमीदिया, एम्स, आरकेडीएफ, पीपुल्स, महावीर, एलएन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, 250 से ज्यादा नर्सिंग होम्स, एलएन मेडिकल कॉलेज और जेके अस्पताल, सभी निजी अस्पताल को आइसोलेशन और आईसीयू के बेड आरक्षित रखने के निर्देश हैं। एडवांस मेडिकल कॉलेज, रेलवे अस्पताल, मैनिट के हॉस्टल में मरीजों के संपर्क में आए लोगों और कोविड अस्पतालों में पॉजिटिव मरीजों को रखा जाएगा। 

भोपाल स्टेशन पर 1 जून से 26 स्पेशल ट्रेनें रुकने लगेंगी। स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर-6 की ओर से ही बाहर निकलना होगा। जो यात्री ट्रेन पकड़ने पहुंचेंगे, वे दोनों तरफ से एंट्री कर सकेंगे। रेल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्दीकी का कहना है कि यात्रियों को दो घंटे पहले स्टेशन पहुंचा होगा, क्योंकि उनकी एंट्री गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। जिसे बुखार होगा, उसकी यात्रा कैंसिल कर दी जाएगी। जो यात्री ट्रेन से उतरेंगे, उनकी स्क्रीनिंग प्लेटफॉर्म-6 के काउंटरों पर होगी। यदि किसी यात्री में कोरोना संबंधी कोई लक्षण मिलते हैं, तो उसे गाइडलाइन के अनुसार क्वारैंटाइन किया जाएगा।

इजराइल की बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कोरोना टेस्ट किट बनाई है जो एक मिनट में रिजल्ट बता देती है।

इजराइल की बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कोरोना टेस्ट किट बनाई है जो एक मिनट में रिजल्ट बता देती है। इसमें जांच के लिए नाक, गले और फूंक से सैम्पल लिया जाता है। इससे पता चलता है कि कौन कोरोना पॉजिटिव और कौन बिना लक्षण के संक्रमित है। शोधकर्ताओं का दावा है, यह किट 90% तक सटीक परिणाम देती है। एक टेस्ट किट की कीमत सिर्फ 3800 रुपए है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, किट में खास तरह के सेंसर का प्रयोग किया गया है जो खासतौर पर इस वायरस को पहचानने का काम करते हैं। जब मरीज टेस्ट किट में हवा फूंकता है तो ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस सेंसर तक पहुंचते हैं। इस सेंसर से एक क्लाउड सिस्टम जुड़ा रहता है। सेंसर सिस्टम को विश्लेषण करके बताता है कि मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव है या निगेटिव।  शोधकर्ताओं का कहना है कि टेस्ट किट की कीमत दूसरे पीसीआर टेस्ट से कम है। यह टेस्ट कहीं भी किया जा सकता है इसके लिए लैब की जरूरत नहीं है। एयरपोर्ट, बॉर्डर, स्टेडियम जैसी जगहों पर यह टेस्ट किट काफी मददगार साबित होगी जहां रैपिड टेस्ट की जरूरत होती है।  शोधकर्ता प्रो. सारुसि के मुताबिक, कोरोनावायरस के कण नैनो पार्टिकल की तरह होते हैं। इनका आकार 100 से 140 नैनोमीटर होता है। पीसीआर किट वायरस के आरएनए और डीएनए को पहचानकर रिपोर्ट देती है और ऐसा करने में कई घंटे लगते हैं। वहीं, नए टेस्ट में एक मिनट के अंदर यह बता दिया जाता है कि मरीज पॉजिटिव है या निगेटिव।

 पूरे महाराष्ट्र में 56 हजार 948 मरीज मिले हैं

मुंबई इन दिनों कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रही है। 27 मई तक यहां कोरोना के 34 हजार 18 मामले आ चुके हैं, जबकि पूरे महाराष्ट्र में 56 हजार 948 मरीज मिले हैं। यानी पूरे महाराष्ट्र में जितने केस हैं, उसका 60% अकेले मुंबई में हैं। महाराष्ट्र के 36 में से 35 जिलों में 22 हजार 930 मामले ही हैं।  इतना ही नहीं, देश के 29 राज्यों को भी मिलाकर उतने मरीज नहीं होते, जितने मरीज अकेले मुंबई में हैं। 29 राज्यों में 33 हजार 92 मामले मिल चुके हैं। जबकि, देश के 30 राज्यों में कुल मिलाकर 1 हजार 87 मौतें हुई हैं और सिर्फ मुंबई में 1 हजार 97 मौतें। मई में कोरोना की रफ्तार काफी बढ़ गई। 30 अप्रैल तक देश में 33 हजार 610 मामले थे। लेकिन, 27 मई तक मामले 371% बढ़कर 1 लाख 58 हजार 333 हो गए।  जबकि, मुंबई में मई के महीने में कोरोना की रफ्तार देश के मुकाबले 10% से ज्यादा रही। मुंबई में 30 अप्रैल तक 7 हजार 61 मामले थे। जबकि, 27 मई तक 34 हजार 18 मामले हो गए। यानी, मुंबई में 30 अप्रैल के बाद मामले 382% बढ़ गए। वहीं, महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या में 442% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई।

महाराष्ट्र के 36 जिलों में कोरोना के 56 हजार 948 मामले, मुंबई को छोड़ बाकी 35 जिलों में कुल 22 हजार 930 ही मामले  मुंबई के कोविड अस्पतालों में 6 हजार 420 आइसोलेशन, 3 हजार 309 ऑक्सीजन सपोर्ट, 865 आईसीयू और 353 वेंटिलेटर बेड हैं

कोविड अस्पतालों के अलावा मुंबई में 1,223 बेड वाले 25 कोविड हेल्थ सेंटर और 46 हजार 649 बेड वाले 463 कोविड केयर सेंटर हैं महाराष्ट्र के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में कुल 276 कोविड अस्पताल, 453 कोविड हेल्थ सेंटर और 1,643 कोविड केयर सेंटर हैं। इनमें से मुंबई में 41 कोविड अस्पताल, 25 कोविड हेल्थ सेंटर और 463 कोविड केयर सेंटर हैं। मुंबई के 41 कोविड अस्पतालों में 6 हजार 420 आइसोलेशन बेड हैं, जिनमें से 5 हजार 20 बेड कन्फर्म केस और 1 हजार 400 बेड सस्पेक्टेड केस के लिए हैं। आइसोलेशन बेड के अलावा 3 हजार 309 ऑक्सीजन सपोर्ट और 865 आईसीयू बेड हैं। 353 वेंटिलेटर हैं।

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