देशभर की जनता हैरान व परेशान हो चुकी है

Who has given you the rights ; मोदी का नोट बैन का ऐलान -विधानसभा चुनाव में पांसा उल्‍टा भी पड सकता है; जनता हैरान व परेशान है- जनता त्राहिमाम की स्‍थिति में-भाजपा चैन की बंसी बजा रही #इस आर्थिक आपदा की सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों से जांच हो; एक्‍सक्‍लुूसिव रिपोर्ट- www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) ;  Who has given you the rights of disrupting a common man’s life like never before?

आज प्रधनमन्त्री की गैर हाजिरी में, देश के वित्त मन्त्री श्री अरूण जेटली ने स्वीकार किया कि नये नोट ATM मशीन में फिट नही आ रहे हैं , इसलिये 3-4 हफ्ते का समय लगेगा ATM मशीनों को एडजस्ट करने में ! ये तो सरासर मजाक हुवा जनता के साथ । यानि 2016 का वर्ष तो गया आपके प्रयोगों के हवाले ! अब इतना तो बता दीजिये प्लीज़ कि , आपके घर में दूध और सब्जी खरीदने के पैसे कहाँ से आ रहे हैं ? और जिनके परिवार में शादी हैं , वो क्या करें ? और शगुन के लिफाफे में क्या आपकी फोटो डाल कर दें ?- फेसबुक में तीखी- प्रतिक्रिया

8 नवंबर यानी मंगलवार का दिन कोई नहीं भूल सकता है. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम फैसला लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बैन का ऐलान किया और साथ ही ऐसा दावा भी किया गया कि इसकी भनक किसी को भी नहीं थी. कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 6 लोगों को इसके बारे में जानकारी थी, लेकिन अब सामने आ रहा है कि इस ऐलान के कुछ घंटे पहले ही भाजपा ने खातों में भारी नकदी जमा कराई है.
ताजा मामला पश्चिम बंगाल का है. जहां भाजपा के खाते में एक साथ 1 करोड़ रुपए जमा कराए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में सीपीआईएम ने सवाल उठाते हुए फैसले की गोपनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. आरोप है कि प्रदेश भाजपा ने कोलकाता में इंडियन बैंक की चित्तरंजन एवेन्यू शाखा में अपने बैंक खाते में एक करोड़ रुपए जमा कराए थे.
ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता में कुछ बैंकों का दौरा करने और उपभोक्ताओं और बैंककर्मियों से बात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘इस सरकार को बने रहने का अब कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इसे जाना चाहिए. यह एक जन विरोधी सरकार है, यह गरीब विरोधी सरकार है. यह चीजों को चलाने का लोकतांत्रिक तरीका नहीं है, पूरी तानाशाही चल रही है.’ मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ दिनों के दौरान देश को हुए आर्थिक नुकसान की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा, ‘इस आर्थिक आपदा की सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों से जांच कराई जानी चाहिए और जांच इस बात की भी कराई जानी चाहिए कि कहीं यह निर्णय कुछ अन्य को लाभ पहुंचाने के लिए या देश को बेचने के लिए तो नहीं लिया गया है.’

ममता ने कहा कि यह निर्णय देश को पीछे ले जाने के लिए लिया गया है. इससे देश अस्थिर हो गया है. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर सभी विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वे इस कदम के खिलाफ आम जनता की मदद के लिए एकजुट हो जाएं. ममता ने कहा, ‘इस आपदा से आम जनता को बचाने के लिए हम सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं. मैं मरने से भी नहीं डरती, मैं जनता के साथ रहूंगी.’

सीपीएम के प्रदेश सचिव सुर्जया कांत मिश्रा ने कहा है कि यह संभव है कि भाजपा के लोगों को नोट बैन के बारे में पहले से पता था तभी उन्होंने पूरे देश में बड़ी राशि बैंकों में जमा करवा कर अपना काला धन सफेद कर लिया.
कहा जा रहा है कि जमा की गई राशि में 60 लाख रुपए 1000 के नोट के थे और बाकी 40 लाख 500 के नोट थे.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रशांत भूषण ने बैंक स्टेटमेंट की कॉपी ट्वीट कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इस ट्वीट से ये बात भी सामने आई है कि एक साथ 1 करोड़ रुपए जमा कराए जाने से पहले भाजपा के खाते में करीब 8 लाख रुपए ही थे.

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देशभर के अलग-अलग इलाक़ों में एटीएम और बैंकों के बाहर कैश की जंग जारी रही. शनिवार होने के बावजूद बैंक तो खुले थे, लेकिन इसके बावजूद लोगों को घंटों कतार में खड़ा होना पड़ा. कई जगहों पर लोगों का धैर्य जवाब देता दिखा.

कई एटीएम में पैसे डाले भी गए, पर लोगों की भीड़ उस पर भारी थी. इसके बाद मुरादाबाद, नूह जैसी जगहों पर लोग आपा खोते दिखे, जहां पुलिस को बलप्रयोग भी करना पड़ा. कहीं बहस हुई, कहीं हंगामा तो कहीं एटीएम में तोड़फोड़ हुई. पुरानी दिल्ली में RAF के जवानों की तैनाती करनी पड़ी.

केरल में एक बैंक का शीशे का दरवाजा तोड़ दिया गया, जबकि गुजरात में बैंक अधिकारियों के साथ झड़प हो जाने के बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी. वैध नोट पाने के लिए अंतहीन इंतजार से कई लोगों की सेहत बिगड़ गई. कई वृद्ध लोगों के थकान के कारण मूर्छित हो जाने की खबर है.

बैंक शाखाओं के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, क्योंकि रोजाना का सामान खरीदने के लिए लाखों लोगों को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. एटीएम में पैसा डालने के शीघ्र बाद ही भारी भीड़ की वजह से पैसे खत्म हो गए.

दिल्ली में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘भीड़ बहुत अधिक है क्योंकि यह सप्ताहांत था और कई लोगों का अवकाश था. घंटे-घंटे में भीड़ बढ़ती गई.’ मध्य प्रदेश में छत्तरपुर के बरदाहा गांव में नकद की कमी के चलते उचित दर की दुकान पर राशन नहीं मिलने से नाराज लोगों ने सामान लूट लिया. हालांकि पुलिस ने दावा किया कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी. कई एटीएम के काम नहीं करने के कारण लोगों की परेशानियां और बढ़ गईं.

इस तरह की खबरें हैं कि लाइन में लगे लोगों तथा बैंक अधिकारियों के बीच कई बार गर्मागर्मी हुई. लोग घंटों लाइन में लगे थे और उनकी बारी आने पर बैंकों के पास नकदी समाप्त हो जाती थी.

बैंकों की शाखाओं के बाहर कतारों में महिलाओं और बुजुर्ग लोगों की भी काफी संख्या है, जो अपनी रोजमर्रा के खर्च के लिए मान्य मुद्रा लेने के लिए लाइन में लगे हुए हैं. देश में कुल 2.02 लाख एटीएम हैं. अभी सभी एटीएम को 2000 और 500 के नए नोट के लिए व्यवस्थित नहीं किया जा सका है. इससे मुख्य रूप से नकदी में लेनदेन करने वाली छोटे कारोबारी प्रभावित हो रहे हैं.

बैंक अधिकारियों का मानना है कि रविवार को उन्हें अधिक भीड़ को संभालना होगा. कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पुराने नोटों को बंद करने से विशेष रूप से निम्न मध्यम वर्ग की खरीद क्षमता प्रभावित हुई है और इससे लघु अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी.

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मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में बैंक में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बदलने के लिए जमा लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई. बड़ी संख्या में लोगों ने जबर्दस्ती बैंक के अंदर घुसने की कोशिश कीं, जिसके बाद पुलिस ने बलप्रयोग कर सबको खदेड़ दिया.
दरअसल, जिले के पोरसा कस्बे में शनिवार सुबह से ही एसबीआई बैंक की ब्रांच के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थीं. आरोप है कि यहां ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी कतार में लोगों को नजरअंदाज कर अपने परिचितों को पहले बैंक में नोट बदलवाने का मौका दे रहे थे.
इस बात पर काफी देर से विवाद चल रहा था. तभी बड़ी संख्या में लोग अचानक बैंक के भीतर घुस गए, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने डंडों और बेल्ट से पिटाई कर सभी लोगों को बाहर खदेड़ दिया.
पुलिस की कार्रवाई के चलते कई बेकसूर भी पीट गए, जबकि कई लोग बैंक के बाहर सड़क पर जा गिरें.
इस मामले में एसपी विनित खन्ना ने कहा है कि जांच की जाएगी. यदि किसी पुलिसकर्मी की गलती सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित पोस्ट ऑफिस पर शनिवार को हजार और पांच सौ के नोट को बदलवाने को लेकर दो गुट आपस में भीड़ गए.
मामला इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से जमकर मारपीट हुई और लाठियां चलीं. घटना के बाद एक बार तो पोस्ट ऑफिस के पास माहौल गर्मा गया.
जानकारी के अनुसार 500 और 1000 के नोट को बदलवाने के लिए सुबह से ही पोस्ट ऑफिस मे लंबी कतारें लगी थीं. इसी दौरान लाइन मे खड़े दो युवक आपस मे भीड़ गए.
देखते ही देखते मामला और बढ़ता गया. दोनों तरफ एक दर्जन से अधिक युवक हो गए. दोनों मे काफी देर तक मारपीट और लाठियां चलती रहीं. जैसे ही पुलिस पहुंची तो दोनों तरफ के युवक मौके से फरार हो गए.
गौरतलब है कि पूरे देश में 500 और 1000 के पुराने नोट बदलवाने को लेकर बैंकों और पोस्ट ऑफिस के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं.
साथ ही एटीएम के बाहर लोग पैसे निकालने के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं. इस दौरान लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार 500 और 1000 के नोट को बदलवाने के लिए सुबह से ही पोस्ट ऑफिस मे लंबी कतारें लगी थीं. इसी दौरान लाइन मे खड़े दो युवक आपस मे भीड़ गए.
देखते ही देखते मामला और बढ़ता गया. दोनों तरफ एक दर्जन से अधिक युवक हो गए. दोनों मे काफी देर तक मारपीट और लाठियां चलती रहीं. जैसे ही पुलिस पहुंची तो दोनों तरफ के युवक मौके से फरार हो गए.
गौरतलब है कि पूरे देश में 500 और 1000 के पुराने नोट बदलवाने को लेकर बैंकों और पोस्ट ऑफिस के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं.
साथ ही एटीएम के बाहर लोग पैसे निकालने के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं. इस दौरान लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मेवात जिले के पिनगवां, पुन्हाना, बड़कली, नूंह, फिरोजपुर झिरका, तावडू शहरों में सैकड़ों लोग सुबह से शाम तक नोट बदलने से लेकर जमा करने की होड़ लगी है. सुरक्षा कर्मियों से लेकर बैंक कर्मचारियों तक को खाना खाने तक की फुर्सत नहीं है.
सबसे खास बात तो यह है कि महंगाई के दौर में महज 4 हजार रुपये के नोट निकाले जा रहे हैं। इनसे महज एक -दो दिन का खर्च ही चल पा रहा है. धक्का -मुक्की से कई बुजुर्गों की तो लाइन में लगे होने पर जान पर बनी हुई है.
बैंक मैनेजर ने बताया कि जिस तरह भीड़ उमड़ रही है उसे देखते हुए समय सीमा को बढ़ाने की जरुरत है. ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत तो यह है कि जो लोग रोजाना मजदूरी करके या कृषि करके गुजारा कर रहे थे वो अब कृषि और मजदूरी को छोड़ कर बैंक में नोट जमा करने तथा बदलवाने की लाइन में दिन भर अपना समय लगा रहा है. उसके बावजूद भी पता नहीं है कि शाम तक नम्बर आएगा या नहीं. बिस्तर से उठते ही लोग बैंक की तरफ रुख कर रहे हैं.
500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद देश में पैदा हुआ नोट का महासंकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. पुराने नोट बदलवाने के लिए लोग शनिवार को भी लाइनों में खड़े हो कर पसीना बहा रहे हैं.
सुबह से ही बैंकों के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है जिससे लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है. इस बीच तमाम तरह की दिक्कतें भी लोगों को झलेनी पड़ रही हैं. नोट बदलवाने के लिए लोग अपना कामधाम छोड़कर लाइनों में खड़े होकर इतजार कर रहे हैं.
कैथल में हालात ये हैं कि बैंकों के बाहर सड़कों पर भी लोगों की नोट बदलवाने के लिए लंबी लाइनें लगी हैं. बैंक कर्मचारी टोकन के लिए बैंकों के बाहर बैठे हैं. चंडीगढ़ में झूठी अफवाह के चलते शनिवार को लोग सुबह 6 बजे से ही बैंकों के बाहर कतारों में लग गए थे जबकि बैंक सुबह 10 बजे खुले. लोगों का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी की आज बैंक सुबह 6 बजे खुल जाएंगे जिसके चलते वो सुबह 6 बजे ही नोट बदलवाने के लिए आ गए. इसी के बीच राहत की बात ये है कि बंद किए गए 500 और 1000 रुपए के नोट अब अगले दो दिन तक और चल सकेंगे. दरअसल आमजन की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसा कदम उठाया है.

Exclusive :
Presents by
An open letter written to the PM BY A common man.
Worth reading :

Mr Narendra Modi, who the hell do you think you are??? Who has given you the rights of disrupting a common man’s life like never before??? If your corrupt machinery can’t find out black money, it’s your problem. How a man on the street is concerned with that?? In fact we have such a parallel economy just because of your corrupt income tax department whose officers have amassed unprecedented amount of money. Why don’t you go and first catch them?? Similarly politicians living in the very vicinity of your 7 Race course have unimaginable wealth. Why don’t you go for their neck?? Same time your industrialist friends to whom you are so benevolent are the root cause of black money funding to all the political parties including your BJP. Why don’t you penalize them?? Do you feel yourself to be valiant only by harassing and victimizing a common man?? Can the wizard in you imagine the chaos that the country is going to face from tomorrow?? Please don’t blame people for violence, arson and looting out of their frustration. There will be citizens of India dying just because you want to gain some filthy political mileage. Who will be responsible for those tragedies?? Just answer me one thing Mr Modi, do I have to go to work tomorrow or take a leave and stand in endless lines waiting for my turn?? And what if I fail to make it to the bank counter or what if the cashier tells me that they’ve no more currency left?? And then what about the next day and then next and then further next?? Are you wanting to be some kind of a super hero or what?? The maid, the small vendor, the milkman, the auto wala, the teacher, the college going kid…. who’s spared from your created chaos??? If you had so much of wisdom, Mr Wise, you could have introduced those new currency notes six months back and given everyone a chance to sustain his or her normal life. And then may be you had all the privilege to cancel old currency overnight. Though that is also questionable. Because how can you dishonour your own promise to honour a currency note signed by your very own RBI governor??? If you have problem of fake notes, create a machinery to filter that out. If you have problem of jehadi funding, make your intelligence more powerful. Which India penal code has allowed you to harass 1.25 billion people just because you have failed to fulfil your dreams??? And whoever says that black money is good?? That jehadi funding is in National interest?? That fake notes are acceptable?? But how at all on earth you can punish the entire nation for just some people’s misbehavior?? Please take a note Mr Modi, today the nation was in shock. But for sure it is going to react from tomorrow. It’s written on the walls. Well you can’t see that is your problem. The nation has raised you to its helm. The very same nation won’t think twice to throw you off your chair. Either rectify your doings at its quickest, or be ready to face the curses of 1.25 billion, with no exception. And yes, for heaven sake do not quote the incident of 1978 when 1000 rupees bills were called off. At that period of time not even 1 % of Indian population had seen that bill with his naked eye. It’s value today is not less than 25000 rupees even by a most conservative estimate. While today even a beggar on the street is not without a few 500 rupees notes. Please stop playing according to your whims. Your intentions are doubtlessly very much in the nation’s interest but your method is nothing short of Sheikh chilly who also sat on the same throne in Delhi as yours. You won’t loose anything by becoming little more practical. Otherwise who’s not with you in the nation building?? Please be assured that we all love India as much as you do. But then that’s not our only business. We have to live a common man’s life too, fulfilling all its trivial obligations. You used to boast the other day that you are a CM meaning a common man . Will you please come out and live the life of a common man for a day, may be tomorrow???
Jai Hind….
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