‘चीन कौन होता है भारत के मामलों में दखल देने वाला?’
दलाई लामा तवांग मठ पहुंच गए (www.himalayauk.org)
तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा की मौजूदा अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्ति को खारिज करने में शुक्रवार को लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष एकजुट नजर आया. कांग्रेस के एक सदस्य ने दलाई लामा को भारत का दोस्त बताने के साथ ही कड़े शब्दों में कहा ‘चीन कौन होता है भारत के मामलों में दखल देने वाला?’ उनकी इस बात का सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने मेजे थपथपाकर स्वागत किया. लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और अरुणाचल प्रदेश से सांसद निनोंग इरिंग ने कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील मामला है. चीन उस पर दावा करता है. चीन कौन होता है दावा करने वाला? चीन कौन होता है हमें यह बताने वाला कि केंद्र सरकार को कैसे काम करना चाहिए?’ उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा, ‘दलाई लामा हमारे दोस्त हैं… मेहमान हैं… उन्होंने भारत में शरण ली है और हम आज भी उन्हें तिब्बती परिषद का नेता मानते हैं’. इरिंग की इस बात का सत्ता पक्ष के साथ ही लगभग समूचे विपक्षी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर समर्थन किया.
उल्लेखनीय है कि दलाई लामा इन दिनों अरुणाचल प्रदेश की नौ दिवसीय धार्मिक यात्रा पर हैं.
तवांग (अरुणाचल प्रदेश): तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा चीन की नाराजगी को नजरअंदाज कर शुक्रवार को तवांग मठ पहुंच गए. मठ में बौद्ध भिक्षुओं तथा कई श्रद्धालुओं ने उनका बेहद गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा तवांग मठ में ठहरेंगे. यह मठ भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है. दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ तिब्बत का पोटला पैलेस है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू तिब्बती धर्मगुरु के साथ हैं. दलाई लामा सन् 1959 से ही भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. बर्फ से घिरे पहाड़ों तथा 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित तवांग में मोनपा लोग रहते हैं, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं. दलाई लामा के दौरे के मद्देनजर पूरे तवांग को भारत तथा तिब्बत के झंडों तथा फूलों के अलावा, रंगीन प्रार्थना झंडों से सजाया गया. सड़कों को रंगा गया और नालों की सफाई की गई. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “सैकड़ों की तादाद में लोग पारंपरिक औपचारिक स्कार्फ लिए हुए सड़क पर अगरबत्तियां जलाकर दलाई लामा के दर्शन तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कतार में खड़े थे.” दलाई लामा की एक झलक पाने के लिए लद्दाख तथा पड़ोसी देश भूटान से हजारों की तादाद में लोग तवांग पहुंच चुके हैं. मठ के सचिव लोबसांग खुम ने कहा, “हम दलाई लामा की यात्रा की तैयारी पिछले दो महीने से कर रहे हैं. हर कोई उनकी एक झलक पाना, उनसे बातें करना और उनका आशीर्वाद लेना चाहता है. दलाई लामा हमारे श्रद्धेय धर्मगुरु हैं.” तवांग मठ गोलुगपा स्कूल ऑफ महायान बुद्धिज्म से जुड़ा है और इसका संबंध ल्हासा के द्रेपुंग मठ से है, जो ब्रिटिश काल से ही बरकरार है. सन् 1959 में तिब्बत से निर्वासित होने के बाद असम पहुंचने से पहले दलाईलामा कुछ दिनों के लिए तवांग मठ में ठहरे थे. दलाई लामा सबसे पहले बोमडिला पहुंचे, जो अरुणाचल प्रदेश में पश्चिमी कामेंग का जिला मुख्यालय है, जहां उन्होंने धार्मिक प्रवचन दिया और लोगों से बातचीत की. उसके बाद वह तवांग से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित दिरांग घाटी पहुंचे, जहां उन्होंने थूपसंग धारगेलिंग मठ में गुरुवार को प्रवचन दिया. वह शुक्रवार को ही दिन में सड़क मार्ग के जरिये दिरांग से तवांग के लिए रवाना हुए थे. यह आठ वर्षों के बाद दलाई लामा का पहला अरुणाचल दौरा होगा. दलाई लामा ने इस पहाड़ी राज्य का पहला दौरा सन् 1983 में किया था और अंतिम दौरा सन् 2009 में किया था. चीन ने दलाईलामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे का विरोध किया है. वह अरुणाचल को अपना हिस्सा मानता है.
चीन ने कल भारत पर आरोप लगाया था कि उसने दलाई लामा को अरुणाचल का दौरा करने की इजाजत देकर ‘तनाव बढ़ाया’ है और बीजिंग के हितों को नुकसान पहुंचाया है.
इस विवाद के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने गुरुवार को भारत को चेतावनी दी थी कि अधिक सैन्य ताकत वाला चीन ‘भूराजनीतिक खेल’ शुरू कर सकता है, क्योंकि भारत के ‘अशांत उत्तरी प्रांत’ की सीमा उससे लगी हुई है. उसका इशारा कश्मीर की तरफ था.
सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने एक संपादकीय में कहा था, ‘भारत से कई गुना अधिक जीडीपी, हिंद महासागर तक पहुंच रखने में सक्षम सैन्य क्षमता और भारत के पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध और यह कि भारत के उत्तरी अशांत प्रांत की सीमा चीन से मिलती है, इन सब बातों के मद्देनजर चीन भारत के साथ भूराजनीतिक खेल में शामिल होता है तो क्या बीजिंग नई दिल्ली के समक्ष हार जाएगा?’ अखबार ने कहा, ‘अगर भारत चीन-भारत संबंधों को बर्बाद करता है और दोनों देश खुले प्रतिद्वंद्वी बन जाते हैं तो क्या भारत इसके परिणाम का वहन कर सकता है.’
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