अखिलेश के कान पर एक लगाओ; किसने कहा मुलायम को ?
दर्शन सिंह यादव को यादव विवाद को सुलझाने का काम
दर्शन सिंह ने कहा, “अखिलेश अपने पिता के सामने क्या है? मैने कहा मुलायम, कान पर एक लगाओ ठीक हो जाएगा। मैने मुलायम को यह भी समझाया कि तुमने इतनी बड़ी लड़ाइयां जीती हैं तो इससे क्यों चिंता कर रहे हो।” www.himalayauk.org (Newsportal)
उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच चल रही तकरार खत्म नहीं हो रही है। यादव विवाद को सुलझाने का काम किन्हें सौंपा गया था? जहां समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने पारिवारिक विवाद में किसी भी बाहरी को घुसने का मौका नहीं दिया, वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसे सुलझाने का जिम्मा दर्शन सिंह यादव को मिला था। 80 वर्षीय दर्शन सिंह यादव कोई आम इंसान नहीं हैं, वह मुलायम के पैतृक गांव सैफई के प्रधान हैं। समाजवादी पार्टी के पारिवारिक झगड़े से बाहर मुलायम और शिवपाल यादव ने अब गठजोड़ बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. उनका कहना है, सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए सबको साथ आना पड़ेगा. 25 साल के जश्न को इसका मंच बनाने की तैयारी है.
राज्यसभा तक सीमित रहने वाले रामगोपाल यादव प्रदेश की राजनीति में अब अखिलेश के चेहरे के सहारे सक्रिय होना चाहते हैं। यही वजह है कि अखिलेश जो कर रहे हैं, उसके पीछे रामगोपाल यादव का ही हाथ है। वो चाहते हैं कि मुलायम के बाद अखिलेश ही सब निर्णय लें। अगर ऐसा होता है तो उनका कद ऊंचा होगा और उनके विरोधी शिवपाल किनारे हो जाएगें।
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समाजवादी पार्टी से निष्काषित नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई, रामगोपाल यादव ने उप चुनाव आयुक्त से मुलाकात की है। बैठक में उन्होंने एक राजनैतिक पार्टी को रजिस्टर कराने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली है। रामगोपाल के इस कदम से समाजवादी पार्टी के सिपहसालारों की परेशानी बढ़ गई है। रेडिफ डॉट कॉम के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के खेमे, खासतौर से अमर सिंह ने तुरंत चुनाव आयोग में अपने सूत्रों से संपर्क कर रामगोपाल की मुलाकात की वजहें पता करने की कोशिश की। राजनैतिक पार्टी रजिस्टर कराने में कानूनी पेचदगियों को समझने के लिए रामगोपाल अपने साथ सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को साथ लेकर गए थे। समाजवादी पार्टी गहरे पारिवारिक संकट के दाैर से गुजार रही है, जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव अलग-अलग छोर पर खड़े हैं। पार्टी के भीतर इस बात पर लोग बंटे हुए हैं कि क्या इस कदम के पीछे अखिलेश यादव हैं या रामगोपाल यादव नई पार्टी बनाने की कवायद में जुटे हैं। मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के प्रभाव और राजनैतिक दखल के विरोध में रामगोपाल आगे आए थे। दिल्ली के राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि जल्द ही अखिलेश की राजनैतिक पार्टी लॉन्च की जाएगी। रविवार को मुलायम ने अखिलेश का समर्थन कर रहे रामगाेपाल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। रामगोपाल यादव ने पार्टी अध्यक्ष को खुला पत्र लिखकर कहा था कि मुलायम ‘राक्षसी ताकतों से घिरे’ हुए हैं। पत्र में रामगोपाल ने लिखा, ”पार्टी से निकाले जाने से दुखी नहीं हूं लेकिन चोट मुझपर लगाए गए आरोपों से पहुंची है। लोकतंत्र में दूसरी पार्टी के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। चाहे मैं सपा में रहूं या न रहूं, मैं अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने तक उनका समर्थन करता रहूंगा। मुलायम सिंह यादव न सिर्फ मेरे बड़े भाई है, बल्कि राजनीति में मेरे ‘गुरु’ भी हैं, फिलहाल राक्षसी ताकतों से घिरे हुए हैं।” सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह अब एक गठबंधन पर जोर दे रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनावों में पिछड़ी और अल्पसंख्यकों के वोट मिल सकें। भाजपा और मायावती की बसपा को टक्कर देने के लिए मुलायम ने कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आरएलडी व अन्य छोटे दलों को साथ लाने की याेजना बनाई है। इसके लिए मुलायम ने शिवपाल को दिल्ली भेजकर अन्य पार्टियों के नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
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पिछले सोमवार को दर्शन सिंह ने मुलायम और उनके भाई शिवपाल यादव और सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान इस पारिवारिक विवाद को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई। इसके बाद अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी विधायकों से प्रधान जी के साथ हुई मुलाकात के बारे में बताया।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दर्शन सिंह ने कहा, “अखिलेश अपने पिता के सामने क्या है? मैने कहा मुलायम, कान पर एक लगाओ ठीक हो जाएगा। मैने मुलायम को यह भी समझाया कि तुमने इतनी बड़ी लड़ाइयां जीती हैं तो इससे क्यों चिंता कर रहे हो।”
दर्शन सिंह यादव को पिछले साल यश भारती से सम्मानित किया गया था। वह राज्य में सबसे ज्यादा सालों तक प्रधान रहने वाले शख्स हैं। दर्शन सिंह पिछले 44 साल से सैफई के ग्राम प्रधान हैं। दर्शन सिंह 1972 से सैफई के प्रधान चुने जा रहे हैं। साल 1967 के चुनाव में दर्शन सिंह ‘प्रधान’ मुलायम सिंह यादव के साथ साइकिल पर घूम-घूमकर चंदा मांगते थे और चुनाव प्रचार करते थे। सैफई में होने वाले किसी भी समारोह में ग्राम प्रधान की कुर्सी मुलायम सिंह यादव के बराबर में ही रखी जाती है।