सत्ता के गलियारों से- प्रमुख खबरे
Dehradun, 17 April 17www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKAND) Available in FB
देहरादून 17 अप्रैल 2017(मी0से0)
प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त से विधान सभा उनके कक्ष में स्वजल संगठन के हटाये गये कर्मियों ने मुलाकात कर अपनी मांग के सम्बन्ध में वार्ता की। पेयजल मंत्री द्वारा संगठन के कर्मियों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए सचिव पेयजल एवं परियोजना निदेशक स्वजल से हटाये गये कर्मियों के पुनर्नियुक्त करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में पेयजल मंत्री ने हटाये गये 58 कार्मिकों में से 45 को पूर्व शर्तों में पुनर्नियुक्त करने के निर्देश सचिव पेयजल को दिये तथा 11 पेन्सन भोगी पूर्व सैनिकों में जो कार्य करने में सक्षम हैं, को सचिव स्तर पर स्क्रीनिंग के पश्चात उपयुक्त पाने पर पुनर्नियुक्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने सचिव पेयजल को 7 दिन में इन कार्मिकों के बारे में निर्णय लेने के आदेश दिये। उन्होंने शेष 2 कार्मिक जिनके विरूद्ध गम्भीर प्रकृति के आरोप हैं, का भी पक्ष सुनने के पश्चात यदि आरोप सही नहीं पाये गये तो उनकी सेवाएॅ भी बहाल करने के निर्देश सचिव पेयजल को दिये।
उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल को अवगत कराया कि स्वजल परियोजना की अवधि पूर्ण हो जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने हटाये गये कार्मिकों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार कार्मिकों के हितों की हमेशा पक्षधर रही है। सरकार द्वारा जल स्रोतों के रिचार्ज करने के मध्यनजर वाह्य सहायतित योजना के माध्यम से केन्द्र सरकार द्वारा ठोस प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा तथा वे स्वयं केन्द्रीय मंत्री से प्रभावी पैरवी कर पेयजल के अन्तर्गत योजना में धन आबंटित करायेंगे। उन्होंने सचिव पेयजल एवं परियोजना निदेशक स्वजल को निर्देश दिये कि स्वजल संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया के अन्तर्गत एक माह के भीतर ठोस नवीन प्रस्ताव तैयार करें। जिसमें स्वजल के ढाॅंचे को उनकी उपयोगिता के दृष्टिगत पुनर्गठन किये जाने और साथ ही ढाॅचे को बनाये रखे जाने हेतु उनसे सम्पन्न कराये जाने वाले विभिन्न प्रकार की योजनाओं/कार्याें का चिन्हीकरण शामिल करे।
बैठक में सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी, परियोजना निदेशक स्वजल डाॅ0 राघव लंगर, अपर सचिव अर्जुन सिंह तथा प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य उपस्थित थे।
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देहरादून 17 अप्रैल 2017(मी0से0)
प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित उनके कक्ष में वालनट एवं अदर नट फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात कर उन्हें वालनट को बढावा देने के लिए प्रोजैक्ट एवं शोध की गतिविधियाॅ संचालित करने के लिए अनुरोध किया।
कृषि मंत्री द्वारा कृषि एवं उद्यान गतिविधियों को पहाड़ों में पलायन रोकने के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का संकल्प है कि किस प्रकार कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देकर किसान की मेहनत के अनुरूप लाभ दिलाया जाये। उन्होंने कहा फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सरकार द्वारा कृषि भूमि के चारो ओर वानस्पितिक घेर बाड़ पर कृषि तथा वन विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि, पशुपालन, उद्यान रेसम, जड़ी-बूटी को बढावा देने के लिए विशेषज्ञों की एडवाईजरी बोर्ड का गठन भी किया जायेगा। जिनकी संस्तुति से स्थानीय आवश्यकतानुसार योजनाओं का संचालन किया जायेगा। उन्होंने निदेशक उद्यान को फूड प्रोडक्सन आॅर्गेनाईजेशन के माध्यम से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिलाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अन्य केन्द्र पोषित योजना से कूल कलैक्सन सेन्टर स्थापित किये जाने की भी कार्य योजना है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में कृषि की विभिन्न योजनाओं मंे मदद हेतु वे केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह जी से मुलाकात करने गये थे, जिसमें उनके द्वारा प्रदेश सरकार को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा प्रदेश में 2 कृषि महाविद्यालय स्थापना हेतु भी सहमति मिली है। उन्होंने पन्तनगर एवं भरसार यूनिवर्सिटी के उप-कुलपतियों को लिखे पत्र में विश्वविद्यालय में वालनट एवं अदर नट पर शोध विषयक योजना प्रस्तावित करने की अपेक्षा की है, तथा निदेशक उद्यान विभाग को केन्द्र सहायाता योजना के अन्तर्गत अखरोट के क्षेत्रफल विस्तार तथा प्रशिक्षण इत्यादि पर प्रोजैक्ट तैयार करने के निर्देश दिये। तथा उत्तराखण्ड में बोर्ड की स्थापना के भी निर्देश दिये। उन्होंने कृषि एवं उद्यान की फसलों के लिए पानी की समूचित व्यवस्था हेतु पेयजल मंत्री से भी अपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि उद्यान एवं कृषि विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड से अनुरोध करेंगे। प्रतिनिधिमण्डल में वालनट एवं अदर नट फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन आॅफ इण्डिया (वानगई) के अध्यक्ष केसी पाण्डेय, डाॅ0 नवीन नैनवाल, जगदीश पाण्डेय, पवन भट्ट तथा सुशील नैथानी शामिल थे।
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देहरादून 17 अप्रैल 2017(मी0से0)
प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने मण्डी परिषद ऋषिकेश के विगत दिन किये गये औचक निरीक्षण में प्राप्त अनियमितताओं के सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड हल्द्वानी को लिखे पत्र में 4 मई को आयोजित बैठक में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने पत्र में निर्देशित किया है कि मण्डी परिषद ऋषिकेश एवं देहरादून में जिन दुकानों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने निर्मित दुकानों के निर्माण की अनुमति, कार्यदायी संस्था के बारे में जानकारी से अवगत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने आबंटित दुकानदारों के नाम, आबंटन का आधार तथा प्रक्रिया के बारे में विस्तृत आख्या एवं जांच सहित 4 मई, 2017 को बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं।
नई दिल्ली/देहरादून 17 अप्रैल 2017(मी0से0) प्रेस नोट संख्या: 01
नई दिल्ली स्थित सिल्वर ओक हाल इण्डिया हैबिटैट सेन्टर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वाधान में सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा मंत्रियों की बैठक में उत्तराखण्ड के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने प्रतिभाग किया। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर द्वारा की गयी।
डाॅ0 रावत ने बैठक में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रत्येक तीन माह में सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा मंत्रियों की बैठक आहूत करने का प्रस्ताव रखा, जिससे राज्यों के शिक्षा के स्तर की प्रगति की जानकारी मिलती रहे।
डाॅ रावत ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय की तरह राज्यों के विश्वविद्यालयों को भी वाई-फाई सेवा से युक्त करने की मांग रखी, जिसके लिए केन्द्र सरकार से मदद की मांग की। उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ रावत ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा)के तहत नये खुले महाविद्यालयों को भी तत्काल केन्द्र सरकार मदद करे। इसके अतिरिक्त नेक(नेशनल एडवाइजरी कौंसिल) के मानकों को बदलने का अनुरोध किया, ताकि पहाड़ी राज्यों को इसका लाभ मिल सके एवं पर्वतीय राज्यों के लिये अनुदान राशि को बढ़ाने का अनुरोध किया। डाॅ0 रावत ने अल्मोड़ा आवासीय विश्वविद्यालय व श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय बादशाही थौल, टिहरी गढ़वाल को शीघ्र केन्द्र द्वारा अनुदान दिलाने का अनुरोध किया।
उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में यू0जी0सी0 के मानकों के अनुसार शिक्षा सत्र को नियमित किया जाये इसके लिये शैक्षिक कैलेण्डर लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में 180 दिन शिक्षण अनिवार्य होने का भी सुझाव रखा। डाॅ0 रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों को नशामुक्त बनाने के लिये कानून बनाने की आवश्यकता है। उन्होंनें कहा कि उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये उत्तराखण्ड राज्य में एक आपदा प्रबन्धन विश्वविद्यालय की स्थापना की जाने का प्रस्ताव जाये।
केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री श्री प्रकाश जावेडकर ने आश्वासन दिया कि उत्तराखण्ड राज्य की उच्च शिक्षा से सम्बन्धित सभी मुद्दों पर मानव संसाधन मंत्रालय हर संभव सहयोग देगा।
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देहरादून 17 अप्रैल 2017(मी0से0)
संस्कार परिवार, देहरादून, देवभूमि योग विकास एवं अनुसंसाधन परिषद द्वारा आयोजित दून योग महोत्सव-2017 में उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा है कि योग भारत की विश्व के लिये एक ऐसी देन है, जिसके कारण मनुष्य स्वस्थ जीवन जीता है। योग करने से मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक परिणाम आते हैं।
उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में टपकेश्वर मंदिर में आयोजित दून योग महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि वैसे तो योग को सम्पूर्ण विश्व ने अपनाया है, परन्तु भारत की ओर से किया गया प्रयास आज सम्पूर्ण विश्व के लिये प्रेरणादायी हो गया है। उन्होंने कहा है कि देवभूमि योग भूमि बने, ऐसा सभी का प्रयास होना चाहिए। योग को संस्कृत से जोड़ते हुए श्री अग्रवाल ने कहा है कि जिस प्रकार प्राचीन काल से आज तक योग का महत्व रहा है, उसी प्रकार संस्कृति का भी अपना महत्व है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखण्ड विधान सभा में संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिये नाम पटिकाओं को संस्कृत में लिखवाया गया है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि योग और गंगा के महत्व को ध्यान में रखते हुए विधान सभा के माध्यम से भी कुछ प्रयास किये जायेंगे। दून योग महोत्सव में उत्तरांचल मेडिकल काॅलेज, वीर शहीद राजकीय महाविद्यालय, डाकपत्थर, जयराम महाविद्यालय,ऋषिकेश आदि विद्यालयों ने योग की शानदार प्रस्तुतियाॅं दी। इस अवसर पर आचार्य विपिन जोशी, योगी जियानन्द, धीरेन्द्र सिंह, सचिन गुप्ता आदि लोग उपस्थित थे।
देहरादून 17 अप्रैल, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को रुड़की में डॉ.भीमराव अम्बेडकर के 126वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र में माल्यार्पण कर श्रद्धांजली अर्पित की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर एक प्रतिभावान व्यक्ति थे। परन्तु देश की आजादी के उपरान्त भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके जीवन से सम्बन्धित स्थानों को पंचतीर्थ के रुप में विकसित किया जा रहा है। हमारी केंद्र और राज्य सरकार सबका साथ, सबका विकास के रोडमैप पर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत कहा कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर हिन्दी के प्रबल समर्थक थे। हमें भी हिन्दी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संकल्प लिया गया है कि वर्ष 2022 तक देश में कोई अशिक्षित एवं बेघर नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के द्वारा किसानों सहित देश के आमजन विकास करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का अधिकतम बकाया चुका दिया जायेगा। इसके लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्राईवेट मिलों को भी निर्देशित कर दिया गया है कि किसानों का बकाया चुका दिया जाय। भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हुये उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जीरो टोलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। भ्रष्टाचारियों और कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जायेगी।
इस अवसर पर सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, विधायक श्री प्रदीप बत्रा एवं श्री देशराज कांडवाल उपस्थित थे।
पोलेण्ड का ओपोले प्रांत व उŸाराखण्ड राज्य योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। दोनों ही प्रान्तीय सरकारों में इस पर सहमति बन गई है। पोलेण्ड के विदेश मंत्रालय द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त होते ही उŸाराखण्ड सरकार व पोलेण्ड के ओपोले प्रान्त की सरकार के बीच स्टेट टू स्टेट समझौता ज्ञाप पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ओपोले प्रान्त के मार्शल श्री एंड्रजे बुला के प्रतिनिधि के तौर पर पोलेण्ड स्थित सुलिस्ला योगा आयुर्वेद इंस्टीट्यूट के संस्थापक श्री जेर्जी बार व श्रीमती बिएटा बार ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिह रावत को इस संबंध में आधिकारिक पत्र सौंपा। पोलेण्ड में भारतीय राजदूत श्री अजय बिसारिया द्वारा भी इसके लिए संस्तुति की गई है। सुलिस्ला योगा आयुर्वेद इंस्टीट्यूट पोलेण्ड में 700 एकड़ क्षेत्र में विकसित की गई है। बार दम्पŸिा ने मुख्यमंत्री को सुलिस्ला में चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योगा व आयुर्वेद सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए भी आमंत्रित किया है। ओपोले मेडिकल काॅलेज द्वारा उŸाराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के साथ कार्य करने के लिए भी प्रस्ताव किया गया है। इस संबंध में भी मुख्यमंत्री श्री रावत को पत्र सौंपा गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड योग की भूमि है। योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में मिलकर काम करने से पोलेण्ड का ओपोले प्रान्त व उŸाराखण्ड राज्य परस्पर लाभान्वित होंगे। प्रतिनिधिमण्डल में भारत के पूर्व राजदूत श्री सी.एम. भण्डारी भी शामिल थे। श्री भण्डारी मूल रूप से रानीखेत के हैं और वर्तमान में वे अपने गांव मारवा में इको पर्यटन, योगा व आयुर्वेद पर काम कर रहे हैं। तय किया गया कि मारवा गांव की तर्ज पर इको पर्यटन, योगा व आयुर्वेद के माॅडल को कुछ अन्य गांवों में भी विकसित किया जाए। श्री जेर्जी बार ने कहा कि वे प्रयास करेंगे कि अधिक से अधिक पोलेण्ड के पर्यटक आएं और यहां योग व आयुर्वेद से लाभान्वित हों। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमण्डल ने बाद में मुख्य सचिव श्री एस रामास्वामी से भी भेंट की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निरंजनी अखाड़े में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए संतों का अशीर्वाद लिया एवं पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतुलित एवं पारदर्शी विकास के साथ ही दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों का विकास राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार हटयोग की साधना करेगी। सम्पूर्ण उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त करना राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि 2021 में होने वाले कुम्भ की तैयारियों को लेकर साधु समाज एवं अखाड़ा परिषद के मार्गदर्शन से नई योजनाएं बनाई जायेंगी। श्री रावत ने कहा कि 2021 में हरिद्वार में सुन्दर, भव्य एवं सुविधायुक्त कुम्भ का आयोजन किया जायेगा। हरिद्वार में जिन आश्रमों एवं धार्मिक स्थलों पर व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होती हैं, उन आश्रमों एवं धार्मिक स्थलों को मुख्यमंत्री ने कर मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत हरिद्वार की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए साधु समाज के योगदान के लिए शहरी विकास मंत्री को संतों से मिलकर समाधान करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता मिशन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सबका योगदान आवश्यक है।
हरिद्वार सांसद डाॅ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि केन्द्र सरकार की नमामि गंगे, चारधाम योजना से उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। तीर्थ यात्रि एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखण्ड एवं अध्यात्म की राजधानी हरिद्वार मंज पूर्ण सुरक्षा के साथ यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टेंड अप एवं स्टार्ट अप योजनाओं से देश ने विश्व में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार धर्म सत्ता के आशीर्वाद से निरन्तर आगे बढ़ रही है। प्रदेश के सम्पूर्ण विकास एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड बनाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है।
इस अवसर पर महन्त नरेन्द्र गिरी महाराज, महन्त प्रेम गिरी, महन्त रघुमुनी, महन्त रविन्द्र पुरी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त रघुवीर दास, महन्त सुखदेव मुनी, महन्त मोहनदास, महन्त कमलदास, मेयर मनोज गर्ग, विधायक सुरेश राठौर, भाजपा के जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह, जिलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन, एस.एस.पी. कृष्ण कुमार वी.के एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।