569 करोड़ जल्द निर्गत करे- हरीश रावत ने
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देहरादून 06 दिसम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण रामविलास पासवान को पत्र लिखकर वर्ष 2015-16 व 2016-17 की बकाया फूड सब्सिडी रूपए 569 करोड़ 18 लाख जल्द से जल्द निर्गत करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में कहा है कि पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड के सीमित संसाधन हैं। राज्य सरकार डीसीपी(Decentralised Procurement)मोड में धान की खरीद करती है। यदि राज्य को केंद्र से बकाया फूड सब्सिडी नही मिलती है तो धान की खरीद पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। वर्ष 2015-16 में 370 करोड़ 13 लाख रूपए की फूड सब्सिडी जबकि वर्ष 2016-17 में 199 करोड़ 4 लाख रूपए की फूड सब्सिडी केंद्र पर बकाया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केंद्रीय मंत्री से जल्द से जल्द फूड सब्सिडी निर्गत करने का अनुरोध किया है।
जयललिता, डाॅ.आर.एस.टोलिया के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त
देहरादून 06 दिसम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व मुख्य सचिव डाॅ.आर.एस.टोलिया के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्व.टोलिया एक विनम्र, मिलनसार व कुशल प्रशासक थे। वे हिमालयी सरोकारों के प्रति सदैव तत्पर रहते थे।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री रावत ने नई दिल्ली स्थित तमिलनाडू हाउस जाकर स्वर्गीय जयललिता के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने संदेश पुस्तिका में लिखा ’’अम्मा नही रहीं, विश्वास नही होता। उनका असामयिक निधन देश व मानवता के लिए अपूरणीय क्षति है। वे करोड़ों लोगों को मां के रूप में हमेशा याद रहेंगी। मैं तमिलनाडू के शोकाकुल लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।’’
“Amma is no more, it is unbelievable fact. Her untimely demise is a great loss of the nation and millions of humanity, who will always remember her as their mother. My condolences to the people of Tamil Nadu.”
जिलाधिकारियों से प्राथमिकता के आधार पर सूखे से लेागों को राहत दिलाने के निर्देश
देहरादून 06 दिसम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने सभी जिलाधिकारियों से प्राथमिकता के आधार पर सूखे से लेागों को राहत दिलाने के निर्देश दिये है। पशुओं के चारे, कृषि संबंधी कार्यों के लिए भी कारगर कार्ययोजना बनाकर राहत कार्यों के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा है कि सभी जिलाधिकारी सूखे से हुई क्षति का आकलन कर लें। इस बारे में बुधवार 07 दिसम्बर, 2016 को वीडियोकांफ्रंेसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों से पूरा ब्योरा लिया जायेगा। वी.सी. में यह भी जानकारी ली जायेगी कि सूखा राहत की दिशा में क्या किया गया है और आगामी कार्ययोजना क्या है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर शहीद सैनिकों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण करते हुए सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों तथा शहीद सैनिकों के परिजनों के कल्याण के लिए अधिक से अधिक सहयोग करने की अपील की है।
सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि सशस्त्र सेनाओं द्वारा राष्ट्रहित में दिये गये बलिदान के लिये हम कृतज्ञ हैं तथा उन्हे नमन करते है। उन्होंने कहा कि सैन्य इतिहास में देश की सीमाओं की रक्षा में उत्तराखण्ड के सैनिकों का गौरवशाली स्थान रहा है। राज्य सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के कल्याण के लिए भी अनेक कल्याणकारी योजनाये शुरू की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से भूतपूर्व सैनिकों, शहीदों के परिवारों के कल्याण और पुनर्वास के लिये उदारतापूर्वक यथाशक्ति योगदान करने की अपील भी की है।
कांग्रेसजनेां द्वारा डाॅ0 अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि
देहरादून 6 दिसम्बर
भारत के संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर को निर्वाण दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड प्रदेष कांग्रेस कमेटी कार्यालय में कांग्रेसजनेां द्वारा डाॅ0 अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बाबा साहब के विचारों पर एक गोश्ठी का भी आयोजन किया गया।
गोश्ठी में कंाग्रेसजनों ने बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाष डालते हुए कहा कि भारत का संविधान डाॅ0 अम्बेडकर की देन है। उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्ग के हितों को सर्वोपरि रखकर संविधान का निर्माण किया। उन्होंने अपने जीवन पर्यन्त समाज के दबे-कुचले, षोशित तथा पिछड़े वर्ग के हितों के लिए कार्य किया। उन्होंने संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत निर्माण की मजबूत नींव रखी थी। बाबा साहब समता मूलक समाज के परिचायक थे, वे देष में सामाजिक स्थापना करना चाहते थे। उन्होंने भारत के संविधान निर्माण केे साथ-साथ समाज में फैली कुरीतियों के विरूद्ध भी अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने देष के युवा वर्ग केा संदेष दिया कि ’खुद उठो, दूसरों केा उठाओ और षिक्षित बनों, संगठित होकर संघर्श करो। भारत की विशमतावादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए उन्होंने भरपूर प्रयास किया। भारतीय समाज की एकरूपता में उनका सराहनीय योगदान रहा है। समाजोत्थान के लिए उनके द्वारा किये गये कार्यों को कभीे भुलाया नहीं जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोषी, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र षाह, महामंत्री राजेन्द्र भण्डारी, राजपाल बिश्ट, नवीन जोषी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द षर्मा, आईटी प्रकोश्ठ के अमरजीत सिंह, प्रदेष सचिव विनोद चैहान, सुरेन्द्र रांगड़, सुनीता प्रकाष, दीप बोहरा, अनिल नेगी, भरत षमार्, महिला प्रवक्ता पुश्पा पंवार, उखीमठ अध्यक्ष षषि सेमवाल, राजेष पाण्डे, महेष जोषी, कमलेष रमन, मनीश कर्णवाल, कुंवर सिह यादव, प्रदीप थपलियाल, श्रवण रजौरिया, सुधीर सुनेहरा, अजय सिंह, सुनित राठौर, संजय भट्ट, राकेष थपलियाल, डी.डी. पाण्डे, जगदीष, मीना रावत, रामकुमार वालिया, अनुराधा तिवारी, आजाद अली, मनीश नागपाल, अभिनव थापर, नेमचन्द, वीर सिह बुडेरा, प्रेम सिंह दानू, षोभाराम, टी.सी. भारती, रूबि देवी, राजेष चमोली, चन्द्रकान्ता आदि उपस्थित थे।
प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सुश्री जे.जयललिता के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया
प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सुश्री जे.जयललिता के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। प्रदेष अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने अपने षोक संदेष में कहा कि सुश्री जयललिता का निधन तमिलनाडु प्रदेष ही नहीं पूरे भारतवर्श की अपूर्णीय क्षति है जिसकी रिक्ति भारतीय राजनीति में सदैव महसूस होती रहेगी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि स्व0 जयललिता जी तमिलनाडु की राजनीति में एक आईकाॅन की तरह स्थापित हो गई थी, भारतीय सिनेमा में अभिनय के क्षेत्र से लेकर भारतीय राजनीति, सामाजिक क्षेत्र तक उनका जीवन संघर्शों का पर्याय रहा है और वे सदैव समाज सेवा के लिए तत्पर रहीं। जब वे राज्यसभा में चुनकर दिल्ली आई थी तो उनसे मुलाकात का कई बार अवसर मिला। स्व0 जयललिता में समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति, दलित, गरीब, मजदूर वर्ग की सेवा की अद्भुत क्षमता थी। भारतीय राजनीति में उन्होंने महिलाओं को एक अलग पहचान दी। उनका निधन सम्पूर्ण समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि हमारी प्रार्थना है कि ईष्वर उनकी आत्मा को षांन्ति प्रदान करें तथा षोक संतप्त परिजनों एवं उनके समर्थकों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की षक्ति देवें।
प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय ने उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव श्री आर.एस. टोलिया के आकस्मिक निधन पर भी गहरा षोक प्रकट किया है। प्रदेष अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने अपने षोक संदेष में कहा कि श्री टोलिया का निधन उनके परिवार की ही नहीं अपितु उत्तराखण्ड राज्य की भी अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेष सहित उत्तराखण्ड में उनके द्वारा स्वच्छ प्रषासनिक सेवा की जिसके लिए स्व0 आर.एस. टोलिया सदैव याद किये जाते रहेंगे। अवकाष प्राप्त करने के बाद स्व0 टोलिया उत्तराखण्ड के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुडे रहे तथा उनके माध्यम से जन समस्याओं के समाधान के प्रति सक्रिय रहे। श्री उपाध्याय ने षोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुःख की घडी में उनके साथ है, हम सभी कांग्रेसजनों की प्रार्थना है कि ईष्वर उनकी आत्मा को षांन्ति प्रदान करें तथा षोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की षक्ति देवें।
इस अवसर पर प्रदेष कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक षोक सभा का भी आयोजन किया गया। षोक सभा में कांग्रेसजनों ने सुश्री जयललिता एवं पूर्व मुख्य सचिव श्री आर.एस. टोलिया के निधन पर षोक प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा मृत आत्माओं की षांति के लिए प्रार्थना की।
षोकसभा में मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोषी, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र षाह, महामंत्री राजेन्द्र भण्डारी, राजपाल बिश्ट, नवीन जोषी, आईटी प्रकोश्ठ के अमरजीत सिंह, प्रदेष सचिव विनोद चैहान, सुरेन्द्र रांगड़, सुनीता प्रकाष, अनिल नेगी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द षर्मा, भरत षमार्, महिला प्रवक्ता पुश्पा पंवार, उखीमठ अध्यक्ष षषि सेमवाल, राजेष पाण्डे, महेष जोषी, कमलेष रमन, मनीश कर्णवाल, कुंवर सिह यादव, प्रदीप थपलियाल, श्रवण रजौरिया, सुधीर सुनेहरा, अजय सिंह, सुनित राठौर, संजय भट्ट, राकेष थपलियाल, डी.डी. पाण्डे, जगदीष, मीना रावत, रामकुमार वालिया, अनुराधा तिवारी, आजाद अली, मनीश नागपाल, वीर सिह बुडेरा, प्रेम सिंह दानू, षोभाराम, टी.सी. भारती, रूबि देवी, राजेष चमोली, चन्द्रकान्ता आदि उपस्थित थे।
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