आठ फ़रवरी दिल्ली विधानसभा चुनाव – चुनाव सर्वेक्षणों में किसका पलड़ा भारी
#www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Print Media) Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Report by Vinay Singh New Delhi
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा कर दी गई है। आठ फ़रवरी को मतदान होगा। पूरे राज्य में सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। मतगणना 11 फ़रवरी को होगी। चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसकी घोषणा की। नामांकन 14 जनवरी से किए जा सकेंगे। 24 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि 13757 बूथ पर वोट डाले जाएँगे। चुनाव में 90 हज़ार कर्मचारी लगेंगे। 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। दिल्ली में एक करोड़ 46 लाख वोटर हैं। इसके साथ ही दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। वोटर लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है।
इस विधानसभा का कार्यकाल 22 फ़रवरी को पूरा हो रहा है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया 27 दिन में पूरी हो गई थी। 2015 में चुनाव के लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की गई थी और 7 फ़रवरी को चुनाव हुए थे। 10 फ़रवरी को चुनाव के नतीजे आए थे और 12 फ़रवरी को चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई थी। इस चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया था। इसके आगे बीजेपी और कांग्रेस चारों खाने चित हो गई थीं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी फिर से सत्ता में आने के प्रयास में है जिसने पिछले विधानसभा यानी 2015 के चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थीं। बीजेपी को तीन सीटें मिली थीं। हालाँकि इसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटें जीती थीं। हालाँकि हाल के झारखंड चुनाव में बीजेपी को क़रारा झटका लगा है और इससे पार्टी के मनोबल पर असर पड़ा होगा। माना जा रहा है कि बीजेपी ने जो हिंदुत्व और नागरिकता क़ानून पर दाँव खेला था उसका झारखंड में पार्टी को फ़ायदा नहीं मिला। अब बीजेपी के लिए दिल्ली में बड़ी चुनौती सामने खड़ी हो गई है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले आए चुनाव सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी लगता बताया गया है।
आम आदमी पार्टी ने पिछले महीने ही चुनाव के लिए अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी ने ‘अच्छे बीते पाँच साल, लगे रहो केजरीवाल’ का नारा दिया है। चुनाव अभियान तो बीजेपी ने भी शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने कई जनसभाओं को संबोधित किया है। हालाँकि बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार अभी तक तय नहीं हो पाया है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी। आप की सरकार से पहले दिल्ली की सत्ता में रही कांग्रेस भी चुनाव मैदान में है। हालाँकि कांग्रेस की हालत ख़राब है और वह अपनी पुरानी ज़मीन तलाशने के प्रयास में है। चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच महिला सुरक्षा, प्रदूषण, क़ानून-व्यवस्था, नागरिकता क़ानून, एनआरसी जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
2013 के विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालाँकि वह बहुमत नहीं पा सकी थी और 70 वाली सीटों वाली विधानसभा में वह 32 सीटें ही जीतने में कामयाब रही थी। वह सरकार बनाने में असफल रही थी। इस कारण दिल्ली के तब के लेफ़्टीनेंट गवर्नर नजीब जंग ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिया था। आप को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं। 28 दिसंबर 2013 को कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेकर आप ने सरकार बनाई। आप कांग्रेस के ख़िलाफ़ लड़कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। अरविंद केजरीवाल कांग्रेस की बड़ी नेता शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ खड़े हुए थे और जीते भी थे। हालाँकि अरविंद केजरीवाल की सरकार 50 दिन भी नहीं चल पाई थी। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विरोधियों के ज़बरदस्त विरोध को देखते हुए जन लोकपाल विधेयक को पेश करने में विफल रहने को कारण बताते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था।
इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया। यह क़रीब एक साल तक रहा। नवंबर में तत्कालीन लेफ़्टीनेंट गवर्नर नजीब जंग ने दिल्ली विधानसभा को भंग कर फिर से चुनाव कराने की अनुशंसा की और इसके बाद चुनाव हुए। तब 2015 के चुनाव में उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था, लेकिन क्या इस बार वह इसके क़रीब भी पहुँच पाएँगे?
नामांकन की आखिरी तारीख 21 जनवरी है. – छंटनी 22 जनवरी को होगी. – नामांकन वापस लेने की तारीख 24 जनवरी. – 8 फरवरी शनिवार को मतदान का दिन – 11 फरवरी मंगलवार को नतीजे आएंगे
– पिछली बार 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में रिकॉर्ड 67 सीटें जीती थीं. बीजेपी को बाकी बची तीन सीटें हासिल हुई थीं. कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी ने भी पूरी तैयारी कर ली है. बीजेपी ने दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक दिलाने का काम किया है. बीजेपी नेता दिल्ली में गंदे पानी और प्रदूषण को मुद्दा बनाए हुए हैं. वहीं सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सत्ती बिजली, मुफ्त पानी और बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे को लेकर चुनावी मैदान में उतरने वाली है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने चुनावों से ठीक पहले ही दिल्ली की कई कॉलोनियों में सीसीटीवी लगवाने और वाईफाई की सुविधा देने का वादा पूरा करने का भी दावा किया है.+