मृदा में हवा व पानी का संचार; प्रशिक्षण कार्यक्रम
Diagnosis of Soil for Production अल्प कालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम “
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वन मृदा एवं भूमि सुधार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा तक एक अल्प कालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम “Diagnosis of Soil for Production Systems” का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मृदा निदान के तरीकों, वृक्षारोपण व फसल लगाने से पूर्व मृदा की उर्वरता बढाने हेतू विभिन्न मृदा गुणों के परीक्षण से प्रतिभागियों को रूबरू कराना है क्योंकि मृदा एक जटिल प्रणाली है जिसमें विभिन्न रासायनिक, जैविक व भौतिक प्रकि्रयाओं को आपस में मिलना पडता है ताकि फसल व वृक्षारोपण बढ सकें व अधिक उपज प्रदान कर सकें उदाहरण के लिए मृदा में हवा व पानी का संचार एक महत्तवपूर्ण भूमिका अदा करते हैं जोकि मृदा संरचना द्वारा नियंत्रित किया जाता है। मृदा संरचना मिटृटी की भौतिक विन्यास का वर्णन करता है जैसे कि रेत, गाद व चिकनी मिट्टी के कणों का आकार। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा “Diagnosis of Soil for Production Systems” विषय पर व्याख्यान व चर्चा की जाएगी जिसमें मृदा के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी दी जाएगी जैसे कि मृदा की बनावट, मृदा का रंग, संरध्रता, जल धारण क्षमता, थोक घनत्व, पी०एच तथा मृदा उर्वरता हेतू दीर्घ तत्व व मिट्टी की उत्पादकता में सुधार करने हेतू क्या उपाए अपनाने चाहिए। यह प्रशिक्षण मृदा संरक्षण तथा पानी बहाया प्रबंधन, मृदा सर्वेक्षण व प्रोफाइल का अध्ययन और प्रयोगशालाओं में मिट्टी के नमूने, प्रसंस्करण के संग्रह, मिट्टी के विश्लेषण के उपायों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराएगा। मदा की समस्याओं के निदान हेतू उत्पादकता, अवस्था व स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। साथ ही साथ विभिन्न देशों में मदा निदान व मृदा के स्वास्थ्य के आकलन हेतू अपनाई गई पद्धतियों के बारे में बताया जाएगा ताकि जमीन की उपयोगिता बढ सके। इस प्रशिक्षण का उद्घाटन डॉ० नीलू गेरा, उप महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद द्वारा किया गया तथा प्रतिभागियों से मृदा परीक्षण के तौर तरीके व मृदा की उत्पादकता बढाने के लिए नए तरीके सीखें और अपने कार्यक्षेत्र मृदा की सही जाँच करवा करके पेड पौधों व फसलों की पैदावार बढा सके।
इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के अलावा विभिन्न प्रभागों के प्रभाग प्रमुख, समूह समन्वयक (अनुसंधान) व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ० विजेन्द्र पाल पंवार, प्रभाग प्रमुख, वन मृदा एवं भूमि सुधार प्रभाग ने मृदा की उर्वरता बढाने तथा सही जाँच करने के विषय में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया। डॉ० बी०एम०डिमरी, वैज्ञानिक-डी व कोर्स निदेशक ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के बारे में अवगत करवाया तथा प्रशिक्षण के महत्व के बारे में भी बताया। अंत में डॉ० पारूल भट्ट कोटियाल ने मुख्य अतिथि, सभी प्रशिक्षणार्थियों, प्रभाग प्रमुखों व अन्य उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण सफल बनाने हेतू धन्यवाद दिया।