गुजरात में भूकंप & भारत के अमीर लोग छोड़ रहे हैं देश & 2022 में 2 लाख & होलिका दहन-यह लोग अग्नि प्रज्जवलित न करे & पुलिस थाने की क्षेत्रीय सीमा- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज & कांग्रेस ने माफ़ी मांग ली & मार्च का महीना काफी खास & TOP NEWS 26 FEB 2023

26 FEB 2023; HIGH LIGHT # गुजरात में रविवार को भूकंप के झटके  # दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ जारी #भारत के अमीर लोग छोड़ रहे हैं देश #2022 में 2 लाख 25 हज़ार भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी # होलिका दहन 7 मार्च 2023 को है वहीं 8 मार्च 2023 को रंग वाली होली #यह लोग होलिका दहन अग्नि प्रज्जवलित नही करे#सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने यूपी पुलिस के नोटिस को अवैध बताया है। उन्होंने अपने फेसबुक पर नोटिस की एक कॉपी शेयर की है। साथ ही एक अन्य पोस्ट में यह बताया है कि नोटिस क्यों अवैध है। # पुलिस थाने की क्षेत्रीय सीमा के भीतर ही नोटिस दे सकती है। वे इसे दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति को कैसे भेज सकती हैं?”# DEEPAK CHAUDHRY DELHI BUREAU

मार्च का महीना काफी खास

 पंंचांग के अनुसार मार्च का महीना काफी खास रहने वाला है। क्योंकि इस महीने कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं। इस महीने आमलकी एकादशी, गुड़ी पड़वा, गणगौर, होलिका दहन, रंगभरी एकादशी, रंग पंचमी, होली, चैत्र नवरात्रि, दुर्गाष्टमी से लेकर राम नवमी पड़ रही है। साथ ही इस महीने चार ग्रहों की चाल में बदलाव होने जा रहा है।

3 मार्च 2023, शुक्रवार: आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023, शुक्रवार: नृसिंह द्वादशी 4 मार्च 2023, शनिवार: शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल) 6 मार्च 2023, रविवार: फाल्गुन चौमासी चौदस 7 मार्च 2023, मंगलवार: छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत, लक्ष्मी जयंती, अट्टुकल पोंगल 8 मार्च 2023, बुधवार: चैत्र  मास आरंभ, होली धुलंडी 9 मार्च 2023, गुरुवार: भाई दूज, भातृ द्वितीया 10 मार्च 2023, शुक्रवार: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 11 मार्च 2023, शनिवार: संकष्टी चतुर्थी 12 मार्च 2023, रविवार: रंग पंचमी 14 मार्च 2023, मंगलवार: शीतला सप्तमी, कालाष्टमी 15 मार्च 2023, बुधवार: मीन संक्रांति, बसोड़ा 18 मार्च 2023, शनिवार: पापमोचिनी   एकादशी  19 मार्च 2023, रविवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण) 20 मार्च 2023, सोमवार: मासिक शिवरात्रि  21 मार्च 2023, मंगलवार: चैत्र अमावस्या  22 मार्च 2023, बुधवार: चैत्र नवरात्रि आरंभ, गुड़ी पड़वा, झूलेलाल जयंती 24 मार्च 2023, शुक्रवार: गौरी पूजा, मत्स्य जयंती, गणगौर  25 मार्च 2023, शनिवार: मासिक कार्तिगाई, लक्ष्मी पंचमी, विनायक चतुर्थी  26 मार्च 2023, रविवार: स्कंद षष्ठी  27 मार्च 2023, सोमवार: रोहिणी व्रत  29 मार्च 2023, बुधवार: नवरात्रि दुर्गा अष्टमी 30 मार्च 2023, गुरुवार: राम नवमी, नवरात्रि नवमी 31 मार्च 2023, शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि पारण

WARM WISHES; CHANDRA SHEKHAR JOSHI

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गुजरात में रविवार को भूकंप के झटके 

गुजरात में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है. भूकंप का केंद्र गुजरात का राजकोट रहा. भूकंप के झटके दोपहर बाद यानी अपराह्न 3.21 बजे महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र राजकोट के लगभग 270 किलोमीटर उत्तर उत्तर पश्चिम (NNW) में था.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ जारी 

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि CGO कॉम्प्लेक्स के पास लोधी रोड पर धरने पर AAP पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता बैरिकेड पार कर CBI कार्यालय के पास विरोध करने के इरादे से इकट्ठा हुए. उन्हें रोककर, बैरिकेड्स पार करने की अनुमति नहीं दी गई. इसलिए वे मुख्य सड़क पर बैठ गए, जिससे यातायात बाधित हुआ. उनसे जगह खाली करने का अनुरोध किया गया था, क्योंकि इलाके में धारा 144 लगाई गई है, लेकिन वे बैठे रहे और नारेबाजी करते रहे. आप सांसद संजय सिंह, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय समेत कुल 50 लोगों (42 पुरुष और 8 महिलाएं) को हिरासत में लिया गया.”

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने सीबीआई द्वारा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछताछ करने की तुलना देश की आजादी की लड़ाई से की है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके माता-पिता को कहना चाहता हूं कि मनीष के जेल जाने पर अफसोस मत करना बल्कि गर्व करना. 

दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर पहुंचने के कुछ देर बाद आप सांसद संजय सिंह धरने पर बैठ गए हैं. वहीं सीबीआई दफ्तर के पास प्रदर्शन कर रहे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुसिल ने ​हिरासत में ले लिया है. बता दें कि सीबीआई दफ्तर से एक किलोमीटर दूर तक पुलिस बैरिकेड है. किसी को आने की इजाजत नही है। इससे नाराज आप सासंद संजय सिंह और पार्टी के कार्यकर्ता आर्च बिशप मार्ग पर जोरदार प्रदर्शन किया. 

भारत की नागरिकता किन कारणों से छोड़ रहे है.

भारत के ज्यादातर अमीर लोग देश छोड़ रहे हैं और इसके लिए वो जो रास्ता अपना रहे हैं उसे रेसिडेंस बाई इंवेस्टमेंट कहते हैं. भारत की नागरिकता छोड़ने वाले इन अमीरों को एचएनआई या डॉलर मिलिनेयर्स बुलाया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रेसिडेंस बाई इन्वेस्टमेंट क्या होता है. हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल बनने के लिए कितने संपत्ति की दरकार होती है. और ये लोग भारत की नागरिकता किन कारणों से छोड़ रहे है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2022 में 2 लाख 25 हज़ार भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. साल 2011 से 2022 तक नागरिकता छोड़े जाने के मामले में ये नंबर सबसे ज्यादा है. देश के सामने संसद में ये डेटा 9 फरवरी को रखा गया. 

भारत की नागरिकता छोड़ने वालों में एचएनआई शामिल हैं. हाई नेट वर्थ वाले वो होते हैं जिनकी कुल संपत्ति एक मिलियन डॉलर से ज्यादा की हो. रुपए में एक मिलियन की ये रकम 8.2 करोड़ होगी. हेनले वैश्विक नागरिक रिपोर्ट (Henley Global Citizens Report) के मुताबिक भारत में इस ग्रुप के लगभग 3 लाख 47 हजार लाख लोग हैं. ये आंकड़ा दिसंबर 2021 तक का है. ये 3 लाख 47 हजार लोग भारत के महज नौ शहरों से आते हैं. इन शहरों में देश की राजधानी दिल्ली और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शामिल हैं.

तमाम मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन कारणों से ये लोग भारत छोड़ रहे हैं उनमें बेहतर अवसर से लेकर हेल्थकेयर, जिंदगी जीने की बेहतर गुणवत्ता और बेहतर शिक्षा के अवसर शामिल है. इनके अलावा भी तमाम फैक्टर्स हैं जिनकी वजह से ये लोग देश छोड़ रहे हैं. ऐसी ही एक केस स्टडी में एक परिवार ने बताया कि वो साल 2019 में कनाडा गए थे और 2022 में उन्होंने कनाडा के परमानेंट रेजिडेंट के लिए अप्लाई किया. इसके पीछे की वजह बताते हुए इस परिवार ने कहा कि उन्होंने बार-बार अपने बच्चे का स्कूल बदलना ठीक नहीं समझा. इसके अलावा उन्होंने एक और चौंकाने वाली बात बताई.

उन्होंने कहा कि जब वो दिल्ली में रह रहे थे तब उनकी बेटी को खराब हवा की वजह से अक्सर सांस से जुड़ी दिक्कतें होती थीं. लेकिन पॉल्यूशन वाली दिल्ली की तुलना में कनाडा के शहर की हवा साफ और सांस लेने योग्य है. वहां जाने के बाद उनकी बेटी ने कभी सांस से जुड़ी किसी दिक्कत की शिकायत नहीं की. ऐसे में ये भी परमानेंट रेजिडेंट के लिए अप्लाई करने का एक कारण बना. परमानेंट रेजिडेंट के लिए एक बार अप्लाई करने के पांच साल बाद नियम और शर्तें पूरी करने पर कनाडा की नागरिकता भी मिल जाती है.

रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेटली हेल्ड वेल्थ यानी ऐसे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स के मामले में अमेरिका, चाइना और जापान के बाद इंडिया चौथे नंबर पर है. ऐसे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स वेस्टर्न कंट्रीज़ में रेजिडेंट बाई इंवेस्टमेंट का रास्ता अपना रहे हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में निवास के माध्यम से निवेश की मांग बढ़ी है. इस मामले में यूएस के EB-5 वीजा की मांग सबसे ज्यादा है. ऑस्ट्रेलिया का ग्लोबल टैलेंट इंडिपेंडेंट वीजा, पुर्तगाल का गोल्डेन वीजा और ग्रीस का रेसिडेंस बाई इंवेस्टमेंट प्रोग्राम काफी मशहूर है. पुर्तगाल गोल्डन वीजा के मामले में तो भारत साल 2021 में दुनियाभर में चौथे नंबर पर था. लेकिन साल 2022 में तीसरे स्थान पर आ गए.  आखिर रेसिडेंस बाई इन्वेस्टमेंट की जरूरत क्यों पड़ती है. तो अगर पुर्तगाल को उदाहरण लें तो यहां का स्थायी निवासी होने के लिए आपको कम से कम साढ़े चार करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदनी होती है और पुर्तगालियों के लिए कम से कम 10 जॉब्स क्रिएट करने होते है. ये सबसे जरूरी शर्तों में शामिल है. 

ऐसे इन्वेस्टमेंट के पांच साल बाद आपको पुर्तगाल का पासपोर्ट मिल जाता है. इस पासपोर्ट के साथ आप दुनिया के 150 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं. हालांकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक पुर्तगाल ने ये प्रोग्राम समाप्त करने का फैसला लिया है. 

अमेरिका के EB-5 वीजा की. इसके लिए आपको पांच से सात सालों में कम के कम स साढ़े छह करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने होते हैं. साथ ही यूएस के लोगों के लिए कम से कम 10 जॉब्स क्रिएट करने होते हैं. ऐसा करने के बाद पुर्तगाल की तरह 5 सालों में आपको अमेरिका की नागरिकता मिल जाती है.  पुर्तगाल की तरह यूएस की नागरिकता के मामले में भी भारतीय तीसरे नंबर पर हैं. इस तरह से नागरिकता छोड़ रहे भारतीय के बारे में कहा जा रहा है कि वो ऐसा कई वजहों से कर रहे हैं. क्वालिटी ऑफ लाइफ भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है. 

दुनिया में असमानता को लेकर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक गरीब और असमानता वाला देश है. रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में रईसों के हाथ में बहुत पैसा है. अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि देश की कुल कमाई का 57 फीसदी हिस्सा ऊपर के 10 फीसदी तबके के हाथों में है. जबकि देश की कुल कमाई में 50 फीसदी यानी देश में नीचे की आधी आबादी का हिस्सा मात्र 13 फीसदी है.

इसी रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में दुनिया की कुल कमाई में गिरावट हुई. इनमें से आधी गिरावट अमीर देशों में हुई है. वर्ल्ड इनिक्वैलिटी लैब की रिपोर्ट के अनुसार भारत गरीब और असमान देश है. इस देश में रईसों के हाथ में काफी दौलत है. जबकि भारत का मिडिल क्लास ऊपर के तबके की तुलना में गरीब है. देश की कुल कमाई में मध्य वर्ग का हिस्सा 29.5 प्रतिशत है. सबसे अमीर 10 फीसदी लोगों के हाथों में 33 प्रतिशत दौलत है. कमाई में सबसे अमीर 1 प्रतिशत लोगों का हिस्सा 65 प्रतिशत है.

होलिका दहन 7 मार्च 2023 को है वहीं 8 मार्च 2023 को रंग वाली होली- लिका दहन के लिए इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

होलिका दहन 7 मार्च 2023 को है वहीं 8 मार्च 2023 को रंग वाली होली. कई जगह दिवाली की तरह ही होली का त्योहार होलिका दहन से शुरू होकर 5 दिन तक यानी रंग पंचमी तक मनाया जाता है. होलिका दहन के लिए होलाष्टक से ही तैयारियां शुरू हो जाती है. होली से पहले लोग लकड़ी, उपले एक जगह इकट्ठा करके रखते हैं और फिर होलिका दहन पर उसमें अग्नि प्रज्वलित कर ये त्योहार मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे काम है जो होलिका दहन पर नहीं करना चाहिए. ये गलतियां आपको कंगाल बना सकती है.

होलिका दहन के लिए गूलर और अरंडी के पेड़ टहनियों का इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं जो किसी सूखे हुए पेड़ की लकड़ी का भी उपयोग कर सकते हैं. होलिका के ऊपर भाग में गाय के गोबर से बने कंडे का प्रयोग करें. ये पर्यावरण के लिए अच्छा माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जिन दंपत्ति का केवल एक ही संतान (पुत्र) हो उन्हें होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करना चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता. होलिका दहन भद्रा रहित प्रदोष काल में ही किया जाता है. इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च शाम 6:23 से लेकर 8:51 तक रहेगा. नवविवाहिता को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए. साथ ही पहली होली अपने मायके में मनानी चाहिए

सनातन धर्म में कई पेड़ जैसे बरगद, पीपल, आंवला, अशोक, शमी, नीम, आम, केला और बेल को पूजनीय माना जाता है. इनकी लकड़ियों का प्रयोग यज्ञ, अनुष्ठान आदि शुभ कार्यों के लिए किया जाता है. ऐसे में होलिका दहन के लिए इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे पितृ और कालसर्प दोष लगता है. इन दोषों के कारण संतान संबंधी समस्याएं, वैवाहिक जीवन में अशांति आने लगती है. कहते हैं इन पेड़ों को नुकसान पहुंचाने से घर में दरिद्रता का वास होता है. धनवान भी कंगाली की कगार पर आ जाता है.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन

राहुल ने अपने भाषण में 1977 का किस्सा भी सुनाया, जिसमें उन्हें पहली बार अहसास हुआ था कि उनके पास अपना घर नहीं है। उन्होंने कहा- 52 साल हो गए, मेरे पास आज भी अपना घर नहीं है। उनकी बातें सुनकर सोनिया गांधी भावुक नजर आईं।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- पार्टी अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक भारत जोड़ो यात्रा निकालने का विचार कर रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी ने 32 मिनट की स्पीच दी। राहुल ने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा, अडाणी हिंडनबर्ग केस, चीन पर जयशंकर के बयान और 2024 लोकसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की।

राहुल गांधी ने कहा, ‘4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एक साथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा हो कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था।

शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।’

इसी बीच कांग्रेस का एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कांग्रेस के पहले अध्यक्ष मौलाना आजाद की तस्वीर ना होने पर लोगों ने सवाल उठाये हैं। हालांकि कांग्रेस ने इसे अपनी गलती मान कर माफ़ी मांग ली और इस पर जांच की बात कही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर मौलाना आजाद की तस्वीर न लगाए जाने पर पार्टी का पक्ष रखा है।

राहुल गांधी ने कहा- सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा। फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था। पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया। क्यों गायब हुआ।

उन्होंने कहा, मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकारी घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा, एक महिला पास आई, उसका हाथ मैंने पकड़ा और पता चल गया कि कुछ ना कुछ बात है। जो मेरा प्यार मेरी बहन के लिए है, वही प्यार मैं उसे देने लगा। मुझे अजीब सा लगा कि ये कैसे हो रहा है। मुझसे उसने कहा-राहुल भैया आपसे मिलने आई हूं।

राहुल ने कहा, नरेंद्र मोदी बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक में झंडा फहराया, भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों लोगों के साथ झंडा फहराया, प्रधानमंत्री को समझ नहीं आया। एक कश्मीरी आया और कहा कि मैं आपके साथ तिरंगा लेकर चल रहा हूं, क्योंकि आपने हमारे दिल में भरोसा जगाया।

मैंने संसद में एक फोटो दिखाई, जिसमें मोदी अडाणी के साथ प्लेन में बैठे हैं। मैंने पूछा रिश्ता क्या है। पूरी सरकार, सभी मंत्री अडाणी को बचाने में लग गए। अडाणी पर हमला करने वाला देशद्रोही और अडाणी देशभक्त बन गए। भाजपा और संघ उस व्यक्ति की रक्षा कर रहे हैं।

सवाल है कि रक्षा क्यों कर रहे हैं। ये जो शेल कंपनियां हैं, हजारों करोड़ रुपया हिंदुस्तान भेज रही हैं, ये किसकी हैं। इसमें किसका पैसा है। जांच क्यों नहीं हो रही है। जेपीसी क्यों नहीं बन रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा- अगले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों में 50 फीसदी सीटें, महिला, युवाओं और ST-SC को दी जाएंगी। अधिवेशन में कई विषयों पर चर्चा हुई है। इससे पार्टी मजबूत होगी। हमने जिन प्रस्तावों की मंजूरी दी है। इससे भारत का एक नया इतिहास रचेगा। जिन राज्यों में हमारी सरकारें बनेंगी, वहां नए प्रस्तावों पर काम होगा, जहां सरकार नहीं होगी, वहां विपक्ष में रहकर ये मुद्दे उठाएं जाएंगे।

प्रियंका ने कहा- हमें बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ लड़ना है। कश्मीर की महिलाएं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर मुझसे बोलीं तीन साल से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई, लेकिन इस यात्रा ने हमें बाहर निकलने की हिम्मत दी है। हमें एकजुट होकर लड़ना है। गिने-चुने उद्योगपति आगे बढ़ते जा रहे हैं। किसानों के कर्ज माफी नहीं होते और उद्योगपतियों के कर्ज माफ हो रहे हैं। नौजवान परीक्षा देकर घोटालों में उलझ जाते हैं। 

 कांग्रेस सदस्यों को नशे से दूर रहना होगा। नशा करने वाले सदस्यों और पदाधिकारियों को पार्टी में नहीं रखा जाएगा। रणदीप सुरजेवाला ने सुबह पारित किए गए छह मुख्य संशोधनों पर भी मीडिया के सवालों के जवाब दिए।

महाधिवेशन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के संविधान में संशोधन किया है। जिस प्रकार से देश दुनिया और समाज में बदलाव आया है। उसी प्रकार इस संविधान में भी संशोधन किया गया है। इसमें नशा विरोध को भी शामिल किया गया है। संविधान में किए गए संशोधन के मुताबिक अब कांग्रेस के सदस्यों को यह बताना होगा कि “वह शराब, ड्रग, साइकोट्रोपिक सब्सटेंस, प्रोहिबिटेड ड्रग्स या अन्य किसी नशीले सब्सटेंस के उपयोग से दूर रहेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि जब तक देश है तब तक खादी है। खादी की महत्ता कभी भी नहीं खत्म होगी। पहले एक संशोधन यह भी लाया जाने वाला था कि कांग्रेस सदस्यों को खादी पहनना होगा, लेकिन इसे लेकर सुरजेवाला ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। सुरजेवाला ने कहा कि थर्ड जेंडर को आज विदेशों ही नहीं भारत में एक अलग वर्ग के रूप में माना गया है। उनकी हर जगह भागीदारी देखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट भी इसे मान चुका है। इसलिए अब कांग्रेसी पार्टी ने अपने सदस्यता फॉर्म में महिला, पुरुष के साथ ही थर्ड जेंडर को भी भरे जाने का ऑप्शन दिया है। ऐसा किसी पार्टी के फॉर्म में नहीं है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि समय बदल रहा है। आज कई परिवार ऐसे हैं, जहां केवल मां अपने बच्चे को पालती है। ऐसे में कांग्रेस ने संशोधन किया है कि अब उनके फॉर्म में पिता की जगह मां का भी नाम भरने का ऑप्शन होगा। ऐसे लोग चाहें तो पिता की जगह मां का नाम भी भर सकते हैं। इसी तरह पत्नी का नाम का कॉलम भी है।

राहुल और प्रियंका ने सिरपुर के प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर को देखा- यह मंदिर 17 सौ साल से समय की मार झेलने के बावजूद मजबूती से खड़ा है

महाधिवेशन के सेशन दोपहर तक अटेंड कर राहुल और प्रियंका गांधी आसपास घूमने निकल गए हैं। शाम करीब 4 बजे दोनों महासमुंद जिले के सिरपुर पहुंचे। सिरपुर का प्राचीन नाम श्रीपुर माना जाता है। सोमवंशी राजाओं की यह राजधानी थी। उस समय इस क्षेत्र को दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। राहुल और प्रियंका ने सिरपुर के प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर को देखा। यह मंदिर 17 सौ साल से समय की मार झेलने के बावजूद मजबूती से खड़ा है। इस समय उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे।

भारत में लाल ईंटों के नागर शैली के इस अनोखे और पहले मंदिर को सोमवंशीय राजाओं ने सन 525 से सन 540 के बीच बनवाया था। राहुल-प्रियंका ने इस मंदिर को चारों ओर से देखा। इसकी मूर्तियों, मंदिर की दीवारों पर बनी कलाकृतियों को देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने उन्हें इस मंदिर के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण राजा हर्षगुप्त की मृत्यु के बाद उनकी याद में रानी वासटादेवी ने कराया था।

यपुर से करीब 75 किलोमीटर दूर लक्ष्मण मंदिर स्थित है। महानदी के तट पर स्थित इसकी विशेषता है कि इस मंदिर में ईंटों पर नक्काशी करके कलाकृतियां निर्मित की गई हैं, जो अत्यंत सुन्दर हैं। क्योंकि अक्सर पत्थर पर ही ऐसी सुन्दर नक्काशी की जाती है। गर्भगृह, अंतराल और मंडप, मंदिर की संरचना के मुख्य अंग हैं। साथ ही मंदिर का तोरण भी उसकी प्रमुख विशेषता है। मंदिर के तोरण के ऊपर शेषशैय्या पर लेटे भगवान विष्णु की अद्भुत प्रतिमा है।

इस प्रतिमा की नाभि से ब्रह्मा जी के उद्भव को दिखाया गया है और साथ ही भगवान विष्णु के चरणों में माता लक्ष्मी विराजमान हैं। इसके साथ ही मंदिर में भगवान विष्णु के दशावतारों को चित्रित किया गया है। हालांकि यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। लेकिन यहां गर्भगृह में लक्ष्मण जी की प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा 5 फन वाले शेषनाग पर आसीन है

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने यूपी पुलिस के नोटिस को अवैध बताया है। उन्होंने अपने फेसबुक पर नोटिस की एक कॉपी शेयर की है। साथ ही एक अन्य पोस्ट में यह बताया है कि नोटिस क्यों अवैध है। पुलिस थाने की क्षेत्रीय सीमा के भीतर ही नोटिस दे सकती है। वे इसे दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति को कैसे भेज सकती हैं?”

यूपी में का बा’ फेम लोक गायिका नेहा सिंह राठौर (Neha Singh Rathore) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कानूनी नोटिस भेजा है। पुलिस का कहना है कि ‘यूपी में का बा सीजन-2’ टाइटल से यूट्यूब व अन्य प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए गाने से समाज में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है।

सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नेहा सिंह राठौर को भेजे गए नोटिस में लिखा है, “आपके इस गीत के कारण समाज में वैमनस्य तथा तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। … उक्त नोटिस की प्राप्ति से 3 दिवस के अंदर इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। यदि आपका जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो आपको आपके विरुद्ध आईपीसी/सीआरपीसी की सुसंगत धाराओं में न्यायोचित आवश्यक वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।”

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने  अन्य पोस्ट में यह बताया है कि नोटिस क्यों अवैध है। पुलिस ने नेहा सिंह राठौर को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस भेजा है। काटजू ने धारा 160 के बारे में बताते हुए लिखा है कि, “कानपुर देहात की अकबरपुर पुलिस ने जब नेहा को नोटिस भेजा तब वह दिल्ली में थी। धारा 160 को पढ़ने से साफ पता चलता है कि अकबरपुर थाना की पुलिस केवल केवल धारा 160 के तहत एक व्यक्ति को अपने आसपास के पुलिस थाने की क्षेत्रीय सीमा के भीतर ही नोटिस दे सकती है। वे इसे दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति को कैसे भेज सकती हैं?”

नेहा सिंह राठौर ने कानपुर देहात जिलाधिकारी (DM) को लेकर एक गीत गाया, जिसमें ‘यूपी में का बा, कानपुर में बाबा के डीएम भइल रंगबाज बा…’ जैसी पंक्तियां हैं।

पुलिस ने नेहा को तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा था लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया। नेहा ने नोटिस का जवाब न देने की वजह एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए बताई है। आज-तक से बात करते हुए नेहा ने कहा है, ये इतने घाघ लोग हैं कि ट्रिकी तरीके से सवाल पूछे। हां में जवाब दूं तो फंसूं और ना में दूं तब भी फंसूं।

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