चंद्रग्रहण के दिन भूकंप के झटकों से हिला दिल्ली और इस्लामाबाद
150 साल बाद लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण के दिन पूरा देश भूकंप के झटकों से हिल गया। भूकंप के झटकों से नई दिल्ली और इस्लामाबाद तक महसूस किए गए। भूकंप करीब दोपहर 12:40 बजे आया। इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदुकुश इलाका था। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत यहां भूकंप की तीव्रता 6.2 थी। #हिमालय गौरव उत्तराखण्ड ब्यूरोः वेब एण्ड प्रिन्ट मीडिया – www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND)
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
यूरोपियन मेडिटेरेनियन सिसमोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि भूकंप हिंदुकुश में 182 किमी जमीन के अंदर आया। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए. दोपहर के 12 बजकर 33 मिनट पर आए इन झटकों में फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं है. दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए. दोपहर के 12 बजकर 33 मिनट पर आए इन झटकों में फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं है. दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए जिससे लोगों में दहशत का माहौल पाया गया। मोहाली, पंचकूला और आसपास के गांवों में भी लोगों ने झटके महसूस किए। मोहाली में अफरा तफरी का माहौल है, अमेरिका जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने यह जानकारी दी।
हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।
दिल्लीे-एनसीआर में बुधवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अफगानिस्ता न का हिंदूकुश पर्वत इलाका इसका केंद्र रहा. रिक्टसर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.2 मापी गई. दिल्लीं-एनसीआर समेत उत्त.र भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. हिमाचल और जम्मू्-कश्मीनर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. कई जगह पर लोग घबराहट में घर के बाहर निकल आए.अभी जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.
फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिन्दूकुश पहाड़ियों का बताया जा रहा है.
उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये. अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आने के बाद यह झटके महसूस हुए. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उक्त सूचना दी गई. अमेरिका जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने बताया कि उत्तरी अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंप आया. इसका केंद्र हिंदूकुश पर्वतों में ताजिकिस्तान से लगती अफगानिस्तान की उत्तरी सीमा पर 191 किमी की गहराई में आया. भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर और कश्मीर घाटी में भी महसूस किये गये. हिमाचल प्रदेश बुधवार को मध्यम तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से हिल उठा. एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप में किसी तरह के जानमाल की कोई हानि नहीं हुई है. मौसम कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि भूकंप के झटके दोपहर 12:36 पर महसूस किए गए और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 दर्ज की गई. भूकंप के झटके शिमला, सोलन, धर्मशला, कांगड़ा, पालमपुर, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और मंडी समेत राज्य के कई हिस्सों में महसूस किए गए.जम्मू एवं कश्मीर में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए, जिसके बाद घबराए लोग अपने घरों और कार्यस्थलों से बाहर निकल गए. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक जान-माल की हानि की कोई भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है. भूकंप के झटके कुछ सेकंड ही महसूस किए गए.
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए और इसमें दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब, हरियाणा में भी धरती हिली. यहां भूकंप के झटके आते ही सड़कों पर यातायात थमता दिखा. भूकंप के झटकों के बाद लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए और अफरातफरी का माहौल देखा गया. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. आज दोपहर 12ः40 के बाद भूकंप के आने का पता चला.
इससे पहले 6 जनवरी को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. पिछले काफी समय से उत्तर भारत के कई हिस्सों में हल्के-तेज भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन और उत्तर भारत के कई शहरों के सेसमिक जोन 4 में आने के चलते यहां भूकंप आने का खतरा ज्यादा रहता है.
20 जनवरी को असम में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 5.2 दर्ज की गई. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी के हताहत होने या कोई नुकसान होने की खबर नहीं है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप सुबह 6.45 बजे धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में आया. भूकंप का केंद्र कोकराझार जिले के पास था. इससे पहले जनवरी माह में ठाणे और इसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
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