क्या बीजेपी पहले डराती है फिर अभयदान देती है,
किसी ज़माने में ममता बनर्जी की बहुत नज़दीकी रही पूर्व आईपीएस अफ़सर भारती घोष का बीजेपी में शामिल होना और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का उनका स्वागत करना अलग ‘चाल चरित्र और चेहरे’ का दावा करने वाली पार्टी के सामने कई सवाल खड़े करता है। भारती घोष पर जबरन वसूली करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं। सीआईडी ने उनके कई फ़्लैटों पर छापे मारे थे और 2.4 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे।
सवाल यह उठता है कि जिस बीजेपी की सरकार कोलकाता के पुलिस प्रमुख की गिरफ़्तारी और उनसे पूछताछ के लिए हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करती है ताकि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ा जा सके, वही बीजेपी उन सारे लोगों को क्यों पार्टी में शामिल करती है जिनके ख़िलाफ़ घोटाले और जबरन वसूली जैसे गंभीर आपराधिक आरोपों की जांँच चल रही है। सवाल यह भी है कि राजीव कुमार के ख़िलाफ़ अचानक इनती मुस्तैदी दिखाने वाली सीबीआई ने मुकुल राय और हिमंत बिस्व शर्मा से उनके बीजेपी में शामिल होने की तारीख़ के बाद से अब तक कोई पूछताछ क्यों नहीं की।क्या बीजेपी सीबीआई का इस्तेमाल कर विरोधी दलों के नेताओं को पहले डराती है और फिर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा कर उनके मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर उन्हें एक तरह का अभयदान देती है, यह सवाल लाज़िमी है। उत्तराखण्ड में भी यही हुआ था , जब कांग्रेस के दागी मंत्री भाजपा में आकर पाकसाफ बन गये थे-
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र की आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने भाजपा का दामन थाम लिया है. कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की क़रीबी रहीं घोष पर अभी फिरौती का एक मामला भी चल रहा है.इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, घोष जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र के मामले को लेकर आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की जांच के दायरे में हैं, जबकि उनके पति राजू हिरासत में हैं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीते सोमवार को भाजपा में शामिल होने वाली घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा में शामिल होने के बाद भारती घोष आगामी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर सकती हैं. द क्विंट की ख़बर के अनुसार, पिछले साल महीने में सीआईडी ने घोष के घर छापा मारकर 2.5 करोड़ नकद बरामद किया था. जांच में सहयोग न करने पर जांच एजेंसी ने घोष को ‘मोस्ट वांटेड’ तक करार किया था.
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भारती घोष पर जबरन वसूली करने और पति के साथ मिल कर आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं। सीआईडी उनके मामले की जाँच कर रही है और उनके पति एम. ए. वी. राजू फ़िलहाल जेल में हैं। सीआईडी ने घोष को फ़रार घोषित कर दिया है और उनके समेत 8 लोगों के ख़िलाफ़ पश्चिम बंगाल की घाटाल ज़िला अदालत में चार्जशीट दाख़िल की है। भारती घोष के अंगरक्षक सुजीत मंडल को भी फ़रार बताया गया है। हालाँकि भारती घोष ने एक ऑडियो क्लिप में कहा है कि वह फ़रार नहीं हैं, पर उन्होंने ख़ुद पर लगे आरोपों या सीआईडी जाँच या चार्जशीट से इनकार नहीं किया है।
पिछले साल फ़रवरी मे चंदन माइती नाम के इन्सान ने भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाते हुए उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद ही सीआईडी ने मामले की जाँच शुरू की। भारती घोष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक उन्हें गिरफ़्तार न किया जाए। भारती घोष ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह तृणमूल कांग्रेस से ‘बदला’ लेने के लिए राजनीति में कूदेंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक वह तृणमूल कांग्रेस के आदेशों का आँख मूंदे पालन करती रहीं, उन्हें ईमानदार अफ़सर कहा जाता रहा। लेकिन जैसे ही भारती ने उन बातों का विरोध करना शुरू किया जो उन्हें ग़लत लगती थी, उन्होने भारती के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज करा दिए।
भारती घोष की तरह ही दिलचस्प मामला है मुकुल राय का। वह किसी समय ममता बनर्जी के सबसे बड़े विश्वासपात्र थे, उनके बेहद क़रीब थे। वह तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे और पार्टी के कोटे से रेल मंत्री भी बने थे। तृणमूल सांसद कुणाल घोष ने सारदा घोटाले में हुई पूछताछ के दौरान 2014 में राय का नाम लिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने दिसंबर 2014 में मुकुुल राय के ख़िलाफ़ जाँच शुरू की और 30 जनवरी 2015 को पहली बार उनसे पूछताछ की।
सारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन ने पूछताछ के दौरान कहा था कि उनकी कंपनी असम कांग्रेस के नेता हिमंत बिस्व शर्मा को हर महीने 20 लाख रुपये दिया करती थी। इस तरह बिस्व शर्मा का नाम पहली बार सारदा चिटफंड मामले में आया। सीबीआई ने 26 नवंबर 2014 को पहली बार उनसे पूछताछ की। असम विधानसभा चुनाव के पहले हिमंत ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। उसके बाद से अब तक सीबीआई ने पूछताछ के लिए उन्हें फिर कभी नहीं बुलाया।
सााभार- इंडियन एक्सप्रेस & द क्विंट